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भारत चौबीस ये क्या है? चिकन नारायण नहीं का शरीर से पूछा कहते हैं हमने सोचा पांच मिनट में दारी बनवा लेते । परसों आपने कहा भी था तो दाडी बनाने वाले ने चेहरे पर क्रीम लगाया और उसे तुरंत अपनी पत्नी की दवाई लेने हॉस्पिटल जाना पडा । बोला आधे घंटे में लेकर आता हूँ इन तूने झूठ बोलने में अपनी महत्ता एक बार फिर से दिखाई । खाली मित्र जहाँ अंदर बातों में जाकर साफ कर लो । मामा जी ने कहा रहने देते हैं वो अभी आधे घंटे में आएगा । आई तो जल्दी से बना देगा वरना उसके यहाँ भी बहुत लगी है रविवार के कारण चिंटू ने सरकार तो मान ले रहे हो लेकिन बस और तुम जाकर साफ कर क्या हुआ । जगह नारायण ने कहा खरे रहने दीजिए । आधे घंटे की तो बात है यह भी जाएगा । फिर से जाकर पांच मिनट में दाढी बना कर आ जाएंगे । बच्चे खर्चा ये बैठी आई । मदन लाल जी ने समर्थन करते हुए कहा चिंटू के चेहरे पर खुशी उभर पडती है जैसे उसमें कुछ जीत लिया हो । दोनों चेहरे पर क्रीम लगाए शांति से बैठे हुए हैं । आधे घंटे के पहले ही हम लोग घर के लिए निकल जाएंगे । एक बार वर्ष ऋतु मैडम आपको देख लेंगे, देखते ही मना करेगी और हम घर के लिए रवाना चिंतु बगैर के कान में बोलता है हिन्दू मेरा पर्स मैडम के पलंग के नीचे से अगर निकल गया तो हम सच में पूरी तरह बच जाएंगे । अभी तक उन्होंने देखा तो नहीं होगा ना हो बस और चिंटू से धीरे से कल छोड गए । पर्स कोई याद करते हुए बोला हाँ, लेकिन उस कमरे में जाए कैसे? चिंटू उस कमरे की तरफ देखते हुए बोला दोनों की खुसुर फुसुर के बीच ऋतु मैडम सफेद रंगी सलवार सूट में चाय लेकर आती हैं । ये ऐसा हमारी बच्ची कॉलेज में पढाती भी है और पूरा घर भी संभालती है वो । मदन लाल ही ने ऋतु मैडम के बारे में बताया । फिर मैं तो उस दिन शादी में मिला था मुझे तब बडी सुशील बच्ची लगी मदन लाल जी । जगत नारायण ने ऋतु मैडम को देख कर उन की तारीफ करते हुए कहा क्या नाम है बेटा आपका मामा जी ने पूछा ऍम नहीं झुके हुए सिर के साथ जवाब दिया होगा भाई फॅमिली है तो बकर ऋतु । वैसे अभी तक सिर्फ तीन ही ऋतु के बारे में सुना था हूँ गिरीश मेरे तो वर्षा ऋतू शीट हूँ लेकिन देखना एक नया मौसम बनेगा जब एक हो जाएंगे । ब कर रहे तो मामा जी ने हसने की कोशिश की और सब हंसने लगे । हमे तो लडकी पसंद है । बस लडका लडकी एक दूसरे को देख ले बाते करले । गायत्रीदेवी ने कहा हाँ हाँ मिलकर हम तो आज के जमाने के विचार लेकर चलते हैं । जावडेकर पीछे चले जा वहाँ कर लो । मदन लाल जी ने कहा ऍम तो भी चला जाता हूँ मैं । फॅमिली देवी ने कहा और जाओ । बाथरूम जल्दी से है चेहरा साफ करो । पहले जगह नारायण ने अबकी बार थोडा सकती से कहा पाता वो अभी चिंटू बोली रहा था की जगह नारायण ने अपनी आंखों में गुस्सा दिखाया तो वह उसके आगे ना बोल सका । ऋतु मैडम पीछे कमरे में जा चुकी हैं । बकौल और चिंटू बातों में अपना चेहरा हो रहे हैं । चिंटू अब क्या करें? बाॅंटी से हमेशा की तरह चिंता की स्थिति में पूछा तैयार ऍम का सामना करना ही पडेगा । अब नहीं बढ सकते । चिंटू ने कहा दोनों बाहर आते हैं और बहुत धीरे धीरे पीछे कमरे तक जाने लगते हैं । दोनों दरवाजे के कोने पर आकर खडे हो जाते हैं । अंदर जाने की हिम्मत नहीं हो पा रही है । हर एक क्या हुआ? जावनर पीछे से देख रहे मामा ने कहा चिंटू फौरन अंदर घुसता है और मैडम के पैरों में जाकर गिर जाता है । बर्गर भी सिर झुकाकर अंदर आकर खडा हो जाता है । ऍम लिए सिर्फ पांच मिनट के लिए हमारी बात सुन लीजिए । किसी को कुछ मत बोलना मैडम प्लीज हमारे पापा जो बाहर बैठे तो बहुत सकते हैं । उनसे हमें बहुत डर लगता है । इसलिए आपने उस दिन पापा को लेकर आने को कहा था तो मैं भैया को पापा बना कर ले आया । भैया ने तो बहुत मना किया था पर मैंने बहुत जिद की तो उन्होंने मेरी मदद के लिए ऐसा किया था । चिंटू एक सांस में बोलता जा रहा था मैडम हमने पिछले दिनों में बहुत कोशिश की । आपको सच बताया नहीं कि लेकिन बताई नहीं पाएंगे । इसलिए आज ऐसे हालत में बताना पड रहा है । हमें बहुत अच्छा लगता है की हम ने आपको लू बनाने की कोशिश की । इस बेवकूफी इस गलती के लिए क्या हमें माफ कर सकती है? मैडम ऍफ करने कहा मैडम दोनों को गुस्से वाला लुक देती हैं । नहीं आप मास मत कीजिए, सजा दीजिए । हमें जो सजा देंगी हमें सब मंजूर है । बस हमारे पापा को ये बात पता नहीं लगने दीजिए । मैं कोई फिर सेवेंटी करता है । फॅमिली माफ कर दीजिए । पापा को अगर थोडी सी भी भनक लगी तो जब मारते ना तो कुछ भी नहीं देखते हैं । जो भी आठ में आता है वही उठाकर मार देते हैं । उनको कॉलेज में लाने या बताने से डर नहीं लगता बल्कि उनकी मार से बॉर्डर लगता है । फॅस कर दीजिए । चिंटू फिर से बोला जो पापा को कैसे शादी में आपके पापा मिल गए पता नहीं है और उन्होंने इस रिश्ते की बातचीत दी । वैसे मैं तो जानता था कि आप मुझसे कई होना ज्यादा पढी लिखी और समझता रहे हैं । हमारा कोई मिल नहीं लेकिन फिर भी घर वालों की वजह से आना पडा । ठाकुर के चेहरे की मासूमियत धीरे धीरे बढती जा रही थी था वो तो कोई चिंता नहीं है । आप अपने पापा को मना करेंगी फिर वो बोलेंगे । हम आपको फोन करके बताएंगे फिर कभी फोन नहीं आएगा । इसकी तो आदत है । अब पांडे परिवार को अब समय माफ कर दीजिए मैडम प्लीज आज के बाद कभी ऐसा नहीं करूंगा । चिंटू ने कहा अरे तो अचानक गुस्से में उठकर खडी होती है और बाहर चली जाती है ऍम आपके सामने मत बोलना प्लीज मैडम प्लीज जाती हुई ऋतु को आखिर तक समझाने की कोशिश करता रहा । चिंटु ऍम नहीं सुनी । दोनो होकर बैठ जाते हैं । थोडी देर चुप चाप बैठे रहते हैं । कमरे से बाहर निकलने में भी डर लग रहा है । अभी मामा आते हैं तुम दोनों अभी तक यहाँ बैठे हो चलो । बारबेटो मामा ने बकौल और जिन तो से कहा उसको ऋतु मैडम कहा है । चिंटू ने पूछा तो मैडम नहीं तो भाभी बोल, वो तो बहुत देर से अपने पापा से पता नहीं क्या बात कर रही हैं । हम लोग भी कबसे इंतजार कर रहे हैं । मामा जी ने बताया हूँ । मामा की यह बात सुनकर ऍम और चिंटू के उडे हुए होश और उड जाते हैं । लेकिन मामा जी के कहने पर दोनों बाहर जाकर सबके साथ बैठते हैं और पास में बैठे जगत नारायण कर देखकर दोनों के अंदर डर बडता चला जाता है । चिंटू कुछ बहाना कर गया में आशा निकल चलते हैं क्योंकि ऋतु मैडम के पापा अब आकर सब कुछ बताएंगे और ऐसे में हम पापा के सामने रह नहीं पाएंगे । तो मैं भी सोच रहा हूँ कि तू मैडम के पापा के बाहर आने से पहले हम निकल जाते हैं लेकिन बोलेंगे क्या? तभी मदन लाल जी बाहर आ जाते हैं आपको भैया को तुरंत दो तीन जगह डाल देने जाना है । आज भी तो हम दोनों जाएँ । चिंटू ने मदन लाल जी को देखते ही फौरन जगत नारायण से पूछ लिया रिकॅार्ड अभी कहीं नहीं जाना है जगह ॅ सकती से मना किया आप बहुत जरूरी है वो चिंटू पूरा प्रयास करता है । जगह बनाएँ फिर से अपनी आंखों में गुस्सा भरकर चिंटू को दिखाते हैं ऍम सबकी नजरें मदन लाल जी पर टिकी । बकौल और चिंटू की धडकने राजधानी एक्सप्रेस से भी तेज पड रही थी । तीन
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