मेरे दिल के सरहद को पार न करना, नाजुक है दिल मेरा वार न करना
खुद से बढ़कर भरोसा है तुम पर, इस भरोसे को तुम कभी दुश्वार न करना
यही हाले बयां था रूद्र का। लेकिन रूद्र जानकर भी अनजान बना सभी रिश्तों को निभा रहा था। वेद ने अपने प्यार का इजहार कर अस्मि को हासिल तो कर लिया लेकिन ये प्यार एक साजिश थी...क्या इस साजिश के बारे में अस्मि को पता था? अचानक कुछ ऐसा होता है, अस्मि रूद्र की पत्नी बन जाती है, लेकिन एक अमानत के तौर पर...रूद्र एक बड़ी सच्चाई से पर्दा उठानेवाला है...क्या है वो सच्चाई? रिश्तों के उलझनों में फंसी रूद्र और अस्मि की जिंदगी किस ओर करवट लेगी? जानने के लिए सुनें पूरी कहानी।
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मेरे दिल के सरहद को पार न करना, नाजुक है दिल मेरा वार न करना
खुद से बढ़कर भरोसा है तुम पर, इस भरोसे को तुम कभी दुश्वार न करना
यही हाले बयां था रूद्र का। लेकिन रूद्र जानकर भी अनजान बना सभी रिश्तों को निभा रहा था। वेद ने अपने प्यार का इजहार कर अस्मि को हासिल तो कर लिया लेकिन ये प्यार एक साजिश थी...क्या इस साजिश के बारे में अस्मि को पता था? अचानक कुछ ऐसा होता है, अस्मि रूद्र की पत्नी बन जाती है, लेकिन एक अमानत के तौर पर...रूद्र एक बड़ी सच्चाई से पर्दा उठानेवाला है...क्या है वो सच्चाई? रिश्तों के उलझनों में फंसी रूद्र और अस्मि की जिंदगी किस ओर करवट लेगी? जानने के लिए सुनें पूरी कहानी।