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कुछ अनकहे अलफ़ाज़ - 02 in  |  Audio book and podcasts

कुछ अनकहे अलफ़ाज़ - 02

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बरसात में जैसे बूंदों का धरती से मिलना, तेरा मिलना मेरे तकदीर में जैसे इंद्रधनुष का खिलना! यही हाल होता है जब सालों बाद अपने बिछुडे हुए प्‍यार का मिलना होता है और फिर ये दिल कहता है-काश हम उस वक़्त बोल देते…. काश वो वक़्त फिर से लौट आता... यह सब बातें कभी-न-कभी हमारी ज़ेहन में एक हलचल-सी करती रहती है। वक़्त गुज़र जाता है और उस दोस्त से कुछ न कह पाने का एक अधूरापन हमें परेशान करता रहता है और कहीं उनसे सालों के बाद अचानक मिल गए तो क्या आलम होगा कभी सोचा है आपने ???
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सुनो आयुषी मुझे होटल ऍफ कर देना जी क्या बात हुई कितने साल बाद आए हो और मेरे होते होटल में रुके होगे । ऐसा नहीं हो सकता तो मेरे अपार्टमेंट चल रहे हो । राजीव के पास इंकार करने का कोई कारण नहीं था । असर तो वो भी कुछ फल आयुषी के साथ अकेले नहीं तो बताना चाहता था लेकिन जा रहा था की जैसे अपना दल का हाल बताया । उसे जब आयुषी की तरफ से ऑफर आया तो खुशी है मन की वाॅक । कुछ देर बाद दोनों आयुषी के अपार्टमेंट में पहुंचे । आयूषी क्या फॅमिली राजेश फॅस हो गया । हम बहुत बढिया डिजाइन किया गया है और ऍम क्यों? राजीव कॉफी पी होगी? हाँ बनाओ ऍम बनाना ऍम ऍसे गए थे । एक फॅमिली घटक रहेगी ऍम नहीं दिखाई थी क्या आयुषी तक शादी नहीं किए? देखिए ऍम था क्या उसका डिवोर्स हो गया है इन्हें खयाल हो रहे राजीव खोया हुआ था उसी दौरान आयुषी ऍम में आई हूँ काफी पकडो अपना बहुत गर्मी बेक राजीव के हाथ में तब हम आते हुए का क्या हुआ जी क्या सोच रहे हो तो बदल लीजिएगा । वो पूरे और भर गया बन गए दिमाग खराब हो गया ऍम ये बताऊँ किस टाइम रही है तुम्हारा बुक लांच साढे ग्यारह वजह शबाना हॅूं हाँ जी मैं सब हो जाना ऍम मैं क्या करूंगी वहाँ के किसी को जानते भी तो नहीं । ऍम लेने है छात्रों के और कुछ हाउसहोल् का काम भी बाकी है । चलो ठीक है या? लेकिन हाथ दो अच्छा लगता हैं । दोनों काफी काॅप ले रहे थे और एक दूसरे को देखे जा रहे हैं । एक ही गया आज दल में और आधा राजीव ऍफआईआर घर पाता तो आज हम दोनों एक होते ऍम चाहती थी कि नहीं और बताओ घर में सब कैसे हैं भी? बच्चे नहीं है तुम्हारे साथ ऍसे उसकी आंखों में देखते हुए बोझा दरअसल बात यह है आयुषी कि मैंने अभी तक शादी नहीं किया । आॅल दिमाग खराब हो गया गया तुम्हारा और कब करोगी? शादी सारी उमर बाल ब्रह्मचारी रहने का तो प्लान नहीं बनाया है ना । वो क्या बोल रही थी । खुद भी समझ नहीं पा रहे थे ना जीतने उसके बाद और की कोई प्रतिक्रिया जाहिर रहेंगे तो नहीं लेना हो तो तुम से शादी कर लेगा सोना राजीव मुस्कुराते हुए कहा मानो बात को जैसे नहीं करना चाहता हूं । आयुषी सीरियस हो गई और मानसी मान वाली बस एक बार बोलते तो तब से प्यार है मैं सारा जहाँ छोड के भारी साधा जाती कितना प्यार है तुमसे ये कहना पाएंगे हम कभी और लाजे वेल्ला बयान कर पाएंगे हम कभी तो मैं कुछ कहा क्या नहीं तो क्या बुक कर दिया है आता ही होगा अरे इस की क्या जरूरत थी कर लेता जॅाब आपने हमारे शहर में कश्मीर लिया है । इतनी तो खाद्य दारी करने का मौका दीजिए । अच्छा ऐसा है तो फिर वादा करूँ कल नैनीताल घुमाना है मुझे मेरी गाइड बनकर जी जनाब और कोई फरमाइश हो तो बताइए इतना बोलके आयुषी जोर जोर से हंसने लगीं । इतना में क्या वहाँ गेट के सामने खडी हो जाएगी ऍम? क्या दोनों मेन गेट की तरफ बडने लगे? शाम हो सकती आते रहते हैं जल सब खत्म हुआ तो कॉल करूंगा । राजीव ने कार के अंदर चाहते हुए कहा ठीक है रेस्टोरेंट पहुंच गए । कॉल करना । विश्व वान सकें गर्लफ्रेंड लॉन्च इसी के साथ राजीव की क्या भागे? बढ चली आप मंजिल की ओर जी आज बहुत खुश थी और क्यों ना हो? अरे बरसों से बिगडा हुआ यहाँ राजभर मिला है जेल के बागीचे मैं सिर्फ से खेल उठे हैं । मुरझाए हुए फूल हूँ कि बिहारी में लगी हुई । आयुषी सोचना लगे कि कैसे राजेश फॅस को भी बनाना है और कुछ खास बनाना है आज के शव से राजीव कभी भूलना भाई । उधर राजीव क्या मैं बैठे बैठे पीते रहो में हो गया था कैसे वो दुनिया से पेपर वह अपनी दुनिया में मशहूर रहते थे । रात के सोने का टाइम को छोड के बाकी वक्त एक साथ गुजारते थे । दोनों की सुबह एक दूसरे की गुड मॉर्निंग है, शुरू होती है और गुड नाईट कॉल से ही खत्म होती है । लेकिन आज पूरा बदल गया है । एक दूसरे को एक पालना देखें तो रह नहीं । बात है किसी जमाने में और आज तक साल से अलाॅट जान रहे रहे थे चाहे वो हो गया तो ड्राइवर ने आवाज भी तो राजीव घायालों की दुनिया से रियालिटी में आ गया । वॅार पैसे निकाल के जब ड्राइवर को बढाया तो उसने मना कर दिया । लेने से ड्राइवर बोला ॅ पहले दे दिया और कहा था सर से पैसे मत लेना । हाँ मुझे भी ना ही नहीं करेंगे । इतना बोलकर होटल के अंदर एंट्री करने को बढा हूँ तो उसके वेलकम के लिए होटल स्टाॅपर खडे थे । प्रोग्राम शुरू हुआ लोगों की बहुत धीरे तीन जैसे ज्यादा तीस साल के आस पास क्या उनसे ऊपर के लोगों की संख्या बहुत ही तेरे तक चला? कार्यक्रम शाम को जब राजीव लौटा तो आयुषी का अरेंजमेंट देख दंग रह गया । मेन गेट से लेकर घर के फॅमिली लाइट्स की सजावट बहुत ही खूबसूरत लग रही थी । टोर बल्कि पहली रिंग से ही आयुष ने दरवाजा खोला । फॅमिली से राजेश का इंतजार में बैठी हूँ । आज कोई फॅसा तो कोई दीवार नहीं है । जैसा रहा प्रोग्राम लोगों का रिएक्शन कैसा था बताऊँ । आयुषी ने राजीव के सवाल को इग्नोर कर गए । अपना सवाल चिपका दिया उसमें हाँ सब बढिया रहा । अरे मुझे तो यकीन ही नहीं था कि इतने सारे मेरे चाहने वाले शहर में सच में आज बहुत अच्छा लगा । आयुषी घर बहुत वर्ष हुई । ऍम के अंदर गया उसी वाॅल पैदा किया था । ऍम नोट पर लिखा था होगे सीधे ऍम राजीव जब तैयार होके हॉल में आया तो देखा आयुषी एक नाॅन साडी मैं बहुत ही खूबसूरत लग रहे थे थे । पाॅवर कलर की बिंदी उसके लंबे चेहरे की रौनक पर चार चांद लगा रहे हैं । वो तो पर हल्की सी मुस्कान कानों की वह लाल गवन के पंखडी जैसे हो ॅ घायल करने के लिए काफी है । आॅल को और भी खुशनुमा बना रहा था । भला राजीव जैसे घायल ना होता है । फिर वो भी तो एक इंसान ही है । उसकी आंखें खुली की खुली रह गए । परसों से दबा हुआ एहसास आज अपून हद पार करने को तैयार था । आज दल की बात सभा पे आने को बेकरार थे तो नाम है उसका दिल में आई उसी के लिए वो बताने के लिए जब आगे बढा अगले ही पल मैं हो गया क्योंकि वो तो शादी शुदा है दल के वो आॅइल के किसी भी कोने में गैर हो गए । आज क्या कयामत ढाने का इरादा ॅ चीफ ने आयुषी के पास पहुंच गए । कहा वैसे सुंदर नहीं लगती, ॅ नहीं सुनता हूँ लेकिन आज कुछ ज्यादा ऍम सामने डेवेलप एक बडा सा एक रखा हुआ था । मैं बडे बडे अक्षरों में लिखा था । दस साल के बाद निधि भी रोशनी और हल्की ऍम को और भी खुशनुमा बना रहे । बंद करो और अपना हाथ आगे बढा । अरे ऍम और धर्मा आंखे बंद करो ना यार तुम कभी नहीं सुधरोगे । हर वक्त बस सवाल पूछते रहते हो । आयुषी थोडा चल रही थी । ये देखा राजीव सॉरी बोल के आगे बच्चों की और हाथ बढा दिया ऍम उसके हाथों में थमा दिया । अब राजीव ने आगे खोलकर देखा और तुरंत उस बॉक्स को खोलना लगाओ जैसे एक वाला उसमें ऍम था जिसपर राजीव का नाम लिखा हुआ था । ऐसे वो कॉलेज के दिनों में आपने मॅन लिखा करता था । आज ही गोमियो से काम बहुत शौक था लेकिन उसके पापा इसके खिलाफ है कितनी बार आज इसका माहूत और के दौडा है इसका कोई हिसाब नहीं । आप लोगों का देखकर राजीव थोडा भावुक हो गया । आरॅन ॅ इसमें वह सब लाॅ मैंने तुम्हारे बिना जा रहे हैं । तो राजीव सुनकर अचानक गंभीर हो गया उसकी ये हालत । आयुषी जोर जोर से खिलखिला के हस बडी ऍम फिर से दिल के किसी कोने में दबा दिया ऍम मजाक करना बंद कर दिया है तो मैंने सोचा क्यों ना मैं शुरू कर दूँ ऍम दोनों एक दूसरे को देखे जा रहे थे सब आप आप खामोश थी और जल बातें कर रहा था । अब जैसे भरोसा गया था चारों तरफ ऍम और ये दोनों एक दूसरे की धडकन को सुन पा रहे थे । अचानक से लाइट चले गए और म्यूजिक बंद हो गया । अगर रूम में जो कैंडल चल रही थी कुछ ज्यादा ही रोशनी फैला रही थी । दोनों हकीकत की दुनिया में दोबारा लौट आए । सच कहूँ तो आयुषी नहीं तो मैं बहुत मिस करता हूँ या लेकिन तुमने कभी बोला क्यों नहीं? हम तो फेसबुक पे तीन साल से कनेक्ट है ना बोलने से कुछ नहीं होता है और माना कुछ नहीं होता हूँ । लेकिन दिल कोई खुशी मिलती है जानकर की कहीं दूर कोई हम को भी याद करता है । ताजी उसकी बात संकार ठीक ठाक सा गया आॅफ चलो बातें बंकरों पहले का तो यह काटो नहीं । बच्चा एक घटे बोलो । इतना कहकर राजीव ने ना इसको आयुषी के हार में हमारा दिया और उसके हाथ तो अपने हाथ से बगराम । दोनों ने एक दूसरे को खिलाया और उस राजीव ने बहुत बार सोचा । हम आयुषी की शादी शुदा जिंदगी के बारे में पिछले लेकिन कुछ तो था जो उसे रोक रहा था । दूसरी बात यह सोचकर अपने मन को तसल्ली देता था हूँ अगर कुछ कहने के लिए होगा तो जरूर उसे बताएगी । दोनों ने डिनर किया । राजीव की पसंद का सब खाना बनाकर परोसा गया था । डाइनिंग टेबल पर कॅश बना था । बहुत दिनों के बाद घर का बना खाना खाने को मिलाया क्यूँ राजीव एक कहकर उठी रहा था की आयुषी ने उसे बैठने को कहा । अब वो किचन में जाके ऍम लेके आएगी क्योंकि राजीव की पसंद ऍम थी । अरे अब ये क्या ले आई क्यों देख नहीं रहा है? आइसक्रीम है मतलब ऐसे सेवा करोगे तो मैं यहाँ नहीं फाॅर रुक जाओ । किसने मना किया है रुकने का तो मैं मेरा घर तुम्हारा अगर नहीं है क्या बोलो? ॅ जिंदगी भर के लिए रुक जाऊँ लेकिन मैं बाबू क्या सोचेंगे हूँ । ये सुनकर हस्ती खेलती आयुषी चुप हो गई । क्या बोलेगी उसे समझ नहीं आ रहा था । रूम में सन्नाटा सा छा गया । थोडा असहज महसूस कर रही राजीव को लगा जो नहीं कहना था वो कह दिया । आॅफिस टूर में हर वक्त व्यस्त रहते हैं तो तुम्हारे रहने ना रहने से उनको कोई फरक नहीं पडेगा । वो उस को ठीक करने के लिए राजीव जी आयुषी को हूँ । खोलने को कहा । जब उसने अपना मुंह खोला तो एक फॅसने आयुषी को खिला दी । अब की बार आई किसी ने भी उसे खिलाएंगे । यहाँ तक दोनों बातें करते रहे और बातें करते करते हो गए । दोनों को ही पता नहीं है । सुबह जब काम वाली बाई ने डोरबेल बजाई तो दोनों की आंखें खुल गई । आज पहली बार आईसीसी चाॅस हुई थी उसका चेहरा को ज्यादा ये फॅमिली रहा था । सुबह के साथ बात चुके हैं । काम वाली बाई अपने काम पे लग गए । आयुषी फ्रेश होने के लिए बातों ने दाखिल हुई हूँ । राजेश मार्च पैसे पे अपना बहुत होकर ब्रश करने लगा । ये लोग भारी पसंद की कॉफी बिना शक्कर के आॅल राजीव कोरधा मानते हुए था । पता नहीं लोग इतनी ऍम इससे दिमाग देश काम काॅफी हर ऍफ बन जाती है । चलो आज तुमको नैनीताल की आप हवाओं में मुखाबिर करा देती हूँ क्या? क्या कहा सब जॅानी तल घूमने चलना है कि नहीं करना ये ना कहना कि आयुषी ने धोखा दे दिया होगा तो है मैंने कभी मना किया चलो चलते हैं कितने मैं रेशमा आई और पूछा भी सब काम हो गया है । आप लोग कहीं बाहर जा रहे हो गया । हाँ राजीव को नैनीताल की आबोहवा ओ में थोडा सा गुफ्तगू करवा दो । सोचा है और हाँ आज का लंच और डिनर बाहरी करेंगे तो तुम कल सुबह काम बयाना ऍम बताओ । राजीव गैराज के पास आते हुए पूछा नैनीताल घूमना है और प्राकृतिक परिवेश का आनंद लेना है तो स्कूटर में जाना सबसे बेस्ट है तो अपना जाकर पहलों बाकी का इंतजाम मैं करती हूँ । इतना कह के पहले से पैक किया हुआ लगेज को स्कूटर की आगे वाली स्पेस पे रख दिया गया । इसमें मैं राजीव जी थे । आरोप घर आ गया । अरे सब सामान ठीक से रख दिया ना तो छोटा था नहीं ना देख ले, एक बार सब सही तरीके से रखा हुआ है । अब कृपा करके गेट ओपन करेंगे ना तो फिर में सूत्रों बाहर निकालो और हमारा सफर शुरू चल सेजल । आयुषी कहते कहते मेन गेट की तरफ बढ रही थी । आज बाइकर जैकेट और नेवी ब्लू स्किन फिट जींस में बहुत हॉट लग रही थी । वो राजीव की निगाहें बस उसे देखी जा रही थी । राजीव ऐसा करूँ तुम गाडी चलाओ, पीछे बैठती हूँ । ऍम खुश होता ही है । लेकिन जब साथ में एक ऐसा साथी हो हो जान से चाहते हो । सफर और भी हाँ लगने लगता है । ठंडी ठंडी हवाएं चल रही थी । आकाश में बादल मान रहा है । ऐसा है । कोई भी स्टेशन घूमना हो तो बाइक पर जाना सबसे बढिया रहता है । प्रकृति की एक एक सुंदरता को आप बहुत करीब मैसेज का । दोनों एक दूसरे से वहाँ कुछ कहना चाहते थे, सुनना चाहते थे लेकिन दोनों के जवाब में वो बातें आते आते लोग जाती थी । बात को किसी और दिशा में मोड दिया करते थे । खाडी अब हाईवे पे धीरे धीरे बढ रही थी । इतने में आॅनलाइन सारे गांॅव कर दिया । सारेगामा कारवां कॅश है जिसमें पांच हजार ऍम प्रीलोडेड उनका भाइयों उतना ही रखा जितना दोनों सुनने के लिए काफी बज रहा था । है अपना दिल तो आवारा जाने किसपे है हर एक वाकया साग लगाया इसी ऍम हो गया आया कि वो गाना था किसे? राजीव कॉलेज के दिनों में अक्सर दोस्तों के बीच जाया करता था इसलिए छह मुँह नहीं थी उसकी । लेकिन उसके ताल और लय बहुत काबिले तारीफ है । आगे देखो और सफर का मजा लो ना । इतना क्या है की आयुषी ने हज दिया उसकी हंसी का तो राजीव दीवाना था बस तू पहले से और ये बात आयुषी भी जानती है । बस बस बस ऍम पहुंचे तो आॅल तो गाडी पार्किंग लगाकर दोनों मेन रोड पे आ चुके थे । बर्तन मार्किट बहुत से दुकानें भारी बडी थी । यहाँ का खाना बहुत ही लाजवाब है । ये बात तो रांची को पहले ही पता था । नहीं नहीं ताल में इंडोचीन रेस्ट्रॉन्ट बहुत फेमस है और यहाँ का सूपी नूडल्स नहीं खाया तो क्या खाया । दोनों राष्ट्रों के अंदर जाके एक टेबल पे बैठ गए

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बरसात में जैसे बूंदों का धरती से मिलना, तेरा मिलना मेरे तकदीर में जैसे इंद्रधनुष का खिलना! यही हाल होता है जब सालों बाद अपने बिछुडे हुए प्‍यार का मिलना होता है और फिर ये दिल कहता है-काश हम उस वक़्त बोल देते…. काश वो वक़्त फिर से लौट आता... यह सब बातें कभी-न-कभी हमारी ज़ेहन में एक हलचल-सी करती रहती है। वक़्त गुज़र जाता है और उस दोस्त से कुछ न कह पाने का एक अधूरापन हमें परेशान करता रहता है और कहीं उनसे सालों के बाद अचानक मिल गए तो क्या आलम होगा कभी सोचा है आपने ???
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