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Chapter 18 in Hindi

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AuthorAmit Khan
औरत कभी उधार नहीं रखती। मौहब्बत,इज्ज़त,नफ़रत,वफ़ा सब दोगुना करके लौटाती है। ऐसी ही रीटा सान्याल थी। वह जितनी खूबसूरत थी, उतनी ही खतरनाक भी। अपनी माँ की तबाह हो चुकी ज़िन्दगी का बदला लेने के लिए उसने अपने दिमाग की बदौलत कई सारे ऐसे मर्डर की प्लानिंग रच डाली कि पोस्टमार्टम तक में साबित न हो पाया कि वह मर्डर है। कानून ने भी उन्हें साधारण मौत समझा। आखिर मैडिकल साइंस, पोस्टमार्टम रिपोर्ट्स और पुलिस इन्वेस्टीगेशन को कैसे चकमा दिया उसने? आपने सोचा भी न होगा कि किसी के मर्डर की इस तरह भी प्लानिंग रची जा सकती है। दिमाग का ज़बरदस्त चक्रव्यूह। यह बेहद शानदार थ्रिलर है, जिसे आप बार-बार सुनना चाहेंगे।
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अध्याय उठा रहा है । राजनीति में वो देने बडे भारी हंगामे का दिन था । लडके, लडकियों के झुरमुट के घर मत वहाँ जूडो कराटे की प्रैक्टिस कर रहे थे । हर किसी के अंदर बस एक ही अभिलाषा थी । वो कम से कम ब्लाॅक खोल रहे तो बन ही जाएगा । वो जूडो कराटे के ज्यादा से ज्यादा दांवपेच सीखें । रजिया बनी रेटा सानिया जैसी क्लब के अंदर फंसी तुरंत चारों तरफ से लडकी लडकियों ने उसे हाय हलो के संबोधन से विश्व करना शुरू कर दिया । आखिर वो उन सबके हिरोइन थी सब की चाहिए थी । इस दृश्य को देखकर वास्तविक रजिया भी मुस्कुराये बिना नहीं रह सके । सचमुच रीता सान्याल ने इतने का माल का में कब किया था की कोई भी उन पर शक नहीं कर पा रहा था । हम ऍम तभी तीन चार लडके लडकियों का एक झुंड रीता सान्याल की तरह पढा । आज आप अपनी तैयारी सहेली को कौनसे दाव सिखा रही हूँ? हाँ, जिससे दाव मैंने सिखाऊंगी फॅसने चाहे का जवाब दिया बल्कि आज बोलता करिश्मा होगा आज ये मुझे जूडो की दावपेच सिखाई कि लग गया हस बडी फॅमिली नहीं मैं पूरी तरह सीरियल सो स्वीट आसानी आज बोले दरअसल मेरी प्यारी सहेली अपने आपको जूडो कराटे में जितना अनाडी दर्शाती है, वास्तव में उतनी खिलाडी है नहीं बल्कि तुम लोगों को ये जानकर हैरानी होगी कि बहुत से दांवपेच तो ऐसे जानती है जिनसे मैं भी वाकिफ नहीं । अच्छा अनेक लडके, लडकियों के मुझसे विस्मयकारी सिसकारी छोटी बिल्कुल आज हम लोग खुद रिंग के अंदर इसका करिश्मा देख लेना । रिकाॅल बनी रजिया भी उस क्षण होठों ही होठों में मुस्कुरा रहे । फिर उन दोनों सहेलियों ने ड्रेसिंग रूम के अंदर जाकर अपने अपनी फॅमिली अब उनके शरीर पर जूडो कि सफेद गृहस्थी शीघ्र ही क्षण वो भी आया जब दोनों प्रैक्टिस करने के लिए रिंग में एक दूसरे के सामने उछल कर खडी हो गए । उन दोनों की फॅमिली देखने के लिए रिंकी चारों तरफ लडके, लडकियों का हुजूम सा जमा हो गया था । हर कोई उनके दांवपेच देखने को बेचैन हो घंटी बजते हैं वो दोनों एक दूसरे के ऊपर परंपरागत दुश्मन की तरह झपट पडा । कथित फॅमिली सबसे पहले उछल कर कथित खुरासिया के ऊपर हटाई थी । गिरी का बडा अच्छा प्रहार किया । कथित रसिया अच्छी, खुद ही कथित रीता सारे फिर चीजें की तरह के ऊपर झगडा लेकिन इस कथित रहता है नहीं अपने को पर उसका प्रहार रोका । इतना ही नहीं । उसने फॅमिली देखा लेकिन यहाँ कथित रजिया छूट गए क्योंकि उसे अच्छा कथित आॅफलाइन के चला दी थी । क्लाइमॅक्स सीधे कथित रजिया के पेट में नहीं तो तुरंत देखते हुए नहीं चाहिए । रेफरी कथित रजिया को नौ टाउन करार देता । उससे पहले कथित रजिया बिल्कुल इस तरह उछल कर खडी हुई जैसे आकाश का सीना चाक करके बडे जोर से बादल करते हो । कथित ऍम समझ पाती । उससे पहले कथित रजिया कि ऑफलाइन के एक का एक और एक खतरनाक अंदाज में घूमी तथा फिर कथित रीटर सान्याल की मर्मस्थल पर पे हाॅग से पढे ऍम क्लब को दहलाती चली गई । जिसने भी वो दृश्य देखा उसी के दहशत से नेत्र भट पडे । मर्मस्थल पर फ्लाइन कित लगते ही कथित ट्वीटर सान्याल के चेहरे पर अत्यंत असहनीय पीडा के भाव रहे थे । उसका पूरा शरीर पसीने से लथपथ होता चला गया । फिर अपनी मर्मस्थल को दोनों हाथों से पकडें धडाम से नीचे गिरी और गिरते ही उसने अपने हाथ में है फैला दिए । हरी मिस्टर को क्या हुआ कि कैसे गिर पडी पूरे फॅमिली चीखपुकार मच गई । लडके! लडकियों का झुंड तुरंत रिंग में कूद पडा और सब कथित रीता सान्याल की तरफ झपटे । जैसे ही उन्होंने उसके शरीर कुछ हुआ तक का ऍफ के अंदर असम की चीज है और गूंज गए । अरे ये तो मर गए दस मर गए । कथित रजिया के मुंह से निकलने वाली चीज सबसे भयानक थी । यही वह क्षण था जब पुलिस का एक दल धर धर आता हुआ ड्रॅाप के अंदर दाखिल हो । उस समय रसिया बनी डॅाल अपनी सहेली के शव से लिखती है लडकियाँ लेकर रोड नहीं थी । जाॅब के तमाम आदमी वहाँ जमा हो चुके थे । पुलिस की टीम को भी जब उस हौलनाक हादसे के बारे में पता चला तो वो भी चौंक गए । ये मेरी सहेली को क्या हो गया? फॅमिली कुलिस तरह विक्षिप्तों की भारतीय हो रही थी कि उसका रोना किसी से भी नहीं देखा जा रहा था । मैंने इसे मारा । मैंने इस की आप क्या किए? तो जब पाॅप मुझे फांसी पर चढा दो । ये शब्द कहते हुए रिटर सान्याल और ज्यादा हालत खार भार कर होने लगी । पुलिस इंस्पेक्टर जो उसके दर्द को समझ रहा था, उसने अपनी पीठ क्या उतारी तथा कैलाश के नजदीक पहुंचा । इलाज को देखते हुए पहचान गया कि वह फॅस क्या ये लडकी तुम्हारी सहेली है? पुलिस इंस्पेक्टर में पछाडे खाकर रोती थी तो आसानी से सवाल किया मेरी फॅमिली होती हुए ही का मेरी बडी प्यारी सहेली क्या नाम था इसका ऍम अब पुलिस इंस्पेक्टर के दिमाग में चिनगारियां ऐसी छोटी रीता शर्मा तो मैं से कहा मिली थी । इंस्पेक्टर ने तुरंत पूछा अभी कुछ दिन पहले ऍम के अंदर मेरी सिम मुलाकात हुई थी । रीटर सानिया निरंतर फिर किये । उसे रोते हुए बोली बहुत प्यारी लडकी थी । कुछ दिन के अंदर मेरी पस की न्यूज बन गई तो पुलिस इंस्पेक्टर के नेतृत्व सिकुडे यानी इसमें तो मैं भी बेवकूफ बना । ॅ के साथ साथ सबके आश्चर्यमिश्रित इनका है । इंस्पेक्टर की तरफ उठी ऍम जिस लडकी को तुम अपनी प्यारी सहेली कह रही हो और जिसका नाम रीता शर्मा बता रही हूँ । वो लडकी नहीं प्यारी सहेली बनने योग्य थी और न ही उसका नाम रीता शर्मा था थे । दरअसल इस लडकी का असली नाम रीटर सान्याल था । पुलिस इंस्पेक्टर बोला और ये एक बेहद खतरनाक अपराधी थी । तुम लोगों को ये सुनकर आश्चर्य होगा कि इस लडकी के ऊपर छह हत्याओं तथा एक सशस्त्र बैंक डकैती का एग्जाम था । ऍफ के अंदर किसी बम की तरह बातें जिसने भी ये बात सुनी वही अचम्भित रह गया । जीता सान्याल भी तुरंत होना भूल गई । इस समय वो लाजवाब एक्टिंग कर रही थी की ही है ही इतनी खतरनाक अपराधी थी । ऍम तुम नहीं जानती तुम्हारे कारण आज एक बेहद खतरनाक अपराधी का अंत हुआ है । पुलिस इंस्पेक्टर पूरा अगर ये लडकी जिंदा रहती तो अभी और न जाने कितने लोगों की हत्याएं करती । आज तुम्हारे कारण ही एक पुलिस फाइन पानी हुई । इस लडकी के ऊपर एक लाख का इनाम भी घोषित था । अब वही नाम भी तुम्हें ही मिलेगा । रीता सान्याल खिलखिलाकर हंस रही थी बिल्कुल पागलों की तरह जैसे उसे हसी का दौरा पड गया हूँ । उस समय उसके सामने टेबल पर वो एक लाख के नोट फैले थे जो मुंबई पुलिस की तरफ से उसे ईनाम दिए गए थे । हूँ हूँ । ऍम को हवा में लहराते हुए ही हमारे रास्ते से हट गई और मेरा सारा पुलिस एक और भी खत्म हो गया । मालूम मालूम पुलिस इंस्पेक्टर क्या कह रहा था । वो कह रहा था कि अगर ये लडकी जिंदा रहती हैं तो अभी और न जाने कितने औद्योग के हर क्या करती है वो शब्द कहकर रीटर सानिया ने जोर का ठहाका लगाया । मुंबई पुलिस की निगाहों में फॅमिली मर चुकी है । अब मुझे अपने पिछले गुना हूँ की कोई जानता नहीं । अधिक बिल्कुल नहीं । जिंदगी मेरे सामने खडी है चांदी सचिन अब तो मैं क्या करूँ कि क्या क्या करूंगा? अब तुम मेरे चेहरे पर राजिया के चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी करोगे और फिर ये ऍम जूलिया बनकर लेवॅल जिसके पास जाएगी आ जाएगी सौ करोड की विशाल प्रॉपर्टी की मालिक बन में हूँ फॅार ज्यादा जोर जोर से खिलखिलाकर हंस मिला की थी । सफलता नहीं उसे पागल बना दिया था । जबकि सचिनदेव का बेहद बहुत शक की निगाहों उसी उसी देख रहा था । उस दिमाग की जादू करने को उसी घर में आना और बडी अजीब घटना घटी । घटना कहने को बहुत मामूली थी लेकिन आगामी भविष्य में जाकर उसी मामूली घटना की वजह से कई बडे धमाके हो गए । दरअसल ट्वीटर सान्याल और फॅमिली इलाज का पोस्टमार्टम हो गया था और इस समय वो लाश मॉर्क में रखी हुई थी । लेकिन उस लाश को क्योंकि कोई क्लेम करने नहीं था इसलिए उसके अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी अब सरकार के ऊपर आ गई थी । उस मार्ग के दो चौकीदार थे छंगा और काली । उन दोनों का ही एक ही काम था । वो मुँह में रहकर लाशों की रखवाली कहते थे और जो लाश ई लावारिस होती थी उनके अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी भी उन्हीं के ऊपर थी । लोग कालिया बन भुनाकर बोला एक लावारिस लाशों आ रही है जिसका हमें हम तुम संस्कार करना होगा । मैं तो उस दिन को कोस टाउन का लिया भाई झगडा भी छोडकर पूरा जिस दिन मैंने इस कम्बखत मारी नौकरी को कबूल किया और कोई काम नहीं है । सारा दिन मुद्दों के बीच और फिर इन की रखवाली करते करते एक दिन खुद भी मर जाओ ऐसे बढिया काम तो सडक पर महिला उठाने का नाली साफ करने का, लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करने का काम तो और भी संकट है । सरकार मुर्दा फूकने के वास्ते सिर्फ पांच सौ रुपये देती है । कितने रुपये हुए तो काॅल ढंग से लकडियां भी नहीं आती जिस तरीके से मुर्दा फुक सके मैं तो कहता हूँ आप चला मुर्गा भी हमें गालियां बकता हुआ अब मुर्दा में गालियाँ बकरिया दो आए थे गालियाँ बोला अगर नौकरी करनी है तो ये सारा काम तो करना ही पडेगा । लाना पैसे त्रालय काम पर छंगा भुनभुनाता अब लानत मलानत भेजने से कुछ नहीं होगा । अब तो ये सोचो शाम को इस लडकी का अंतिम संस्कार किस तरह करोगे छंगा स्टूल पर शांत बैठे बैठे बैठे अकस्मात उसके दिमाग में ऐसा आइडिया कौन था कि उसके आंखे जगमगा होठी अंतिम संस्कार करने का बडा अच्छा तरीका है । कालिया भाई संगानी जोर से छुटकी बताइए क्या काली अभी लगभग कर उसके नजदीक का सरकार की तरफ से हमें दाहसंस्कार करने के जो रुपये मिलेंगे छंगाई का एक बेहद धीमी स्वर में फुसफुसाकर बोला तो इस से तो हम अपनी जेब में रख लेंगे और लाश का क्या होगा? उसे हम पास के कब्रिस्तान में ले जाकर दफना देते । इस साल खत्म आखिर हमने लाश का अंतिम संस्कार तो करना है । अंतिम संस्कार हो जाएगा । फिर मुझ को भी कोई परेशानी नहीं होगी । तो जो आप जली हालत में समझान घाट पर बढा रहे हैं क्यों कि क्या रहा हूँ मैं खा लिया भाई छंगा का प्रस्ताव सुनकर कालिया की छोटी छोटी कंचे जैसे आंखे भी जमा कोठी मानना पडेगा । गंगाबाई कालिया के होठों पर चित्ताकर्षक मुस्कान पडे तो दिमाग वाकई लाजवाब पाया । मैंने अपना तो भलाई भला और साथ में मुझे देगा भी वाला बिलकुल वो हस पडे । फिर जल्द ही वह लाश को कब्रिस्तान में दफनाने की तैयारियों में जुट गायक है । फिर क्या हुआ? क्या कब्रिस्तान में दफनाने रजिया की लाश में आगे चलकर कुछ हंगामा दिखाया? क्या कभी ये राहत खुला की वो लाश वास्तव में रीता सान्याल की नहीं बल्कि रसिया की थी । फॅमिली आना पहले इसमें पहुंचकर क्या क्या कैलेरी आना । गोंजालवेस को ये राज कभी पता चल सका कि वास्तव में उस की असली बेटी जूलिया मर चुकी है के पराठा मूलचंदानी और उषा अपने मकसद में सफल हुए या नहीं । बूटा राम का आगे के कथानक में क्या रोल था? काॅलाेनी आना गुंजाल, जिसका भी उतनी ही आसानी से मोटर कर पाई जितने आसानी से उसने जूलिया और रसिया को ठिकाने लगा दिया था । ऐसे और ऐसे याने एक सवालों का जवाब अब आपको मिलेगा हिंदी उपन्यासों के बेताज बादशाह अमित खान के आगामी उपन्यास तुम मरोगे मेरे हाथों में । यहाँ अमित खान के आगामी पहले उपन्यास का नाम है । तो मैं मरूँ कि मेरे हाथ हो तो मार होगी । मेरे हाथ हूँ कि उपन्यास चल थी । बुक काफी पब्लिकेशन से प्रकाशित किया जा रहा है । अब पेश है प्रस्तुत उपन्यास का आखिरी दृश्य । सचिन देवडा रीता सान्याल के चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी कर चुका था । अब बिलकुल रजिया नजर आ रही थी । खूब आ हो रहा है क्या इस समय अगर कोई भी रीता सान्याल को देखता तो उसके रजिया होने का ही धोखा खा था प्लास्टिक सर्जरी की उस प्रक्रिया में रीता साम्याल पूरे दो दिन था । घर के अंदर बंद रही थी । फिर जब दो दिन बाद वह बैठी चौल से बाहर निकली तो सीधे एक एसटीडी शो पर पहुंची और वहाँ से हुआ फोन मिला फॅालो तुरंत ही फोन लाइन पर एक पुरुष की भारी भरकम आवाज उठी मैं अनुपालन से बूटा राम बोल रहा हूँ फॅसे प्रसन्नता मिश्रत चीख निकली, पहचाना मुझे मैं मैं ऍम बूट आराम की मुझसे भी खुशी से भरी किलकारी छुट्टी ये ऍम बाबा मुझे अपने काम पर यकीन नहीं हो रहा है मैंने अब सालों बात भारी । आवास नहीं खास है सब कुछ सालों बाद बॅाल कि मुझे ठंडी आने के मैं भी तुम्हारी आवाज साठ साल बाद ही सुन्दरियों बुदाराम मेरी ऍसे बात कर रहा हूँ । मैं अभी बात कर रहा हूँ, अभी आना को बुलाया था । फिर दूसरी तरफ से बूटा राम की जोर जोर से चीखने की आवाज सुनाई देने लगी । खुशी से पागल हो गया था तो लेते आना गुंजाल इसको चलना चलाकर बता रहा था मैं बाबा का फोन हाँ ब्रिटिश तभी लेडी आना गुंजाल । इसका भी खुशी से भर रहा । स्वर टेलीफोन लाइन पर उभरा तो फॅमिली आई बोल रही हूँ । मैंने लेटर में लिखा था ना कि मैं गोहानी से एक दिन पहले आपको फोन करूँगा फॅस की मुझे खुशी से भरी किलकारी छुट्टी तो तो मैं ना पारस में आ रही हूँ । हाँ मैं बहुत कल का दिन मेरे लिए कितना सौभाग्यशाली दिन है । कल से आना प्लस की सारी खुशियां फिर लौटाएंगे । कलॅर जगमगा उठेगा । लियाना गोंजाल्वेस खुशी में पागलो की तरह नहीं जाने क्या क्या बोलती चली है । फॅमिली उनकी बातें सुनाती रहे । फिर उसने रिसीवर ऍम दिया ये तो समय बतायेगा आना । फॅमिली नागिन की तरह अबकारी कि कल का समय हमारे लिए सौभाग्यशाली है या फिर दुर्भाग्यशाली था । इतना ते है अब मेरे हाथों से मारो की और तुम्हारी आप क्या जूलिया की हत्या से भी कई यहाँ था, चालाकी की साथ की जाएगी अब बस मेरा कमा देखती हूँ । अब गोवा शहर के अंदर मेरी नई प्लानिंग के पत्ते पूछेंगे । लेकिन रेखा सानिया नहीं जानती थी कि चाहर आंखें उस क्षण भी उसकी एक एॅफ कर रही थी और वहाँ की थी किरपाराम मूलचंदानी और ऊषा क्या है

Details

Writer

Sound Engineer

Voice Artist

औरत कभी उधार नहीं रखती। मौहब्बत,इज्ज़त,नफ़रत,वफ़ा सब दोगुना करके लौटाती है। ऐसी ही रीटा सान्याल थी। वह जितनी खूबसूरत थी, उतनी ही खतरनाक भी। अपनी माँ की तबाह हो चुकी ज़िन्दगी का बदला लेने के लिए उसने अपने दिमाग की बदौलत कई सारे ऐसे मर्डर की प्लानिंग रच डाली कि पोस्टमार्टम तक में साबित न हो पाया कि वह मर्डर है। कानून ने भी उन्हें साधारण मौत समझा। आखिर मैडिकल साइंस, पोस्टमार्टम रिपोर्ट्स और पुलिस इन्वेस्टीगेशन को कैसे चकमा दिया उसने? आपने सोचा भी न होगा कि किसी के मर्डर की इस तरह भी प्लानिंग रची जा सकती है। दिमाग का ज़बरदस्त चक्रव्यूह। यह बेहद शानदार थ्रिलर है, जिसे आप बार-बार सुनना चाहेंगे।
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