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Part 2 (H) in Hindi

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AuthorAditya Bajpai
शक कर तू कि सितारों में आग है, शक कर कि सूरज घूमता भी है, शक कर कि सच भी झूठा है, मगर मेरे प्यार पर कभी शक न करना। writer: अरविंद पाराशर Voiceover Artist : Mohil Author : Arvind Parashar
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सुबह सात बजे चाय वाला और उसकी भी दी अपनी घूमती के पास आए और उन्होंने वहाँ पर दृष्टि को पाया । वहाँ के बंद किए हो । ऐसी कडी बैठी हुई थी । फिर सबको को पुकारने लगे । उन्होंने खाबरा में देखा था और उन्हें पता था कि ये शख्स कोने तुरंत पुलिस बुलाई गई । दृष्टि ऐसा दिखावा कर रही थी, जैसे सदमे हो । कुछ सीनियर पुलिस अफसरों से बात करने के बाद उसे घर पहुंचाया गया । तुरंत मीडिया भी पहुंच गया । मैं अपने घर पर पौने दस बजे पहुंच गई थी । घर के नौकरों ने उसकी थाली लेकर पूछा करते हुए घर में स्वागत किया ताकि बुरी आत्माएं घर से दूर ही रहे हैं । सोमेश ने दृष्टि को गले लगाया और स्टाफ को बाहर जाने का आदेश दिया । मैं अपनी बीवी के साथ कुछ निजी बातें करना चाहता था तो घर वापस आ गई । मैं बहुत खुश हूँ तो मैं नहीं पता मैं कितना परेशान था । शुक्रिया सोम मुझे थोडा आराम करना है । ऍम शिप में बताओ मुझे आखिर तुम्हारे साथ क्या क्या हुआ ताकि मैं अपने बॉस और तुम्हारे मीडिया के मित्रों को सूचित कर दूँ? कुछ नहीं हुआ । उन्होंने कुछ नहीं कहा । ये मीडिया की खबर देख कर डर गए थे और मुझे बिना नुकसान पहुंचाए छोड दी है । बस इतना ही अब मुझे आराम करने तो सुनी । ठीक है सो जाऊं मेरे इसमें हर किसी को यही बातें बता दी । दृष्टि को अच्छा हुआ । आखिर उसका पति सीधा उससे बात क्यों पूछ बैठा । मैं सोने चली गई । सोने से पहले उसने मुझे याद किया । मेरी याद आते ही उसके चेहरे पर मुस्कान ना कहीं उसने अपना करते बडा अच्छे से निभाया । मीडिया ने इस मामले में तुरंत प्रतिक्रिया की और पूरी तरह से पुलिस को दोषी ठहराया । उन्होंने ये दोष दिया की पुलिस ने एक बडी जानकारी उनसे छुपाई । कुछ चैनल वालों ने दृष्टि से बात करने के लिए जोड दिया । बस जी टीवी चैनल ने दृष्टि को परेशान नहीं किया । उसका दिन सोते हुए आराम से गुजर गया क्योंकि वह काफी देर से जगी अंतरराष् शाम को उसके पास पहुंच गई । हमेशा की तरह दोनों गले मिले और फिर एक दूसरे की हाल खबर ली । दोनों महिलाओं ने थोडी देर बाद की । जस्टि ने उसे कुछ नहीं बताया । ना हीरो बताना चाहती थी । उसने उसे वही झूठी कहानी सुना दी और फिर मनोहरण को फोन करके सही बात बताई । आग लेते हैं उसने पूरी जानकारी दी क्योंकि पुलिस को जानकारी की जरूरत थी । इस बीच गौरी अपने मायके सिलीगुडी चली गई थी । जब उसके माता पिता यहाँ मिलने आए थे तो उसके मम्मी पापा ने कुछ दिन साथ चलने के लिए छोड दिया था । उनका मानना था इसी बहाने मन बहल जाएगा । मैं उस दिन शाम को ही तो वापस आई थी । वह बुरे विचारों के साथ वापस आई थी । उसे उम्मीद थी इस बीच मैं उससे संपर्क करने की कोशिश करूंगा । पर मेरी तरफ से ऐसी कोई पहल नहीं हुई थी । जो भी घटनाएं गुडगांव में हो रही थीं मैं उन सबसे में खबर थी । भीड भाड वाले क्षेत्र से कहीं दूर शांत जगह पर रह रही थी । वापस आने के बाद उसने महर को फोन किया । मैहर में भी उसे जोड दिया कि वह मुझे कॉल करें और शाम को कोई प्लान किया जाए । इतने दवाब के बाद अंततः उसमें मुझे कॉल किया । मैंने तुरंत उसकी कॉल उठा नहीं, वो खामोश थी । मैंने भरी आवाज में फॅस । क्या उसकी आवाज सुनने के लिए बेताब था? मेरा आत्म सम्मान, कहीं घमंड तो कहीं दूर भाग चुका था चाहिए । पर मेरे शब्द उसके पास सही से नहीं पहुंच सके । इससे पहले मैं कुछ बोलती, मैंने उसे बताया कि मैं बढिया हूँ और आजकल एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में वेस्ट इसलिए माफी चाहूंगा । मैं उसे फोन नहीं कर पाया तो मैंने उससे पूछा वह कैसी है? उसमें कुछ बोला पढ तब तक मेरा मन उन पुरानी बातों में पहुंच चुका था । क्यूबा में जब हम दोनों के बीच मनमुटाव था तब है गौरी ही थी जिसने सबसे पहले कदम बढाए थे । इस बार भी उसी ने कदम बढाया था । उसे इस बात का पता नहीं था । मुझे उसकी कितनी कमी महसूस हुई । उसे इस बात का भी अंदाजा नहीं था कि मैंने अपने प्यार के लिए सब कुछ बिगाड लिया । शायद में कभी उसे पिछले तीन दिन के बारे में ना बताता हूँ । अपने पिछले तीन दिन के बारे में मैंने उस रिपोर्टर के साथ गुजारे थे जिसमें कुछ दिनों पहले मुझे खलनायक घोषित कर दिया था । अभी तक उसे श्रेणिया से परेशानी थी । सब एक नया नाम जुड गया ऍम ये भक्त है, बहुत बडा वाला हूँ । मैं देश हूँ । ईश्वर मेरी मदद कर विश्व मेरे साथ कुछ भी बुरा नहीं हुआ । पर ये बात मेरे मन में पीडा पैदा कर रही थी कि भगवान मदद कर मैं अपने आप को आप के हवाले समर्पित करता हूँ । आज के बाद जो भी होगा मैं सब आपके हाथों में है । इतने कमजोर हूँ, हम उस से नहीं होगा । मैं अपने मन ही मन बक रहा था । मैचिंग साडे मार कर रो लेना चाहता था । मेरे पास गौरी का सामना करने की हिम्मत नहीं थी । मेरे मन में कुछ ऐसा चल रहा था जिससे मैं खुद को समझा पाने में नाकाम था । कुछ ही देर में मेरे खयाल हुआ हो गए । गौरी ने मुझे कई बार पुकारा । तब मैं अपनी कल्पना से बाहर निकल सका । इससे पहले कि मैं अपनी काल्पनिक दुनिया से बाहर आता फोन कर दिया । मैंने तुरंत फिर से उसे फोन लगाया । उसने मुझसे पूछा क्या मैं सही हूँ? मैंने उसकी सहमती में हामी भरती पर उसने मुझे घर वापस आने के लिए पूछा । मैं बहुत खुश हुआ । मैंने उसे बताया कि मुझे वक्त दो और श्याम में थोडा सा काम में व्यस्त हूँ । मैं कल कराता हूँ उसने मुझ पर दबाव ऍम क्या उसे शायद मेरा निवेदन सच्चा लगा । इसलिए मैं मेरी बात मान गई । तभी मुझे दृष्टि की कॉल आई । मैंने नहीं उठाया तो लगातार कॉल कर रही थी । मैं उसे नजरअंदाज कर रहा था । मैं उससे दो दिन तक बात न करने के लिए दृढप्रतिज्ञ था । ये भावना सिर्फ पाँच मिनट रुकी । उसने एक ऐसा मैसेज भेजा जिस से बढकर सारे विचार हवा होगा । उसने एक ऐसी पिक भेजी जिसमें हम दोनों एक दूसरे को अलग इन किए हुए थे । मैंने उसे कॉल किया । उसने मुझे बताया कि मैंने उसके लिए कोई और विकल्प बचाया नहीं था इसलिए उसे यही सही लगा हूँ । मैंने उसकी इसका लाखों निहायत ही घटिया हरकत करार दिया । उसने फिर से वही डायलॉग झाड दिया । इस काम और मोहब्बत में कुछ भी बुरा नहीं होता । जानेमन ये सब कुछ वक्त तक चलता रहा । वह मुझ से मिलने के लिए दवाब डाल रही थी । मैं उस से मिलना चाहता था और निजी तौर पर मैं बताना चाहता था कि जो भी हो चाहती है मैं संभव नहीं । हम डिनर के लिए मिले । मैं मुझ से बहुत अच्छे से बर्ताव कर रही थी । उसने उसपे के लिए मुझे माफी मांगी । में सच में तुम से मोहब्बत करती हूँ और मैं ये सुनिश्चित कर देना चाहती हूँ की मेरा कोई राधा तो में तकलीफ पहुंचाने का नहीं है । मैं बस तुम्हें यहाँ मिलने के लिए बुलाना चाहती थी । मैं तुमसे हमेशा प्यार कर होंगी । मुझे तुम्हें देखते ही कुछ कुछ होता है । बस ये सब गलत वक्त पर हुआ । पाक इन अडतालीस घंटों ने मुझे जीवन जीने का नया नजरिया दे दिया । फिर उसकी आंखों से कुछ खास नहीं करने नहीं मुझे उसके ये बुरा लग रहा था । मैंने उसे दांपत्य जीवन को सुधारने की सलाह दी । बदले में उसने मुझे फिक्र ना करने की सलाह दी । फिर मेरा हाथ पकडकर बोली, मैं तुम्हारे लिए अच्छी कामना करती हूँ । हमने भोजन क्या और फिर निकल पडे । बेंद्री कानों के पास आकर फर्स्ट जो साईं से बहुत ऍम तो मेरा कुछ नहीं हो सकता । अपना ध्यान रखना नहीं । वो अपनी गाडी में बैठ गई । जिस वक्त में अपनी कार में बैठा मैंने देखा गौरी और मैं हर मेरी तरफ आ रहे थे । मेरी हवा गोल हो गयी । सामने इस राव धुंधला धुंधला दिख रहा था । मैंने उससे अनगिनत झूठ बोले थे । उसने मुझे दृष्टि के साथ देख लिया था । मैं क्या कहता हूँ? गाडी ने सिर्फ इतना कहा कल मिलती हूँ तलाक के लिए तैयार हूँ । मैं सब कुछ बताऊंगा । गौरी ऐसा कुछ भी नहीं है । चाहे तो सोच रही हूँ । मुझे कोई बात नहीं सुनी । मैं इसी समझाओ तो मैं पता है में से कितनी मोहब्बत करता हूँ । मील मैंने इसे सब बताया इसीलिए परेशान है और चिल्लाते लाकर कपडे नहीं फेंक रही है । वह नाराज होकर चली गई । मेहर ने पीछे पलट कर देखा । मैंने यहाँ छोडकर उसे मनाने का निवेदन किया । मैंने इंडस्ट्री को कॉल किया । इससे पहले मैं कुछ बोलती । मैंने फोन काट दिया । मुझे सोचने के लिए वक्त चाहिए था । मैंने गहरी सांस ली । मैं कार में चुपचाप बैठा रहा हूँ । पिछले कुछ वक्त से मेरे साथ ऐसा ही हुआ था । ईश्वर अब मेरी मदद करो । मैंने खुद को आपके सामने समर्पित कर दिया है । भूले तो नहीं । फिर मैंने जैरी और टॉम को कॉल किया । दोनों घर पर ही थे । में उतनी तेजी से गाडी चला रहा था जितनी तेजी से चला सकता था । मेरे फोन में दृष्टि के दो मिस कॉल भी पडी हुई थी । मैंने सिर्फ इतना मैसेज क्या गलती से फोन लग गया था । उसने पूछा सही बताओ मैं खींच गया । पर मैंने कोई जवाब देना उचित ना समझा हो । मैं जल्दी से फ्लैट पर पहुंचा । टाउन ने मेरी तरफ देखा और कहा तो तुम गौरी का अपहरण करना चाहते थे और जस्ट उठा लाए । फिर तुम दोनों में नजदीकियां बढने लगी और अंततः प्यार हो गया । उसने तुम्हारी मदद मांगी और तुमने उसकी मदद कर दी । मैं अब तुम परमिट रही है । गौरी तुम से दूर हो चुकी है । मैं कुछ भूल तो नहीं हूँ । मैं नहीं जारी की तरफ देखा । ये नीचे देखने लगा । फॅमिली तरफ हो रहा था और मुझ पर चलाने लगा । तुम कब से मुझ से बातें छिपाने लगे तो मैं नहीं पता । मैं गौरी की कितनी इज्जत करता हूँ । तो मैं तो पता होगा कि गौरी मेरी कितनी इज्जत करती है । तुम ये भावुक डोज देकर की आबाद कहना चाहते हो । सुनो तो मैं द्रष्टि को कॉल करना चाहिए और यह हिदायत दे देनी चाहिए कि वह फिर कभी फोन ना करें । मैं तो मैं विश्वास दिलाता हूं अपहरण के बारे में किसी से नहीं कहेगी । आखिर में तुमसे प्यार करती है, फॅमिली कर चुकी हैं हूँ । अगर कुछ होता भी है तो दोस्त किसलिए होते हैं । हम लोग है ना, संभाल लेंगे तो नहीं आज लेना । हवाना में गौरी ने बुरा सपना देखा था । मुझे लग रहा है सच होने वाला है । उन बातों को भूल जाओ । इंडस्ट्री को कॉल करूँ और मामला सुलझा लो । मैंने दृष्टिकोण कॉल किया और मेरे लिए अधिक फिक्रमंद लग रही थी । इस बात में मुझे अपना पॉइंट रखने के लिए सही रास्ता दिखा दिया । वीडियो उसे अपनी जिंदगी से दूर जाने का आग्रह किया । मैं चुप नहीं । मैंने उसे कुछ बोलने के लिए कहा । ऍफ बोली तो उन बातों को झगडे में तब्दील होने में वक्त नाला का मुझसे झगडने के तुरंत बाद उसका सोमेश से झगडा हो गया । उन दोनों में अब तक का सबसे भयंकर झगडा हुआ । सोमेश को ऐसा लग रहा था जैसे दृष्टियों से कुछ पा रही हो । इस झगडे का पडे आम हुआ की दृष्टि नहीं कह दिया मैं उसके साथ आप नहीं रहेगी । टेस्टी ने बताया कि उसे सोमेश के साथ रहने में घुटन सी महसूस होती है और मैं उसके साथ नहीं रहेगी । सोमेश को समझ नहीं आया वो क्या करें । उसने दृष्टि से पता लगाने की कोशिश की कि क्या उसकी जिंदगी में कोई और आ गया है हूँ । उसने उंगली दिखाते हुए सोमेश तेज आवाज में कहा तब मुझे यहाँ से दोनों आपस में देश को फाना हरकत कर बैठे । दृष्टि फफककर रो लेना चाहती थी पर खुद पर यथा सम्भव नियंत्रण किया । उसने अपना बैठ किया और निकल गईं । सुमेश चलाया कभी वापस बताना । ॅ उसके ये अंतिम शब्द पूरे घर में जोर से सुनाई पडे । मैं प्रतीक्षा के घर पहुंच गई । ऍम नहीं पूछा तो तुमने नील काॅपर निकाल दिया । मना पुरुष हरामी होते हैं फिर भी इतना नहीं करना चाहिए था । काफी समय से गुस्सा भरा पडा था । तीन दिन बाद वापस लौटी थी और सुमेश पढाई अच्छी पर तब कर रहा था । ऊँट खैर छोडो तो मैं काम करूँ । क्या तुम ने सच में अपनी शादी तोडने का निश्चय कर लिया है? हाँ, ऍम में रहने का कोई फायदा नहीं है । मैंने सब कुछ ट्राई कर लिया पर कोई फर्क नहीं पडा । दोनों तब तक बात करती नहीं जब तक सो नहीं नहीं गंगा की आंखों में आंसू भरा है । मुझे तो ऐसा ही नहीं हुआ था । रहे इतनी तल्लीनता से मेरी कहानी में खो चुकी थी कि वह आंसू नहीं रोक पाईं । बाहर सूर्य बादलों के पीछे छिप किया था और बूंदाबांदी होने लगी थी । घने बादलों ने शहर को घेर लिया था । हम दोनों उन बादलों की तरफ निहार रहे थे । मैंने उसे टिशु पेपर दिया । उसने उसका उपयोग किया और बाहर फेंक दिया । विश्वास नहीं कर पा रहा था । उसकी आंखें आग के गोले के समान बडी बडी दिख रही थीं । मैं हसने लगा उसने मुझ पर एक मुक्का जातियां मैंने उस से पूछा कि आखिर में क्यों रो रही थी । उसने बस मेरी तरफ देखा और कहने लगी ये कहानी बताई । तुमने बहुत उदास करने वाली है तो सब कुछ छोड दिया । उचित बहुत बुरा लग रहा है । हरे बॉस ठीक हैं । बडे बडे शहरों में ऐसी छोटी छोटी घटनाएं होती रहती हैं । चलना चाहिए । गुडगांव में बारिश से पानी भर जाएगा । हम कोई रिस्क नहीं ले सकते । हम लोग वापस लौटा है और गंगा को सारी कहानी बयान की । हमने निर्णय लिया । क्या ऑफिस का मोहन हल्का ही रखेंगे? अगले दो दिनों में मुझे एक हफ्ते के लिए मुंबई जा रहा था । मेरी बॉस चाहती थी कि मैं कुछ बेहतर महसूस करूँ । इसीलिए उसने मुझे मुंबई में प्रोजेक्ट दे दिया था ।

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शक कर तू कि सितारों में आग है, शक कर कि सूरज घूमता भी है, शक कर कि सच भी झूठा है, मगर मेरे प्यार पर कभी शक न करना। writer: अरविंद पाराशर Voiceover Artist : Mohil Author : Arvind Parashar
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