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चौबीस भाग रूठे लोगों को मना लेंगे । पौडी कार का दरवाजा खुला । छोटो का से बाहर आया । सामने मिठाई की दुकान पर मिठाइयाँ सजी हुई थी । दो बूढी आंखों ने उसे देखा और उसकी और बढने लगी । सलामा सिर्फ चाचा छोटू पैर छूने के लिए नीचे झुका । आज फुर्सत मिली है साहबजादे को हमारे हाल चाल पूछने की । चर्चा छोटों के कंधे पर हाथ रखा और उसे दुकान में ले गए । चाचा बस आज रुक जाओ । कुछ अपने रूट गए हैं । उन्हें भी बनाने जाना है । चाचा ने कंधे से हाथ हटा लिया । शायद वो जानते थे उस दिन क्या हुआ था । पारी को वापस ले आना । उन्हें समझने में देर नहीं लगी । गांधीचौक छोटू ने फोन रखा, कार घुमाई और गांधी चौक की तरफ मोड ली । उसके मन में क्या चल रहा था, किसी को कुछ नहीं पता था । बस कॉल पर आसिफ चाचा के अंतिम शब्द उसे वापस ले आना । उसके कानों में गूंज रहे थे । बीस मिनट बात कार गांधी चौक पर रुकी । छोटू कार से उतरा । अरे भैया, ये शाम कंप्यूटर्स कहा है । छोटों ने दुकानदार से पूछा भैया, इस गली से जाकर राइट ले लीजिए । सामने शाम कंप्यूटर उसका बोर्ड दिख जाएगा । छोटू ने गाडी गली में लेंगे । श्याम कंप्यूटर नाम तो बडा सा लग रहा था, मगर उसमें कंप्यूटर ही दिखाई दे रहा था । अरे भइया, शाम भैया कब तक आएंगे? छोटू ने इस कंप्यूटर चला रहे साठ साल के बुजुर्ग से पूछा, उसे कोई जवाब नहीं दिया । छोटू के दोबारा पूछने पर उसका जवाब आया, बाहर नंबर लडका है, कॉल कर लो । छोटों ने यहाँ वहाँ देखा आपको पापा चाहिए । छोटों ने पीछे मुडकर देखा तो एक तीन साल की बच्ची स्कूल ड्रेस पहने, हाथ में पानी की बॉटल लिए । चेहरे पर बच्चों वाली स्माइल पहले खडे थे । शाम आपके पापा है । बेटा छोटू नीचे झुक गया । हाँ, उस छोटी सी बच्ची ने कहा आपका नाम क्या है? अंशी वो मुस्कुराई आपको प्यास लगी होगी । फिर से आये हो ना? लो पानी पी लो । उसने अपनी छोटी सी बॉटल छोटों को देती । छोटू ने दो घुट से गला गीला क्या अच्छा पापा कहा है । आपके अंशी छोटों ने से गोद में ले लिया । पहले आइसक्रीम उस बच्ची की आंखें खरगोश की तरह छोटी सी थी । ट्रॉफी या आइसक्रीम खाने चले छोटे बच्चों जैसी हरकतें करने लगा आपका नाम छोटू चाहूँ मोटू चाचू होने लगे । वो बच्ची छोटों को देखी जा रही थी । चाचू पापा उसने आइसक्रीम खाते हुए कहा, सामने से करीब पैंतीस साल का आदमी उनकी और बढ रहा था । आप कौन है नाम और ये मेरी बेटी है, आपकी बेटी होगी मगर मैं इसका चाहता हूँ । छोटों ने मुस्कुराते हुए कहा मैं समझा नहीं । श्याम ने शक बडी ने कहाँ से देखा? समझता हूँ । छोटू ने ऐसी को गोद से उतारा । बेटा भी तुम खेलो अच्छा जो आपके वापस से बात कर ले । अंशी खेलने चली गई हम साहिल सोने सीऑफ उडान कंपनी अच्छा वही जिसकी चर्चों से अखबार मैग्जिन भरे पडे हैं । हाँ सही सुना मुझे क्या काम मेरे साथ काम करोगे? मेरे वो सब काम छोड दिया है । ये ऑर्डर नहीं ऑफर है । छोटू बोला सोच कर बताना कुछ जिम्मेदारी और भरोसे तुम पर टिके हैं । मैं न कहो तो फॅमिली मरते वक्त मुझसे कहा था कि मैं उसके पोते को वापस लिया हूँ । उनकी वजह से तुम्हें दर दर की ठोकरे खानी पडी । जिसने सिमंस कंपनी के लिए अपनी चौरसिया कंपनी को बेच दिया । मैं उनका बेटा नहीं हूँ मगर उन्होंने मुझे जीना सिखाया था । छोटू ने एक बार में सब कह डाला हूँ । शाम सोच में पड गया । दादा जी कहा है तीन साल पहले तुम्हें याद करते करते ही दुनिया छोड गए । मेरी हालत देखकर मुझ पर तरस खा रहे । हो ही नहीं । कुछ अपने रूट गए थे, उन्हें मना रहा हूँ । किसी को वादा किया था उसी वादे को निभा रहा हूँ । मैं वापस नहीं आ पाऊंगा । अच्छे से सोच कर बताना । पापा स्कूल बस का टाइम हो गया है । छोटों ने अंशी को बाहों में उठा लिया । सूचना आप अपने लिए नहीं तो उस मासूम के लिए श्याम ने अंशी को देखा । श्याम असमंजस में पड गया । अप्लाई को देख लिया । फिर अंशिका भविष्य । उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था । आठ चाचू की कार से स्कूल चलों की अच्छी खुश हो गई । उसके पापा की तरफ देखा । शाम का जवाब था अंशी बहुत खुश हो गई । ॅ हूँ वो छोटू की गले लग गई । चाचू के घर चलो की छोटों ने से पूछा । अंश मेरे फिर पापा की तरह देखा । हाँ, पहले स्कूल । उसके बाद वो मुस्कुराई क्योंकि आज पहली बार कार में बैठ रही थी, जहाँ तू जल्दी चलो । टीचर डांटेगी डॅाल बदल लेंगे । छोटू ने कार का गेट खोला । अंशित कार में बैठ गई । छोटू ने गाडी दौडा शाम चुपचाप वहीं खडा था ।