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भारत सोमवार की सुबह थी और अपनी ने स्वयं को बाथरूम के कोने में बैठ कर रोते हुए पाया । ऐसा महसूस हो रहा था जैसे कि उसकी पीठ में झगडा बहुत दिया गया हूँ । उनसे धीरे धीरे घुमाया जा रहा हूँ । ये नहीं थी बेहतरीन ऐसी खुशमिजाज, मस्त मौला लडकी भेज से हर लडका प्रेम करना चाहता था । उसने दमन के लिए क्या क्या नहीं किया । एक सफल लेखक बनने की दमन की महत्वकांक्षा को झेलना माता पिता का एक बेहतर जॉब वाले लडके को, टॅाप दमन को उसके रचनात्मक कार्य में खलल न डाले, हेतु कई कई दिनों तक उसे कॉल नहीं करना आदि । उसके लिए संबंधों के यही मायने थे और यही वफादारी थी । ऐसी का नाम तो जिंदगी था । आप जैसा बोलेंगे, वैसा काटेंगे । जबसे दमन की डील छोटी है, तब से आठ तक मैंने दिन राहत उसकी चिंता की और उसने मुझे इसका ये परिणाम दिया । पिछली शाॅट दमन से मिली थी तो बहुत ही दो बुलावा कमजोर लग रहा था । उसकी आंखों के आसपास काले घेरे हो गए थे और गाल पिचक गए थे । कुछ दिनों में मैं बुजुर्ग ऐसा लगने लगा । ढील के साथ साथ मैं भी टूट गया था । मैं देखते ही समझ गई थी कि दमान इन दिनों बहुत सिगरेट भी रहा है और बहुत कम हो रहा है । उसे उस शाम अपार्टमेंट से बाहर ले जाने में अपनी को बहुत मेहनत करनी पडी थी । वे अपनी की बातों पर पर शांत रहता । उसको खाता और गर्दन भी हिलाता रहा हूँ । बहुत भूख लग रहा था, पर उस ने बहुत कम खाया । सब ठीक हो जाएगा । अग्नियों से बाहर बाहर समझा रही थी । जब दमन कुछ देर के लिए वही हो गया तो अपनी नहीं, उसका फोन चेक किया । वैसा करना नहीं चाहती थी । लेकिन उसका फोन बाहर बाहर बज रहा था और वह उसे शांत करना चाहती थी । वैसा करने ही वाली थी कि तभी उसे स्क्रीन पर एक संदेश की प्रारंभिक पंक्तियां दिखाई पड गई । उत्सुकता वर्ष उसने फोन उठा लिया और अज्ञात नंबर से आए उस संदेश को पडने लगी । उसके बारे में मतलब हूँ आई लव हूँ मेरे अलावा किसी और का नाम मैं तुम्हारी किताब में नहीं दे पाऊंगी हूँ । अलग युद्ध अमन जैसा प्यार मैं तुमसे करती हूँ, वैसा वो नहीं करती । यही तो मेरे बारे में लिखोगे तो कार्तिक नहीं देखेगा और अंत में अलग हूँ । हमेशा ये तुम्हारी श्रेयसी ऍम से लौटा तो उसने उसे कुछ नहीं बताया । किसी काम का बहाना करके वहां से चली गयी । बारह घंटे बाहर भी वह सच को हजम करने की कोशिश कर रही थी । अपना फोन उठा कर दे । सोचती रही कि उससे क्या कहेगी भी उसके प्रति नाराजगी भी व्यक्त नहीं कर सकती थी । उसने कितनी बेवकूफी हो तो इसी के ऐसे विश्वास कर कहीं ऐसी था नहीं तो हर समय मौजूद थी । मैं भी अंधी कैसे हो गई थी? उसने समेत का नंबर डायल करने कि हिमाचल आई । उन्होंने एक घंटे में मिलने का निश्चय किया । अपनी ने अपना चेहरा धोया और ऑफिस छोडने के पहले दोबारा से मैं कब क्या और निकल पडी जब मैं कैसे पहुंची । जब समय तो उसका इंतजार कर रहा था । ये वही कहता था जहाँ पर दमन और सुमित उसका इंतजार किया करते थे । फॅमिली के पहले वहाँ जाकर अपने ऑफिस के कपडों की जगह काली, सिल्वर या पीले रंग की ड्रेस पहन लिया करती थी । ऍम कि कंडी हमेशा संदेहस्पद रहती थी । एक बार तमन्ने कुंडी खोलकर उसके निजी तस्वीरें उतार ली थी । अगले हफ्ते गया उन तस्वीरों को अपने सभी दोस्तों को भेजने की बात कहकर उसे धमका जा रहा था । जल्दी ही मजाक पुराना पड गया लेकिन उसके बाद जब भी वह वर्षों में होती, सुबह दरवाजे पर पहरा देता । हाई कहते हुए है उसे गले लगाने के लिए उठा भाई । क्या हुआ सब ठीक रहना । क्या तुमने दमन को इस मुलाकात के बारे में बताया? अपनी ने सुमित्रा पूछा नहीं, लेकिन धन्यवाद ऍम दोनों के सामने मेन्यू का आर्डर दिया और ऑर्डर की प्रतीक्षा करने लगा । अपनी ने दोनों के लिए कॉफी आर्डर की । उसे अपने आंसू रोकने के लिए बहुत मेहनत करनी पड रही थी । बोलने के पहले वह सोचने लगीं, सभी लोग मुझसे झूठ बोलते रहे । सुमित तो हिंदी बितना का तो होती थी । अभी तुम से कुछ पूछना चाहती हूँ और चाहती हूँ कि तुम मच्छर सिर्फ सच बोलो । मैं आधा सच जानती हूँ । इसलिए छोड खोलने में कुछ धारा नहीं भी हुआ । क्या है ऐसी कौन है? अपनी ने देखा कि सुमित का चेहरा काला पड गया था तो मुझे क्यों पूछती हूँ? तो सिर्फ किताब की बात नहीं है ना । वेटर कॉफी लेकर आ गया और उनके सामने आती कितना होता है यह है कि उस कॉफी को उन दोनों में से कोई भी हाथ लगाने वाला नहीं था । सुमित्रा ठंडी यहाँ भरी और बोला मैंने दमन को कहा था कि तुम है वह तो सपनों के बारे में बता दें कि ऐसे तो स्वप्न सुमित ने अपनी को वह सारी बातें, दुर्घटना उपरांत मनोवैज्ञानिक उपचार इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया । अपनी ने उसकी बातें ध्यान से सुनी । उसे सिर्फ तमन की दुर्घटना के बारे में ही पता था । बाकी सभी बातें उसके लिए नहीं थी । बस इतना ही अपनी ने पूछा हाँ हो गया तुम यकीन से कह सकते हो कि इसके आगे और कुछ नहीं है । हाँ मुझे यकीन है सुमित के छूटने अपनी को भडका दिया तो तुम मुझे ये कह रहे हो कि वह लडकी तमन के जीवन से चली गई और फिर कभी नहीं लौटी । हाँ मेरे कहने का यही मतलब है अपनी ने मेज पर जोर से हाथ मारा था तो हम लोग छूट ऍम करोगे । मैं खेलने से काफी मकसद लग गयी । अपनी के आरोप पर सुमित नाराज हो गया लेकिन अपनी फिर कभी नहीं लौटी थी । कहना धवन ने उससे संपर्क करने की कोशिश भी की थी लेकिन उसका कोई लाभ नहीं हुआ । जो ईमेल आईडी मैंने उसे दी थी उसे मैंने ही बनाया था । नहीं नहीं ऐसी बनकर उसे ईमेल के जवाब दिए थे और दूर रहने के लिए कहा था मैं तो मैं वो सारी ईमेल सिखा सकता हूँ । ठहरो सुमित ने अपनी पैंट की पिछली जेब से फोन निकाला और ईमेल आईडी ऍम पर लाउड इन करने की कोशिश करने लगा । सुमित ने उस ईमेल आईडी पर लॉगिन करने के लिए हरसंभव पासवर्ड इस्तेमाल किया । परफाॅर्म बोल गया हूँ तो मेरा यकीन गोरों में झूठ नहीं बोल रहा हूँ । मैं खुद भी उसको दिया से नफरत करता हूँ और चाहता हूँ कि दमन उसे भूल जायेंगे तो किसी काम की नहीं है । उसी की वजह से दमन मरते मरते बचा है । अपनी बडे गौर से सुमित को देख रही थी । मैं झूठ नहीं बोल रहा था । अपनी को उसके चेहरे से लगा समेत का चेहरा गुस्से से तमतमा रहा था । यहाँ तक कि उसके माथे की ना साफ दिखाई दे रही थी । उसमें लाइन डी में एॅफ करते ही शेष अक्सर और तो फेल हो रहे थे । इसका मतलब ये था कि सुमित ने कभी न कभी उस नाम का प्रयोग करते हुए लॉग इन किया था हूँ । सुमित ने बोलना जारी रखा तो इस सब क्यों पूछ रही हो? क्या उसने तो मैं कुछ बताया है नहीं तो फिर क्योंकि ऐसी वापस लौट आई है कि कैसे हो सकता है तो मन से प्यार करती है और उसे वापस पाना चाहती है । ये क्या बकवास है? ऐसा नहीं कर सकती । कोई गलत ही हुई होगी तो मैं समय कैसे बोला हूँ । अपनी ने अपना से नहलाया । मैंने दमन के फोन पर उसका मैसेज पडा है ।
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