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भागबाई चिन्ताएं और परेशानियों से लडी पडी जिंदगी की बाकी करने लगते हैं । दोनों तो पुरानी बातें भी कुरेदने में आती हैं । इस बीच चिंटू की गलतियों के कारण क्या क्या हो रहा है से लेकर बस और अपनी गलतियों तक की सारी बातें बांटते हैं । बातें करते करते चिंटू को नींद लग जाती है और बखपुर को खुली आंखों कि नींद राहत के साढे आठ बज जाते हैं । कोई नहीं आता है बस और चिंटू को उठाता है । चिंटू तो सुबह से घर नहीं पहुंचा है । मैं भी अभी तक पहुंच जाता हूँ । मम्मी पापा बहुत परेशान हो रहे होंगे हमारे बारे में सोचकर । बकौल को मम्मी पापा का खयाल आता है तो भैया अपने मोबाइल से फोन लगाकर बोल दो ना कि मैं भी आप के साथ हूँ । थोडी देर में आ जाएंगे । हिंदू आंखें मसलते हुए बोलता है । मोबाइल तो बंद पडा है और बैटरी दो । हर घंटे में चार्ज करो तो ही चलता है । पापा तो क्या जवाब देंगे । बाकी और मोबाइल को निकालकर चेक करते हुए बोला मुझे तो बहुत जोर से भूख लग रही है और हमें तो बोले क्या चाहे बना रहा था अभी बना कर लाता हूँ । चिंटू इस बात पर ध्यान न देते हुए अपनी बात रखता है । अरे रहने दे उनका आने का समय हो गया है । खरे भैया दो मिनट में बना दूंगा । चिंटू किचन की तरफ जाते हुए बोलता है चिंटू अंदर किचन में जाता है, पतीली जायेगी, गैस पे चढी हुई है उससे अभी ध्यान नहीं आता कि गया गैस चालू छोड गया था । गैस अब तक पूरे किचन में फैल चुकी होगी । इधर बखपुर एक बार फिर से खिडकी से झांककर देखता है । चिंटू मान चीज उठाता है, टीली निकालता है और जैसे ही जलाने लगता है अचानक बतौर की आवाज आती है । किंतु मैडम और उनके पापा दोनों आ गए । बकुल घबराते हुए बोलता है भैया जल्दी से इस कमरे में पलंग के नीचे छिप जाओ । जल्दी जाऊँ । बकौल जल्दी जल्दी में मैडम के ही कमरे में उनके पलंग के नीचे जैसे तैसे घुसता है और फस जाता है । वहीं और चिंटू बार लगे सोफे के नीचे छिप जाता है और उस पर लटके कवर को थोडा और नीचे किसका लेता है ताकि वो अच्छे से छह जाएगा । वो ही तो मैडम ताला खोलती हैं और अपने पापा के साथ अंदर आती हैं । उनके पापा वहीं सोफे पर बैठ जाते हैं जिसके नीचे चिंटू छिपा है । एक गिलास पानी गया हूँ । ब्रिटो मैडम के पिताजी ने कहा लाई अच्छा हुआ आपने चलने को बोल दिया । भरना चाहते तो आने नहीं दे रहे थे, गए थे थे । आज यही रुक जा तो मैडम पानी लाते लाते । अपने पिताजी से बोली हासिल बहुत मुझे भी रहा था घर । मैंने कहा मैं घर पर ही नहीं अच्छी आती है । पिताजी ने ऋतु मैडम से पानी लेते हुए कहा । पानी पीने के बाद पिताजी ने कुर्ता खोलकर ऋतु मैडम को खून दे पर टांगने को दिया । अच्छा तेरह चाय पीने का मन है क्या? पिताजी ने ऋतु मैडम से पूछा मेरा तो नहीं है, लेकिन मुझे पता है कि इसका मैंने कपडे बदल लू फिर बनाकर देती हूँ आपको मैडम अपने कमरे में कपडे बदलने आती हैं । बस और पलंग के नीचे फसा हुआ है । जरा भी ले तो पालन हिलने लगता है । इसलिए मैं एकदम चुपचाप लेटा हुआ है । नीचे से उसे मैडम के घुटनों तक मोटे मोटे पैर नजर आ रहे हैं । मैं जैसे ही अपने कपडे खोलती हैं, बकुल फौरन अपनी आंखों पर हाथ रख लेता है । मैडम पांच मिनट अपने बिस्तर पर आराम करती हैं और कपडे बदलकर जब तक बाहर नहीं चली गई, वे अपनी आँखों से हाथ नहीं काटता है । ऍम पर जाती है । देखते हैं कि चाय की पत्ती ली । उसमें चाय पत्ती और चीनी पहले से गैस पर रखी हुई है । उसे कुछ अजीब लगता है । देख कर उसे समझ नहीं आता कि पतीली किसने चढाई । चाय के लिए पापा ने चलना है क्या पूछती उनसे पूछने के लिए बाहर जाती हैं और देखती है कि पापा को तो सोफे पर लेटे लेटे निंदा गई । ये तो है चलो फिर चाहे भी सुबह ही बनाउंगी । सोती हूँ मैं भी बी तू मैडम बोलते हुए अपने कमरे में चली जाती हैं । समय बीता है और रात के बारह बज जाते हैं । वो तो धीरे से सोफे के नीचे से नहीं करता है और थोडी देर तक भैया के भी निकल आने का इंतजार करता है । लेकिन बिल्कुल नहीं आता । चिंटू को पता नहीं है कि वह पलंग के नीचे फंस गया है । जब बाहर निकल कर नहीं आता तो चिंटू फिर से सोफे के नीचे जाकर हो जाता है । सुबह हो जाती है मैडम और उनके पिता जी उठ चुके हैं । पाता हूँ दूध ले आई आप तब तक मैं नहीं लेती हूँ और फिर चाय बना लेती हूँ । मैडम नहाने चली जाती हैं और उनके पिता जी बाजार दो लेने । इस देखकर चिंटू फौरन नीचे से बाहर निकलता है और मैंने वाले रूम में जाता है देखता है । बकौल सो रहा है पलंग के नीचे फसा हुआ नहीं तू जल्दी भैया उसे जोर जोर से ही इलाके उठाता है । रिंटू गाय क्या मैडम और उनके पापा भकर थोडी धनियाँ खोलते हुए पूछता है उनके पापा दूर लेने गए और मैडम नहाने गए हैं । जल्दी से बाहर निकलो । दो मिनट में बाहर निकल आया मैं हिंदू बहुत जल्दबाजी में बोलता है । बकौल निकलने की कोशिश करता है लेकिन निकल नहीं पाता है । चिंटू उसका हाथ पकडकर खींचता आएँ । जैसे तैसे बाहर निकलने में बखपुर के पीछे डॉलर पर ऋतु मैडम का सफेद कलर का अंतरवस्त्र अटक जाता है । दोनों जल्दी जल्दी घर से बाहर निकलते हैं और राजभर घर न जाने के डर इतना हावी हो चुका था । केरे तो मैडम से बाद भी करना है । ये विचार तो अभी उडी चुका था । दिमाग से बाहर साइकिल के पास पहुंचते हैं भैया जल्दी से घर पहुंचना पडेगा । पता नहीं मम्मी पापा क्या सोच रहे होंगे? बहुत परेशान होंगे । पापा तो हमारी जानी निकाल देंगे । चिंटू ने कहा हाँ चिंटू और दिन में फिर से मैडम के घर भी आना है । उन्हें देखने आज रविवार है । महाकाल जाने क्या होगा? चिंटू याद दिलाते हुए बोलता है आपके भगवान सब आखिर क्या हो रहा है? बखपुर आज ऋतु मैडम को देखने आने वाली बात पर ऊपर भगवान को देखकर प्रतिक्रिया देता है । मैं और जेब में साइकिल की चाबी तलाशता है । वह नहीं मिलती है । जेल में हार डालते ही उसे कुछ समझ आता है और वह अपना सिर्फ पटलकर बैठ जाता है । क्या हो गया है यहाँ? लगता है साइकिल की चाबी गिर गई पलंग के नीचे और पर्स भी क्या ऍन टू उसमें तो वोटर कार्ड भी है । हमारा सुनते ही चिंटू भी सर पकडकर बैठ जाता है । ऋतु मैडम नहाकर किचन में चाय बनाने आती हैं और उन्होंने भी अभी तक गैस पर ध्यान नहीं दिया । जो राजभर खुला पडा है । पापा बाहर बैठ कर टीवी पर तेज आवाज में समाचार देख रहे हैं । आतंकवादियों ने अमेरिका के सिनेमा हॉल पर किया हमला । दो वन फेंके गए तो मैडम नई पटेली में पानी लेती हैं, गैस पर चढ आती हैं । मच्छी बताती हैं, उसमें से तेली निकालती है और जैसे ही चलाती हैं अचानक जोर से विस्फोट की आवाज आती है ।
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