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PART 25 in Hindi

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3 K Listens
AuthorSomil Jain 'Somu'
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पच्चीसवां भाग चलो आज चलते हैं हम किसी को उसको छोड छोटों ने गाडी घुमाई गाडी की स्पीड बहुत तेज थी । बडी बडी इमारतों को पीछे छोड कार बेकाबू सी हो रही थी । छोटू का ध्यान कहीं और था उसने फिर गेयर बदला । मेरी गलती की सजा वो क्यों भुगते? काश उस दिन मेरा गुस्सा काबू में रहा होता है । आप का शुभ दिन मैं समझ पाता कि वह सही है । मैं गलत हूँ । सोचते सोचते वो दूसरे ही ख्यालों में हो गया । फ्लैश बैक का सील चलने लगा । ऍम कल भी मुझे छोड कर चले गए । वहाँ तो मेरे दादा को भी नहीं बचा पाई । हाथ में लिए फाइल मैंने वर्ष परदे वाली मेरी बात तो सुन छोटू ऐसा कुछ नहीं हुआ । मैं तो क्या सुनाऊँ मेरा गुस्सा बढता जा रहा था । मैं कुछ कर बैठू उससे पहले तो यहाँ से चले जाओ । गेटआउट इन माई लाइफ । मैं लाया था वो कुछ नहीं बोली । शायद वो मुझे अब समझता ही नहीं जाते थे क्योंकि वह समझ गई थी कि मैं कुछ और समझ गया हूँ । उस दिन मुझे ये बात समझ नहीं आई । मगर आठ समझ में आती है कि या तो किसी के बारे में कुछ मत समझो और अगर समझो तो सही समझो । गलत मत समझो क्योंकि ये गलत फहमियां दूरियां बढा देती है । फ्लैशबैक खत्म हुआ । छोटों की गाडी स्लो हो गई । छोटू ने गाडी मोडी और एक कॉलोनी में ले ली । जानी पहचानी कॉलोनी और जहाँ वह कार्ड हूँ की वो घर भी जाना पहचाना था । छोटों ने पारी को फिर कॉल किया । मैं गए आउट ऑफ कवरेज । छोटू ने मोबाइल कार के अंदर डाल दिया । छोटू परी के घर की तरफ बढा । पास पहुंचकर बैल बजाई कौन हो तो क्या चाहिए? एक मोटी लेडी ने पूछा अंटी पर इसे मिलना है । छोटों ने शांति से कहा लोग थे एक और आ गए पारी को ढूंढते हुए कहकर आंटी अंदर चली गई । छोटू तुम्ही हो उनके मिस्टर सामने आए वहाँ उसने बताया था किसने परिणय कहाँ है वो अंकल प्लीज एक बार उससे मिला दूँ । प्लीज उसी सौरी बोल कर चला जाऊंगा । बहुत देर कर दी तुमने आने में । अंकल बोले क्यों वो तो चले गए यहाँ से बहुत दूर कहा बैंकॉक अंकल बोले हैं उससे पहले तो ऐसा लगा जैसे वो झूठ बोल रहे हो । उनकी नजरे झुक गई । जॉब बैंकॉक ढूंढ लो से अंदर से आंटी की आवाज सही ढूंढूंगा कहकर छोटू वहाँ से जाने लगा । आज की फ्लाइट थी शायद अभी उसने उडान नहीं भरी होगी । हो सके तो लोग लोगों से कहकर अंकल ने दरवाजे बंद कर लिए । उसे घर से मोबाइल निकाला । छोटों ने हॉस्पिटल कॉल किया मगर कुछ पता नहीं चला । उसने चंदू अंकल को कॉल किया । उस टाइम पर बैंकॉक जाने के लिए कोई भी फ्लाइट नहीं हैं । चन्द्र अंकल ने कहा मगर शाम पांच बजे थी । चंदू अंकल ने फिर से चेक कर के बताया ओके छोटे फोन काट दिया । फेसबुक इनबॉक्स में परी का मैसेज पडा था जिसे भेजने के बाद परी ने अपनी आईडी डीएक्टिवेट कर दी थी । हाई साहिल सौरभ हर इस गलती के लिए जो मैंने कि मैंने तुम्हारा बहुत दिल दुखाया है तो तुम्हारा इंतजार बहुत किया मगर दम नहीं आएगा इसलिए तुम से दूर जा रही हूँ । तेरे मेरे साथ का सफर यहीं तक था । मैंने बहुत कोशिश की तुम्हारी उडान में साथ रहूँ अगर किस्मत कुछ और चाहती थी तुम्हारी मजबूरी तुमारी खामोशी में मुझे प्यार नहीं दिखा इसलिए तुम से दूर जा रही हूँ । तुम्हारी अपने मंजिल थी तुम्हारा खुला रास्ता था तो महारा साथ छोड रही हूँ क्योंकि तो अपनी ऊंची उडान के साथ जीना चाहती थी और मैं तुम्हारे साथ देना चाहती थी तो भारी मंजिल ही मेरी मंजिल थी । तुम्हारी उडान ही मेरी उडान थी । एक लगाव सा हो गया था तो उसे तो मैं बोला भी नहीं पा रही थी । हर दम से दूर भी नहीं जा पा रही थी । मैं तुम्हारा इंतजार करती रही और तमाम राहों पर जो कभी तुम्हारी रहे गुजर रही है, अभी तुम्हारा इंतजार रहेगा । बस देर बंद करना तुम्हें तुम्हारी उडान मुबारक । छोटों ने कार के गेट खोले की गाडी घुमाई और निकल बडा एक ऐसी ड्राइव पर जिसमें उसका हम सफर उसके साथ था । उस ने मेरा तीन साल इंतजार किया और मैंने खुद को अकेला, बेबस और लाचार महसूस कर रहा था । आंखों में भरे आंसू और जुबान पर एक ही ना ऍम ।

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