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Part 1 (B) in Hindi

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AuthorAditya Bajpai
शक कर तू कि सितारों में आग है, शक कर कि सूरज घूमता भी है, शक कर कि सच भी झूठा है, मगर मेरे प्यार पर कभी शक न करना। writer: अरविंद पाराशर Voiceover Artist : Mohil Author : Arvind Parashar
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हूँ हूँ । अगली सुबह ऍम हमेशा की तरह उसके चखने से पहले ही चल रही थी । मिस्टर की बगल में रखी मेज पर उसने ब्लॅक और अंडा भुर्जी रहती नहीं कल रात तुझे क्या हो गया था पर खुशी इस बात ये है की तो उन्हें कुछ थोडा थोडा नहीं हूँ । प्रतीक्षा बीच में रुकते हुए बोली हरी हाँ, ऐसा लगता है जैसे बीडी पीने की क्षमता खत्म हो चुकी है । उसमें उदा नील का शुक्रिया । उस पर दोस्त तो अपना बंद करो तो उन्हें आखिर उसका बदला तो ले लिया । अब उससे अॅगूठी कह रही हूँ मैं अब आगे बढ चुकी हूँ । मैं उस व्यक्ति से नफरत करती हूँ तो फॅमिली है । उसके बारे में सोचना ही बंद कर दें । ठीक है ठीक है आज का प्लान क्या है? आज छुट्टी है ना? हाँ मेरी प्यारी बहना । आज शाम को हम लोग नाटक देखने चल रहे हैं । हाॅल्ट है । मुझे नाटक देखना बहुत पसंद है । कभी कभी मुझे ऐसा लगता हैं । क्या फिर हम लोग अपनी जिंदगी में क्या कर रहे हैं? धीरे से दृष्टि की बातें ऍम स्टूडियो में हुई उस कांड की तरफ बढ गई । मैं अभी भी सुनिश्चित नहीं थी कि उसने जो किया पैसा नहीं उठाया । गलत ऐसा क्यों होता है? जब कोई कांड हो जाता है तो मैं खुद को दोषी मानने लगती हूँ । टेस्टी सोचने लगी मुझे लगता हैं कल मुझे झगडा नहीं करना चाहिए था । अंतर उसने अपने पहचान में को संभालते हुए अपनी बात रखी हूँ । ऍम वो सभी तुझे बहुत प्यार करते हैं किसी भी चीज से बढकर तो में एक समय उनके साथ काम करने वाली से घर में भी । और तो सब सही हो जाने के बाद वापस आने के बारे में सोचा है । फॅमिली से भरपूर बातें समझने लगी । तभी ट्रस्टी को याद आया । मनोहरन ने एक बार उससे मजाक में कहा था तो बोलता उसको आज भिजवा देता हूँ । दृष्टियाॅ किया तो सही कह रहे हैं आप निकल जाने के बाद लकीर पीटने से कोई फायदा नहीं होता हूँ । अंतरिक्ष आने उसे उसका फोन पकडाया और देखते हुए कहा ॅ नहीं है । ऐसा लगता है जैसे फोन बंद पडा ऍफ फिर से तो स्मार्ट फोन भी कुछ मर्दों की तरह होते हैं जो ज्यादा देर देखते नहीं दुखता । जोर जोर से हंसने लगी । जब भी रहे पुरुषों को गरिया दी थी तो उसका भरपूर आनंद लेती थीं । अंतिम क्षा मुंडी और दृष्टि से कहने नहीं मुझे सच में ऐसा लगता है तो एक साथी की बहुत जरूरत है । दोनों लडकियों ने खींचने बोर्ड नहीं हूँ । फोन खोलते ही दृष्टि नहीं । मैं देखा हूँ कि उसके कुछ दोस्त श्याम आ रहे हैं । अंतरा हमें आज शाम का प्लान कैंसल करना पडेगा यार बिल तो उस लोग मलहम पट्टी करने के लिए आ रहे हैं । कोई बात नहीं और एक बात बताओ बीयर और वाइन के अलावा भी कुछ चाहिए हूँ । वैसे एक बात बताऊँ मनोहरन सर्दी आ रहे हैं तो हूँ ऍम एक बात बताओ क्या नहीं अभी भी मनोहरन सर के संपर्क में हैं । मैं उम्मीद करती हो ना हूँ । मुझे संदेह है जिस तरह से यह सब खत्म हुआ था रेगरान टेरैनो के भयंकर अंक से कम नहीं था । पर वे अक्सर हम सभी को गलत साबित कर देता है । ये कभी शुरू ही नहीं हुआ था । डस्टिन कुछ याद करते हुए भावुक शब्दों में कहा काम ऍम चाहूँ हमें रोज मर्रा का सामान भी चलना है ना लेने तो कुछ भी नहीं समझा सकती । कुछ वक्त होते हैं जब मुझे ऐसा लगता है । मुझे अपनी जिंदगी में एक साथ ही की सख्त जरूरत है । क्या आपको आज है? तो मैंने सोचा था ये सब एक मजाक के रूप में शुरू हुआ था । दोनों ॅ नहीं । दूसरी तरफ गौरी ने लंच के बाद लेनी बंद करने का निर्णय ले लिया था । वो अकेले मिनियन्स देखने जा रही थी । उसके दोस्तों और परिवार के द्वारा उसे सख्त हिदायत दी गई थी । आप की रह कोई भी भावनाओं में बहने वाली फिल्में ना देखिए । इसीलिए उसने एनिमेटेड फिल्म देखने के बारे में विचार किया । ऍफ है मिलती जुलती थी सच कहूँ तो मैं उसकी तरह देखती थी । अधिकतर परिवार से इतर उसके परिवार के लोग चाहते थे कि वह मॉडलिंग में अपना करियर बनाए । बाहर उसकी माँ ने ये भी तो कहा दिया था हमें देश में कई और ऐश्वर्या राय और सुष्मिता सेन देखनी है । ऍम गौरी नहीं, कभी दिलचस्पी नहीं । उसका सपना डेंटिस् बनने का था । जब कोई अपने दांतों की तारीफ करता था तो आप सोचते हैं आप टीवी पर डांट मंजन का प्रचार करने लगे हैं । पर इसके उलट उसने सभी के दातों को ठीक करने के बारे में सोचा । फिर लडकी जो एक वक्त बहुत बच्चा ही और जिंदादिल थी, वही गौरी अकेली एकदम शांत रहते थे तो कई भावुक बातें, दलीलें और मीठी बातों से मनाने के बावजूद वे अपने माता पिता को कभी एक हफ्ते से अधिक अपने साथ रुकने नहीं देती थी । वो अपनी मेरी जिंदगी है । मेरे कर्मों का परिणाम है इनसे मुझे सामना करने दो तरह की माँ को समझाए । ऍम इसके अंदर प्ले आसपास देखने लगी । कितने लोग अकेले फिल्म देखने आए हुए हैं । उसने देखा तो पाया दो तीन लोग ऐसे थे जो अकेले बैठे हुए थे । तभी उसने तुरंत अनुमान लगाना शुरू किया कि तीन सौ लोगों की क्षमता वाले हवल में तीन लोग कितने परसेंट होंगे । उन्होंने अनुमान लगाया कि है तकरीबन दस से पंद्रह परसेंट होगा । पंद्रह परसेंट कोई बुरा नहीं है तो अपनी झूठे आंकडों की दुनिया में कुछ इसी तरह खुश ऍम और चाय खत्म करने के बाद उस निर्णय लिया कि वे इंडिया के तक डाइट पर जाएगी । दिन की किसी शायद उसने मेरे बारे में नहीं सोचता हूँ । यहाँ तक कि उसने अपने माता पिता के बारे में भी नहीं सोचा हूँ । अंतर आ के घर पर बिना देरी ही है सारे मेहमान पधार चुके थे । डाॅ । मैं ये नहीं कुछ होगा कि उस दिन तुम्हारे साथ क्या हो गया था । बस में यही पूछूंगा कि तुम्हें किस तरह काम पर वापस ला जा सकता है । मनोहरण ने गर्मजोशी के साथ गले मिलने के बाद प्रश्न किया गुजरातभर पर्याप्त आंसू बहाने ऊपर से हैंगोवर के बाद अब दुखी रहने के मूड में नहीं थी । पहले सीट पर बैठे ऍम दिख रही थी वो तो अब तो ठीक है । उसके एक सहकर्मी अन्ना ने प्रश्न कर दिया ऍम ठीक हूँ । ॅ लोग एक दूसरे के नाम लिया करते थे । ये समूह उसका दिल और आठ हाँ दोनों थीं । फॅमिली को धोका मिला था । मनोहरण ने उसे एक मित्र के नाते सारा सहयोग देने का वादा किया था । ड्रेस टी को धोखा मिलने के प्रश्न अभी भी अनुत्तरित है और दृष्टि उनका कभी जवाब नहीं देना चाहते थे कि आखिर हुआ क्या था? मैं स्वार्थी हो गया था और मुझे सिर्फ अपने टीआरपी, ऍम, अपने शो तथा इन्हीं सब की फिक्र थी । पर अब सच बताऊँ । मैं तो मैं वापस काम पर देखना चाहता हूँ । हमें इस प्रोग्राम को तभी स्टार्ट करेंगे जब तुम वापस आ जाओगी । मनोहरन ने सत्यता से अपनी बात बयां करती हूँ । हर कोई उसकी इस बात पर अच्छा महसूस कर रहा था । उसने आगे बोलना जारी रखा और ये भी यह तो में उस बेहुदा नील के विचारों से दूर रहने में मदद करेगा । इसका मतलब मनोहरण नील के संपर्क में नहीं था वरना मैं नील को गाली क्यों देता हूँ? डस्टी ने ऐसा चौबच्चा तभी अंत इक्षा ने यहाँ पर सवाल करके नहले पड पहला मान लिया हूँ क्या उसने आपसे संपर्क करने का कोई प्रयास किया? भार किसी के सोच के विपरीत मनोहर ॅ और मैं सहयोग वर्ष उसी पक गए थे जिसके बारे में तुम ने उसके साथ हुए विवाद की रिपोर्टिंग की थीं । फिर ना कितना मजा किया हो तो हर कोई अचंभित था कि मनोहरण को सच नहीं बताना चाहिए था क्योंकि इस बात से द्रष्टि को तो पहुंचेगा । मनोहरन को भी अपनी गलती का एहसास हुआ कि उसने सच बताकर गडबड कर दी । फॅमिली तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा है और आपका होता है तो दोनों साथ में तो अब गए थे और आपको इस बात की खुशी भी है तो मैंने फॅमिली से खुद को बचा नहीं सकता था । तभी उन मेहमानों में से एक ने अपने बॉस को बचाने की कोशिश की । फॅालो तरह से ले रही हूँ । नील ने बहुत से मिलने के लिए जोर दिया था । ये सिर्फ एक मीटिंग की दवाई कुछ नहीं ऍम इस बात को नजरअंदाज करते हुए तब तक बहस करना जारी रखा । जब तक मनोहरण ने माफी नहीं मांगी नहीं कीमत मांगी है वो मुझे ये बताइए आप उनसे मिलने क्यों गए थे? उससे मुझे सलाह मशविरा करना था । असल में उसका दोस्त वो मैं बच्चा चेहरी किसी वित्तीय संकट में है । तो अहमद से सलाह हमने आया था । इससे पहले की हम पूरी तरह उस बात को डिस्कस करते तो छोडकर चला गया । तो मुझे पता हैं उस जेरी के बारे में । पिछली बार उसने घबराहट से जूझने वाली और दोनों के लिए आप बनाया था । उसके सारे दोस्त फेक आईडी से लॉगिन करते थे । एक दो बार कर दी और बिना किसी शर्म के उसने अपनी प्रोफाइल पिक्चर ना उम्मीद क्या तेल की लगा रखी थी? ये नहीं कितना अच्छा लगता है के सभी लोग एक दूसरे को कितने बेहतर तरीके से जानते हैं, समझते हैं और एक दूसरे की जिंदगी के बारे में ख्याल रखते हैं । मुख्य कहा उस वक्त में जब किसी को किसी की जिंदगी से कोई लेना देना नहीं मनोहरण का दृष्टि के लिए चिंता करना उसी का उदाहरण था । कुछ बाहर चढते हैं और बैग्राउंड में मधुर संगीत बचते हुए कई महत्वपूर्ण विषयों पर बातें चल रही थी । जैसे राजधानी में औरतों की सुरक्षा पर विचार विमर्श चला जब उन्होंने चडने की हद तक पीली ऍफ का हूँ । मैं तो जा और किसी बात की फिक्र मत कर जितना मन भारे फॅमिली तो फॅमिली है । अंतर ॅ सभी औरतों को चढ गयी थी । इस हालत में नहीं थी कि कुछ ढंग से जवाब दे सकें । गैस्ट्रो में ही लेट गयी इस्काॅन डरने दृष्टि को बहुत जरूरी विश्राम दे दिया था । ये सब दो बजे खत्म हुआ । महिलाएं वहीं पर बडी रहें और पुरुष कैसे वापस लौट गए किसी ने कोई टैक्सी नहीं फिर उनके सम्मान का सवाल था ।

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शक कर तू कि सितारों में आग है, शक कर कि सूरज घूमता भी है, शक कर कि सच भी झूठा है, मगर मेरे प्यार पर कभी शक न करना। writer: अरविंद पाराशर Voiceover Artist : Mohil Author : Arvind Parashar
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