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हूँ । आधे घंटे के भीतर अमर तैयार होकर घर से बाहर निकला । दरवाजा खोलते ही वह चौंक गया । मेन गेट पर कोई था बिंगो की नींद खुल गई और वह बोलते हुए गेट की तरफ होगा कौन है? अमर ने आवाज दी रात के साढे तीन बजे कौन हो सकता है? वो गेट की तरफ बढा । उसने देखा । बिंगो कूद कूद कर पूछ हिला रहा था । गेट पर मंदिरा खडी थी । उसका चेहरा मुरझाया हुआ था । आंखे देखकर लग रहा था जैसे काफी रोई हो । संयुक्त वो धीरे से बोली मंदिर तो रिश्वत यहाँ ऍम मैंने हम सारी मुझे तुम पर शक नहीं करना चाहिए था । अमर कुछ बोल नहीं सका । वो गेट पकडकर उसे देखने लगा । मैंने बहुत सोचा मैंने बिना सोचे समझे बहुत ज्यादा रिजेक्ट कर दिया । मैं जानती हूँ तुम्हारे जैसा इंसान रिलेशन में आने के बाद किसी को धोखा नहीं देगा । भले ही तुम कितना भी फ्लर्ट कर लो । ऍम अमर को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या बोले । वह इधर उधर देखने लगा । गुस्से की वजह से मेरी अपील पर पर्दा पड गया था और तुम तो समझदार हूँ । तुम्हारा दिल बहुत बडा है कि इस मुझे माफ कर दो । मंदिर देखो ये सब बात करने का ये सही समय नहीं हाँ आई नो इस टाइम मुझे तुम्हे डिस्टर्ब नहीं करना चाहिए था । पर सारी रात सोषौं उससे बीत गए । फिर सोचा तुम्हारे पास आ जाऊं तो उसे बात करूँ और ये सारा कन्फ्यूजन खत्म हैं । बाद टाइम की नहीं समय की है । मैं समझी नहीं । मैं एक मिशन पर अभी निकल रहा हूँ । ए अच्छा तुम लौट कर रहा हूँ । मैं तुम्हारा इंतजार करेंगे । चलो मैं तो मैं तुम्हारे हॉस्टल तक छोड दूंगा । कहकर अमर ने गेट खोलकर कार बाहर निकाली । बिंगो कूदता फांदता बाहर आ गया । उसे अमर ने वापस गेट के अंदर क्या और गेट बंद कर दिया । मंदिरा के बैठते ही अमर ने कार आगे बढा दी । इटली रात तो मई कैसे पेटल इतनी दूर पैदल चलकर नहीं फिश नट्स एफयू जहाँ कह रहे हो, एक कोवर्ट मिशन है तो नहीं बता सकते तो नहीं सही पर कब तक लौटेंगी यह नहीं सकता क्या कि अब वो भी साथ जा रही है । यस उसका नाम रिंकी है । वो इस राह में काम करती हैं । हाँ अच्छा बुरा ना मानो तो एक बात पूछूं । अमर ने सिर्फ सिर्फ हिला दिया है । क्या वो तुम्हें पसंद करती हैं? मंदिरा स्टोरी मैं बस यही पूछ रही थी तो मुझे माफ किया । देखो मंदिर ये सही समय नहीं ई समझ कुछ तो बोल कर जाओ । देखो मुझे नहीं लगता । अब हमारे बीच पहले की तरह रिलेशन रहे सकता है । वो अमर शांत हो गया । मंदिरा ने धीरे से पूछा वजह देखो मंदिर अगर तुम्हें मुझ पर विश्वास नहीं है तो फिर ऐसे रिलेशन का क्या फायदा? शक्कर ना तो औरत की आदत होती है । बीवी तो जरा जरा सी बात पर अपने पतियों पर शक करती हैं । मुझे तो पूरी की पूरी लडकी तुम्हारे घर में मिली थी । इसका मतलब शक करने वाली बीवी को उसका पति छोड देगा । शक करने वाली बीवी क्या सिर्फ शक की बिना पर अपने पति से रिलेशन खत्म कर लेती है? उसी बात का मुझे अफसोस है । उसी के लिए मैं तुम से माफी मांगने आई हूँ । मैंने ओवर क्या आई नो गलत था । मुझे तुमसे इस तरह बात नहीं करनी चाहिए थी । मंदिरा यू नो वाॅलेट ना । अमर की इस बात से कार में सन्नाटा छा गया । मंदिरा के हॉस्टल पहुंचने तक दोनों में से कोई कुछ नहीं बोला । हॉस्टल के गेट के पास पहुंचकर अमर ने कार रोकी । मंदिरा ने कहा से उतरने का उपक्रम नहीं किया । वो सामने देख रही थी । अचानक कुछ सोचते हुए बोली ऍम मंदिरा फ्रीज अमर चढते हुए बोला ऍम मुझसे भी बेहतर शराब अमर चलाया । मंदिरा की आंखों में आंसू आ गए । इसलिए इसलिए अमर उससे से उभरते हुए बोला मैं तुम्हारे साथ नहीं रह सकता, क्योंकि तो मुझे सिर्फ इतना ही समझती हूँ । फॅस हम दोनों के बीच में से कोई संबंध नहीं । पर पर मैं क्यों सफाई दे रहा हूँ तो मैं मुझे उस की जरूरत नहीं । तुम तो पहले ही मुझसे ब्रेकअप कर चुकी हूँ । अब प्लीज तुम अपनी जिंदगी पर ध्यान दो और मुझे मेरे मिशन पर ध्यान देना । भारी मन से अपने आंसू पोंछते हुए मंदिरा कार से बाहर निकली और हॉस्टल के गेट की तरफ धीरे धीरे बढ गई । अमर उसे जाते देखता रहा । मंदिरा ने पलट कर नहीं देखा, मुझे नजरों से ओझल हो गई तो अमर निकाल आगे बढा दी । अमर कार ड्राइव कर रहा था । जवान उसके बगल में बैठकर सो रहा था । बडी मुश्किल से उसे जगाकर अमर ने मिशन के लिए तैयार किया था । रिंकी पीछे बैठ कर अपने जीपीएस डिवाइस से उलझी हुई थी और बीच बीच में अमर को रास्ता बता रही थी । कुछ देर बाद उन्हें हाईवे छोडकर कस्बे की छोटी सडक लेनी पडी । उस पर कुछ दूर जाने के बाद कच्चा रास्ता शुरू हो गया । धोर होने लगी थी और अब धीरे धीरे सूर्य का प्रकाश उस बेहद में छाता जा रहा था जो जगह अंधेरे में भयानक प्रतीत हो रही थी । अब रोशन होते हुए आंखों को लुभाने लगी थी । कुछ देर में पूरब में गुलाबी बादलों के बीच सुरमई रंग बिखरने लगा । सूर्योदय होने लगा था ये नजारे देखकर जिनकी भावविभोर हो गई ऍम है ना । रिंकी बोली हाँ खूबसूरत अमर बोला कच्चे ओवर खबर रास्ते के कारण झटके लगने लगे थे जिसके कारण जॉन की नींद खुल रही पहुंच गए क्या जॉन अंगडाई लेकर चारों तरफ देखते हुए बोला । रिंकी ने डिवाइस की स्क्रीन में देखा बस पांच किलोमीटर और पंद्रह मिनट में उन्हें सोहनगढ माइन्स का क्षेत्र दिखने लगा । चारों तरफ सूखे धूलभरे टीले और बंजर पीली रंगत लिए जमीन एक जगह रिंकी ने रोकने को बोला । वो लोग कार से उतर आए । रिंकी ने अंगडाई ली । इस वक्त उसने घुटनों से ऊपर तक के भूरे रंग के शर्ट वह काला क्यूट टॉप पहना था जिसके ऊपर भूरी जैकेट डाली हुई थी । अंगडाई लेते हुए उसकी ना भी उजागर हो गई थी । सभी के पास बैठता था जिसमें जरूरी सामान और हथियार बन गया था । यह लोकेशन है रिंकी बोली । इधर तो दूर दूर तक कुछ नहीं है । जॉन बोला लोकेशन तो यही है । आस पास देखना होगा । सामने माइंड हैं । अमर इशारा करते हुए बोला जिस तरफ जमीन में कालापन दिख रहा था और गुफा सरीखा खान का प्रवेश द्वार दिख रहा था, आतंकी इतने बेवकूफ तो नहीं होंगे कि यहाँ खान में छिपे हूँ । जॉन बोला क्यों नहीं हो सकता जिनकी बोली ऍम लोकेशन है । जैसे अफगानिस्तान पाकिस्तान में इनके ठिकाने होते हैं । जमीन के अंदर पहाडों में जहाँ सेटेलाइट के बीच नहीं होती पर अभी तक तो हमें ये लखनऊ के भीडभाड वाले इलाके में मिलते आए हैं । अमर बोला देखते हैं अभी तक तो हमें ये भी नहीं पता चला की इनका मिशन क्या है । हम लोगों को यानी सीक्रेट सर्विस वालों को खूब टारगेट किया । ये रणनीति समझ नहीं आई । अमर बोला इन्हें बम ही देखना था तो उसके लिए हमारे पीछे पडने से क्या फायदा हुआ । इस तरह उन्होंने खुद को एक सपोर्ट किया । इनके कई आदमी मारे या पकडे गए । रिंकी सामने देखते हुए दूरदर्शिता के साथ होली यही सब मुझे सोचने पर मजबूर कर रहा है कि इनका मिशन इस बार कुछ और है । कुछ बडा है तुम्हारा सोचना सही है । सिर्फ बॉलिंग के लिए वो सीक्रेट सर्विस को टारगेट करने का रिस्क नहीं ले सकते हैं और ना ही बडी तादाद में शहर में फैले होते हैं । जॉन ने कहा तुम्हें पता चला कल शाम सीबीआई डायरेक्टर को शूट करने की कोशिश की गई थी । रिंकी बोली क्या बात कर रही हूँ? अमर चौका बातें करते हुए वह माइन्स की तरफ बढने लगे जिनकी आगे थी और बीच बीच में वह बायनाकुलर उसकी मदद ले रही थी । कुछ ही देर में वह खान के मुख पर पहुंच गए । पलट जॉन बोला, ऐसी जगह अक्सर चोर डाकू डेरा डाल लेते हैं । उन्होंने अपने अपने हथियार हाथों में ले ली थी । बेहद सावधानी से वह लोग माइन्स के अंदर आए । फिर अंदर जहाँ तक रास्ता पत्थरों से बंद था वहाँ तक पहुंचे । यहाँ तो कुछ नहीं है । अमर बोला । रिंकी ने अच्छी तरह से अंदर नजर घुमाई । फिर वो लोग बाहर आ गए । अमर जंग खाए वैगन का सहारा लेकर खडा हो गया । यहाँ दूर दूर तक कोई नहीं है । वो बोला पर जमीन पर जूतों के पैरों के निशान तो हैं । जॉन बारीकी से देखते हुए बोला तो नहीं तो अभी कहीं डाकू वाली बात । रिंकी बाहर इधर उधर घूमने लगी । उसने अपना फोन देखा, यहाँ तो नेटवर्क ही नहीं आ रहा । मेरा भी अमर ने अपना फोन चेक किया तो अब क्या करना है यहाँ रोकना चाहिए । रिंकी ने कहा आइडिया तो अच्छा है, कैम्पिंग के लिए मस्त जगह है । अमर बोला पर क्या भी हमारे पास मस्ती करने का टाइम है । मुँह में काम करने वालों को थोडा पेशंस के साथ चलना पडता है । सही है तुम से फ्री में बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है तो बदले में मुझे क्या मिलेगा? रिंकी शरारती मुस्कान के साथ अमर की आंखों में देखते हुए बोली जो भी तुम्हारा दिल करें हूँ । जॉन जबरदस्ती गला साफ करके बोला मुझे नहीं लगता यहाँ रुकने से कुछ फायदा होगा । अगर शक है तो हम आर्मी की मदद ले सकते हैं । ऐसी जगहों पर काम करने में वो माहिर होते हैं । पर आर्मी के पास जासूसी दिमाग नहीं होता । रिंकी बोलिए और आर्मी वगैरा यहाँ आएगी तो फिर हो सकता है खाली ली अपनी लोकेशन बदलने तो ये पर हम अभी भी यहाँ रूककर क्या दिमाग चलाएंगे । यह लोकेशन मुझे उनके ग्रुप के अंदर से मिली है । सही होने का पूरा यकीन तो नहीं, फिर भी सच हो सकता है । यहाँ अगर वाकई ऐसा कुछ है तो माइन्स के अंदर ही होगा । धरती के ऊपर तो हम देखे रहे हैं कि कुछ नहीं है पर माइंड तो बंद पडी । कहते हुए रिंकी चुप हो गई । उसके चेहरे पर ऐसे भाव आ गए जैसे कुछ समझ आया हूँ । यानी की जो मुँह वो सिर्फ दिखाने के लिए बंद है । यू मीन उसमें कोई गुप्त रास्ता है । अमर बोला वो भी तो हम बिना बैकअप के अंदर नहीं जा सकते । जॉन बोला हूँ मुझे सिर्फ कुछ संकेत या सबूत मिल जाए तो फिर अगले कदम के बारे में सोचेंगे । जिनकी ने कहा कहीं छिपकर डेरा डालते हैं । अमर बोला अगर वहाँ रहते हैं तो कभी तो बाहर निकलते ही होंगे । फिर वो लोग एक टीले के ऊपर जाकर पत्थरों के बीच छिपकर बैठ गए और उस जगह पर नजर रखने लगेंगे । माइंड के अंदर अफसल और हैदर कंट्रोल रूम में अपनी अपनी कुर्सियों पर बैठे थे । उनके चेहरों पर परेशानी झलक रही थी । खाली सामने चारपाई पर लेटा था । उसकी आंखे बंद थी । ज्यादा ही जेल से बाहर निकला है । अफजल बोला ये हमारे मिशन के लिए अच्छी खबर नहीं । हैदर ने कहा, पता चला है कि उसके बाद सहानी भी चुपचाप बेल पर छूट गया । वो पैसे वाला आदमी है । दो करोड तो तनवीर नहीं उससे निकलवा लिए थे । उसने वकीलों और जजों को बताया होगा । हो सकता है और मुझे समझ नहीं आया । इस मामले को इतना चुपचाप क्यों निपटाया गया? जावेद असानी दोनों ही बिना किसी मीडिया कवरेज के चुपचाप बाहर कैसे आ गए? ऐसा सीक्रेट सर्विस वालों ने क्या होगा? वो जावेद के लिए कर सकते हैं, पर साहनी के लिए क्यों करेंगे? साहनी के पास पैसा है । अफसर हजार तो रही । मीडिया को पैसे से नहीं खरीदा जा सकता । मुझे लगता है जेल में दोनों के बीच समझौता हुआ है । इसीलिए दोनों एक साथ चुपचाप बाहर आ गए हूँ । शायद तुम तो शायद तुम ठीक कह रहे हो । अफजल की बडी आंखें कुछ और फैल गई । फिर क्या किया जाए जोर आप कुछ बोलिए, खाली ली । उसी तरह आंखे बंद कर लेता रहा । फिर उसने मुस्कुराते हुए सिर हिलाया । अफजल बोला । जावेद पर इतने संगीन इल्जाम होने के बावजूद वह बाहर आ गया । इसी से पता चल रहा है कि साहनी ने जावेद और जज के सामने सारे राज खोल दिए हैं, उसके बिना उसकी भेल होना नामुमकिन थी । तनवीर भी तो उनकी पकड में हैं । उसे किसी गुप्त जगह रखकर उसका बयान लिया जा रहा है । उसके बयान से भी ये मुमकिन हुआ होगा । जोर हैदर तडते स्वर में बोला अभी हमें क्या करना चाहिए? खाली उठकर बैठ गया । उसने आंखें खोली । कुछ देर एकटक सामने देखता रहा । फिर बोला, सहनीय असलियत में कौन है? हमें पता चल गया है । असलियत में जी कुछ समझ नहीं आया । साहनी का असली नाम जानते हो आप का मतलब वो नुकसानी । खलीली ने इंकार में सिर हिलाया और कहा धूर मोहम्मद! अवसर और हैदर ने आंखे फैलाकर उसकी तरफ देखा । नूरमोहम्मद पर पर ऐसे कैसे हो सकता है? हमें भी जब ये पता चला तो बुरी तरह चौके थे । कई साल पुरानी यादें ताजा हो गई थी । पता उस वक्त चला जब हमें सानी यानी नूरमोहम्मद की कश्मीर में अपने पुराने घर में मौजूदगी के बारे में पता चला । वो कश्मीरी हाँ, फिर वो असलियत में है कि अगला बहुत लंबी कहानी है । तभी वॉकीटॉकी पर बाहर खडे सात सीटे गार्ड की आवाज आई । ताइबान नंबर नौ आपसे मिलना चाहता है । कुछ अहम खबर है । आने दो से अफजल ने कहा फिर लोहे का दरवाजा अंदर से खोल दिया । दरवाजे पर एक वर्दीधारी प्रकट हुआ । उसने फिर झुकाकर अंदर आने की अनुमति मांगी । बोलो क्या हुआ? अफजल ने उसे अंदर आने का इशारा करते हुए पूछा । साहिबान माइंस के ऊपर आज सुबह से तीन लोग नजर रख रहे हैं । दो मरने और एक जननी । उनके पास हथियार भी है । यहाँ का कौन पहुंच गया? अफजल बोला उन्हें तुरंत पकडकर अंदर लिया हूँ । हैदर ने आदेश दिया कोशिश करना जिंदा पकडे जाएं जी कहकर वो चला गया । हमारा ठिकाना अभी से नजर में आ जाए ये ठीक नहीं होगा । खाली बोला वो जोर पिछले दो साल से तो कोई आस पास भी नहीं पडता है । इन लोगों को भी हम पकडकर पता करते हैं । इन्हें कितना पता है और कहाँ तक बात करी है । अगर अब लोगों को पता चल भी गया तो हम सब का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं । हम जानते हैं लेकिन सब कुछ प्लान के हिसाब से चले । यही मिशन के लिए ठीक रहेगा । कोशिश यही रहेगी हो चलो आने तो इनको अंदर फिर देखते हैं माइनस के पास जिस पीने पर अमल रिंकी वह जॉन ने डेरा डाला हुआ था । उससे करीब एक मिल दूर अचानक उस बंजर जमीन पर कुछ हलचल हुई । ऐसा लग रहा था जमीन टूट रही हैं । देखते ही देखते जमीन से मिट्टी गलती हुई । चारों तरफ गिरने लगी और फिर एक दो फीट चौडा लोहे का पाइप बाहर निकला है । पाइप के अंदर लोहे की ही सीढियाँ लगी थी । देखते ही देखते उन सीढियों पर मानव आकृति दिखाई देने लगी और फिर जमीन के अंदर से पाइप की सीढियों के सहारे दो काले रंग की वर्दी पहने हुए शख्स बाहर निकल आए । उनके कंधे पर ए के । फोर्टी सेवन तंगी हुई थी । वर्दी में कई जेब थी जिनमें हथगोले, मैगजीन और चाकू अन्य हथियार थे । उनके बाहर आने के कुछ पल बाद पाइप वापस जमीन में चला गया । उन दोनों ने वहाँ उत्पन्न हुए गड्ढे पर मिट्टी डाल दी । फिर वो दोनों हथियार था में होशियारी से आगे बढने लगे । कुछ देर निरंतर चलने के बाद उन्हें पत्थरों की ओर में उनके टारगेट दिखाई दिए । एक ने बेहद सावधानी से एक ग्रेनेड निकाला और उनकी तरफ उछालकर दोनों जमीन पर लेट गए । ग्रेनेड गिरने की आवाज से अमर जॉन वरिंग की चौकी ग्रेनेड के गिरते ही उसमें से सफेद गाह हुआ निकलने लगा ऍम जॉन चीखा दो लोग सामने लेते हुए हैं । फायर अमर बोला । उन्होंने पत्थरों के पीछे पोजिशन ली और फायर करने लगे । दूसरी तरफ से भी जवाबी हमला होने लगा । पर टियर गैस का असर उन पर होने लगा । उनकी आंखों में भयंकर जलन होने लगी । कुछ देर में दिखाई देना मुश्किल हो गया । फायरिंग अब उनके बस की नहीं थी । तभी अमर को महसूस हुआ कोई उसके पीछे । उसने तेजी से कोहली घुमाई पर धुएं के कारण उसे दिखाई नहीं दे रहा था । फिर अचानक उसकी गर्दन पर प्रहार हुआ और उसकी चेतना लुप्त हो गई । कुछ देर में यही हाल जॉन और रिंकी का भी हुआ । दो अब छत चुका था । वो तीनों जमीन पर बेहोश पडे थे । उनके पास खडे दोनों वर्दीधारी वॉकीटॉकी पर किसी से बात करने लगे । सुबह के सात बजे थे कमिश्नर गोपीनाथ खुद अपनी पर्सनल कार ड्राइव कर रहा था । इस वक्त वो साधारण कपडों में था । कार का इसी भी उसके चेहरे पर आ रहे पसीने को रोकने में असमर्थ था । वह बुरी तरह से टूटा हुआ लग रहा था । उसने कहा एक तंग गली में मोडी और दाएं बाएं मकानों को झांक झांककर देखने लगा । आखिरकार मकान नंबर पच्चीस दिखाई देने के बाद उसने कार किनारे लगा ली । फिर इधर उधर देखते हुए मकान की तरफ बढ गया । उसने दरवाजे पर दस्तक दी है । कई बार दस्तक देने के बाद ही दरवाजा खुला । दरवाजा खोलने वाले को देखकर वह बुरी तरह से चौका तो फिर फिर कि मुस्कान के साथ बोला हाँ क्यों नहीं तो ऊपर तो श्रद्धा ही । जेल से बाहर आते ही आप गलत सोच रहे हैं । उसके सामने खडे शख्स ने बोला जो की कोई और नहीं बल्कि पुनीत साहनी था । क्या गलत सोच रहा हूँ पर मैं बता देता हूँ अगर मेरी बेटी को कुछ भी हुआ तो मैं तुम्हें खत्म कर दूंगा । आप प्लीज अंदर आ जाइए । गोपीनाथ ने खुद पर काबू किया और फिर अंदर आ गया । साहनी ने दरवाजा बंद कर लिया । फिर पलट कर बोला आप की तरह मैं भी मजबूर हूँ पर अब तो जावे तुम्हारा साथ दे रहा है । फिर ऐसी कौन सी मजबूरी है तुम्हारी जिस पर काबू नहीं किया जा सकता है । आप भी तो कमिश्नर होते हुए मजबूर होकर इतना बडा कदम उठा रहे हैं । मेरे बेटे की जिंदगी दांव पर लगी है और तुम्हारे तो आगे पीछे कोई नहीं है । देखिए मैं आपको समझा नहीं सकता । मेरी क्या मजबूरी है । मुझे समझने में कोई इंट्रेस्ट भी नहीं तुम जल्दी बोलो क्या करना है आपको जैसा बोला गया था आप मेरे लिए पुलिस की वर्दी लाए हैं? हाँ पर मैं तुम्हारे लिए कोई आइडेंटिटी नहीं बनवा सकता हूँ । इतने कम समय में ये मुमकिन नहीं था । पर आप किसी और का आइडेंटिटी कार्ड तो लाया है ना, जिस पर मैं अपना फोटो लगा सकूँ । हाँ पर किसी ने ध्यान से देख लिया तो फंसोगे आपके होते हुए ऐसा नहीं होगा । इसीलिए तो इन लोगों ने आपको चुनाव तुम लोगों ने आप मुझ पर जी भर के शक कर सकते हैं सफाई देने का ना मेरे पास समय है, न कोई इच्छा और ना ही कोई जरूरत अच्छा । गोपीनाथ ने फिर कि मुस्कान के साथ कहा था आप समझ जाएंगे मुझे वर्दी दीजिए । गोपीनाथ ने अपने साथ लाए बैग से पुलिस की वर्दी निकालकर उसे दीदी साहनी ने उसके सामने ही अपने कपडे उतारती है । अब वो सिर्फ अंदरूनी कपडों में खडा था । गोपीनाथ उसे देख कर बहुत चक्कर रह गया । साहनी में जैकेट पहना हुआ था । उस जैकेट को गोपीनाथ खूब पहचानता था । मानव बम की जैकेट की वह जिसमें लिक्विड विस्फोटक भरा हुआ था । उसे यूँ अपनी तरफ देखते हुए सहानी बोला आज मेरी जिंदगी का आखिरी दिन है सर और मुझे रत्तीभर भी डर नहीं । नहीं कोई काम है जैकेट के ऊपर वो पुलिस की वर्दी पहनने लगा । गोपीनाथ अचरज के साथ निरंतर उसकी तरफ देख रहा था । ऐसी भी तुम्हारी क्या मजबूरी है जिसके लिए तो मरने के लिए तैयार हो गए । ऐसे भी तुम्हारी क्या मजबूरी है जिसके लिए तो मरने के लिए तैयार हूँ । जैसे आपकी कुछ मजबूरी है, वैसे ही मेरी भी है और तुम्हारे तो आगे पीछे कोई नहीं सहानी चुपचाप वर्दी पहनता चला गया । गोपीनाथ के चेहरे के भाव बदले । अब आश्चर्य की जगह नफरत से सहानी को देख रहा था तो मैं एक आतंकवादी हो तो हरी कोई मजबूरी नहीं । अब सब समझ में आ गया मुझे आप जो चाहे सोच सकते हैं । साहनी तैयार हो गया । उसने शीशे में देखते हुए अपने चेहरे पर मुझे और एक मसला लगा लिया । तभी गोपीनाथ का फोन बजाता हूँ । हेलो! तुम ने अपना काम किया । हाँ, मैंने तुम्हारे आदमी को वर्दी दे दी है । शाहबाज अब जैसा तो मैं बोला था तो मैं उसे अपने साथ आज लखनऊ मेट्रो के उद्घाटन में ले जाना है । एक बार सिक्योरिटी पार करवाने के बाद तुम्हारा काम खत्म सब हो जाएगा तो फिक्र मत करूँ मेरी बेटी कैसी हैं? मेरी उस से बात करा दो । गोपीनाथ गिडगिडाते हुए बोला ठीक है कुछ देर बाद एक युवा लडकी की आवाज आई जारी जाॅन मेरी बच्चे तो ठीक है । मैं ठीक हूँ मेरी पर मुझे यहाँ बहुत डर लग रहा है । आप मुझे जल्दी निकली । यहाँ से मेरी बच्ची तो बिलकुल मत डरना तो उसे कुछ नहीं होने दूंगा । अचानक दूसरी तरफ से कडक आवाज आई । कमिश्नर अपना काम पूरा कर अब ज्यादा करते हैं । तेरी बेटी ठीक था, तेरे पास पहुँच जाएगी । हम अपने दुश्मन से भी छूट नहीं बोलते हैं । पर अगर तू मिशन में फेल हुआ तो फिर नहीं । नहीं तो जैसा चाहते हो वैसे ही होगा । शाहबाज दूसरी तरफ से फोन कट गया । गोपीनाथ उद्वेलित साहब फोन को देखता रह गया । उद्घाटन कितने बजे हैं? साहनी ने पूछा तो गोपीनाथ वर्तमान में वापस आया । ठीक दस बजे मुख्यमंत्री योगेश ट्रांसपोर्ट नगर मेट्रो स्टेशन पहुंचेंगे और उद्घाटन दस बजकर पंद्रह मिनट पर संपन्न होगा । बच्चा हमें कितने बजे निकलना है, मैं तुम्हें लेकर वहाँ नौ बजे ही पहुंच जाऊंगा । फिर सिक्योरिटी पार कराकर मैं तो मैं वहीं स्टेशन पर छोड कर वापस बाहर निकलूंगा और मुख्यमंत्री के आने का इंतजार करूंगा । उसके आगे का काम तुम्हारा है । ठीक है अमर और जहाँ एक कमरे में बंद थे जहाँ घुप्प अंधेरा था । रोशनी की एक किरण भी उस कमरे में नहीं थी । मेरी जान धोलाराम मुझे रिंकी की फिक्र हो रही है । हम लोग बेहोश हो गए पर कहीं से कुछ पर कहीं उसे कुछ मुझे लगता है उसे कहीं और कैद कर लिया गया है । क्या उससे पूछताछ कर रहे होंगे ये लोग क्योंकि वो रॉकी ऑफिसर है और उनके अड्डे को ढूंढते हुए यहाँ तक आ पहुंची है हूँ । पर यानी रिंकी को जो इन्फॉर्मेशन मिली थी यानी रिंकी को जो इन्फॉर्मेशन मिली थी वह सही निकली । इन लोगों ने इस बंद पडी माइंड में अपना दाल बना रखा है । सही में ऐसा पहली बार देखा सुना है मैं जाने चक्कर क्या है, न जाने चक्कर क्या है । हमें अभी तक जिंदा रखा है तो जरूर कोई वजह होगी । तभी दरवाजे के बाहर कुछ हलचल हुई । अमर और जॉन फुर्ती से उठ खडे हुए हैं । फिर दरवाजा खुला और दो वर्दीधारियों ने रिंकी को अंदर धकेल दिया । उनके हेलमेट पर माइंड गर्मी की तरह ही बल्ब लगा हुआ था जिससे वहाँ कुछ पल के लिए रोशनी हुई थी । रिंकी के अंदर आते ही दरवाजा फिर बाहर से बंद कर दिया गया जिनकी बदहावास हालत में थी और वह बुरी तरह रोने लगी । रेंकिंग रेंकिंग अमर ने उसका चेहरा टटोलकर हाथों में लिया तुम ठीक हो अमर जिनकी सुबह नहीं लगी ऍम कुछ बोलो तो वो क्यों रही हो? अगर उन्होंने तुम्हारे साथ कोई नीच हरकत की है तो मैं उन्हें जान से मार दूंगा और इस माइंड के अंदर ही जिंदा दफन कर दूंगा । रिंकी ने किसी तरह रोना बंद किया और खुद को संभालते हुए बोली ऐसा कुछ नहीं है मैं ठीक हूँ पर अमर अब मैं जीना नहीं चाहती हूँ । मैं हार गई तो मैं सही कहा था हमें इस तरह की वो अकेले यहाँ नहीं आना चाहिए था । मैं ही बेवकूफ थी जो इस तरह यहाँ आ गई और तुम लोगों को भी फंसा दिया । मैं जाने मेरी बेवकूफी के कारण कितनी जाने जाएंगे । हुआ क्या है? ठीक से बताओ क्या या खाली मौजूद है । जी सर जॉन के मुंह से निकला और उसने पुनीत को फोन करके बता दिया की उसने मुझे यहाँ कैद कर लिया है और अगर उसने इनके बताए निर्देशों पर काम नहीं किया तो ये मुझे मौत के घाट उतार देंगे । किसको बता दिया पुनीत कौन? पुलिस जिनकी चुप रही? रिंकी तो इस बोलो तो क्या कह रही हूँ मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा है । अमर बोला क्या तुम्हारा मतलब? पुनीत साहनी से जॉन ने पूछा हाँ रिंकी भारी मान के साथ बोली पर पर वो तुम्हारी खातिर क्यों ब्लैकमैल होगा उसका तुम्हारे साथ भला क्या रिश्ता बोलते बोलते अमर चौका यानी तुम्हारा जानी से रिश्ता है । हाँ, अमर का दिल मोह को आ गया । वो रिंकी को बेहद चाहने लगा था । वो ऐसा कुछ सुनने की हालत में नहीं था । मौत के मुंह में भी क्या लगता है वह तुम्हारा तो मेरा भाई है और जिनकी ठीक पडी और फिर फूट फूटकर रोने लगी । अमर और जॉन स्तब्ध रह गए । कुछ पलों तक कोई भी कुछ बोलने की स्थिति में नहीं था । फिर जिनकी ने खुद को संभाला और बोली इन का प्लान है ह्यूमन बम से लखनऊ मेट्रो उद्घाटन में ब्लास्ट करना, जिसमें कि मुख्यमंत्री शामिल होंगे । अमर और जॉन ने अपने जहन में झुरझुरी महसूस की, जिनकी आगे बोलिए और युवक बनकर जाने वाला है मेरा भाई यानी पुनीत साहनी हूँ । हमारे पास कितना समय है? अमर ने पूछा अभी रात के दो बजे हैं । कल सुबह दस बजे उद्घाटन है । यानी हमारे पास आठ घंटे हैं । जॉन बोला अगर यहाँ से निकल भी गए तो उन्हें इन्फॉर्म कैसे करेंगे । इन लोगों ने माइन्स के क्षेत्र में नेटवर्क जैमर्स लगा रखे हैं । रिंकी ने कहा अच्छा इसलिए बाहर नेटवर्क नहीं आ रहा था । जॉन बोला वो बाद में सोचेंगे । अमर बोला अगर हम यहाँ से निकल गए तो कुछ तो कर सकेंगे क्या करना है? करना क्या है? जॉन बुलाना रेंकिंग बाहर क्या पोजिशन हैं माइनस में चारों तरफ माइंड में चारों तरफ आतंकवादी हैं । कितने होंगे सौ, दो सौ या और ज्यादा? मैं तो बस यहाँ से कुछ दूर इनके कंट्रोल रूम में गई थी । पूरी माइनस में न जाने और कितने लोग होंगे । ऐसा लग रहा है कि ये लोग काफी समय से यहाँ रह रहे हैं । सोचो अमर बोला पांच मिनट सिर्फ सोचते हैं पांच मिनट के लिए वहाँ सन्नाटा छा गया । अचानक रिंकी बोली इंटरपोल का एजेन्ट कौन? जिससे हमें ये खबर मिली थी कि खाली यहाँ आने वाला है । हम उसे कॉन्टैक्ट करने की कोशिश करते हैं । अरे पर वह यहाँ कहाँ होगा तो भूल गए । मैंने कहा था ना, वो खबर ही है पर ये तो नहीं कहा था कि वो इनके ग्रुप में शामिल है । मेरा मतलब वही था । वो इनके ग्रुप में शामिल है । वो यहीं होगा । ये तो मस्त खबर पता चली है क्यों मेरी जान ग्रेड ग्रेड जॉन बोला यानी उसे अबतक पता चल भी गया होगा कि हम यहाँ फंस चुके हैं ना? अमर बोला पर हम ये सोच कर बैठे नहीं रह सकते हैं कि वह हमें बचाने आएगा । न जाने उसे कितना पता है और मैं जाने उसका क्या प्लान है । हम उसे कॉन्टेक्ट करते हैं जिनकी बोली पर कैसे हमारे मोबाइल तो उन्होंने छीन लिए । मोबाइल होते भी तो यहाँ नेटवर्क कहाँ है? एक मोबाइल है मेरे पास । रिंकी बोली कहाँ छुपा कर रखा था तुम्हें? जॉन आश्चर्य से बोला मेरे जूते के सोल में और दूसरे जूते में एक छोटा पिस्टल भी हैं । कमाल कर दिया तुमने तो अमर उत्साहित हो गया । अंधेरा बहुत वरना तो मैं किस कर लेता हूँ । रिंकी हंसी अंधेरे में किस करना नहीं आता क्या? तो मुझे तुम्हारे बारे में दोबारा सोचना पडेगा । अमर हस्तिया सीरियस नहीं । जॉन अविश्वास के साथ बोला इन हालातों में भी फ्लर्टिंग । इतने में रिंकी ने जूते से छोटा सा मोबाइल निकाल लिया लेकिन मोबाइल से होगा क्या? जॉन बोला यहाँ वाई फाई है जिनकी बोली मैं जब खाली ले के सामने पेश हुई थी तो उसके साथ ही लगातार मोबाइल पर लगे हुए थे । अगर हम उसका पासपोर्ट ट्रैक कर लेंगे तो फिर और कुछ करने की जरूरत नहीं पडेगी । अमर बोला इतने में मोबाइल ऑन हो गया । रिंकी ने वाईफाई ऑन किया । तुरंत एक नेटवर्क दिखाई दिया जिसका नाम एजेड सात सौ छियासी था । उससे कनेक्ट करके रिंकी पासवर्ड ट्राय करने लगी पर कोई तुक्का नहीं । बडा अमर और जॉन ने भी कुछ सजेशन दिए पर सब नाकाम रहे । अगर मेरा लैप्टॉप होता तो इनका पासपोर्ट ट्रैक कर लेती है । रिंकी ने नाउम्मीदी के साथ कहा कुछ देर वो लोग चुप बैठे रहे । जॉन ने कहा ब्लू ट्राय करो उससे क्या होगा तो तुम्हारा वो इंटरपोल का कभी क्या बता । ब्लूटूथ से कनेक्ट हो पर उसे पहचान होंगी कैसे? ब्यूटूथ पे तो कुछ भी नाम हो सकता है । वो भी है । उसका नाम क्या है? अमर ने पूछा धीरज नेगी वो इंडियन क्यों नहीं हो सकता? ओके चलो कोशिश करो । रिंकी ने ब्लूटूथ ऑन किया । कुछ देर में दो डिवाइस दिखाई दिए पर दोनों के नाम से कुछ पता नहीं चल रहा था कि किसके हो सकते हैं । कनेक्ट करने की कोशिश करो । जॉन बोला रिंकी ने कोशिश की पर दोनों तरफ से कोई रेस्पॉन्स नहीं आया । कुछ देर तक वह कोशिश करती रही पर कामयाबी नहीं मिली । बैठी बचा हूँ । अमर बोला कुछ देर बाद कोशिश करना हो सकता है वो ट्रेन से बाहर हूँ । हम तो बस तो कम आ रहे हैं । जॉन बोला है क्या पता उसने ब्लूटूथ ऑन कर दे रखा है कि नहीं । काफी देर वह लोग यही जमीन पर बैठे रहे । रेंकिंग अचानक अमर ने पूछा साहनी तुम्हारा सगा भाई संसद पर तुम रिंकी सेन हो और वह साहनी ऐसा कैसे? सब बताऊंगी तो मैं इत्मीनान से इतना तो बता दूँ कि सानी जो आईएसआई के चक्कर में पडा था, उसके बारे में तुम्हें पहले से पता था । हाँ पर तुम ने मुझे इस बारे में कुछ क्यों नहीं बताया जिनकी चुप रही । मैं समझ सकता हूँ तुम्हारे पास जरूर कोई वजह होगी । हाँ मस्त हमारी जिंदगी इतनी आसान नहीं रहे हैं । हमने बहुत दुःख दर्द झेले हैं । मैं तुम्हें सब बताउंगी । मेरा भाई बहुत अच्छा इंसान है, किसी का बुरा नहीं चाहता हूँ और उसकी जिंदगी में परिवार के नाम पर सिर्फ मैं बच्चे हैं । इसलिए मेरी इसका तेरे को मरने के लिए तैयार हो गया है । बोलते हुए रिंकी की आंखें फिल्म हो गई । सब ठीक हो जाएगा, कुछ न कुछ हल निकल आएगा । हम कोशिश तो कर ही रहे हैं । आगे भगवान की मर्जी । भगवान पता नहीं भगवान कौन है? कहाँ है? मैंने तो जिंदगी में सिर्फ शैतान देखे हैं, जिनकी कोस्ट भरे स्वर में बोली । अमर ने कुछ देर बाद का चाय करूँ । रिंकी ने मोबाइल की स्क्रीन ऑन की और फिर से ब्लूटूथ ऑन किया । इस बार पिछले दो दिवा इसके अलावा एक और डिवाइस दिखा जिसका नाम टीडीसी थ्री था । जिनकी में उससे कनेक्ट करने की कोशिश की तो इस बार वो कनेक्ट हो गया । वो उत्साहित होती थी । जॉन और अमर की नजर भी स्क्रीन पर हैं । अब ध्यान से चौबोला कोई गारंटी नहीं है कि ये इंटरपोल वाला है, क्या किया जाए? कुछ ऐसा मैसेज भेजो इसे जिसे इंटरपोल वाला ही समझ नहीं जिनकी ने कुछ सोचा । फिर एक वर्ल्ड फाइल पर लिखा है आर यू आई थी ये क्या? अमर ने पूछा आर्यो इंटरपोल जॉन बोला या तो इंटरपोल हूँ बचायेंगे भेज दो जिनकी ने अंधेरे में मोबाइल की रोशनी में चलते दोनों के चेहरे देखिए । हाँ दोनों एक साथ बोले । रिंकी ने ब्लूटूथ के जरिए वफाई भेज दी । कुछ देर तक माहौल तनावयुक्त रहा । करीब पांच मिनट बाद रिंकी को जवाब में एक फाइल आई । लिखा था वाइट डब्ल्यू आ रही है जिनकी तुरंत बोली यानी यस हुआ यूं हाँ तुमको अनु जिनकी ने जवाब लिखा क्रिस्ट पीआरआई एस आ रहे हैं ये क्या? अमर ने पूछा ऍम जिनकी बोली वो समझ पाएगा । जॉन नाउम्मीदी से बोला इंटरपोल वाला होगा तो इतनी तो बुद्धि रखता होगा कहकर जिनकी ने फाइल भेज दी । इस बार जवाब में पूरा वाकया गया । समझ गया मैं तुम्हारे कैसा खाने के पास ही हूँ, कुछ करता हूँ । इस बार पूरा जवाब आया है । अमर ने कहा यानी आप उसे विश्वास हो गया कि हम ही हैं । तीनों के चेहरे पर अब जमाना आ गयी । कैद से निकलने के आसार नजर आ रहे थे । वो लोग फिर इंतजार करते रहे । दो घंटे भी फिर अचानक दरवाजा खुलने लगा । एक वर्दीधारी राइफल लिए अंदर दाखिल हुआ । वो तीनों सावधान हो गए जिनकी ने फोन छिपा लिया था । अंदर आकर वो धीरे से बोला आईएमएपी देखिए जिनकी उत्साह के साथ उठ खडी हुई है । इस वक्त पांच बजे नहीं नहीं कहा अधिकतर लोग हो रहे हैं । यहाँ से निकलने का ये बहुत अच्छा मौका है । तुम लोग वर्दी पहलू और मेरे साथ चलो कहकर उसने तीन काले रंग की वर्दियां उनकी तरफ बढा दी । तुम लोग पहले मैं बाहर हूँ, लेगी, बाहर चला गया और दरवाजा फिर से बंद कर दिया । तीनों ने फटाफट वर्दियां पहली और तैयार हो गई जिनकी ने अपने दूसरे जूते के सोल से पिस्टल निकालकर जेब में रखें । अमर ने उठकर धीरे से दरवाजे पर दस्तक दी हैं । दरवाजा धीरे से खुला है । उसने उन्हें बाहर आने का इशारा किया । जैसे ही तीनों बाहर आ गए मेगी ने फिर से दरवाजा बंद करके बाहर से ताला लगा दिया । मेरी हूँ तो बोला वो आगे बढने लगे । इस वक्त वहाँ सिर्फ कुछ वर्दीधारी पहला देते यह टहलते हुए निकल रहे थे । तभी आवाज आई तो चारों के दिल में भय की लहर दौड गई । वो धीरे से पढी । सामने नाइट सूट पहने अफजल खडा था । सब ने अपने सिर झुका लिए । साहिबान नहीं बोला । कैदियों के सेल पर कोई पहरा देता क्यों नहीं दिख रहा? अब सरप्राइज खाने की तरफ इशारा करते हुए बोला साहिबान, हम कर रहे हैं राउंड लगाते हुए आगे पीछे ये एक जगह खडे होकर क्यों नहीं जनाब चलते फिरते रहने से नहीं नहीं आती है । बाकी आप जैसा हुकुम करें, नहीं तो हमें भी नहीं आ रही । अच्छा सुनो । उसने फिर इधर उधर देखते हुए धीरे से कहा उस लडकी को हमारे कमरे में पेश करूँ । किस लडकी को? जनाब रेवा ये जो क्या मैं और जनाब वो तो तो हम से सवाल कर रहे हो । जब आप की सिक्योरिटी का भी ख्याल रखना है वो एक रॉ एजेंट है । कोई आम लडकी नहीं है । हमारे कमरे में उसकी भी दवा है । वो अश्लील मुस्कान के साथ होगा । जिनकी की मूर्तियां तक गए । उसका हाथ जेब में पिस्टल पर चला गया । अमर ने उसकी मनोदशा समझाते हुए उसकी पीठ पर हाथ थपथपाया । रिंकी ने उसकी आंखों में देखा और किसी तरह संयम बाधा ठीक है ना आप? चलिए मैं उसे लेकर आता हूँ । एक है कहकर अवसर अन्दर की तरफ चला गया और ये चारों वापस कैदखाने की तरह था । पर अफजल की आंखों से ओझल होते ही वो लोग पलट लिए और फिर बाहर की तरफ चल रही है । कुछ मेगी बोला वो इत्मीनान से आगे बढते गए देगी । उन्हें कुशलता के साथ सभी दरवाजे पार करवाता हुआ ले गया । बस अर्चन आई तो अंतिम दरवाजे से निकलते हैं जब वो अंतिम दरवाजा पार करके दिवारी सुरंग के रास्ते की तरफ पढ रहे थे । दरवाजे के गार्ड का ध्यान रिंकी पर गया । उसने उसके नितम्बों की तरफ देखा और बडा है ये तो औरत लग रही है वो कर्जा चारों ठिठककर रुक गए क्या हुआ? नेगी ने पलट कर पूछा है तो हम अपना चारा देखा हूँ । गार्ड राइफल तानकर जिनकी से बोला विंकी धीरे से हाथ अपने चेहरे के नकाब की तरफ ले गए । अचानक ही लेगी की राइफल कर्ज गार्ड ठीक मारते हुए ढेर हो गया तो अमर बोला लफडा हो गया तेजी से चलो नेगी सुरंग में आगे बढते हुए बोला । कुछ ही देर में वह सुरंग से बाहर माइंस के मुख्य में पहुंच गए । गोलियों की आवाज सुनकर कोई ना कोई बाहर की तरफ आता ही होगा । नहीं की बोला तुम लोग इतनी तेज हो सके भाग क्योंकि आप हमारे साथ नहीं आ रहे हैं । अमर ने पूछा है नहीं अभी यहाँ मेरा काम बाकी है पर ये लोग आप पर शक करेंगे । किसने मेरा चेहरा देखा है । मैं फिर से जाकर भीड में शामिल हो जाऊंगा । यूयॉर्क । ये ऍम ऍम कहकर रिंकी ने उसे गले लगा लिया । फिर वो तीनों तेजी से बाहर निकले और भागने लगे । बाहर अंधेरा था । पांच बजने में अभी भी कुछ मिनट बाकी थे । वो लोग दस मिनट तक निरंतर भर्ती रहे । माइंस अब काफी पीछे छूट गई थी । तभी अचानक उन्हें जमीन के नीचे कडकडाहट महसूस हुई । वजह से जमीन को देखने लगे हैं और तभी उन से कुछ ही दूर जमीन से एक लोहे का पाइप बाहर निकला है । ये क्या बना है अमर की मुझ से निकला लगता है लोगों ने यहाँ सुरंगे बना रखी है जिनसे वो बाहर निकल रहे हैं । जॉन बोला, भागो जल्दी सिंह की चीज है । वो कुछ दूर पहुंचे थे कि उन्हें पाइप से एक काला साया बाहर आते दिखाई दिया । ऍम अमर बोला, फांसी पडे । पत्थरों के पीछे उन्होंने शरण ले ली । गनीमत थी कि उन्होंने वहाँ से निकलते हुए राइफलें ले ली थी । पाइप से बाहर निकलता एक और साया दिखाई दिया । जॉन ने तुरंत फायर किया । वापस बाइक में झुक गया वरना उसका सिर अवश्य तरबूजे की तरह फट जाता है । गुड अमर बोला, मेरी जान तो पाइप पर निशाना साधे हैं और किसी को उससे बाहर निकलने नहीं देना । जो साया बाहर आ गया था उसने पाइप के पीछे पोजिशन ले ली । अमर ने पाइप के साइड में फायरिंग करनी शुरू की उस तरफ से कोई हमला नहीं हुआ । शांति छाई रही । अचानक हवा में एक हथगोला उनकी तरफ आया । जब जिनकी बोली और तीनों अपनी जगह से दूर कूदकर लुढकते चले गए । हथगोला गिरा और ब्लास्ट हो गया । इतने में मौका पाते ही पाइप से दो साल और निकल आए । अब दोनों तरफ से रह रहे कर फायरिंग होने लगी । देखते ही देखते पूरब की दिशा में आसमान हल्का नीला दिखाई देने लगा । करीब आधे घंटे की फायरिंग के बाद तीनों हमलावर खत्म हो गए । अपनी अपनी गन संभाले अमर जॉन वरिंग कि धीरे धीरे उल्टे पहुंच चलने लगे । किसी और के पाइप से बाहर आने की संभावना जरूर थी । पर काफी देर तक उन्हें कोई हलचल होते नहीं देखी । कमाल है । इतनी लंबी मुठभेड के बावजूद अभी तक कोई माइंड से बाहर नहीं निकला । जॉन बोला वो लोग काफी दूर कराएंगे । कुछ देर में पाइप आंखों से ओझल हो गया । वो लोग अपनी कार तक पहुंचे हूँ । कार के टायरों की तरफ देखकर अमर के मुँह से निकला । मुझे लग रहा था ऐसा ही कुछ होगा । जॉन बोला हूँ कार के सभी टायरों की हवा निकली हुई थी । पैदल आगे बढने के सिवा और कोई चारा नहीं है । वो लोग कार वही छोडकर आगे बढने लगे । अरे अचानक रिंकी को जैसे हो जाए । भैया को फोन करके बोल देती हूँ कि मैं बच निकली । उसने अपना फोन निकाला पर वो उस वक्त हताश होती जब देखा फोन टूटा हुआ था । तो लगता है मुठभेड के वक्त जो जमीन पर कई बार गिरी थी उसमें फोन टूट गया । खाली स्क्रीन ही नहीं टूटी ये तो पूरी तरह से बंद पड गया है । अब क्या करें? अमर बोला जल्दी चलने के अलावा और कोई चारा नहीं है । जॉन बोला छह बजने वाले हैं उद्घाटन दस बजे से पहले क्या होगा? एक घंटा चलने पर भी शायद हम गांव की सडक पर पहुंच जाएंगे । फिर कोई ना कोई जरूर मिल जाएगा । पर गांव वालों के पास रिंकी बोली आजकल सबके पास फोन होता है । मुझे बहुत डर लग रहा है । मेरा भाई मेरी खातिर मौत को गले लगाने की तैयारी कर रहा होगा । घबराओ नहीं । अमर ने रिंकी का हाथ उठाते हुए कहा देखना हम वक्त रहते उसे रोक लेंगे । हमारे पास काफी समय चुना । अब तुम अपने और अपने भाई के बारे में कुछ बता दूँ । ठीक है जिनकी अमर का हाथ अपने हाथों में कसकर पकडे साथ चलने लगी । जॉन से दो कदम आगे चल रहा था
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