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PART 19 in Hindi

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4 K Listens
AuthorSomil Jain 'Somu'
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भाग गलत फैमी कब आएगी आपकी डॉक्टर हमेशा बिजी रहती हैं । सरकारी हॉस्पिटल में चोट वोट नर्स पर बरस रहा था । सर वो सुबह से ही नहीं आई । हॉस्पिटल नर्स बोले जा रही थी आज वो अपने घर से ही कहीं किसी मरीज को देखने जाने वाली थी तो फोन के बंदे उनका छोटू का गुस्सा बढ रहा था । वो किसी का गुस्सा किसी बढ निकाल रहा था । कॉल करो तो फोन बंद है, हॉस्पिटल में मिलती नहीं है फिर जाती कहाँ है तुम्हारी मैडम? छोटों की आवाज तेज थी । ये बातें सुनकर वहां खडे लोग उसके करीब आने लगे । जिसकी जितनी भडास थी सब बसते लगे । सबकी नजरें छोटों पर थी । जैसे सबको अपनी बात कहने के लिए एक मसीहा मिल गया हूँ । लोग हॉस्पिटल से नाराज थी ही और फिर आवाज उठाने वाला भी मिल गया तो सोने पे सुहागा हो गया । सही कह रहे भैया से अलग एक लडकी की आवाज सही छोटू का हौसला बढने लगा । लोगों को बेवकूफ बनाने में माहिर है डॉक्टर लोग एक कदकाठी से छोटे मगर उम्र में पिता सामान । आदमी ने कहा हाँ हाँ, ऐसे ही करते हैं ये लोग । सरकार से तनख्वाह टाइम पर चाहिए मगर हमारे इलाज करने के लिए इनके पास टाइम ही नहीं है । एक बूढे मगर समझदार अंकल बोले सौ टका सकते बातें भैया यहाँ जैसे की कोई नहीं सुनता । चार दिन से यही जमीन पर पडे हैं हम कोई सुनने वाला भी नहीं है हमारी जमीन पर लिटा आदमी फूट फूटकर रोने लगा । छोटों के चारों था लोग ही लोग थे उसका उत्साह दूना बढने लगा तब इसके फोन पर किसी ने दस्तक दी कहाँ हूँ ये बरीकी आवाज थी । डॉक्टर आयरा को बुलाओ । भेड से आवाज आने लगी । छोटू भीड से दूर आकर बोला ये सवाल मुझे तुमसे करना चाहिए तो कहाँ हूँ क्या पकडे हो तो परिणाम गुस्से से कहा ये आदि काल तुमने मैसेज करके जो एड्रेस दिया था मैं नहीं हूँ क्या? छोटू बीच में बोल पडा मैं वहीं आ रहा हूँ । ये इतनी आवाज क्यों आ रही है? कोई लडाई झगडा हो गया क्या? नहीं कुछ नहीं मिल कर बताता हूँ । छोटों ने त्योरियां चढाई यहाँ से निकल लेने में ही भलाई है । ये सोच कर के भेज से बच के हॉस्पिटल के पीछे वाले रास्ते से निकल गया । कहाँ फस गई और उसके मन में सोचती हूँ मैं भी लोगों के बारे में कितना गलत सोचता हूँ । मजबूरी समझे बिना राई का पहाड बना देता हूँ । गलत फहमी भी बडा सी आता है । करी तो मेरे कहने पर ही एंजेल अंकल के ट्रीटमेंट के लिए गई थी तो बहुत दिमाग गाय । छोटू उसने अपने आप से कहा मैं भी कितना बडा वाला बेवकूफ हो तो यहाँ आई कितनी देर हो गई? छोटू ने झोपडी के बाहर खडी आयरा से पूछा करीब एक घंटा हो गया है परिणय गुस्से भरी निगाहों से देखा था । मुझे कॉल तो कर सकती थी । छोटू के बचाव में कहा कब से तो मैं कॉल कर रही हूँ, कल भी किया था । आयकर का गुस्सा बढ रहा था ये क्या हो लिया बनाया है । किसी से फिट कर आए हो । नहीं छोटों की नजरें नीचे थी झूट हाँ कैसे लगी झूट छोटी चुप रहा । मैं कुछ पूछ रही हूँ ये चोट कैसे लगी? कहाँ कहाँ लगी चोट सिर पर बैंडेज शौक के लिए लगाई है टू टू के पास अब कोई चारा नहीं था बिचारी छोटों ने कल से अभी तक का सारा किस्सा कह सुनाया । हॉस्पिटल में जो पहाड छोटू खडा करके आया है वह अभी बताना बाकी था । क्या जरूरत थी हीरो बनने की तो मैं जरा भी बताया है वो कितने ताकतवर लोग हैं उनका सामना तो अकेले नहीं कर सकते हैं । एक दिन अकेला ही उन्हें धूल जुटाऊंगा । छोटू फुसफुसाया कुछ कहा तुम ने नहीं तो मैंने दवाइयाँ लिख दी है । पास में मेडिकल स्टोर से ले आना । आयरन पर्चों से थमाया ध्यान से समय समय पर उन्हें ये दवाइयाँ दे देना आॅल और तेजी से इस बस्ती से बाहर निकल गई । अगले दिन छोडो ने बहुत देर बाद अपना मोबाइल ऑन किया । तेज माॅल ये पडी थी जो कल रात से ही छोटे को कॉल कर रही थी । उसने कॉल बैक किया आप कौन सी दुनिया में जीते हो? सारा तरीका पहला तीन निशाने पर लगा था । मैं कब से तो मैं कॉल कर रही हूँ । सौरी मोबाइल बंद था क्या? सौरी ये तो ठीक है मगर जो बखेडा तुम हॉस्पिटल में खडा करके गए हो उसका क्या? उसका भी सौरी पर मैंने सोचा कि तुमने क्या सोचा तरीका गुस्सा बढ रहा था । डॉक्टर आएगा । दूसरे कामों में बहुत बिजी रहती है उन्होंने हॉस्पिटल आने का तो टाइम ही नहीं है । एक तो किसी कि मदद करो फिर वही आदमी आकर मुझे चार सुना कर चला जाए । अच्छा नतीजा मिला मुझे मेरी नहीं देगा । परी ऐसा नहीं ये मुझे पता नहीं था तो पता नहीं होना भी तो गलती है । छोटू कुछ नहीं बोल पाया । उस तरफ से भी कोई आवाज नहीं आई । उसने देखा तो मोबाइल की बैटरी डाउन हो गई । उससे अपना माथा होगा । हमारे साथ भी कई बार ऐसा होता है जब सामने वाले को अच्छे से सुन रहे होते हैं । मगर कुछ टेक्निकल प्रॉब्लम के कारण हम दोषी हो जाते हैं और सामने वाला गलतफहमी पाल लेता है । छोटू देसी का उदाहरण हैं । बात तो करना चाहता था, अगर बैठे खत्म हो गई और उधर आये । रानी मन में सोचा की छोटों ने मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया । आज वो हो गया जिसका अंदाजा छोटे को बिल्कुल नहीं था । हैलो डॉक्टर आॅन आॅफ फोन उठाया । मैं गुडिया बोल रही हूँ । उस तरफ से आवाजाही वहाँ बोलो । गुडिया क्या हुआ पर ये आपके साथ छोटू भैया है । क्या उनका फोन नहीं लग रहा? गुडिया की आवाज से लग रहा था जैसे हो घबराई हुई है । नहीं अभी थोडी देर पहले उसी से बात कर रही थी । मगर अपने कोई डिस्कनेक्ट हो गया । संस्कृति रोने लगी । उसके रोने की आवास पारी को साथ सुनाई दे रही थी । गुडिया तो जो क्यों रही हो? क्या हुआ मुझे तो बताऊँ करी नहीं जोर लगाया फॅसा की तबियत बिगड रही है । उसे हकलाते हुए कहाँ भी अभी कल से घर पर नहीं आए और उनका फोन भी नहीं लग रहा हूँ । होने लगी भैया भी कल से घर पर नहीं आए और उनका फोन भी नहीं लग रहा । वो रोने लगी । वो की तुम रोना बंद करो में पांच मिनट में तुम्हारे घर पहुंचती हूँ । ठीक है परी तुरंत अपने कैबिन से बाहर आई । ऍम तो कहना में उनसे आकर मिलती हूँ । वो तो जाने वाले हैं मैं तो कैसे भी करके उन्हें रोककर रखना कहकर पडी । तेजी से हॉस्पिटल से बाहर निकल गई । बॅाल के पास बैठा उनसे बातें कर रहा था । धीरे धीरे उनकी तबियत में सुधार नजर आ रहा था मगर छोटू आने वाली असली मुसीबत से अनजान था । अंकल एक चम्मच और खाएंगे नहीं तो एनर्जी कहाँ से आएगी? छोटू ने सूप दिला रहा था । डॉक्टर ने कहा है आपको खून की कमी है कौन से? डॉक्टर ने कहा अंकल खासे उनसे कहना मैंने हस हस के इतना खून बढा लिया है कि मेरे मरने तक खून की कमी नहीं हो सकती है । छोटू मुस्कुराने लगा । बता है जहाज में क्या महसूस कर रहा हूँ । क्या दुनिया का सबसे बडा हूँ क्यों कैसे? क्योंकि मेरा लीवर खराब हो चुका है फिर भी जिंदा रहने की उम्मीद कर रहा हूँ । कम लोगों को नसीब होती है ऐसी खुशी एंजेल अंकल कहते कहते रुक गए । अब मैं मरने वाला हूं । करुँगी लगे ऐसा क्यों बोल रहे हैं आप तो क्या कर रुपये थे उन्होंने छोटू का हाथ था एक काम करो कि मेरा दोनों अंकल मेरे शाम को वापिस ले आना । उन की आगे बढ रहे हैं । हाँ आंकल छोटू इतना ही कह पाया बाहर कोई तुमसे मिलने आया है । चंदों का अंतर है । मुझ से छोटी झोपडी के बाहर आया । सामने मेरी बाइक खडी थी टू तो यहाँ से कर रहे हो साटी छोटू बोला यही सवाल में तुमसे करूँ । मैंने उसे घूरकर देखा । वहाँ तुम्हारे दादा की तबियत खराब हो रही है तो मैंने छोड कर यहाँ बैठे हो । तुम्हारा मोबाइल भी बंद आ रहा है । वो तो अच्छा हुआ । जो परिणय मुझे यहाँ का एड्रेस दिया नहीं तो कहाँ ढूंढा मैं तो मैं मुझे चलना चाहिए । इसीलिए तो मैं आया हूँ । चलो दोनों बाइक पर बैठे और हॉस्पिटल की तरफ निकल गए । एक बार एंजल अंकल से मिल नेता उन्हें बता देता कि अभी मैं जा रहा हूँ । छोटों ने मन में सोचा

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