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Part 11A in Hindi

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AuthorAditya Bajpai
अंधेरी रात में, धमाकों के बीच, अपने ही साथियों की आंख में धूल झोंक कर गंथर भाग निकला… चलने-चलते उस ने पे-मास्‍टर सार्जेंट को घायल कर दिया और रूपयों की तिजोरी अपने साथ ले ली। लेकिन गंथर ने ऐसा क्‍यों किया? एम जर्मन सैनिक की सच्‍ची कहानी जिस ने अपनी सेना के विरूद्ध जिहाद छेड़ा। Publisher - Vishv Books Writer - Ganther Bahneman
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भाग ग्यारह अंधेरा होने से कुछ पहले ही मैं अपनी गाडी में बैठ गया और इबरी मेरे बगल में आ गया । नौ अरबी गाडी में पीछे आकर बैठ गए । नहीं इस विचार से मुस्कुरा पढाती है । शायद पहला ट्रक है क्योंकि हथियारों और गोलाबारूद से भरा हुआ रेगिस्तान में जा रहा है । प्रत्येक अरबी के गले में दो दो मैक्सी लटकी हुई थीं और हर एक के पास जर्मन क्या इटालियन बंदूक थी और इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार की पिस्तौले और छोटे थे । चार महीना गाने भी थी और उनकी गोलियों का छोटा सा बाहर था । मेरी मशीनगन भी आगे थी जिसको ये ड्रीम ललचाई दृष्टि से देख रहा था । धीरे धीरे हम घाटी को पार करते हुए एक चट्टान से निकल रहे । यहाँ पर अन्य चट्टानों की भी छाया पड रही थी । मुझे आश्चर्य था कि अब्दुल तथा बिनो मार्ग कितने हथियार और गोला बारूद अपने साथ ले गए होंगे । जबकि इस छोटे दल के पास इतना विशाल भंडार था जिनको की आक्रमण से भाग नहीं लेना था तो केवल उनकी वापसी को सुरक्षित करने के लिए तैनात किए गए थे । आधे घंटे बाद हम एक स्थान पर रूपए ड्रीम का आदेश पाकर दो व्यक्ति मशीनगन को लेकर उतर पडे और आगे बढे । हमें वोटों के काफिलों का एक मार्ग मिला । यहाँ पर अन्य दो व्यक्ति मशीनगन सहित मोर्चा लेकर बैठ गए । पांच मील चलकर हम मर तो बाहर रोड के निकट पहुंचे । यहाँ दो और व्यक्ति महीन गन लेकर उधर पडे और निकट झेल गए । इब्राहीम ने मुझे बताया कि है पोस्ट जो की मार तो बाहर रोड के निकट है इसलिए तैनात की गई है ताकि छापा मार आक्रमण से बचकर निकल भागने वालों को ठिकाने लगा सकें । आठ मील जाकर फिर दो व्यक्तियों का एक और मोर्चा बना दिया गया ताकि पहली चौकी से बच निकलने वालों को समाप्त किया जा सके और आक्रमण के सोचना किसी भी स्थिति में बार से नगर तक ना पहुंचे । सारी योजना बडी सावधानी से बनाई गई थी और छापामारों के अपनी गुफा तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए सभी उपयुक्त स्थानों पर उचित व्यवस्था की गई थी । योजना में कोई कमी नहीं थी इसलिए इतने बडे आक्रमणों के बाद भी यह लोग पकडे नहीं जा सके थे । वो अपने कार्य में कुशल थे । हम लगभग चार मील आगे जाकर रुक गए । यह स्थान पहाडों से अधिक दूर नहीं था । एक ड्रीम ने बताया कि मार तो बारोड यही से मिलती है । हम वास्तविक आक्रमण स्थल से कितनी दूर है तो मैंने प्रश्न किया भैरवस्थान यहाँ से चार मीनार से कुछ कम दूरी पर है । उसने उत्तर दिया, अब तक हम को गोलियों के चलने का शब्द सुनाई पढना चाहिए था । मैंने पूछा हूँ ये ड्रीम ने बताया, गहरी घाटियों तथा ऊंचे पर्वतों के कारण गोलियों की ध्वनि सुनाई । पढना असंभव नहीं । यदि किसी गोला बारूद के ट्रक में विस्फोट हो जाए तो हम को उन का शब्द सुनाई पड सकता है । उसका कहना ठीक था क्योंकि एक घंटे के बाद एक का एक मोटरों की धनी सुनाई पडी और एक के बाद एक तक घाटी में से प्रकट होने लगे । टॉर्च के संकेत दिए गए । ऍम ने मुझे कहा अब और गाडियाँ नहीं आएंगे । मैंने अपनी गाडी स्टार्ट की और आधे मिल के अंतर से हम उनके पीछे चलते रहे । यह व्यक्ति जो मार तो बाहर रोड के निकट तैनात किए गए थे, हमारे ट्रक में आकर बैठ गए । इस प्रकार अन्य सभी व्यक्ति गाडी में आना और अंत में बिना किसी बाधा के हैं । हम सभी अपनी गुफा में पहुंच गए । ऍम के काफिले में से कोई ट्रक नहीं लौटा । उन दो अरबों ने हमको सूचित किया कि आक्रमण पूर्णतः सफल रहा हूँ । सलीना ने गुफा में भोजन तैयार करके रखा हुआ था । अब्दुल तथा बिन उमर ने मुझे बताया कि चौदह इटालियन ट्रक थे जिनमें से दस हम ले आए हैं और हमारे दो जर्मन ओपेल ट्रक भी वापस आ गए हैं । मॉरियस गाडी एक चट्टान से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई है इसलिए हम उसे छोडने पर मजबूर हो गए । चालीस में से पच्चीस व्यक्ति लौट आए । चार मोरिस गाडी की दुर्घटना में मारे गए और चार इटालियन सैनिकों की गोलियों से मारे हैं । एक इटालियन ट्रक में आग लग गयी जबकि उस के पेट्रोल की टंकी में गोली लगी और तीन ट्रक इतने अधिक क्षतिग्रस्त हो गए कि वह लाए ही नहीं जा सकते थे । परंतु उनमें लगा सामान हमने अन्य गाडियों में ला दिया और है हमारे अधिकार में है । अब्दुल ने बताया, इटालियन सैनिक पहाडों पर पैदल भाग गए और हम ने उन पर गोलियां चलाई । तीन मारे गए और घायलों का पता नहीं चल सका । मुझे एक असाधारण आक्रमण मालूम पडा या दाल एक साधारण डाकू दल नहीं था । इनकी सुनिश्चित योजना पूर्णता सफल सिद्ध हुई । जब ड्रीम ने मेरी एक घंटे के बाद जाने की योजना उनके सामने रखी तो अब्दुल ने अपना साढे लाकर असहमती प्रकट कर दी । अम्मी को आज रात को यही तो मैं यहाँ से निकले तो ज्यादा दूर नहीं जा पाओगे । दिन निकलने के साथ साथ सैकडों सैनिक रेगिस्तान के सभी क्षेत्र में फैल जाएंगे और अनेक विमान बाढ से तथा बेंगाजी से छोडकर प्रत्येक ट्रक पर नजर रखेंगे तो तुरंत देख लिया जाओगे । बिन उमर ने कहा ये बिलकुल ठीक है । हम को रात काफी भेज चुकी है । हमारे आक्रमण से इटालियन सैनिक सेना तथा वायुसेना में तहलका मच गया होगा और संभावना जर्मन सेना भी सतर्क हो गई होगी । इसीलिए यदि तो यहाँ से गायब तो तुम्हारी मृत्यु निश्चित है परंतु तो मैं इतनी जल्दी हम को छोड कर जाना के उठाते हो मेरे मैं हूँ । मैंने तीनों को संबोधित करते हुए कहा आज रात के तुम्हारे आक्रमण से मुझे स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि मेरी सुरक्षा की यहाँ कोई गारंटी नहीं है और मुझे जमा करना क्योंकि मैं ऐसा कह रहा हूँ की तुम लोग भी अधिक दिनों तक सुरक्षित नहीं रह सकते हैं । चौदह ट्रकों पर आक्रमण ऐसा कार्य है जिसको शाही इटालियन सेना भी सहन नहीं कर सकती है । इसकी उपेक्षा नहीं कर सकते हैं और उनकी संख्या तथा हथियार तुमसे सभी प्रकार श्रेष्ठ है वह एक हजार और यदि आवश्यक हो तो पांच हजार सैनिकों से तुम्हारी गुफा का घेरा डाल सकते हैं । यदि उनसे ये कार्य ना भी हो सका तो है जर्मनों को अपनी सहायता के लिए बुलवा लेंगे और ये वास्तव में तुम्हारे लिए बडी धर भाग्य पूरन बात होगी । तुम्हारी इस गुफा का भेद भी जल्दी ही उन पर प्रकट हो जाएगा । तो तुम्हारी गुफा की रक्षा व्यवस्था चाहे जितनी सुदृढ हो, तुम्हारे संतरियों की चौकसी चाहे जितनी सतर्क हो, आप लोग इस प्रकार विशाल काफिलों पर आक्रमण करके सुरक्षित नहीं रह सकते । इसलिए मुझे विश्वास है कि शीघ्र ही इस गुफा में आप लोग घेर लिया जाएंगे । तीनों अरब अपनी गाडियों पर हाथ फेरते हुए गंभीर मुद्रा में मेरी और देख रहे थे । फिर अब्दुल ने कहा मैं तो तुम सत्य कहते हो, हम उस खतरे को जानते हैं लेकिन हमारा विश्वास है कि अधिक कल तक हमारा पता नहीं लग सका तो धीरे धीरे इटालियन हमारा पीछा करना छोड देंगे । लेकिन मैं ये मैं जानता हूँ कि अगर भीषण युद्ध होगा और स्थिति में तुम्हारी स्थिति अत्यंत कठिन हो जाएगी क्योंकि तुम हमारी ओर से अपने लोगों के साथ युद्ध में भाग नहीं ले सकते । अब्दुल ऐसा करने की मेरी इच्छा नहीं है । मैंने कहा मैं जर्मनों पर गोली चलाता हुआ अपना रास्ता जरूर बनाऊंगा । बढ तुम लोगों के साथ अंग्रेजों से मिलकर जयमन सेना से लडना ये अलग बात है । मेरी स्थिति जैसा कि तुम जानते हो यहाँ पर विकट होती जा रही है और मेरे लिए यहाँ ठहरना असंभव है । मैं आप सबके आथित्य के लिए आधारि हूँ परन्तु अब आप लोग रेगिस्तान में एक के दुःख के छापे मारने के बजाय पूर्ण सैनिक युद्ध की ओर अग्रसर होते जा रहे हैं और चुकी में तुम्हारे दल में भर्ती होकर इस युद्ध में सहायता नहीं कर सकता । इसलिए अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार मुझे आज्ञा प्रदान करता हूँ कि मैं अपने मार्ग पर चला जाऊं तो तुम जब भी चाहो यहाँ से जा सकते हो ये तुमको मालूम है । अब्दुल ने जल्दी से कहा हम तुम्हारी स्थिति को अच्छी तरह समझाते हैं और ये भी जानते हैं कि यह तुम्हारे लिए एक कठिन समस्या है परन्तु मैं नहीं चाहता हूँ कि तुम मृत्यु के मुख्य में चले जाओ । इसलिए मैं तुम से निवेदन करता हूँ कि केवल एक दिन यहाँ ठहर जाओ तब तक इटालियन कुछ ठंडे पड जाएंगे । फिर यानि तुम चाहो तो कल शाम अंधेरा होने के बाद चले जाना और दूसरा दिन निकलने से पहले तो काफी दूर निकल जाओगे । मित्र तुम्हारी बात अच्छी है । मैं इससे सहमत हूँ । मैं तुम्हारी इच्छा के अनुसार एक दिन और आराम करूंगा । इसके बाद कल रात को चला जाऊंगा लेकिन क्यों ड्रीम नहीं कहा क्या मोटर से रेगिस्तान पार करना आवश्यक है? अगर तुम्हारी गाडी खराब हो गई तो तुम सहज में ही प्यासे मर जाओगे तो तुम्हें यात्रा हो तों पर कर सकते हो । अनेक व्यापार यहाँ आते हैं हमारी आगया पर मैं तुमको अनेक कबीलों की सहायता से कांगो पहुंचा देंगे । ये हजारों मील की आता है और मोटर द्वारा पार करना बहुत कठिन है । मार्ग फ्रांस तथा बेल्जियम के क्षेत्रों में से होकर जाता है जो कि निरापद नहीं है । बिना उमर ने भी कहा कि यह मोटर यात्रा से अधिक सुरक्षित है । हम सब शांत रहे और मैं स्थिति पर विचार करता रहा हूँ । फिर मैंने कहा की मैं वोटों पर यात्रा करने का आदी नहीं हूँ । इसके अतिरिक्त मुझे पहले बेंगाजी पहुंचना आवश्यक है और इसके लिए मोटा यात्रा ही एकमात्र साधन है । फिर बेंगाजी पहुंचने के बाद मुझे बडे टायरों वाली रेगिस्तानी मोटर गाडी उपलब्ध न हो सके । तो मैं आप लोगों से बाहर से में भेंट करूंगा और तब उनको द्वारा यात्रा करूंगा । पडे तो इसके लिए मैं पूरा भाडा चुकाना चाहूंगा क्योंकि मेरे पास काफी रुपया है तो ठीक । अब्दुल ने कहा लेकिन मित्रता के सामने रुपया कोई चीज नहीं है । इस बात पर सहमत हो जाने के बाद हम सोने के लिए चले गए । गुफा में और ऍम वातावरण रहा । अनेक विमान नीति उडाने भर भर कर चक्कर लगाते रहे हैं । उन्होंने रेगिस्तान से लेकर जब बेले अलग अकदर के पहाडों तक घाटियों में चक्कर लगाए । दूर रेगिस्तान में अनेक मोटरों की धूल से यह प्रतीत होता था कि इटालियन सेना कितनी सरगर्मी से छापामारों को खोज रही है । पहाडों की तलहटी में अब्दुल है संतरी तैनात कर रखे थे जो कि एक दूसरे को और संत के देकर गुफा तक सूचना दे सकते थे । सारा दिन इसी तरह बीत गया । तारों के निकलने के बाद तनाव कुछ कम हो गया और गुफा का वातावरण प्रतिदिन की भांति शांत हो गया । डेन में मैंने ड्रग पर अपना समान ला दिया था तथा अतिरिक्त गोला बारूद, हथियार, हथगोले, पानी, पेट्रोल और डिब्बाबंद भोजन जो कि मेरे मित्रों ने दिया था, संभाल कर रख लिया था । मैंने अपने ट्रक की ओवर हॉलिंग भी कर ली और मेरा विश्वास था के ट्रक सभी तरह से ठीक है । संध्या के भोजन के समय तीनों अरब मित्रों ने युद्ध संबंधी वार्ता आरंभ करती और उस पर अपने अपने विचार प्रकट कर दिया । उन्होंने ये रोग की राजनीति पर प्रकाश डाला तो मैं उनके ज्ञान से चकित हो गया । उस समय अमरीका और जापान तथा स्थित है और जर्मन यूरोप में अपनी चरम सीमा पर था । रोज भी तठस्थ था और वास्तव में जर्मनी से मिला हुआ था । उसका उद्देश्य पोलैंड के लूट में अपना हिस्सा प्राप्त करना था परन्तु प्रत्येक जर्मन इस सत्य से परिचय था कि हिटलर तथा स्टालिन दोनों को एक दूसरे से घृणा है और वह समय दूर नहीं जब कि विजयी जर्मन सेनाएं रूस पर आक्रमण कर देंगे । डॅाल इसको मेरे सेना से भाग निकलने के कुछ सप्ताहों के बाद यह सूचना मिली के हिटलर का डेपुटी रूल और दाल फॅस विमान द्वारा इंग्लैंड पहुंच गया है और हमारा अनुमान था कि वह एक लडकी आज्ञा पाकर इंग्लैंड से शांति वार्ता करने गया है जैसे यूरोप स्थित सभी जर्मन सेनाएं स्वतंत्रतापूर्वक रूस पर आक्रमण कर सकें । मैं जर्मन सेना से उस समय भागा था जबकि जर्मनी की सर्वत्र विजय हो रही थी । अब जबकि मैं अरबी गुफा में छिपा हुआ था, मुझे समाचार मिला था कि हिटलर ने जर्मन सेनाओं को रोज पर आक्रमण करने की आज्ञा दे दी है और वास्तव में बाईस जून उन्नीस सौ इकतालीस को रोज पर आक्रमण हो चुका था । इसी समाचार पर मेरे मित्र बातचीत कर रहे थे । अब्दुल ने अपने विचारों को स्पष्ट करके मुझे अचंभित कर दिया । अमरीका रूस की सहायता आवश्य करेगा । उसने कहा हूँ, मुझे इस पर विश्वास नहीं हो रहा था । परंतु भविष्य ने सिद्ध कर दिया कि अरब लोग यूरोप वालों की अपेक्षा इन वर्षों की अधिक जानकारी रखते हैं । अमेरिका और रोज मिलकर जर्मनी को पराजित कर देंगे और संसार पर अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए फिर से आपस में लडेंगे । अब्दुल ने बताया, परंतु अरबों को कोई नहीं दे सकता हूँ । आप दोनों तेजित होता है । संसार का कोई भी राष्ट्र, अमेरिका, रूस, जर्मन, इंग्लैंड, फ्रांस कोई भी हमें नहीं जी सकता हूँ क्योंकि अल्लाह हमारा मददगार है और हम काफिरों के सामने कभी नहीं झुकेंगे । इस अंधविश्वास से पूर्ण शब्दों से मुझे ज्ञात हो गया कि इसीलिए अरब अपने आखिरी दम तक लडते हैं । इससे यह स्पष्ट हो गया कि अब तो देनो माॅब ड्रीम और उनके दल ने लीबिया में इसी विश्वास पर हथियार उठाये । उन्होंने अंग्रेजों की सहायता स्वीकार की थी । इसलिए नहीं कि उनको अंग्रेजों से प्रेम था । करन तो इसलिए कि उनकी सहायता से वह इटालियन को अपने क्षेत्र में सही निकालना चाहते थे । उन की दस टीमें जो मुसलमान नहीं है, मैं काफी हैं तो ऐसी आशा को संजय बैठे थे कि एक दिन ऐसा अवश्य आएगा जबकि इस्लाम का धारा झंडा सारे संसार में फहराएगा । हमारे और तुम्हारे विचारों में अंतर है । अब्दुल ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा हूँ, बिना उमर तुमको जर्मन डाक ले जाने वाले सैनिक के रूप में देख कर तो महाराज डाला अवश्य कार्ड देता हूँ परन्तु जब तुमने उसकी प्राण रक्षा की है तो आपने विश्वास के अनुरूप वैध तुम्हारी प्राण रक्षा करने पर बाध्य हो गया और उसका भाई होने के कारण मेरा भी यही करता है । मैंने मुस्कुराकर उधर दिया । उसको बचाना कठिन कार्य ना था । उसमें केवल दो मिनट लगे परन्तु मैं देने उमर को शत्रु नहीं, मित्र के रूप में रखना चाहता हूँ । गला काटने की कला में कौशल है । अभी हसना लगे । हमारे गंभीर वार्ता समाप्त हो चुकी थी । मैंने घडी की ओर देखा । नौ बज रहे थे, जाने का समय हो गया । मैंने कहा मैं अपनी मशीन मिस्टर तथा कुछ अन्य वस्तुओं लेने अपने कमरे में जाता हूँ और उसके बाद मुझे अलविदा कहना ही होगा । मैं तुम्हारे ट्रक में बाढ से नगर तक हमारे साथ चलूंगा । ड्रीम ने कहा जिससे कि तुम नगर के बाहर ही रास्ते में चले जाओ और यदि इटालियन बंदूकों से मुठभेड हो जाए तो मैं मशीनगन चलाने में तुम्हारी सहायता करूंगा हूँ । धन्यवाद सुप्रीम भवंतु मैं नहीं चाहता की तुम मेरे कारण व्यर्थ जोखिम मान लो । कोई जोखिम नहीं है । ड्रीम हस्ता हुआ कहने लगा हूँ मुझे हर हालत में आज बार से जाना ही है ताकि अपने एजेंटों से नया समाचार प्राप्त करूँ । इसलिए मुझे कई यात्री की भर्ती अपने ट्रक में ले चलो । मैं एक घंटे बाद तुम्हारे ट्रक से उतर जाऊंगा । नए ड्रीम का सहयोग पाने पर पसंद था । मैं गेस्ट रूम से अपना सामान उठाने चला गया । सलीना वहाँ मेरी प्रतीक्षा कर रहे थे । तेल की बत्ती ऍम आ रही थी और एक अंगूठी भी दहक रही थी । उसने अलविदा के समय अपना पडता उतार दिया था और कुछ घंटों के लिए यहाँ अकेली चली आई थी । मैंने देखा कि मैं अत्यंत सुन्दर थी । उसकी आंखों से आंसू की धारा बढ रही थी । उसने मेरे हाथ अपने हाथों में ले लीजिए और कम थी । हुई आवाज में कहने लगी ऍम कम जा रहे हो और तुम से फिर मिलने की संभावना नहीं है । मेरी इच्छा है कि मैं तुम्हारे साथ चलो । फिर ये संभव नहीं है । मैं तुम्हारी देशवासी नहीं हूँ जिनके भूरे बाल और नीली आंखें होती हैं । मैं तुम्हारे धर्म को भी नहीं मानती तो मच्छी प्रेम नहीं कर सकते हैं और करते भी नहीं । इतना कहकर वैसे रखने लगी । अब नहीं नहीं जानता था कि क्या करूँ, क्या करूँ परंतु मैंने उसे अपने सीने से लगा लिया तो मैं तुम से प्रेम करता हूँ । सालियां तुम बहुत सुंदर हूँ और मैं जीवन में तो मैं कभी नहीं भूल सकता हूँ । किन्तु

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Voice Artist

Sound Engineer

अंधेरी रात में, धमाकों के बीच, अपने ही साथियों की आंख में धूल झोंक कर गंथर भाग निकला… चलने-चलते उस ने पे-मास्‍टर सार्जेंट को घायल कर दिया और रूपयों की तिजोरी अपने साथ ले ली। लेकिन गंथर ने ऐसा क्‍यों किया? एम जर्मन सैनिक की सच्‍ची कहानी जिस ने अपनी सेना के विरूद्ध जिहाद छेड़ा। Publisher - Vishv Books Writer - Ganther Bahneman
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