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सोलवा भाग दिल में सही करना । वही दो अप्रैल दो हजार सोलह गली में चमचमाती कार आकर छोटों के घर के सामने रुकी । कई घरों की बालकनी से कई चेहरे मूह में ब्रश दवाई खार को ताग रहे थे । कार का हाँ तब तक बचता रहा जब तक छोटों ने खिडकी से नहीं झांका । छोटू दौड कर नीचे आया, पर एक कार का शीशा खुला । दस मिनट बाद मिलते हैं । कॉफी शॉप में कार के अंदर से आवाज आई नहीं । छोटों का जवाब था मतलब मतलब अगला कैसे चलते हैं? छोटों ने विनती की । दस मिनट में पहुंच जाना कहकर गाडी तेज रफ्तार से दौड के छोडो संस्कार को देखता रहा । जब तक वह कार उसकी आंखों से ओझल नहीं हो गई । घर पर कोई नहीं था । सब मंदिर गए थे । छोटू भी घर के अंदर चला गया । दस मिनट लेट परिंदे उसे फटकारा तो याद अत कब से बन गई? कौन सी लेट आने की सौरी छोटों ने मासूमियत से कहा मेरी तरफ से भी सौरी कल के लिए उनकी सौरी बोल रही हूँ । यह डिपार्टमेंट तो वर्षों से हमारा है । कौनसा सौरी वाला । चाहे गलती हो या नहीं हूँ, ऐसा कुछ नहीं है । कोई बात नहीं । छोटा कुर्सी खिसकाई और बैठ गया । छोटों की बेसब्र आंखे चमक रही थी । उसे अपने सारे सपने पारी की आंखों में साफ दिख रहे थे । ऍम हजका दिन यादे तो में पारी के अंदाज में लचीलापन था । हाँ आज मंडी है । छोटू ने दिन याद दिलाया । वेटर दो कॉफी कप टेबल पर रखकर चला गया । छोटू कॉफी के कपडों को घोडे जा रहा था और पारी उसको आज कुछ स्पेशल है । पर इन फिर उसी बात को दोहराया नहीं । छोटू अपनी तरफ से पूरा शौक था । अरे पागल, जब कोई लडकी इतनी घुमा फिरा के बाद कहे तो क्या समझना चाहिए? बुद्धू पर इन हिंदी तो मैं कुछ याद नहीं । नहीं तो छोटू बेफिक्र होकर बोला लडकियों को ऐसी बातें बहुत चुभती है, खासकर तब जब उनका जन्मदिन होता है । बरी क्या चाहती थी? छोटू जनाब इससे बेखबर थे । पर इन्हें बोलने से कोडी वह कुर्सी से उठी और जाने लगीं । छोटू ने कॉफी की बडी से प्ले तो मैं सच में नहीं पता नहीं । बाबा रियली विद्या कसम पारी जाने लगी । उससे अपना हैंडबैग उठाया । अच्छा मैं चलती हूँ कि जन्मदिन मुबारक हो । सामने से आते निकेट ने कहा बरी का चेहरा खेलो था इतनी देर से वो यही तो सुनना चाहती थी तो मैं पता था उससे अनिकेत से पूछा छोटू भैया बताए थे? जन्मदिन है तुम्हारा क्रिकेट सूट । वोट पहले दोनों के पास आया । अब कोई इतना सोचने पर मजबूर करेगा तो जन्मदिन के अलावा क्या हो सकता था । अब मेरी एंट्री हुई । फॅमिली उसके चेहरे का ग्लो एक दम फ्लो में था । मुझे काम था इसलिए मैं उनको बाय कहकर चला गया तो क्या है? मेरा बहुत ही गिफ्ट परी बोली छोटों की नजरे जुड गई । शॉपिंग मॉल, मूवी का प्लान या फिर कही फाइव स्टार होटल में खाता हूँ । मैं तो मजाक कर रही थी पर इन्हें समझदारी दिखाई कोई बात नही । मजाक में ही से ही अपनी और का तो पता चली । छोटों ने काफी खत्म की । अच्छा छोडो कोई और बात करें । परिणय बात पतली । छोटू अपनी नजरे उसे मिलने पा रहा था । उसके अंदर ही अंदर बुरा लग रहा था । ऍम परिणय उसका ध्यान बताया । कल में स्कूल का एल्बम देख रही थी उसमें तुम्हारी भी फोटो थी अच्छा परी छोटू का ध्यान खींचने में सफल हुई । हाँ वो वाली जिसमें तो मैं बेस्ट स्टूडेंट का अवार्ड मिला था । अच्छा फर्स्ट इयर वाले । वहाँ वही मुझे दिखाना, छोटों की उदासी फुर हो गई आना कभी घर पर कल तो आया था । छोटों ने घूरकर उसे देखा । जब आया था तो कर नहीं कि अब सामने से इनवाइट कर रही हूँ । उसके लिए मैंने माफी मांगेगा । कब मांगी? सबसे पहले ही मांगी थी तो भूल रहे हो? नहीं मांगी मुझे अच्छे से याद है अच्छा सॉरी यार पर इन्हें हाथ जोडे और कुछ कुछ नहीं । छोटों हस दिया । दो मिनट कोई कुछ नहीं बोला । गैस पे में भीड बढ गई थी । वो भी क्या दिन थे । पारी ख्यालों से बाहर आई जब दिन कुछ लंबे खूबसूरत होते थे जब हम दुनियादारी के कामों से अंजान थे । पढना लिखना । एक तरफ बस खाना बाहर खेला । वहाँ कोई टेंशन ही नहीं थी । उस वक्त छोटों ने हामी भरी । सपना महम से मिले हो तो परिणाम छोटों की तरफ देखा ही नहीं कि जब स्कूल छोड कर गई थी, उस दिन के बाद मैंने उन्हें कभी नहीं देखा । वो इसी शहर में है । सालों से तरीके आंखों में एक खुशी दिखी । उस दिन गलती मेरी थी । छोटू बोला कुछ पल के लिए दोनों के बीच खामोशी छा गई । एक बाल के लिए कॉफी शॉप एकदम शांत था । वक्त अपनी जगह पर ठहर गया । आसपास लोगों के चेहरे, मुस्कुराहट से भरे थे । सिर्फ उस तेरे को छोडकर जहाँ बरी और छोटू बैठे थे । मिलने चले उनसे एक दिन कल ही चलो । छोटू बोला एक बात पूछे हम तुम से पूछो तुम्हारा आगे क्या प्लान है? तरीका सीधा सवाल था । तरीका पूछना जायज था । आज करियर नहीं चुरा तो बाद में करियर हमें चुन लेता है । छोटू खामोश रहा । पारी बेसब्री से उसके अंदर के इंतजार में थी । कुछ रहें पारी को छोटों से ऐसी उम्मीद नहीं थी । मतलब पर इन से घोलकर देखा । कोई सपना तो होगा । तुम्हारी जिंदगी का अभी तक तो रही । छोटू ने सहजता से कहा । इस बारे में मैंने अभी तक नहीं सोचा । बस इतना है कि मैं कुछ बनने की बजाय कुछ करने पर ज्यादा विश्वास रखता हूँ । मुझे पता है कि मुझे क्या करना है । फिर जब करूंगा तो बंद तो अपने आप जाऊंगा । फिर भी कुछ तो होगा तुम्हारे दिमाग में छोटे में नजरे घुमाई मैं उडान भरना जाता हूँ । करी कैसी उडान एक लंबी ऊंची उडान मेरे सपनों की ने फेम सब कुछ मिले जिसमें दौलत हो, शोहरत हो, इज्जत हो आपने भी नाम का सिक्का चले जमाने में इतना काबिल बनना चाहता हूँ जिससे किसी का नौकर अनबनों उस मुकाम को पाने के लिए मुझे कुछ भी काम करना पडे । मैं इसके लिए तैयार हूँ । अगर उस उडान में तुम्हारे आपने नहीं हो तो क्यों नहीं होंगे जरूर होंगी । छोटों ने बडे आत्मविश्वास से कहा तो कब भरोगे उडान पता नहीं परिणय अपना हाथ छोटों के हाथ पर रख दिया । उसे छोटों का हाथ कसके पकड लिया । शायद वो ये कहना चाहती थी कि मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ । चले आॅनर्स का हाथ छोडा । दोनों अपने रास्ते निकल गए । दो मिनट बाद छोटों के मोबाइल पर एक मैसेज आया । ये पारी का मैसेज था डरना नहीं है, फिसलना नहीं है ही । दिल में सही है करना वही है । तुम्हारी उडान का इंतजार रहेगा । छोटों ने मैसेज पढा धीरे धीरे अपना कैसे आंखों से ओझल हो गया । तुम्हारी दादी बढ गई है उसे क्लीन कर लेना ऐसे लगता है जैसे की हिमालय से तपस्या कर के आई हूँ । छोटों को पारी की बातें याद आ रही थी । छोटों ने अपने चेहरे पर हाथ फेरा हर मुस्कुरा दिया