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Part 1 (A) in Hindi

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AuthorAditya Bajpai
शक कर तू कि सितारों में आग है, शक कर कि सूरज घूमता भी है, शक कर कि सच भी झूठा है, मगर मेरे प्यार पर कभी शक न करना। writer: अरविंद पाराशर Voiceover Artist : Mohil Author : Arvind Parashar
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ऍम किताब का नाम है एक पहेली यहाँ की जैसे लेगा है अरविंद पाराशर ॅरियर मोहिल हैं । ऍम चाहे सौ दिन पहले काफी बारिश के बाद आज की सुबह धूप लेकर आई थी परन्तु सारी गलियों में जलभराव था । ऐसी उम्मीद थी कि कुछ वक्त में सारा पानी बह जाएगा परन्तु बारिश बंद हुए कुछ घंटे भी चुके थे पर पानी अभी भी गलियों में भरा पडा था । दुर्भाग्य वर्ष दिल्ली की जलनिकासी कभी सही रही नहीं । दृष्टि अपनी कार चलाकर आपने न्यूज ऑफिस जा रही थी । साथ ही साथ उसके मन में पुराने नकारात्मक विचार चल रहे थे । जब भी बाहर देखती सडकों को और राजधानी को कोसने लगती पूरी यात्रा ने उसका दिमाग खराब कर के रख दिया था । भाई कितने ही नहीं बल्कि अपने दिमाग में मैं दुख, गेस्ट और यादव का बोझ भी लेकर चल रही थीं । हाँ, कुछ दुख मैंने दिए थे परंतु अधिकतर है तो मैं इसके दिए हुए थे । सामान्यता जब ऑफिस में प्रवेश करती तो काफी शांति होती थी परंतु आज वह बडे खराब मूड में थीं और एक ऐसे शो की एंकरिंग करने जा रही थी जो टीवी पर जल्दी ही प्रसारित होने वाला था । ये पूरी तरह से स्त्री विमर्श पर आधारित था । वो चैनल में हर व्यक्ति बहुत उत्साहित था तो जैसे ही रह पहुंची, कुछ लोगों ने उसका स्वागत किया । कुछ नहीं अचंभित निगाहों से देखा और कुछ बिना ध्यान दिए अपने काम में लगे रहे हो । उसका नाम था ऍफ लाइफ, जिसका कई हफ्तों से टीवी पर प्रचार प्रसार किया जा रहा था । देखिए खुदा की मर्जी शूटिंग शुरू ही नहीं हो पाई थी कि उसकी प्रोडक्शन यूनिट स्टार से झडप हो गई और उसने आप देखा ना दाब शूटिंग बीच में ही छोडकर वापस लौट आई । उसके सबसे महत्वपूर्ण दिन की वाट लग गई ऍम कुछ वक्त अंतराल के बाद वापस टीवी पर आ रही थी वो उसे ऐसा लग रहा था कि यह शो से बेहतर कमबैक करने में मदद करेगा । हाल ही मैं तो उसके साथ कुछ घटनाएं हुई थीं जिनकी वजह है वे कठिनाइयों के बीच फस गई थी । रही सही कसर आज कार चलाते वक्त हो रही हो गई, जिस कारण उसने अपना आभा खोल दिया । दृष्टि के कुछ अच्छे मित्रों ने प्रड्यूसर मनोहर की बातें मानने की कोशिश की और उन्हें बताया फॅमिली को मनाएंगे एवं वापस लाने की पूरी कोशिश करेंगे । ब्रिस् अभी दृष्टि के बहुत नजदीक थे । आखिर न्यूज चैनल में एक दूसरे के साथ काम करते हुए दस वर्ष भी तो हो गए थे । शादी टूटने के बाद उसने कुछ दिनों का विश्राम लेने का फैसला किया था । उसने हर किसी से वादा किया था कि वो वापस जरूर आएगी । खाला की उसका एक विवाहित व्यक्ति जो कि मैं सब के साथ अवैध प्रेम संबंधों और उसके बाद ब्रेक था, आपने उसकी वापसी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था । जिसकी वजह से उसकी दिमागी हालत बिगड गई और उसका प्रत्यक्ष प्रमाण चोट से पहले ही दिन देखने को मिला था । उसके मित्रों और सोशल मीडिया ग्रुप में इस तरह की आम बातें थीं । उसे क्यों एक अन्य व्यक्ति की जरूरत पड गई? सभी के अपने अपने मत है, कोई उसका पक्ष ले रहा था और कोई विपक्ष में था । परंतु खासियत ये थी कि सबके अपने अपने मत जरूर थे । वो ये एक ऐसा विषय था सबके अंदर बात करने के लिए और तो हाल पैदा कर देता था जैसे कि वे उस विषय के विशेषज्ञ हूँ या फिर काउंसलर हूँ । शादियाँ, अलगाव और तलाक का प्रभाव घर जाती धर्म और जगह पर समान रूप से पढा है । शायद उन्होंने इंसानियत पर एक तरह से प्रभाव डालकर इंसानियत को जोडने का कार्य किया है । ना उम्मीद और उदास मन लेकर ऍम अपनी चचेरी बहन के घर पहुंच गई, जहां वह ठहरी हुई थी । उसने ऍम निकली और उसे गिलास में डालने लगी । ऐसा ऐसा क्यों हो रहा हूँ? मैं तीन लाख वाइन पीने के बाद खुद से बडबडाने लगी ऍसे बने हुए थे । इन बेहतरीन गिलास में पीने के आनंद ही कुछ और होता है । जिस वजह से मैं अपनी सीमा दो ग्लास वाइन से अधिक भी गई थी । ऑनलाइन उसको चढ गई थी और उसे अपनी बहन अंतिसा की बातें सुनाई पड नहीं बंद हो गई थीं जो अपने कमरे से चला रही थीं । दृष्टि ओ दस थी, अब सो जाओ जल्द ही तुम्हारे लिए कोई ज्योतिष होंगे फॅार पर जाने से पहले फिर से बडा नहीं था कि पहाड में जाए । इन दोनों की वजह कोई जरूरत नहीं है । कुछ भी नहीं । कुछ ही देर में मैं ऐसे बेहूदा विचारों को सोचते हुए हैं । नींद की आगोश में होली वो ठीक एक छोटे टेडी बियर की तरह हो गई । किसी को प्यार करने का मन करता है । कुछ ही देर मैं अन्वेषा कमरे में आई और उसने ऍन बोदल उठाकर धो रही थी । उसके पैरों के नीचे बटक की तरह दबी रजाई को निकालकर उसकी पांच फॅमिली छरहरी काया को ठग दिया । अंतरिक्ष आ नहीं सुनिश्चित किया कि वातानुकूलित मशीन का तापमान चौबीस डिग्री सेल्सियस पर रहे जबकि वाइन की गर्मी की वजह से दृष्टि की है । आदत थी वो हमेशा अठारह पर लगाकर सोया करते थे । सडक से एक किलोमीटर दूर ऍफ फेस फोर में मैं अपने दोस्तों के साथ रहता था हूँ । अधिकतर गुडगांव से अलग गैस सुंदर क्षेत्र हरे पेड पौधों से घिरा हुआ था । इस जगह को हमने बडी मशक्कत के बाद हो जाता था । हम चार लोग रह गए थे और सभी भिन्न भिन्न क्षेत्रों से हैं । हम सभी की पाॅल हम लोगों का माइंड सेट भी एक दूसरे से भिडने हैं । शायद यही वजह है कि हम सभी का एक दूसरे से बहुत अच्छा संबंध है । ठीक वैसे ही जैसे सामानता विकर्षण पैदा करती है और भिन्नता आकर्षण । उस रात हमने शराब के साथ अपनी पसंदीदा सिगरेट पीते हुए हैं, अपने फैसलों को भरा था । जब ऐश ट्रे राख से भर जाती तो मैं उसे गगनचुंबी इमारत के बीस फ्लोर की बालकनी में खडा हो जाता और नीचे हरी हरी घास से भरी जमीन को सिगरेट के फिल्टर से भर देता हूँ । ऐसा करना वक्त काटने जैसा महसूस होता था । तीस की उम्र के बाद या यूं कहे की जिंदगी के मध्य में मैं अब साथ में गिरा जा रहा था । मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैंने अपनी पहचान खोलती हूँ और मुझे कोई रास्ता नहीं दिख रहा था जिससे मैं उसे वापस प्राप्त कर सकता हूँ । मैं यह खोज पाने में सक्षम नहीं था कि आखिर मेरे साथ इतना बुरा क्यों हुआ । मैं अभी भी गौरी से मोहब्बत करता था । फिर भी दुर्भाग्य देखिए तुम साथ नहीं थे । पीछे बज रहे गाने और गौरी की आज से दिल भारी हो गया और बल्कि भी गई ऍम बीच बीच में मुझे समझाने का प्रयास करने लगता है । ठीक ऍम सभी को पता है तुम्हारी ऐसी की तैसी हो चुकी है । अब एक आदमी की तरह है इसका डटकर सामना करो । फॅमिली जमकर हंसी उडाई है पर तब तक इस तरह से जिंदगी गुजार होंगे । ॅ जितना सरल तरीके से समझाने के लिए मुझे भी ऐसा ही लगता है । फॅमिली ना होते तो मुझे ऐसा लगता है जैसे जिंदगी नहीं मुझे मारी दिया हूँ । ऍम बिना कोई चेहरे पर एक्सप्रेशन लाए । मैंने उसे तुरंत जवाब दिया । सच कहूँ तो मुझे खुद ही नहीं पता था की मेरी जिंदगी में क्या चल रहा है । जय रही और जासूस देर रात या फिर सुबह सवेरे इस नाटकीय और एनीमेटिड वार्ता लाभ से जुड जाएंगे । ऍफ की बात बताता हूँ तो उनका नामकरण उसके वास्तविक नाम तपस मोहन से रखा गया था । उसी वक्त से जनार्दन रेड्डी को जेरी नाम से पुकारा जाने लगा । जहाँ डॉम और जेडी के नाम उन के वास्तविक नामों से प्रेरित थे, वहीं जासूस उसके चरित्र की उपज थी । वैसे तो उसका वास्तविक नाम जेम्स था पर रहे हैं । एक गुप्तचर की तरह था । मेरा नाम पहले से ही इतना छोटा था । उसे और छोटा खर्च नहीं की जरूरत नहीं पडी । कई जगहों पर मुझे भाई कहकर भी तो कहा जाता था । ना आना फॅमिली है । ये मुझे सम्मान देने की वजह से नहीं था बल्कि मुझे सहानुभूति देने का एक तरीका था । तो आखिरकार सबसे अधिक होगी तो मैं ही था । इसलिए इन सभी अच्छे मित्रों को लगा । अगर है मुझे सम्मान देंगे तो शायद मेरा आत्मविश्वास कडक बेहतर हो जाएगा । मान्यता, सिगरेट और शराब पीने का काम वीकेंड की मेन नाइट में हुआ करता था । दिन में जैरी कंप्यूटर कोर्स करने जाए करता हूँ जहाँ मैं काला सीख रहा था हूँ जो से एक ऐसा आप बनाने में मदद कर सकती थी जिससे सारे युवा एक साथ जुड सकें । उसके मन में कुछ फॅमिली की तरह ही बनाने का प्लान चल रहा था । इसके पहले तो उसने एक आप बनाया था जो फ्लॉप हो गया था । उसमें पांच हजार से ज्यादा भोजन बनाने के तरीके थे । पर मैं अधिक सफल नहीं हो सका । जैरी ने इस बार या निर्णय लिया कि एक बार यहां ढंग से चलने लगे तो इस की सफलता का श्रेय वो मुझे समर्पित करेगा । घर का खर्च मुख्य था मेरी और टॉम की बचत और जेम्स के आय पर चल रहा था । गौरी से तलाक के पश्चात मैं सब कुछ खोल दूंगा हूँ का और घर उसके हाथ में चला जाएगा । वास्तविकता में मेरे केस में पहली सुनवाई के दौरान जज पहुँच सकते थे जबकि ये हम दोनों की आपसी सहमती से तलाक हो रहा था । तलाक शायद गौरी के पक्ष में खत्म होने की उम्मीद थी । कुछ ऐसा मैं ऐसा हुआ कि गौरी मुझे पाठ कराना चाहती हो क्योंकि जहाँ तक मुझे पता है मैं कभी वस्तु वादी सोच कि नहीं नहीं । मुझे अपने बैंक अकाउंट को भी पढना पडता फिर तो गाडी नहीं, उसे मध्य नहीं बता । मुझे पता है कि तुम इसके लायक नहीं हूँ, पर इसे तो मेरी तरफ से असान समझा तो भारत पैसों की मुझे कोई जरूरत नहीं है । उसकी क्रोधित होने के कई कारण मैंने उससे पूछ लिया अगर है मेरी का मेरे पास रहने दे । ऍम अपना बात हो रही थी और मुझे आगाह किया कि अगर आइंदा कभी मैंने ये मांग रखी तो वह मेरे बैंक अकाउंट का भी हिस्सा ले लेगी । किस बात मुझे हमेशा हमेशा के लिए चुप करा दिया हूँ । मेरे खाते का वैढन अब हम चारों के हिस्से का था, ऍप्स का अच्छा खासा देता था, जिसकी वजह से हम ॅ और सिंगल माल्ट व्हिस्की खरीदने में सक्षम हैं । अलग होने से पहले मैं क्रिस्टल क्लास में दो सेट अपने साथ ले आया था, जो मैंने और गौरी ने अपनी शादी की सालगिरह पर पेरिस में खडे गए थे । उन दो सेट का एक फॅमिली के पास था । मुझे ढंग से आज नहीं । आखिर क्यों सेट मैंने उसे दे दिया था । तो इतना सब कुछ होने के बावजूद मैं खुद को एक शहीद समझ रहा था । गौरी के साथ अलगाव और फिर दृष्टि के साथ कडवा दर्ज है । एक के बाद एक घटनाओं ने मुझे नहीं करना छोडा । मुझे स्वयं को शहीद कहने में मेरे जिगरी यार उन की बहुत जोरदार सहमती थी । साले तुम ने उसके लिए सब कुछ त्याग दिया । इसके बावजूद उसने तुम्हें नरक में भेजने में कोई कसर नहीं छोडी । चेरी ने कहा हूँ हाँ, मुझे महिलाओं की कोई जरूरत नहीं । बहुत हो गया । हाँ भैया ये लडकियां मैंने अपनी बात जाहिर के । कुछ ही देर के पहचान सभी अपने अपने कमरे में वापस आ गए । गहरी से भिन्न जो अभी भी आरामदायक माहौल में सोने में विश्वास रखती थी । मैं सोफे पर ही घुटने मोडकर आराम करता था । वो टीवी शायद ही कभी बिस्तर पर जाने से पहले बंद किया जाता हूँ । हॉलीवुड के स्टार्स की आवाज लॉटरी की भारतीय गानों में पडती रहती थी । वहाँ हो खासकर दृष्टि और गाडी के लिए बहुत कठिन हो गया था मैं तो खेर शाहिद था दृष्टि का पूर्व पति सो में संभव सिंह एक सीनियर पुलिस अफसर था जो इस भुक्तभोगी वाली कैटेगरी में नहीं आता था । वो जन्म से ही बहुत धनी व्यक्ति था जिसे उसके पूर्वजों से विरासत में काफी संपत्ति प्राप्त हो गई थी । पुलिस पर जॉइन करने के पीछे उसका मुख्य उद्देश खाकीवर्दी में लोगों की मदद करने वाली विरासत को आगे बढाना था । उसने अपने शुरूआती दिनों में काफी उन्नति कर ली थी और उसे पता था कि अगर मैं उन लोगों की बात नहीं मानेगा तो उसे संपत्ति में से एक कौडी भी नहीं मिलेगी । या व्यक्ति अक्सर कई अन्य लोगों के साथ पेस्ट्री के पन्नों पर पाया जाता था । उसकी ये अफवाह सामान्य रूप से फैली हुई थी कि उसका चक्कर उसके उम्र के दस वर्ष छोटी जर्मन महिला से चल रहा है । कई लोगों द्वारा ये माना जाता था जर्मन महिला ने उसके दिल में जगह बनाई और उस व्यक्ति ने उस महिला के दिल में रिफा बुरी तरह रहे थे कि उनके बीच कभी रहे नहीं होते हैं । अधिकतर बातें मीठी आवाजों में ही होती थी । परिकल्पित रूप से सबसे घोष प्रेमी है । ऐसा प्रतीत होता था जैसे इस जिंदगी के भंवरजाल में गौरी ही एकमात्र है । सबसे अकेली पड गई थी । रोज अकेली होती थी । बहरहाल ये उसकी मार दी थी । मैं व्यावसायिक रूप से डॅान और अपने काम में बहुत ही फोकस और समर्पित थी । रहे अपने क्लीनिंग में अतिरिक्त वक्त देती थी । इसका कारण ये था कि है उस आघात से दूर रहना चाहती थी जो उसे ये एहसास दिलाए की जल्द उसका हाथ पूर्व पति ज्ञानी मैं छोडने वाला है । मैं यह जानकर बहुत खुश थी कि मैं और दृष्टि हो शादी के बंधन में नहीं बंधने वाले वेब से यही प्रार्थना करेगी गी ईश्वर मुझे बहुत कष्ट और दुख दें । एक वक्त था जब दोस्तों मार परिवार के बीच गौरी एवं में सबसे खुश दंपति के रूप में जाने जाते थे । तो हम दोनों पुराने जमाने के लोगों की तरह कसम खाते थे । छोडेंगे ना । तेरह सात और साथ ही मरते दम तक यह कसम खाने के पहचान कम सोचा करते हैं कि हम उन दुर्लभ लोगों में से हैं जो भी शपथ को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं । बच्चे आ रहे हैं शादी के टाॅप गौरी ने एक राहत मुझसे कहा था शादी शुदा लोग एक दूसरे को छोड कैसे सकते हैं । वो है तो खाना पीना । अपनी सिंधी के बारे में भी नहीं सोच सकती हूँ मैं आप इस बारे में सोचता हूँ देखती है । मुझे डर लग बात नहीं लगती बल्कि बहुत साधारण सी बात लगती है । तो मतलब तो तब होता जब दंपति शादी के बाद कुछ इस तरह की थी हूँ । अगर तुम्हें यहाँ वहाँ मारने की कोशिश की तो मुझे तो मैं नपुंसक बनाने में या फिर उससे भी बुरी दशा में पहुंचाने में देर नहीं लगेगी । ऐसा लगता था गाडी को सबसे अधिक ठेस पहुंची है । फिर मुझे ऐसा महसूस होता था की फॅमिली भी शोक में थी । जो लडकी कभी सामाजिक जंतु हुआ करती थी, एक ऍसे जल्दी खत्म करती थी । अभी अकेले रहने लगी हैं । बिना पिलाना तो है सपने में भी नहीं सोचती थी । यहाँ तक कि उसका घर भी ऐसा लगता है जैसे कर्फ्यू लग गया हूँ । जब से उसके मुझे संबंध छोटे हैं तब से कभी ऐसा नहीं हुआ कि उसके दरवाजे पर किसी आगंतुक ने दरवाजे पर दस्तक भी हो । वह जिली गुडी में रह रहे हैं । अपने माता पिता से सिर्फ बात करती थी । ट्रैफिक कभी कभार अपनी चचेरी बहनों या फिर एक के दुःख के दोस्तों से बात किया करती थी । वो जब तक हम लोग अलग नहीं हुए थे तब तक मैं उसकी ऍम थी । वो लोग भी अच्छे मित्र थे । परंतु दूरियों ने उनके संबंधों के बीच भी हल्की सी रेखा खेलती थी । कर किसी को पता था अब हफ्ते के साथ देना अपना लेने खोलती है । इस वजह से उसके पिता को फिक्र होने लगती है । पर मैं किसी की सुनने वाली कहा थी । जैसे कोई मैराथन दौड रही हूँ और जहर रोक नहीं सकती । दुनिया उलट के पलट हो जाए पर वह इसी तरह हमेशा नहीं रहना चाहती थी । जब किसी का दिल से प्यार करते हैं और उसके लिए समर्पित रहते हैं तब एकदम से जो सामने वाला दिल पर ठोकर देता है, उसका ऍम प्रत्याशित ॅ हूँ । कभी कभी तो यह दर्द और भी भयानक हो जाता है । सर, आप शांत हो जाते हैं, एक मशीन बन जाते हैं और जिंदगी को किसी तरह ऍम आपको मित्रों की जरूरत होती है पर आप उनसे खुद को दूर रखते हैं । आपको माता पिता के प्यार की जरूरत होती है पर आप ऐसा दिखावा करते हैं कि आप बहुत मजबूत है हूँ । गरीबी तो तल्लीनता से काम करते हुए कुछ ऐसी ही परिस्थितियों से जूझ रही थी । आपने छोटी फ्रेंड सर्किल होने के पीछे उसका मजबूत कारण था कि ले है । जिस तरह की कंपनी चाह रही थी पैसे लोग उसके पास नहीं थे तो उसे पुरुष की जरूरत थी । उसे स्थिर ताकि जरूरत थी । उसके माता पिता हमेशा यही सलाह दिया करते थे, मेरे पास लौटाए परन्तु उसने हमेशा उन्हें जवाब दिया कि इस मामले में वे कभी हस्तक्षेप न करें । ऐसा नहीं था कि वे अपने माता पिता को प्यार नहीं करती थी, ऍर करती थी पर मेरे मामले में किसी भी तरह की बातचीत नहीं करना चाहती थी । इससे रह ये भी दिखाना चाहती थी कि मैं मजबूत और हटी है । यह ठीक उसी प्रकार था जैसे आप आइसक्रीम खाने को निकले और दुकान पहुंचकर अपने बढते वजन के बारे में सोचने लगे हैं । धिन बीत किया और दुनिया के इस भाग में रात ने अपने पंख पसार दिया । कुछ लोगों के लिए बुरा था और कुछ के लिए सुखदायक रात ऐसे ही आएगी और जाएगी तो अभी वक्त हुआ करता था ॅ आप इससे खडा करते हैं ।

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शक कर तू कि सितारों में आग है, शक कर कि सूरज घूमता भी है, शक कर कि सच भी झूठा है, मगर मेरे प्यार पर कभी शक न करना। writer: अरविंद पाराशर Voiceover Artist : Mohil Author : Arvind Parashar
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