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भाग देखिए । अपनी उस जगह आकर बैठ गई जहाँ पंद्रह मिनट पहले श्रेयसी बैठी हुई थी । उसने ध्यान ही नहीं दिया कि श्रेयसी के द्वारा ऑर्डर किया हुआ कॉफी का मांग वहाँ भरा रखा हुआ है । दमन की अनुमति से रिटर्न ने उसका आपको वहाँ से हटा दिया । क्या तुम परेशान हो? अपनी नहीं पूछा । थोडा सा अपनी अपनी कुर्सी को दमन के पास ले गए और तब तक सहलाती रही जब ताकि जयंती वहां नहीं पहुंच गई । फॅस बीस मिनट देर से थी और आते ही उसने अपने देर से आने पर माफी मांगी । उसने बताया कि उसे अपने बॉस के साथ एक आवश्यक बैठक करनी पडी । आप कुछ लेंगी । अवनी ने पूछा ही नहीं हुए दोबारा देकर अच्छा लगाव नी कैसी हो? तुम अच्छी हूँ । अवनी ने सहमती में अपना से लाया । मुझे आशा है कि तुम हमारे लिए कोई अच्छी खबर लेकर आयोग केेवल । खुश खबरी जयंती ने कहा और दमन की ओर देखकर मुस्कराई । धवन भी हल्के से मुस्कराया । उसने बोलना जारी रखा । मैंने अपने सीने से बात की है और हम दमन को अपना अगला बाडा और मशहूर लेखक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है । पहली किताब अच्छा बिजनेस कर रही है और हमें सिर्फ इतना प्रयास करना है कि अगले किताबें भी सफल हो तो हमारी सबसे प्रतिभावान लेखकों में से एक हो और हम तुम्हें उसी तरह का मान देंगे । अवनी समझ गए कि दमन को जयंती की इन बातों से हो रही है । जिस तरह हम एक बडे लेखा के साथ पेश आते हैं, उसी तरह तुम्हारी साथ पेश आएंगे । जयंती बोली, जितनी जल्दी हम इस की दिशा तय कर ले, हमारे लिए उतना ही अच्छा होगा । ऍम हिसाब से हम कोई कसर नहीं छोडेंगे । हम जानते हैं कि पैसा एक बडा मुद्दा है, इसलिए हमने उसका खयाल पहले से ही रखा है । मैंने एक टीम बना दिए है । मेरे सीनियर समझते हैं कि तुम्हें किए जाने वाले भुगतान में बदलाव करना होगा । हर हम इस बारे में तो मैं पूरा सहयोग प्रदान करेंगे भी । खुद ही उसकी बातों को कोई भी इसके अच्छा ऐसे में आ सकता है । अवनी ने सोचा, अपनी ने दमन की ओर देखा, जो जयंती की ओर बिना किसी भाव के साथ देख रहा था, पर है उसकी बातों से जरा भी प्रभावित नहीं लग रहा था । तो तुमने दस प्रतिशत रॉयल्टी की मांग की है और वर्तमान दरों से पांच प्रतिशत अधिक भुगतान चाहा है । हाँ, मेरा भरोसा करो । अपने सीनियर्स को इस बात के लिए राजी करने में मुझे बहुत कठिन नहीं पेश आई है । अपनी ने जयंती को टोकते हुए कहा, क्या तुम अपने अन्य लेखकों को दस प्रतिशत रॉयल्टी नहीं दी थी? तो फिर दमन को देने में क्या दिक्कत है? यह तोडी आई जाना चाहिए । ये इसलिए कठिन कहा क्योंकि मैं दस के लिए नहीं बल्कि बारह प्रतिशत के लिए प्रयास कर रही थी, क्योंकि धवन फॅमिली महत्वपूर्ण है । जयंती ने मुस्कुराते हुए कहा, अग्नि उसके झांसे में आ गई और उसने तपाक से पूछा और एडवांस में कितना पैसा होगी । उसने दस लाख रुपये मांगे हैं, पर हम उसे चौदह लाख रुपये देंगे । इसके अलावा हम उस की अन्य जरूरतों को पूरा करने में भी सहायता प्रदान करेंगे । और बुरी खबर क्या है? धवन ने पूछा, तुम इतनी उदार तो होनी? इसके बदले में तुम मुझसे क्या जा रही हूँ? क्या मुझे पायल पहनी होगी या अपना पासपोर्ट जमा कराना होगा? सामान तुम मेरा अपमान कर रहे हो तो मेरे लेखा को अगर मैं तुम्हारे लिए प्रयास कर रही हूँ, अपनी ने बीच में ही उसकी बात कार्डी ऍफ करो । हमें मुद्दों पर ही बात केंद्रित रखनी चाहिए । हमें ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे बाद में पछतावा हो । जयंती ने अपनी नजरें अवनी से हटाकर धवन की ओर कर ली । देखो ऐसी कोई बात नहीं जो हमने पहले नाकि हुआ । जिस रात तुम्हें मुझे फोन करके नया अनुबंध करने की बात की थी, उसी समय तो उनके दाम में बदलाव करने को भी सहमत हुए थे । हम बस यही चाहते हैं करार या अनुबंध में कोई छिपी शर्ट नहीं होगी । अपनी की ओर देखते हुए मैं बोली चाहो तो तुम भी पर सकते हो अपनी लेकिन उन के दाम में किस तरह के बदलाव चारियों । अवनी ने पूछा जयंती अपनी कुर्सी पर टिक गई हो? कुछ खास नहीं तो सभी लोग किसी और उससे जुडी पैसे अवगत है । पूरी संपादकीय टीम ने तुम्हारे सारांश को पढाएँ और हम सभी चाहते हैं कि तमन धीरे से बुदबुदाया जैसे वह स्वयं से ही बात कर रहा हूँ । हमें इस किताब से श्रेयसी को हटाना जयंती आश्चर्यचकित हो गई । हाँ, यही अब जबकि हमारे बस अवनी नामक बात रहे है तो फिर किसी की क्या जरूरत है? अवनी ने अपनी मुस्कान जो पानी की बहुत कोशिश की लेकिन उसे संजय हो गया की जयंती नहीं उसे मुस्कुराते हुए देख लिया है । लोगों ने पहले किताब को हाथों हाथ लिया है क्योंकि उन्हें लगा कि ये सब सच है । अब तो मम्मी का नाम इसलिए किताब में चाहती हूँ क्योंकि मेरे पाठकों को पता है कि आज कल में अपनी को डेट कर रहा दमन बोला डाॅन तुम जानते हो ना, ये एक बेहतरीन विचार है । पूरी संपादकीय टीम भी नहीं चाहती है । वैसे उधर तुम्हारी प्रेम कहानी बेहद पसंद आई । धवन ने मेज पर हाथ मारते हुए कहा है किसी पेश उसको परवाह है कि मैं किसके साथ डेट पर जा रहा हूँ । इसके बारे में किताब में लिख रहा हूँ । कार्तिक की तरह कुछ नहीं करूंगा । मैं इतना नहीं गिरूंगा ऐसा है कि नहीं करूंगा । अवनी ने अपने हाथ मान लिया । आखिर क्यूँ? उसकी आंखों में यही प्रश्न था । हमारा अनुबंध इसी शर्त पर टिका है । जयंती ने कहा दमन हो, इसके बारे में विचार करें । अपनी ने अनुरोध किया नहीं देख कर आश्चर्य में थी की कितनी आसानी से दमन ने जयंती के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था । किसी बात की जल्दी नहीं । हमें घर जाकर इसके बारे में सोचना चाहिए । मेरे सीनियर्स आज ही उत्तर चाहते हैं । जयंती बोली टाॅय में भर गया तो भी अपनी सीनियर हो तो सीधे अपनी सीआईओ को रिपोर्ट करती हूँ । इसलिए बाहर बार संपादकीय टीम और सीनियर जैसी बातें कहना बंद करो तो वो तोड मरोडकर पेश मत करो तो खुद ही क्यों नहीं? ऍम डाॅ कराते हुए बोला मैं लेखक नहीं हूँ तो अवनी ने बीच में दखल दिया । जयंती क्या तुम कुछ देर के लिए हमें अकेला छोड होगी? तमन्ने अवनी को तीखी नजरों से देखा बात करने को कुछ नहीं है । इसके बिना अनुबंध संभव नहीं है । ठीक है, मैं अगला कार्तिक अय्यर बनना नहीं जाता । मैं कोई और प्रकाशक देख लूंगा । दमन ने कहा, जयंती ने अपनी मुस्कान दबाते हुए कहा, किसी और प्रकाश के पास इतने संसाधन नहीं जो हम तुम्हारे लिए कर सकते हैं । मैं कोई और नहीं कर सकता । हम तुम एक ब्रांड की तरह स्थापित करने में लगभग इतना ही पैसा मार्केटिंग में खर्च करने वाले हैं तो ब्रांड के रूप में तैयार करने में हम बहुत सा धन खर्च कर रहे हैं । भाड में गया तुम्हारा ब्राॅड दमन गोराया अपनी को अपनी गर्दन में जब खांसी महसूस हुई, ये ऐसा ही कर सकता है । क्या हो गया है कि अपने लाभ के बारे में भी नहीं सोच पा रहा है । इसे समस्या है उसका नाम हटाने में मुझे लगता है कि एक बडा अवसर है और हमारे जीवन को पता चल सकता है तो आर्थिक रूप से भी बहुत कुछ गाॅव अग्नि बोली तुम की कह रही हूँ में इस बैठक से कोई नहीं कोई उधर लेकर जाऊंगी चाहे हो या ना । धमन ने अपना चेहरा हथेलियों में झोपाली और रहने लगा । अपनी उसकी हाथ सुनने को बेचैन थी । कुछ देर सोचने के बाद प्रस्ताव पर राजी हो गया ।
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