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सुबह साढे सात बजे होटल टाॅस चेन्नई ऍम फोन पर नाम बजा और चमकती सुबह लग गई । भारत के दूसरे बातचीत नहीं में मौसम इतना बुरा नहीं था । उसने जैसे ही पडता हटाया सूर्य की किरणों ने उसके गालों को झूम लिया । उसके नाम घडी में क्लासिकल संगीत बज रहा था । उसने हाथ बढाकर फोन उठाया और देखा । ऍम की कॉल पडी हुई थी तो चिंतित होती । कल रात के एक बजे की थी । उसने उन्हें फिर से कॉल किया पर उनके फोन से जॉब जा रहे थे । तब उसने मुझे फोन किया पर मेरा भी फोन बंद पडा हुआ था । मैं पुलिस स्टेशन के लॉकअप में सो रहा था । मेरा फोन पुलिस ऑफिसर की मेज पर था । लगातार कई कोशिशों के बाद भी फोन ना लग सका । जिस वजह से वह अत्यधिक चिंतित हो गई । उसमें मैं हर को कॉल किया । उसका फोन भी बंद था । गौरी ने अनुमान लगाया कि वह दिल्ली वापस आने की फ्लाइट में होगी । तब उसे वह महान श्रीमान मासी याद आएगी । उन का नियम ये कहता था जब आप किसी चीज को शिद्दत से चाहते हैं तो वह उसी वक्त सच नहीं होती । अब तक दोहरी अपने दिल में बहुत भारी महसूस करने रही थीं । उसे ऐसा लग रहा था जैसे कोई अनहोनी हो गई हो । उसने टीवी किया और जो उसने देखा उससे रह सदमे में चली गई । समाचार की हेडलाइंस भी गुडगांव में महिलाओं के साथ अपराध चरम पर । साथ ही उसमें लिखा हुआ था गुडगांव में रहने वाला कॉर्पोरेट व्यक्ति एक और अच्छे छेडखानी करते हुए पकडा गया । जो फोटो दिखाई जा रही थी थी मदहोशी में श्रेणिया की मेरे शरीर में लेटे हुए हैं भगवान ये टाइम्स वाले हमेशा अतिश्योक्ति ही दिखाते हैं । मुझे डी टीवी लगाने दो, ये तो दृष्टि थी अच्छा ये वही थी जो माइक लेकर मेरे सामने खडी पूछ रही थी और जिसके लिए अगर पुलिस वाला बात कर रहा था गौरी नहीं । जो सुना उससे उसके हाथ पैर कांपने लगे । फॅस ठीक है । टीवी को गोरे जा रही थी । टीवी पर ब्रेक आ गया था जिस वजह से वह पूरी कहानी नहीं देख पाई थी । उसने अन्य चैनल लगाने की कोशिश की पर अभी ब्रेक पर थे । ब्रेकिंग न्यूज बाहर बार टीवी पर दिख रहा था । उसने फिर से डीडीसीए लगा लिया । समाचार मुझे अपने चेहरे पर हाथ लगाते हुए और मीडिया से बचते हुए दिखा रहा था । फिर से समाचार शुरू हो गया । स्क्रीन पर दृष्टि थी जो बिना सांस लिए लगातार खबर अपडेट देती जा रही थी । जैसा कि आप देख सकते हैं इस आदमी ने गुडगांव के बीचोंबीच एक लडकी को थप्पड जड दिया । हम उस क्राइम सीन में सबसे पहले पहुंचे थे । हम है सबसे तेज जैसा आप देख सकते हैं । यह व्यक्ति अचेत है, यहाँ पर अपने दोस्तों के साथ हंगामा कर रहा था । यहाँ के लोगों ने बताया कि इसके दोस्त कुछ और तो कुछ छेड रहे थे और उनके साथ गलत व्यवहार करने की कोशिश कर रहे थे । आइए में उसके एक दोस्त के पास आपको ले चलती हूँ ऍम ऍम आप लोग क्या कर रहे थे? कुछ नहीं । हम मजे कर रहे थे और मीडिया ने झूठी कहानी की हवाबाजी कर दी । ये सभी आरोप छोटे हैं । इस व्यक्ति की धूर्तता देखिए ये इसे छोटी बात कहता है । आजकल के तथाकथित अमीरजादों के दिमाग देखिए । उस रूम के अंदर ऍम हमें नील के पास ले जा सकती हूँ । हाँ उसे पुलिस लेकर कहीं है पहले मुझे उसके पास जाने दो । हमने पब में एक महिला को मारते हुए देखा है । आप इस बारे में क्या कहना चाहते हैं? ऋष्टि ने पूछा हूँ आप लोगों की गलत फहमी हैं, लेकिन हमने आपको अभद्रता करते देखा है । आप टीवी पर लाइव हो यह सब गलत फहमी फैलाई जा रही है । पूरे मामले के बारे में सिर्फ यही नील का कहना है । मैं दृष्टि कैमरा मैन मनोज झा के साथ साइबर हब गुडगांव ॅ अभिनंदन तो कहाँ कहाँ रही थी । उसके सीने में कोई तकलीफ हो रही थी । मैं भाग कर अपने दवा के डिब्बे के पास पहुँचा हूँ । उसने ऍम फिश होने पड गई थीं हूँ । मैं कुछ वक्त उसी अवस्था में बनी नहीं हूँ । टीवी बंद करके ऍम चली गई । वो समाचार देखते ही रोने लगी थी । आश्चर्य की बात है हूँ उसके फोन में अब तक कोई कौन नहीं आई थी । खबर कल देर रात की थी और अभी है सुबह हो चली थी शायद उसके जानने वालों ने आप तक ये खबर नहीं देखी होगी । पर जल्दी उन तक ये बात पहुंचाएगी । फॅसने अपनी खेत होली पर रोना बच्चे तो अभी भी चाहिए था । तब मैं जोर से चिल्लाने लगी । अंत में उसने मोटी कर दी और उसकी खाई दवा बाहर आ गई । तो फिर मैं अपने फोन के पास में पहुंची और मुझे फोन कर दिया हूँ । आखिरकार मेरी घंटी बच्चों की मैं उसको बाहर निकल रहा था । बिना कुछ सोचे समझे मैंने उठा लिया । मुझे पता था गौरी फोन करेंगे । ये सब क्या है? नहीं जब तुम वापस आओगे तो मैं तो मैं सब कुछ समझाऊंगा । मुझे अभी जाना है । मैं अभी भी यहाँ मुझे कोई मतलब नहीं है । तो मैं पता है मैं भी हार्ट अटैक से मर गई होती तो मैं पता है तुमने अपने परिवार के लिए कितनी बडी शर्मिंदगी लाखडी की है । ये क्या आखिरी हो? गाडी मैंने सोचा था तो मुझे सहयोग कर होगी तो मेरी बीवी हो गलत सही तो बात की बात है । फॅमिली लॅा सुनो मैं अपनी आंखों से देख रही हूँ । मैं लडकी तुम्हारे ऊपर लेटी हुई थी तो मुझे छोड बोला तो धोखेबाज हो तो बहुत बडे लंपट हो ऍम थी । न्यूज चैनल पर दिखाए जाने वाले चित्र बार बार उसके मन में उभरकर सामने आ रहे थे । वो आवाजें उसके कानों में गूंज रही थीं । ॅ उसने अपनी मम्मी से बात करने का निर्णय लिया है । उसके लिए कठिन वक्त था हूँ । मैं अपने मसलों को कभी अपने माता पिता को नहीं बताती थी । वही इसलिए भी अपनी समस्याओं उन्हें नहीं बताती थी क्योंकि उसे लगता था कि इस उम्र में जब उसके माता पिता को आराम से अगर खुश रहना चाहिए ऍफ हो जाएंगे । उसके हाथ अभी भी काम रहे थे । मैंने उसे फिर से कॉल करने के बारे में सोचता हूँ और उसने का नहीं उठाया । उसके बाद उसका फोन व्यस्त जा रहा था । वे अपनी माता जी से बात कर रही थी कि मुझे नहीं पता मुझे लगता है मुझे नजर अंदाज कर रही है तो मैंने तुरंत महल को कॉल किया । उसका बाप था ऍम सभी को कॉल किया क्या बेवकूफी है इस कहाँ घोडे बेच के सो रहे हैं । जो भी मेरे साथ हुआ उस पर मुझे अभी तक विश्वास नहीं हो रहा था । मुझे पुलिस वालों ने हिदायत दी हूँ कि बिना इधर उधर देखे मैं चुप चाप निकल जाऊँ क्योंकि अभी भी कुछ मीडिया के लोग आस पास खडे होंगे । मैं बच गया था कोई एफआईआर का केस दर्ज नहीं हुआ था । ये सब सिर्फ एक शिकायत के कारण हुआ था । पर मीडिया के काफी दबाव के कारण मुझे शहर में ही रहना था हूँ मैं मैं कुछ कदम ही आगे बढा था कि मैंने कुछ कैमरा देखें । मैं तुरंत फिर नीचे करके रख लिया तो तो मैं फिर से उनके सामने नहीं पढना चाहता था । मैं जल्दी से एक ऑटो में बैठ गया हूँ और अपने घर की तरफ निकल गया । मैंने फिर से गौरी को फोन करने की कोशिश की । उसका फोन भी व्यस्त जा रहा था तो कुछ देर बाद महर ने मुझे ये पूछने के लिए कॉल किया आखिर मसला क्या हुआ हूँ? मैं सुबह सुबह गौरी और मेरे कई फोन और मैसेज देखकर अचंभित हो गई थी । जल्दी से गाडी से बात करूँ मैं संकट में हूँ । आॅडी के सभी चैनल की खबरों में तुम दिखाई पड रहा हूँ है शायद ऍम के पास ऍम रही थी । शायद कुछ देर के लिए मैं अपना बैठ पहचान नहीं पाई । मैं जो बोल रहा था उसके कानों में कुछ भी नहीं सुनाई दे रहा था । ऍम धीरे आवाज में बोली मुझे कॉलेज से बात करने तो मैं नहीं गौरी को कॉल किया और उसने बिना देर लगाए फोन उठा लिया हूँ मैं मैं अभी दिल्ली आ रही हूँ । मैंने टिकट बुक करा ली है । बाकी बच्चे कुछ दिनों के समेट ॅ नील के साथ बहुत बडी कार्यवाई हो गई है । ऍम टीवी पर सब देख लिया है । ठीक है क्या तुमने उससे बात की जाए तो मुझसे बात कर सकती हूँ । मैं सही सलामत है । हाँ मैंने बात की है वो देखेंगे और तुम्हारी फिक्र कर रहा है । तो अब क्या किया जाए? कुछ कानूनी कम और मीडिया को सफाई देनी पडेगी । हो सकता है मैं क्या तुम से भी बात करें । ठीक हैं । इस बीच मैंने अपने वकील दोस्त को फोन करके उस से सलाह मांगी तो मैं हर को फिर से कमाल किया । इस बार उसकी आवाज बेहतर थी । मैं भी बेहतर था । मुसीबत वाली भावना अब दूर जा रही थी । मेरी फोन पर श्रेणिया की कॉल आई । उसने मुझे बताया कि उसके पिता जी के हस्तक्षेप के बाद मुझे छोडा गया है । वो मैं आश्चर्यचकित था । इससे पहले उसने ना ही मुझे कभी बताया था और ना ही महीने जाना था । उसका बेटा एक पुलिस अफसर था । यह अच्छी खबर थी । इसके बाद मुझे डॉॅ हूँ । मैं दुखी महसूस कर रहा था । वो हवा शीन या एक साथ में दिखाई पडते हैं । काश मैंने इतनी दारु नापी होती । अगर मैं हॉस्टल में उल्टी करने नहीं आ गया होता तो कुछ नहीं होता हूँ । कोई बात नहीं ऍम मुझे बुरा इसलिए लगा कि वे सब सिर्फ मुझे पकडकर लेगा । हम सब भी होते तो मन हल्का आ जाता हूँ । इस तरह की बुरी परिस्थिति में अकेले रहने में बहुत बुरा लगता है । वो हूँ हम लोगों ने बाॅलिंग ने अपने पापा से कह दिया है सब देख लेंगे ॅ तुम्हारी कौन से बात हुई? हम दुखी और परेशान है तो उससे माफी मांगनी चाहिए । मैं उसके वापस आने का इंतजार कर रहा हूँ । थोडी देर में मिलता हूँ । नाश्ता बनाकर रखना हूँ । हूॅं अपनी जोर से वापस आ गया था । उन दोनों के बीच गलतफहमियों की बडी सी दीवार खडी हो चुकी थी । उसने अपने पुरस्कार खाली ट्रॉफी सुरक्षित तले के अंदर रखती । पहले उसने सोचा था मैं सृष्टि का दिखाएगा हूँ । पर बाद में उसने निर्णय लिया कि वह इसे ऑफिस लेकर जाएगा । दृष्टि उसी डाइनिंग टेबल पर सोम के साथ नाश्ता करने लगी । कुछ देर दोनों शांत बैठे रहे । ऍम से पूछा कि मैं कुछ घंटों में कैसे छोड दिया? सोम चुपचाप बैठा था । डाॅन छोड दिया । सोना नहीं हूँ । उसे कुछ शब्द बोले हैं जिनका मतलब था ऐसे केस में जो कानून होता है नहीं हुआ । इस केस में बेल मिल सकती है । बस मीडिया ने इसे बढा चढाकर दिखा दिया । असल में ये उतना बडा केस नहीं था । थोडी बहस हुई । अंततः सोम ने दृष्टि से पूछा हूँ? क्या ये वही लडका है जिससे हवाना में झडप हुई थी? फॅमिली ने उसकी बात की पुष्टि कर रही हूँ । सो मुस्कुराया पर बोला, जो उसने कहा था वह पूरा हो गया । अब मैं खुश हूँ । मेरी ऍम मुझे मिल गया । चलो उसे कुछ ठंड तो मिला । पार्ट इस पर नहीं हो रही है । मुझे बताया गया उसने महिलाओं के साथ छेडखानी की थी । मुझे पुलिस वालों के द्वारा बताया गया ऐसा कुछ भी नहीं हुआ हूँ । वास्तव में किसी अन्य व्यक्ति नहीं किया और दुर्भाग्य से उस जगह पर पकडे ये लोग गए तो मैं भी अब इस खबर को आगे नहीं बढाना चाहिए । क्या बकवास है इसमें तो बहुत बडा झोल है । फॅमिली छोडो इसे अपना काम देखो । दृष्टि नाचना के बीच में ही उठकर चली गई हूँ । उसे बार बार मेरा चेहरा नजर आ रहा था । मैं अपने आंसुओं के बांध को रोकना चाह रही थी । सोमेश ऑफिस के लिए निकल गया था । उसने अपने बॉस मनोहरण को कॉल किया । उसने बताया कि सोमेश ने इस बात की पुष्टि की है की सारा मसला घाटा आ गया था । वास्तव में झूठी खबर है । मनोहरन ने उसे शांत रहने के लिए कहा । उसने इस बात में सहमती जताती की आप ये खबर नहीं दिखाई जाएगी । अब इस बात को छोड तो टेस्टी को बुरा महसूस होने लगा था हूँ ये उम्मीद कर रही थी सोमेश रुक कर उसे साफ ना दें । बार एक मजबूत ऑफिसर की तरह मैं छोड कर काम पर निकल गया । उसने अंतरिक्ष तो कॉल किया और उसे भी है सूचना देती हूँ । मैं बुरा महसूस कर रही थी वो शेट अंतरिक्ष अपनी बहन की स्थिति समझ सकती थी तो रूप में आती हुआ जल्दी या मुझे दो घंटे में ऊपर जाना है । हूँ तो मैंने तुरंत अपने घर में प्रवेश किया तो जैसे ही मैं नाश्ता करने के लिए बैठा मुझे बाहर खडे लोगों की आवाज ठीक से सुनाई दे रही थीं जो मेरे विरोध में मेरा नाम लेकर नारे लगा रहे हैं । मैंने बालकनी से झांकने की कोशिश की । वो अपने हाथों में तख्तियां लिए हुए थे जिस पर नारे लिखे हुए थे भारत छोडो महिलाएं सुरक्षित हूँ बेटी बचाओ ये ठीक आक्रमण था । मुझे खुद बार घर ना होने लगी । मुझे पता था कि ये लोग सिर्फ अवसर की तलाश में होते हैं । मुझे इसके लिए कुछ करना चाहिए । मैंने डी । टी । वी ऑफिस में कॉल किया और अपनी पूरी कहानी उन्हें बताई है । वो भी मेरी बातों को समझ रहे थे और उन्होंने बताया ब्लॅक गौर करेंगे । मैं सुनना पड गया था । मुझे ऐसे व्यक्ति की जरूरत थी जो मेरे पास आकर कह सकें कि सब ठीक हो जाएगा । ऐसा व्यक्ति जो मुझे ये समझा सकें । इन सब बेहुदा बातों से मैं कुछ समय बाद हमेशा हमेशा के लिए दूर हो जाऊंगा हूँ कोई नहीं था जो ये कैसा के कि गौरी मुझे छोड कर कहीं नहीं जाएगी । कोई ऐसा व्यक्ति नहीं था जो मुझे साफ ना दे सकें । अचानक तभी दरवाजे की घंटी बजे तो मैं इस बात को कैसे भूल गया की अगर दरवाजे पर गौरी हुई और उसने श्रेणिया को देख लिया तो उसका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाएगा । मैं डॉम को लेकर अलग हो गया और श्रेणिया नहीं दरवाजा खोला हूँ । ये ही नहीं यहाँ क्या कर रही है इसी की वजह से आज मैं तुम्हारे साथ यहाँ पर हूँ । मुझे पता है पर गौरी अब गौरी को इससे पहले टॉम पूरा वाक के बोल पाता । गौरी ने प्रवेश किया वे हम सभी को देख कर आ चलते थे रहे एक लंबी उडान के बाद वापस आई थी लम्बी इस लिहाज से दक्षिण से उत्तर उससे तुरंत आपने अभी व्यक्ति के तरीके और अपने भावनाओं पर का वो क्या? उसने श्रेणिया से हाथ मिलाया । प्रशांत लग रही थी । मुझे नहीं पता कि वाॅच दिखावा कर रहे थे । इससे पहले अन्य कोई उसे सहज करता ऍम उसके पास पहुंच गयी । वो किसी बात की फिक्र मत करो । डाटने सबकुछ संभाल लिया है । शुक्रिया श्रेणियाँ पर इन लोगों का क्या होगा जो बाहर इकट्ठा है । यह लोग कार्य करता है । जिनके पास कोई नौकरी नहीं उन्हें बताएगी । ये केस मीडिया खूब दिखा रहा है । इसी बहाने उन्हें भी कुछ फुटेज मिल जाएगी । शुक्र है आस पास कोई मीडिया नहीं । हाँ सही बात है । चलो ऍम की तरह देखा ऍम हिलाकर उसके साथ चल दिया । उसने मेरी तरफ देखा । बोली मैं जा रही हूँ तुम लोग घर से बाहर मैं टिंकल हो । मैं अपने डाॅॅ बात करने की कोशिश करती हूँ । बेहतर होगा अगर वह कुछ हवलदार यहाँ पर भेज ऍम मैंने कहा था हाँ पक्का, मैं इस एहसान का कर्ज था मानूंगी । जब जरूरत पडेगी तब तो मुझे वापस कर देना । उसने हाॅल ये कोई कहने की बात है फॅमिली हूँ । दोनों हमें छोड कर चले गए । जैरी ने कॉल किया है । अब जगह था हम सभी भी सो रहा था । मेरे वकील दोस्त के यहाँ पर थे जो टीएलएफ एस्टीमेट रहता था । जो साइबर हब की नजदीकी है वो मैंने उसे तुरंत घर आने के लिए कहा गए । बस बीस मिनट की दूरी पर था । एक घंटे के बाद जो लोग विरोध के लिए इकट्ठा हुए थे, धीरे धीरे की सकता है । वो हमें महसूस हुआ कि जो श्रेणिया ने कहा था वही सही था । वहाँ पर कोई मीडिया नहीं था । कोई हलचल नहीं थी । उन्हें जोर जोर से चलाने में कोई फायदा नजर नहीं आया । गौरी ने भी उन्हें चेताया था भी पुलिस को बुला लेगी ऍम ढोंगी कार्यकर्ता गौरी बहुत दुखी नजर आ रही थी । उसने मुझे बताया कि उसके माता पिता जहाँ उसके साथ रहने के लिए आ रहे हैं, वह मुझ से कुछ दिन अलग रहना चाहती थी । कुछ इस बात से कोई तकलीफ नहीं थी । मुझे पता था कि वह दुखी है और परेशान भी । मुझे उससे कुछ ऐसी प्रतिक्रिया क्यों में थे? अपने आप को अकेले कमरे में बंद कर लेगी । कुछ ऐसा माहौल बनाएगी जैसा एकदम शांत ताकि मुझे इतना बुरा महसूस हो । ऐसे में अकेला किसी कर्फ्यू में फस गया हूँ तो उसका ये ऍम मैं कुछ भी ऐसा नहीं बोलना चाहता था जिससे वह मुझ पर बडा छोटे बच्चे नहीं पता हूँ । पर गौरी तुम नाराज क्यों खास जा यहाँ से नहीं मैं कुछ भी ऐसा नहीं बोलना चाहता हूँ । इतना सब कुछ हो गया और तो मुझसे पूछ ऍम हूँ मैंने कुछ गलत नहीं किया । ऍम हमने अपने दोस्तों के साथ गंदगी नहीं फॅमिली बीबीसी छूट बोल रहे हो तो फिर आपने पकडा गया मैं दिखा रहा है तो हमारे ऊपर एक लडकी लेटी हुई थी फॅार कर ले गए तो बंद कर दिया तो तुम्हारी ही बाहर चल रही है मीडिया में मुझे बताओ फोटो छोटी है तो बताओ नहीं अभी मुझे कुछ नहीं कहना मैं । मुझे लगता है मैं निर्दोष हूं । ये सब गलत दिखाया गया है तो मैं तो पढाई है । मीडिया क्या क्या करता है तो हम सभी को शर्मिंदा कर दिया तो खर्च पर शर्मिंदा होना चाहिए तो अपराधी हो, खुद को बचाने की कोशिश मत करो । मैं नहीं करता था हम मत करूँ । मुझे सीनियर से कोई दिक्कत नहीं है तो मैंने उससे छूट नहीं बोला होता तो मैं इस हद तक गंदगी नहीं फैलानी चाहिए थे तो मैं उस लडकी के साल जमीन पर नहीं गिरना चाहिए था । मैंने तो मैं माफ कर दिया होता हूँ पर अब मुझे पकड चाहिए । मैं अपने मन में सोच रहा था शायद मेरी जिंदगी में पहली बार है जब मैं पूरी स्थिति को गौरी को समझा पाने में असमर्थ था । मैं उसे गले लगकर उसकी बाहों में होना चाहता था । पर उस ने हम दोनों के बीच बहुत बडी दीवार खडी कर दी थी । मुझे बहुत बुरा लग रहा था । ऍम मुझे रोखा था । जैसे ही मैं उसके नजदीक जाने को हुआ हूँ उसने पीछे हटकर मुझे धकेल दिया । उसने मेरे अहम को और बढा दिया हूँ । मैंने दूर होकर उसे करारा जवाब दिया । आप सुनाओ इस बुरे वक्त में मुझे लगा तो मेरे साथ होगी । पर अब तो मैं जो करना है करो । मैंने बढ बढाना शुरू किया था । बीच में रुक गया भाई फॅमिली तो मैं हाँ तुम भी भाई मैं चाहूँ ॅ करने लगा और कुछ ही मिनट में घर छोडकर चला गया । गौरी को रोते हुए सुना था मैंने । उसने मुझे रोका तक नहीं । मैंने भी पीछे पलट का नहीं देखा हूँ । मेरे मन में भी बहुत गुस्सा भरा पडा था । उसके मन में शायद अधिक था । मैंने गाडी उठाई और निकल आया बाहर सडक पर । मैंने जैरी को देखा । ॅ साइड में गाडी खडी की हमने सुट्टा पीना शुरू किया । मैंने उसे हर तरह से गरियाया । उसने अपनी गलती स्वीकार की तो तुमने मुझे अकेले कैसे जाने दिया? तो उन लोगों को पुलिस की उस जीत में बैठ जाना चाहिए था । मुझे भी बहुत अफसोस हो रहा है तो मुझे बहुत चढ गयी थी । जब यह हुआ तो लोगों ने मुझे बहुत मारा । मुझे लगता है दृष्टि सबसे पहले तुम्हारे पास पहुंची थीं । हाँ, तुम सही कह रहा हूँ, ठीक नहीं है । उसने सिर्फ उससे बदला लेने के लिए ऐसा किया है । मुझे ऐसा लगता है नहीं तो मीडियावालों पर कभी विश्वास नहीं कर सकते हैं । किसी भी हद तक गुजर सकते हैं । गाडी क्या कह रही है? ऍसे लडाई हो गई है । मुझे लगता है इस बार लंबा चलने वाला हूँ । शांत हो जाओ, सब ठीक हो जाएगा । ऍम सोचकर उबल रहा था वो । मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरा उपयोग किया गया हूँ । पर मैं असहाय था । बेनी मीडिया से पहले ही बात कर ली थी । ये लोग चुप हैं । उन्होंने मुझे नुकसान पहुंचा दिया था । गौरी और मैं अलग हो चुके हैं । वो संपूर्ण दुनिया में कोई भी समझने वाला नहीं था । की फॅमिली उसके चक्कर में इन्होंने मेरी जिंदगी तबाह कर दी थी । लगभग खत्म ही कर दी थी ही नहीं । मेरी कार बिजी घर में खडी करने और मुझे उसकी गाडी में चलने के लिए पूछा हूँ । इन लोगों ने पूरी तरह है तो सचेत फुल्ली फॅस किराए पर ले रखा था । ऍफ ओवर में बीस खंड में था । जेम्स ने किसी कंपनी के साथ डील तय की थी तो उनकी भी गुडगांव में कंपनी में नौकरी लग गई थी । क्या विरोधाभास था? मैंने सोचा भगवान कितना दयालु हैं । एक तरफ आपको दो पहुंचाता है और दूसरी तरफ उसके ऍम छप्पड फाडकर खुशी देता हूँ । हमने बाजार से बियर ली और कहाँ साइड में खडी करके गटक नहीं । फिर फ्लैट पर पहुंॅच अंतरिक्ष और मैं सोच रही थी । उन्होंने विचार किया कि किस तरह आगे बढा जाए । ॅ अगले दिन एक काम के लिए विदेश जाना था । दोनों ने विचार विमर्श करके यह निष्कर्ष निकाला तो दृष्टि विदेश से लौटने के बाद कुछ दिनों के अंदर है । मुझे और मेरी पत्नी से मिलने आएगी तथा सब कुछ बता देगी । जो गलती से मीडिया में दिखाया गया, जब उसे पता चला तो चैनल ने वह दिखना बंद कर दिया । यही सही रहेगा । कम से कम दृष्टि को इस बात का काम मलाल रहेगा । इस काम के बारे में जो बातें हो रही हैं वो सिर्फ उन दोनों तक ही सीमित रहेंगी । उन्हें किसी अन्य व्यक्ति को नहीं बताया जाएगा । दोनों में आपसी सहमती बन नहीं । गाडी के माता पिता हूँ । उसके घर पहुंच गए । वे हम दोनों की चिंता कर रहे थे । उसकी माँ ने कई बार मुझे कॉल करने के लिए जोर दिया हूँ और उसने यहाँ नहीं हूँ । उन्हें समझ आ गया । मैं इस वक्त किसी तरह का कोई ज्ञान लेने के मूड में नहीं थीं तो उनकी माता पिता ने हर में मदद की जो एक बेटियाँ देनी चाहिए ।
Producer
Sound Engineer