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अध्याय चौदह सुबह के उस समय सिर्फ साढे पांच बज रहे थे । हल्का हल्का उजाला चारों तरफ फैलना शुरू हो गया था । तभी हॉस्टल में एक ऐसी घटना घटी वहाँ तक घटी तमाम घटनाओं में सबसे बडी थी मैं ऍम नेपाली वाच । मैंने सुबह सुबह रेणुका चौहान के कमरे का दरवाजा बुरी तरह झिंझोड डाला । फॅमिली क्या हुआ अंदर से रेणुका चौहान की हिंदी से आवाज आएगी ऍम एक लडकी हो बडा हो क्या क्या ऍम का चौहान के मुझसे तीस सिसकारी छुट्टी फिर भडक से कमरे का दरवाजा खुला और बेहद हर बढाई से रेणुका चौहाण अपनी स्लीपिंग गाउन की दूरी कस्ती हुई बहाने की कहाँ बडी लडकी किधर? उधर मेन गेट के पास पडी ट्रेनों का चौहान फौरन तेजी से मेन गेट की तरफ दौडे । उसके पीछे पीछे नाइटवाचमैन भी रख का मेन गेट के पास पहुंचते ही रेल का चौहान के दिमाग में तेज धमाका हुआ । वहाँ एक लडकी सचमुच बडी अस्तव्यस्त से हालत में बेहोश पडी थी । उसके सारे कपडे बडे पे करती थी । चांगी ऊपर तक चमक रही थी । बाल बिखरे थे और चेहरा तीन हजार था । हरे बेहोश लडकी पर नजर पडते ही रेणुका चौहाण हैरत से बोले कि ये तो हॉस्टल की सबसे ज्यादा भोई । लडकी झोलियां यशवंत ये जूलिया यही मगर ये पीयूष कैसे हुई? मालूम नहीं मैडम नेपाली वायॅर में अभी भी आश्चर्य ही आशा था । मुझे तो यही नहीं वालों की कंपाउंड में कैसा है । क्यों क्या कमजोरी पडी थी? ऍम तेजी से बोला तो थोडी देर पहले किसी ने मेन गेट का दरवाजा था तब था मैंने ये सोच कर दरवाजा खुला की जरूर नाईट ड्यूटी पर गए । कोई लडकी वापस होगी लेकिन दरवाजा खोलने के बाद में क्या दिखता हूँ बाहर कोई नहीं ऐसे कैसे हो सकता ऍम फिर मेन के किसने थपथपाया मैं यही देखने ऍम कर के बाद में क्या? तथा फिर थोडी देर इधर उधर देखा लेकिन आस पास तो क्या बहुत दूर दूर तक कोई नहीं में वापस आया तो क्या देखता हूँ ये भी बेहोशी की हालत में यहाँ पडी है तो रेणुका चौहाण शशिकुमार में बोले इसका मतलब कोई उसी दरमियान इसे यहाँ डाल गया ये ऍम किसी ने जरूर तभी ऍम नाइट पहुंच मान का थोडा जोर जोर से बोलने की आदत थी । इसलिए उसकी चीखपुकार जैसी आवाज सुनकर तब तक कुछ और लडकियाँ भी जान गए थे । फिर धीरे धीरे पूरे हॉस्टल में जहाँ होने लगी मगर समझ बनी और ऍम नेपाली वर्तमान के चेहरे पर चिंता की लकीरें हो गए । आखिर इस लडकी को हुआ क्या ही बेहोश हो गए । मामला वाकई गंभीर नजर आ रहा है । रेणुका चौहाण भी परेशानी के भाव अपने चेहरे पर समिति घुटनों के बल बैठ गए । उसने जूलिया की आंखें खोलकर देखिए वो एकदम सफेद थी और मानव जीवन का कोई चिन्ह विशेष नहीं था । तभी रेणुका चौहान की नजर उसके होठों पर भी पडी जहाँ ढेर सारे झाग बनी हुई थी । हाईकोर्ट तो बहुत घर पर मामला नजर आ रहा है । तो क्या क्या हुआ हूँ तुम जल्दी से इसे उठाकर मेरे कमरे में नहीं चला मुझे इस्काॅन लेकिन तुम से जो कहाँ जा रहे वो कर हरियाणा जल्दी तब तक कुछ और लडकियाँ भी कंपाउंड में आ गई थी । फौरन नेपाली पहुंचवाने जूलिया की टांगे पकडी जबकि दो लडकियों ने उसकी पीठ और कंधे वाला हिस्सा पका लिया था । फिर वो जूरिया को लेकर तेजी से रेणुका चौहान के कमरे की तरफ दौडे । लडकियों का एक झुंड भी उनके पीछे पीछे दौडा । रीता सान्याल और रसिया अपने कमरे की खिडकी में खडी । दूर से ही वह सारा नजारा देख रही थी । रीता सान्याल के होठों पर उस समय बडी दिलचस्प मुस्कान थी । तुमने वाकई बिल्कुल सही आदमी पकडे थे । राॅय मुस्कुराकर बोली, उन्होंने अपना काम बखूबी कर दिखाया । तुम देखना ये बात कितनी जल्दी पूरे हॉस्टल में फैल जाती है कि जूलिया साधारण बन चुकी है । लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा था इस खबर के फैलने से तुम्हें क्या फायदा होगा । बहुत ज्यादा तो में फायदे के बारे में भी पता चल जाएगा । आओ फिलहाल माइक्रोफोन पर रेणुका चौहान के बातचीत सुनते हैं । माइक्रो फोन पर ऍम ग्रेटर सानिया के होठों की मुस्कान और गहरी हो गई । मैंने कल शाम हॉस्टल की वॉर्डन रेणुका चौहान के कमरे में जाकर फ्लावर पॉट के अंदर एक माइक्रोफोन डाल दिया था । वो माइक्रोफोन काफी शक्तिशाली है और उस की रेंज भी बहुत है । हम उसी माइक्रोफोन के जरिए हमें वह सारी बातें सुनाई देंगी जो रेणुका चौहान के कमरे में होने वाली है । वाॅक तुम्हारे दिमाग का सच जवाब नहीं ऍम कहीं ऐसा ना हूँ । हमारी कुछ बातें नहीं कर चाहे नाथी कॅाल टाॅल काफी बेसब्र होने लगती हूँ । वो दोनों सहेलियां मुस्कुराते हुए अंदर कमरे में रखी उस दूसरे माइक्रोफोन की तरफ बढ गई जिसपर उन्हें अब सारी बातें सुनाई देने वाली थी । रेणुका चौहाण के चेहरे पर बेचैनी काफी बढ चुकी थी । खास तौर पर यूलिया के होठों के पास सफेद सफेद झांकों के निशान देखते ही तो उसका दिमाग काफी खराब हो गया था । तब तक नाइटवाचमैन और हॉस्टल के दोनों लडकियाँ जूलिया के बेहोश शरीर को एक टेबल पर लिखा चुके थे । अब तुम लोग पीछे आ जाओ पीछे फिर रेणुका चौहान ने जल्दी से जूलिया के पास पहुंचकर जूलिया की जबान देखी । उसकी आंखों के सपोर्टी कुछ टटोल टटोलकर चाहिए उम्र के नाखून देखे महल बहुत रेणुका चौहान के मुझसे का एक भाई प्राध् आवास लिखी लडकी तो पक्की ड्राॅप बन चुके हैं ऍम जैसे वहाँ कोई बम फटा सभी लडकियाँ चौक गई आपको जरूर कोई बहन और ऍम एक लडकी भारत मुद्रा में पोलिंग जो लिया जैसे होली लडकी ड्रॉप जैसा खतरनाक नशा कैसे ले सकती है । लेकिन अफसोस तो इस बात का है कि ये लडकी न सिर्फ नशा ले रही है बल्कि नशा लेते लेते ये इस तक पहुंच चुकी है कि अगर इसे नशा न मिले तो ये छटपटाने लगेगी और फिर छटपटा छटपटाकर ही दम तोड देगी तो अच्छा है कि इसे होश नहीं है और ऐसी हालत में मर जाए तो मैं एक साथ कई लडकियों के मुझे चीज नहीं । वहाँ तंग की लहर दौडते चली गई हूँ ऍम रीता सान्याल एक आई कितना जोर से खिलखिलाकर हंसी जैसे उसे हंसी का भयानक दौरा पड रहा हूँ वाॅक फॅमिली तो एक ही बार में आसान हो गया राॅय माइक्रोफोन अपनी चीन में उछल कर रहा हूँ । मैं तो ये समझ रही थी कि जूलिया को मुझे कम से कम तीन चार बार इसी तरह थी । करवाना पडेगा तब कहीं जाकर हॉस्टल की वार्डन को ये समझ आएगा कि जूलिया कि ड्राॅप बन चुकी है लेकिन एक बडा भयानक खतरा भी इस समय हमारे सिर पर मंडरा रहे सुविधा कर दिया, गंभीर मुद्रा में हुई जिसकी तरफ से तुम अभी पूरी तरह जान हूँ । खतरा सीट आसानी क्योंकि ऐसा खतरा सरासू हूँ । थोडी बहुत देर में जूलिया को होश आने वाला होगा यूलिया को जैसे हो जायेगा और जब रेणुका चौहाण उसे ये बताएगी कि तुम ड्राॅप बन चुकी हो तो क्या जूलिया चौकी की नहीं उस हालत में क्या वो रेणुका चौहान को ये नहीं बता देगी कि उसने तो आज तक कभी नशा नहीं लिया था तथा वो तो सिर्फ रीता और रजिया के कहने पर एक डाॅट लडकी की आर्थिक कर रही है और और उसके बाद रेणुका चौहाण सबकुछ भाव चाहेगी की वास्तव में उसे नशे के गर्त में धकेलने वाली हम दोनों लडकियाँ चिंता मत करो और ज्यादा लेंगे जीता साल के होठों पर बडी मनमोहक मुस्कान पहले वही राज कभी किसी को नहीं बता पाए की क्यूँ दस या चाहूँ कि ऐसा क्या करोगी तो मैं क्या करूंगी ये भी तुम्हें अभी पता चल जाएगा । सुबह मेरा कमाल देखती हूँ । ऐसा समझ नहीं पा रही थी कि जीटॅाक क्या करेगी? हाँ इतना वो जरूर भाग चुकी थी कि वो लडकी कोई बडा कदम उठाने वाले हैं । कोई हंगामा केस था अगले ही पल रीता सान्याल योजना बद्ध अंदाज में पागलो की तरह चीखती चिल्लाती हुई बॉर्डर के कमरे में खुसी उस क्षण उसके चेहरे पर हवाइयां उड रही थी । आंखों में ऐसी दहशत थी मानो कोई बहुत बडी घटना घट गई हूँ । उसके जिस्म का एक एक पुर्जा कहाँ रहा था । डाॅन जानती थी इस समय वह डरी हुई लडकी की लाजवाब बातें कर रही है है कि क्या हो गया हॉस्टल की कुछ क्यों नहीं? तुरंत दौड कर उसे पता है क्या हो गई? बच्चे तो मुझे ऍम भाग कर चीफ में चलाने लगी । मैं पूरे ऍम करती हूँ मेरी सहेली की इतनी बुरी हालत हो गई और किसी ने ध्यान ही नहीं दिया । कोई हॉस्टल के अंदर से मेरी सहेली का कितना करके ले गया और यहाँ किसी को कुछ पता नहीं चला । मैं मैं अभी पुलिस को फोन करती हूँ की नाथ रेणुका चौहान के दिमाग में धमाका हुआ वो तुरंत रीता सानिया की तरफ छपती । ये ऍसे तुम्हारी सहेली का कितना किया गया? मैं कहती हूँ ऍम जोर जोर से चिल्लाती हूँ बोली हालत कहते हैं बिना किसी के कितना क्या मेरी भोलीभाली सहेली इस हालत तक नहीं पहुंच सकती थी । तुम्हें वहम हो गया है । रेणुका चौहाण इस बार थोडे तीखे जैसे में बोली जानती हूँ जो लिया ड्राॅप बन चुकी है हूँ । ट्वीटर सानिया बुरी तरह चौकी जैसे उसमें कोई विस्फोटक बहुत सुन लिया नहीं मैं फिर बहुत ज्यादा आतंकी व्यवस्था में बढ बढाई है । ऐसा नहीं हो सकता ऍम झूठ बोल रही हूँ । मेरी इतनी प्यारी सहेली कभी ऍफ नहीं बन सकती मैं मैं पुलिस को फोन करती हूँ । अब पुलिस स्वास्थ की गुत्थी को सुलझाने की ये शब्द कहते हुए रीटर सानिया तेजी से वहीं रखे टेलीफोन की तरफ छपटी जबकि रेणुका चौहाण अब सकपकाई इस बहुत नहीं उसके दिल में डर पैदा कर दिया कि अगर कहीं और बेवकूफ लडकी ने वास्तव में ही टेलीफोन करके पुलिस को वहाँ बुला लिया तो फिर पूरे हॉस्टल का सत्यानाश हो जाएगा । ये बात सारे देश के अखबारों में छप जाएगी कि कस्तूरबा ऍफ हॉस्टल की एक लडकी धनागार एक बन गई । रेडक्रॅस पुलिस का नंबर डाल करती उससे पहले ही रही हूँ का चाहने तौर कर उसे पकडा बीती ये तुम क्या पागलपन से भरी हरकत कर रही हूँ । रेणुका चौहान ने उसे समझाने की कोशिश की क्या तुम जानती नहीं की इस समय तुम्हारी सहेली बीमार है । उसकी हालत सीरियस है । मैं सब जानती हूँ पीता सानिया फिर जोर से चलाए सब मालूम है मुझे मैं ये भी जानती हूँ कि मेरी सहेली की सीरियस हालत तक पहुंचने के लिए ये हॉस्टल ही जिम्मेदार है । इस हॉस्टल की सुरक्षा व्यवस्था जिम्मेदार है । मेरी इतनी अच्छी सहेली का इस हॉस्टल के अंदर से कितना किया गया । लेकिन आप इस बात को छुपाना चाहती इसलिए आप मेरी सहेली को झूठा ब्लॅक घोषित कर रही हैं जिससे कि पुलिस उल्टा उसे इस मामले में फंसा देखते मैं जानती हूँ की डाॅट होना बहुत बडा अपराध है । लेकिन मैं अपनी सहेली को इस झूठे अपराध में नहीं फंसने दूंगी । उससे पहले मैं ही पुलिस के सामने ठीक ठीक कर आपकी सारी कलाई खोल दूँ । मैं पुलिस को बताउंगी की इस हॉस्टल के अंदर रखकर लडकियों को डाॅट बनाया जाता है । मिट्टी शांत हो जाओ । शाम शाम रेणुका चौहाण क्या पूरी तरह छक्के छोड चुके थे । यहाँ कोई किसी को ड्राॅ बनाया था । तुम्हारी सहेली अभी होश में आ जाएगी और फिर होश में आने के बाद वो जो कुछ कहीं की उसके बाद खुद खुद सारे रास्ते पर हो जाएंगे । फिर वो अपने आप तो मैं बता देगी कि उसका किसने कितना किया या फिर उसे ड्राॅप बढाने के पीछे किसका हाथ है । थोडी थी सब्र करो बेटी अभी सारी असलियत खुलने वाला है । नहीं नहीं मैं कुछ नहीं सुनना चाहती है । मैं नहीं चाहती कि वह होश में आने के बाद आप में से किसी से कुछ भी बात करें । मुझे तो ये डर लग रहा है कि कहीं आप सबकी से पुलिस को ना बुलाने और इस बेचारे कुंठा कारण घोषित करते हैं । इससे अच्छा तो ये है कि मैं खुद यहाँ पुलिस को बुला लो, यही ठीक रहेगा नहीं, पुलिस को बुलाऊंगी पीटर सानिया फिर टेलीफोन की तरह सकती हैं । बेटी साल पूजा हूँ, शांत हो जाओ तेल का चौहान ने फिर ऍम मैं तुम्हारे यहाँ छोडती हूँ । उससे ठीक ये सारे हॅाल का सवाल है । हम पता लगाएंगे कि लडकी कैसे प्रकार बनी । देखो ऍम किस हॉस्टल में कितने कितनी दूर से कितनी भी सहारा लडकिया रहने के लिए आ रहे हैं । अगर पुलिस ने इस हॉस्टल को सील कर दिया तो ये बेचारे कहाँ चाहेंगी? कहाँ रहेंगे सर? देखो इन की तरफ रेणुका चौहाण दूर खडी यहाँ को लडकियों की तरफ उंगली उठाकर पूरी अच्छी बात है । रीता सानिया इस तरह बोली जैसे रेणुका चौहाण पर कोई बहुत बडा एहसान कर रही हूँ लेकिन उसके आंखों से निरंतर अश्रुधारा बह रही थी । अगर ऐसा है तो हाथ जोडकर एक प्रार्थना मैं भी आपसे कस्ती बोलू तो जो कहूँ कि हमें कबूल होगा आपके चुपचाप मेरी सहेली को यहाँ से उठाकर मेरे कमरे में शिफ्ट करवा देंगे । खुद अपनी सहेली के दिलोजान से सेवा करेंगे । किसी घोर संकट से उबर होंगे । लेकिन मैं नहीं चाहती कि मेरी सहेली की बदनामी अब और फैले अधिक हैं जिनका जहाँ बोले मैं अभी जो लिया को तुम्हारी कमरे में शिफ्ट करना है । इसके अलावा ऍम बोलो मेरी सहेली कुछ घोषणा चाहिए तो कोई से ये नहीं बताया की ये ऍम बन गई है । खुद से अपने आप संभाल लुंगी और तीरे तीरे साइकलॉजिकल तौर पर किसी बीमारी से छुटकारा दिला देंगे । ठीक है हमें से कोई से कुछ नहीं बताएगा । फिर इससे पहले की जो लिया होश में आती है । हॉस्टल के नाइटवाचमैन और कुछ लडकियों ने उसे उठाकर कमरा नंबर दो सौ तीन में शिफ्ट कर दिया । इस तरह रीता सान्याल अपनी एक और चाल को अंजाम देने में सफल रही । सचिन देवडा ऊषा के बारे में सोच सोच कर परेशान था । मुझे इतना ऊषा के बारे में सोचता था उतनी ही उसकी सांसे तहत थी । उतने ही उसके दिल में अरमान मचलते थे कि वह किसी ना किसी तरह उसकी बाहों में अच्छा है । हालांकि ऊषा, रीता, सानिया के मुकाबले कुछ नहीं थी । नाटो उसके यौवन, कलश की रीटा सानिया की तरह भूकंप कार्य थे और ना ही वो इतनी सुंदर ही थी । लेकिन भी उसमें कुछ था कुछ खास हो जैसा जो सचिन देवडा को पागल बनाया हुआ था जिसकी वजह से सचिन देवराव से हासिल करने के लिए मरा जा रहा था । पूछा में सबसे बडी खूबी तो इस वक्त यही थी कि वह सचिन देवता को हासिल नहीं थी और जो चीज हासिल नहीं हो जैसे हासिल करने के लिए इंसान तडप रहा हूँ । उसका आकर्षण वैसे हजार गुना ज्यादा होता है ना हासिल हो रही चीज के लिए जद्दोजहद करने का । उसे हासिल करने के लिए लडने का अपना ही एक अलग आनंद है । इंसान की नजर में हमेशा उस चीज की अहमियत बहुत और ज्यादा होती है जिस चीज को पाने के लिए उसे लडना पडता है । अपना खून पसीना एक करना पडता है । यही वजह थी कि सचिन देवडा, रीता सान्याल जैसी हासिल प्रेमिका को छोडकर इस समय ऊषा नाम की दो टके की छिनाल औरत के पीछे कुछ तय की तरह लार टपकाता घूम रहा था । इस समय उसकी कॉन्फ्रेंस पर बस एक ही बात हुई थी किसी तरह ऊषा उसे हासिल हो जाए । किसी तरह बस उसका भरता बनाते हैं । वो लेता था तो उसे ऊषा नजर आती थी, बैठता था तो उसे हो जाना चाहती थी । उसके चारों तरफ शाही उषा थी । दोपहर के तीन बज रहे थे । सचिन देवडा और समय खिडकी के सामने बैठा हुआ था और ऊषा की बैठी चौदह को देख रहा था । आज सुबह से उषा उससे मिलने एक बार भी वहाँ नहीं आई थी । पैसे भी किरपाराम मूलचंदानी सुबह से घर में था क्योंकि सचिन देवडा की नजर में ऊषा का डाला था लेकिन ठीक एक बजे वहाँ से किरपाराम मूलचंदानी भी अपनी टोपी वगैरा लगाकर जा चुका था । उसकी जाने के बाद तो कम से कम पूछा को वहाँ नहीं चाहिए था लेकिन वो नहीं आई थी । यही बहुत सचिन देवडा को बेचैन कर रहे थे । जवाब सरकार उससे सवरना हुआ तो बैठे चौल से बाहर निकला और पडोसियों की निगाहों से बच्चा हूँ । चुप चाप ऊषा के घर के सामने जहाँ पहुंचा उसने दरवाजे को आहिस्ता से अंदर धकेलकर देखा तो पाया कि दरवाजा बंद नहीं था । वह कॅरियर की आवाज करता हूँ होता चला था । सचिन देवरा ने तवे पहांग अंदर कदम रखा । उसने उषा की तलाश में इधर उधर नजर दौडाई लेकिन वहाँ से कहीं नहीं दिखाई थी । तभी उसकी नजर बाथरूम पर जाकर अटक गई । मात्र उनके अंदर से खूब तेज शावक चलने की आवाज जा रही थी और साफ लग रहा था की कोई बाथरूम में नहीं आ रहा है । जरूर ऊषा थी । सचिन डेवलॅप बाथरूम के पास पहुंचा और उसने दरवाजे की झेल फ्री में से अंदर झांका । तुरंत उसका पूरा शरीर खडक गया । अंदर बाथरूम में उषा शावर के नीचे बिल्कुल नंगी खडी थी और शाम का पानी उसके यौवन कलेशों पडना जाने कहाँ कहाँ से होकर गुजर रहा था तो सचिन देवरा ने अपने शुष्क होठों पर जुबान भेजे । उसकी नजर पहले ऊषा के भारी भरकम उरोजों पर जाकर अटकी तथा फिर उसके शरीर के निचले हिस्से पर जाकर अटक गई । उसने बाथरूम का दरवाजा हिस्सा से होगा तो पाया कि उस दरवाजे की सिटकनी भी अंदर से लगी हुई नहीं थी । सचिन देवडा की सौं और जोर से बात नहीं लगी । उसने एक मात्र का दरवाजा खोल डाला और ढूँढ खडा हुआ ना चाहता हूँ मैं पूछा की कृपा है । विधायक चीख निकल गई नहीं पूछा नहीं फौरन झपट कर रही । खूंटी पर लटक रहा तो लिया होता लिया और उसने जल्दी से अपनी जिसमें उठाएगा । सचिन देवरा ने भी फौरन झपट करूँगा को अपनी बाहों में भाई हूँ । मुझे कुछ जोर से छटपटाए तो आज तो मैंने पृथ्वी नहीं होना । सचिन देवता किसी वहशी दरिंदे की तरह बोला आज तो मैंने थे रात क्या पहुंचाकर डालना पड थी । जानती है ना दिया पहुंचा किसे कहते हैं पाँच हुए हूँ । उस माहौल नागपुर में बोले छोडा मुझे छोडो अगर किसी ने हमें ऐसी संगीत हालत में देख लिया तो हो जाएगा सारी छोटे से मेरा गला का डालेंगे ऐसी नौबत नहीं आएगी । सचिनदेव मुस्कराया उसके हाथ बडी बेचैनी सी ऊषा की नंगी पीठ पर घूमे । बस से पहले मैंने दूसरे छोटे से तेरह अंदर चीरा लगा देना भाई, आज बात मत करो । यही वह क्षण था सचिन देवरानी उसके दोनों गुदाज उरोजों के बीच में हाथ डालकर तो लिया एकदम कस कर पकडा तथा फिर उसे झटके से अपनी तरफ खींच लिया । ऊषा पुनः बिलकुल निर्वस्त्र हो गए ये ये क्या कहते पूछना चाहिए ऍम वाले हैं अभी नहीं आने वाली थी । सचिन देवरानी ऊषा के दोनों गुदाज उरोजों को अपने सीने के साथ कसकर भी पागल मत बनो । पूछा पुनः हिस्सा से चिल्लाकर बोले वो छटपटाई फॅमिली में काम से गए तो किसी भी क्षण वापस आने वाले हैं । मेरा बेवकूफ मत बना । सचिन देवरा ने अपने दहकती हूँ पूछा के होठों पर रखें ऍसे किस महादिक भाई बातचीत निकली सचिन देवडा के बंधन भी ढीले पढ उसने भी एकदम हकबका का पीछे देखा । उसी क्षण ऊषा चिकनी मछली की तरह फिसलकर सचिन देवता कि वह उसे आजाद हो गई तथा फिर खिलखिलाकर ऐसे हूॅं से निकल रहा हूँ । सचिन देवरा ने पुनः झपट कर उसे कब जाना चाहती हूँ । लेकिन उससे पहले ही उषा दूसरे कमरे में जा घुसी तथा फिर उसने बडा के आवास के साथ अंदर का दरवाजा बंद कर लिया । दरवाजा खोलो, उषा सचिनदेव रहने झंझट ऍम दरवाजा खुला पूछा की बडी खनन गांॅधी रहे हो । सचिन देवता का देवकू बनाकर उसे असीमानंद प्राप्त हो रहा था । सचमुच बहुत खुराफाती औरत थी, किसी को अपना प्यार खिजा अच्छे जाकर देने में ही उसे अपनी जीत महसूस होती थी । जब की उसकी उन्हें खुराफातों की वजह से सचिन देवडा की तौबा बोली पढे थे । उस दिन खून के घूंट पीता हुआ था । उषा को हजार हजार गालियां बकता हुआ उसकी बैठी चौबीस से बाहर नहीं किया । जूलिया की भी घोषित होती उसके मुँह से पहले बहुत धीरे धीरे कर राहा निकली तथा फिर कराहते हुए ही उसने अपनी आखिर हुई मैं कहा हूँ तो मैं इस समय अपने कमरे में हो गई थी । बेटा सान्याल बडे प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरते हुए बोली और बिल्कुल ठीक हूँ । लेकिन मुझे क्या हो गया था मुझे हैरानी से कभी वीटर सान्याल को तो कभी अपने पास बैठे दसिया को देखते हुए बोले फॅमिली ऍम घूम रहा हूँ तो मैं कुछ नहीं हुआ । अभी भी फॅमिली बल्कि आज तुम्हें कमाल कर दिया है । एक्टिंग के मामले में पूरे हॉस्टल के अंदर हंगामा का डाला था । ऐसा क्या क्या महीने स्वीट घट आज तुम्हें हॉस्टल की तमाम लडकियों के सामने डाॅट लडकी की ऐसी शानदार एक्टिंग की सब चक्कर में पड गए । यहाँ तक कि हॉस्टल की वॉर्डन रेणुका चौहाण तो यही समझने लगे कि तुम हाॅट लेने लगी हूँ संभाले जो हूँ लेकिन मुझे तो कुछ याद नहीं । ऍम कहते कहते तो मैं पत्थर से टकरा गई थी अगर बेहोशी के कारण तुम सब कुछ भूल गई हूँ हम ठीक कहा तुम्हें जरूर इसी वजह से मुझे कुछ भी आप नहीं । लेकिन ये तो बहुत बडी गडबड हो चुकी है । अगर हॉस्टल की वार्डन मुझे ड्राॅ समझने लगी है तो फिर वो मुझे दोस्तों से भी निकाल सकती ऍम बहुत जोर से खिलखिलाकर हंसी ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला । दिया ऍम सबको बाद में समझा दिया कि तुम वास्तव मैं एक्टिंग कह रही हूँ और तुम्हें ड्रग बना रहा । कुछ भी लेनी शुरू नहीं की उन्होंने ये बात मानी माननी थी आखिर मैंने ये बात तरीके से उन लोगों को समझाई थी बल्कि जब हॉस्टल की कुछ लडकियों को ये पता चला कि तुम वास्तव में गॅाड की क्या एक्टिंग कर रहे हो तो उन्होंने तुम्हारी एक्टिंग की खूब जमकर तारीफ भी की । जैसा बोले तुम्हारी एक्टिंग को देखकर हॉस्टल की वॉर्डन तक फिदा हो गई । बाद में वो भी कुछ लडकियों से तुम्हारी एक्टिंग की तारीफ कर रही थी । जूलिया के आंखों में अब छमक कौन थी? वो बिस्तर पर उठ रहे थे । हालांकि उसके हाथ ता हूँ, अभी भी दर्द कर रहे थे लेकिन इस बात में उसके अंदर उत्साह भर दिया था । किसने ऐसी लाजवाब एक्टिंग की है? मेरी ऍम मुस्कुराई और अपनी प्लानिंग का अगला पत्ता फेंकते हुए बोले कैसी बात तो मैं फिर मैंने तुम्हें नशेडियों के क्लब में रात को दूधिया रंग का डिस्टिल्ड वाटर दिया था । अब बिलकुल याद है क्या? बोले तो मुझे हेरोइन का इंजेक्शन बता रही थी । एक दम सही मैंने उसे ऍम बता करे तो मैं लगाया था । जबकि हकीकत में तो सिर्फ डिजिटल होता था लेकिन तुम उसे हेरोइन का इंजेक्शन समझे भी हिरोइन के इंजेक्शन की खासियत होती है क्या? अगर कोई एक बार हेरोइन का इंजेक्शन ले लेता है तो फिर वो उसका आदि बन जाता । डॅाल बोले थे तो हर चौबीस घंटे बाद उसे हेरोइन का इंजेक्शन चाहिए । अगर चौबीस घंटे बाद उस आदमी को हेरोइन का इंजेक्शन ना मिले तो वो पूरी तरह छटपटाने लगता है । सीखने लगता है सिन्हा ने लगता है सामान्य इधर उधर फेंकने लगता है यानी उसकी हालत बिल्कुल पागलों जैसी हो जाती है । तुम कहना क्या चाहती हूँ आॅल मैं तुमसे से ये कहना चाहते हैं जो लिया बीवी की तुम यही समझो की राहत तुम्हें हेरोइन का इंजेक्शन लिया था और आज रात को जैसी चौबीस घंटे का टाइम पूरा हो तुम बिल्कुल इसी तरह चीफ में चिंघाडने लगना । सामान इधर से उधर पेट में लगता और खूब जोर जोर से चिल्लाकर हेरोइन का इंजेक्शन मांगना फिर देखना । पूरे हॉस्टल के अंदर कितना मजा आएगा । तमाम लडकियों के सामने तुम्हारी एक्टिंग की धाक जम जाएगी । हर कोई तुम्हें बेहतरीन अदाकारा समझने लगेगा और सब की नजर में तुम्हारे सम्मान में भी इजाफा होगा । बात तुम्हारी काफी हद तक ठीक है । जूलिया के आंखों में कुछ और छमक पढे लेकिन एक बात का ध्यान रहे जो भी मैंने कहा हूँ किस बात का हंगामा बाद सबर दस पैमाने पर होना चाहिए । पूरे हॉस्टल में तूफान साहब अगर देखा जाए तो ये तुम्हारी सही मायनों में इम्तिहान की घडी होगी । अभी तक तुम ज्यादातर हम दोनों के सामने एक्टिंग कह रही थी लेकिन ये तुम्हारा फर्स्ट टाइम पब्लिक होगा हूँ हूँ जो लिया भी मुस्कुराये । मैं हंगामा जबरदस्त पैमाने पर करूंगी और अपने इस पब्लिक शो में नंबर से नहीं बल्कि पुलिस सौ नंबर से पास होकर दिखाउंगी वॅाक की इंसान के अंदर ऐसा बुलंद जज्बा होना चाहिए । यानी आज की रात तुम्हारी एक्टिंग की एक और बुलंदी देखने को मिलेगी । बिल्कुल फिर हीटर सान्याल ने बातों ही बातों में जूलिया के सामने आना पहले इसका जिक्र छह दिया था । उस से आना पहले इसके बारे में खूब खूब खोदकर सवाल करने लगे । उस दिन भी रीटर सान्याल को आना । पहले इसके बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हुई । जैसे जब जूलिया छोटी थी तो बूटा रहा । हम उसके साथ अक्सर बैडमिंटन खेलता था और हमेशा उससे जान बुझकर हार भी जाता था । इसके अलावा आया पैलेस में उस समय सफेद अंक एक इम्पाला गाडी भी हुआ करती थी जिसमें बैठकर लेडी आॅफिस जाती थी । इस सब के अलावा जूलिया ने घर के नौकर चाकरों के बारे में भी उस दिन की ये सारी बातें बताई उनके नाम बताए । कुल मिलाकर बेटा सान्याल कब आना पालस के बारे में काफी मालूमात हासिल हो चुकी थी । उसी दिन ऍम क्लब की मेंबर बन गए । दरअसल उस क्लब में तब तक कोई भी लडकी जूडो कराटे की प्रैक्टिस नहीं कर सकती थी जब तक कि उस क्लब की मेंबर ना बन जाता है । क्लब की मेंबरशिप हासिल करने के लिए कुछ फीस जमा करनी पडती थी और एक फॉर्म भी भरना पडता था । रिकाॅल फॉर्म भर रही थी तो उस फॉर्म में कैसे शर्त लिखी थी जिसे पढकर रीता, सानिया क्योंकि बनाना रह सकें । फॉर्म में लिखा था अगर क्लब में प्रैक्टिस के दौरान किसी गलत जगह पाँच लगने से मेरी मौत हो जाते हैं तो इसके लिए किसी भी आदमी को तरदायी न माना चाहे ये स्वाभाविक मृत्यु होगी और अपनी इस तरह की मृत्यु के लिए मैं खुद जिम्मेदार हूं । ये शहर पड करिअॅर फुलबडिया अनोखी शर्त है । रजिया बोले लेकिन जिस तरह का ये क्लब है उस हिसाब से ये बिल्कुल सही शहद है हूँ क्यों सही शर्त क्यों ऍम कराते? क्लब में पहले ऐसी कई घटनाएं घट चुकी हैं जब फाइव प्रैक्टिस करते करते किसी को जाना गलत जगह पाँच लग गया और वहीं ऑन द स्पॉट उसकी डेथ हो गई । शुरू शुरू में इस तरह की मौत से यहाँ बहुत हंगामा मचा था । पुलिस के इस तक की ना बताई थी लेकिन गलती क्योंकि किसी की नहीं होती थी इसलिए खुद पुलिस उलझन में पड जाती थी कि वह क्या करें क्योंकि फाइव प्रैक्टिस करते करते किसी को भी गलत जगह पाँच लग सकता है, बिना किसी गलत इंटेंशन के लग सकता है । इसलिए पिछले कुछ सालों से क्लब के मैं मुझे फॉर्म पर ये शर्त लिख दी गई है कि अगर प्रैक्टिस के दौरान मेम्बर की मृत्यु हो जाए तो इसके लिए किसी को भी उत्तरदायी ने माना जाए । फॅमिली यानी अगर मेम्बर के साथ क्लब के अंदर ऐसी कोई घटना घट जाती है तो उस हालत में ये मेंबरशिप फॉर्म उस मेंबर का इकबालिया बयान बन जाता है तथा फिर पुलिस के इसके अलावा नहीं आती करे । फिर सुबह कई क्लब के मालिकों ने इतनी बडी समस्या का बडा अच्छा हल निकाला । रिकाॅल के आंखों में शैतानी नमक कम थी । हर तो अच्छा है दस या बोली लेकिन अब इस हाल के बारे में सोच सोच कर क्या अपना दिमाग खराब कर रही हूँ । जल्दी से फाॅर बस फीस जमा कराकर इसका आपकी मेंबर बन जाओ । ऍम के होठों पर षड्यंत्र पूर्ण मुस्कान दौड गए । फिर अपने होठों पर उसी षडयंत्र पूर्ण मुस्कान को होते हुए उसने मेंबरशिप फॉर्म पर सिग्नेचर करती है । आधी रात का समय था । ऍम रेणुका चौहाण अपने कमरे में लेटी हुई थी और उसकी आंखों में दूर दूर तक मीन का नामोनिशान नहीं था । सारे से ले वो वक्त काटने के मकसद से किताब पढ रही थी । सुबह वाली घटना से वहाँ अभीतक काफी परेशान थी । हॉस्टर की रेप्यूटेशन का उसे हमेशा बहुत खराब रहता था । अभी एक आई पूरे हॉस्टल में भूचाल रह गया । किसी के जोर जोर से चीखने चिल्लाने की आवाजें । हॉस्टल फॅमिली कुछ जोर जोर से खिडकिया जान जोड रहा था । दरवाजा झंझोड रहा था और गला था धारकर चिल्ला रहा है रेल का चौहान ने तुरंत किताब एक तरफ अच्छा और फिर अपना कम्बल एक तरफ उतारकर तेजी से बाहर की तरफ कौन है तीनों का चौहान चलाते हुए बोली फॅमिली नायडू बडो तमिल नाइटवाचमैन वहाँ थोडा वहाँ ये सारा हंगामा कमरा नंबर दो तीन हो रहा है । कमरा नंबर दो सौ यहाँ वहाँ जो भी ये सब कर रहे हैं, क्या रहेगा और अजय कमरे में नहीं नाॅट । जगह मेरे साथ ऊपर जल्दी रेणुका चौहाण बे पनाह फुर्ती के साथ कमरा नंबर दो सौ तीन की तरफ छपटी । उसके पीछे पीछे नाइटवाचमैन भी झगडा
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Sound Engineer
Voice Artist