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muskurane ki wajha tum ho 18 in Hindi

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AuthorMixing Emotions
रनबीर, अदा को चाहता है और उसके लिए दुनिया छोड़ सकता है। उसके पास अच्‍छी नौकरी है, मोटी सैलरी है लेकिन उसकी इच्‍छा कुछ और करने की है। एक दिन काफी सोच-विचार के बाद, वह अपनी नौकरी को छोड़ पूरी तरह से लिखने के काम में जुट जाता है। वह जब इस क्षेत्र में संघर्ष कर रहा होता है, तो अदा उससे दूर होने लगती है। इन सारी उलझनों के बीच, पीहू शर्मा उसकी जिंदगी में आती है, जो उसकी अब तक की पहली प्रशंसक, और पूरी तरह से उसके प्यार में डूबी हुई लगती है। किसका प्‍यार सच्‍चा है अदा या पीहू का? सुनें पूरी कहानी।
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हमारी मुलाकात वैसी नहीं रही जैसी शायद मैंने कल्पना की थी या जैसी होनी चाहिए थी । उस रात कहते में जो हुआ वो सीधे शब्दों में दिल तोडने वाला था । मुझे एहसास हो गया है कि मुझे हमेशा से तुमसे प्यार था और सिर्फ एक स्वास्थ्य बदलाव और ध्यान पाने की तलाश में मैं दुर्घटना बस एक गलत रिश्ते में खुद के तुम्हारे साथ मुझे जीवन जीने की भावना महसूस हुई है और अब जब समय में पीछे जाकर मैं खुद को फिर तुम्हारे साथ देखती हूँ तो खुद को सबसे ज्यादा खुश पाती हूँ । मुझे अफसोस है कि मैंने तुम्हें तब छोडा जब शायद तुम्हें मेरी सबसे ज्यादा जरूरत थी । मैंने तो कभी कोई दोस्त बनाते नहीं देखा और बचपन से तुम्हारे लगे सकता मैं थी । जब भी मेरे मम्मी पापा के बहस करने और लडने से मैं डर जाती थी, तुम हमेशा मेरी मदद के लिए आ जाते थे चाहे तुम कितने भी व्यस्त होते हैं । मैं जानती हूँ की जब मेरे मम्मी पापा अपने जीवन में व्यस्त थे और आपने अनचाहे बच्चे अपनी उप्स बेबी को लगभग भूल गए थे और मैं सोचा करते थे कि उन्हें कभी नहीं देखूंगी । तब तुम ने मुझसे कहा था कि मैं जहाँ भी जाऊंगी तो मेरे साथ आओ और जब मैं बोर्डिंग स्कूल गई तो तुम ने अपनी बात रखी । कुछ कितना अच्छा लगा था । जब पढाई से बोर हो जाती थी तो मुझे कंपनी देते थे । मेरा बोर्ड खराब होता था तो मुझे हंसाते थे । जिस तरह हम बात करते थे और मुझे चीजें समझाते थे जो मायने रखती थी मुझे अच्छा लगता था । कुछ मेरे जन्मदिन पर रेडियो खोलना और अपने लिए एक समर्पण की अपेक्षा करना भी आते हैं । हमारे दोस्ती के पंद्रह सालों में मैंने खुद को सबसे अधिक तुम्हारे निकट समझा और किसी के नहीं । मैं आज सुबह से सोच रही हूँ तुमने जो कहाँ मुख्य का क्या तुमने पूछे छोडते हुए जो कहा को गंभीरता से कहा था वो सच में तुम थे या कोई और तुमने उससे पहले कभी ऐसी बात नहीं नहीं । मैं स्वीकार नहीं कर रही हैं । बस में थोडी निराशा रिहान हमें तो अनंतकाल तक साथ रह रहा था तो मैं इस तरह सब खत्म नहीं कर सकते । हम पहले ही अपने रिश्ते को पंद्रह साल देख चुके हैं और थोडी और कोशिश के साथ हम हमेशा के लिए दूसरे के हो जाएंगे । ये दुनिया लगभग हर मिनट रंग का बदल रही है और मैं इस दुनिया में तुम्हारा सबसे पसंदीदा, तंग, पसंदीदा तारीख और पसंदीदा इंसान बनी रहना चाहती हूँ । रणवीर से सहयोग कश्मीर और मुझे याद है कि कुछ ही मिनटों में मुझे उससे प्यार हो गया लेकिन कोई भी चीज मुझे वैसा नहीं महसूस करा पाई जैसा सालों पहले तुम ने कराया था । तो तुमने मुझे पहली बार प्याज का एहसास करा । तुमने मुझे महसूस कराया कि ये एहसास कैसा होता है । काम सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि मेरे जीवन की पूरी आशा थी । जब लोग मेरे मम्मी पापा और मेरे बारे में पूरा बोलते थे । तुम हमेशा मुझे गले लगाकर सांत्वना देते थे और मुझे विश्वास दिलाते थे कि तुम हमेशा मेरे साथ रहोगे और कभी शिकायत नहीं करोगे । तुम्हें मुझे तब भी समझा जब मैं किशोरावस्था से जवाब ही में आए और तब भी समझा जब मैंने रिश्ते में तुम्हारे ऊपर किसी ऍम कि अफसोस की बात है कि मैं उस इंसान को नहीं समझ पाई तो शायद मुझे सबसे ज्यादा समझता था । तो मैं कभी ऐसा कहाँ भी नहीं कि तुम मेरे अलावा किसी और से शादी करोगे? तुमने मुझसे हमेशा कहा की अगर मैं नहीं तो कोई और भी नहीं होगी और इस बात के लिए मैं तुम्हारी सराहना करती थी और तुम हु पता हो मेरा विश्वास करते हैं । शायद उस दिन जितना लगा था ये सब उससे भी बत्तर है । तुम चाहते हो मैं माफी मांगूं पहले कई बाहर ऐसा क्या और मैं फिर से कर लूँ की लेकिन ऍम वापस आ जाओ । कुछ लगता है भारे पाहे में जो चीजें मुझे सबसे ज्यादा अच्छी लगती थी वो ही तो भारी मुझे महत्वपूर्ण महसूस कर रहा हूँ । रणवीर तो हमेशा से व्यस्त था पहले अपना उपन्यास लिख देंगे फिर आपने अवसात में फिर अपनी नई नौकरी पे । अब पूरे साल में मुश्किल से बीस बार मिले थे जब की हमारे घर सिर्फ दस मिनट की दूरी पर मैंने जीवन में उसकी प्राथमिकताओं के बारे में बात करने की कोशिश की लेकिन वो उसके बारे में बात करने के लिए भी बहुत व्यस्त था । मैंने हमेशा चाहा कि वो अब सात से बचने के लिए काम करें लेकिन उसने मेरी बात का गलत मतलब निकाल लूँ । उसे लगा मैं नहीं चाहती कि वो अपना सब तक पूरा करें । चल मेरे पापा उससे बात कर रहे थे तो उसने उन्हें भी उल्टा जवाब दिया है । उसे लगा मैं पापा का पक्ष ले रही नहीं और मैं अपने भविष्य को जोखिम में नहीं डालना चाहती थी क्योंकि मेरे पापा के अहम को चोट पहुंची थीं । उसे लगता था मैं हमेशा उसके जीवन पर शासन करने की कोशिश करती थी जबकि वास्तव में मैं बस उसके जीवन में अपनी जगह को लेकर अधिकार रात तक थी । उसे लगता था वो मेरा अहंकार था जो समस्याएं पैदा कर रहा था । लेकिन असल पे समस्याओं का कारण विश्वास पे एक मुद्दे थे जिनके बारे में मैंने कभी चर्चा नहीं की थी । मैंने उनके बारे में कभी बात नहीं की थी क्योंकि अपने पेरेंट्स से अलग होने के बाद मुझे हमेशा रणवीर को खोने का डर लगा रहता था तो उसे सबसे प्यार करती थी । इतना प्यार जितना मैंने तो कभी नहीं किया था । लेकिन अब मुझे ऐसा हो रहा है । उसके उसके साथ सब बलिदान थे और तुम्हारे साथ हमेशा के लिए प्यार । हालांकि मैं यकीन से नहीं कर सकती क्योंकि सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि मैं इसके बारे में सोच नहीं सकते । पर ऐसा कि तुम हमेशा कहते थे मैं दिल की ज्यादा सुनती हूँ और विभाग के काम । हाँ, मैं तुम्हें बता सकते हैं की मुझे कितना पूरा लगा लेकिन मैं नहीं बता सकती हैं । मुझे मेरे होश में वापस लाने के लिए तो भारत और बच्चे का शुक्रिया । पीछे तुम्हारे साथ बेटे रिश्ते का समर्थन करती है लेकिन उसे लगता है कि हमें घर के बाहर नहीं बल्कि घर में ही मिलना चाहिए । चाय वो चाहती है कि हमें अकेले में समय बिताने का मौका जैसे हम पहले बिताते थे । जब भी मैं तुम्हारे साथ कोई योजना बनाते हो तो साथ खाने के लिए बना कर देती है । अच्छा तो हमें समय देने की कोशिश कर रही है जिसकी हमें जरूरत है किसी ना किसी तरह वो भी मुझे और मेरी दुनिया को समझती है और उसकी वजह से मुझे मेरे पेरेंट्स की कमी नहीं महसूस होती है । मैं उसे अपने दिल की सारी बात कहती हूँ और उस पर खुद से ज्यादा विश्वास करती हूँ लेकिन हूँ मैं उस पर उतना विश्वास नहीं करते जितना तुम पर करती हूँ । मुझे अभी से तो भारी बहुत याद आ रही है । तुमने मुझे मेरे जीवन में इतना कुछ दिया है कि मुझे लगता है एक तरह से तुम्हें मुझे अपने सबसे जैसे प्यार से भिखारी दिया है । लखनऊ से हान ही लक्ष्यों नहीं, मुझे अपना प्यार वापस मत ले जाना हो । मैं अपने बरता हूँ के लिए बहुत शर्मिंदा हूं । फॅस इस बात को समझो की मेरे बेटे के लिए बहुत मुश्किल समय था और तुम से मुझे उम्मीद मिलती है तो भारी बहुत सूद की मुझे उम्मीद देती है और हमेशा देती रहेगी । उसे बहुत खुशी है उसे तुम्हे छानने का तो हमारे साथ रहने का और प्यार करने का मौका मिला । क्या ये अधिकार किसी और को बतते? मैं हूँ और मैं खुद को अपना बाकी जीवन तो भरे और सिर्फ तुम्हारे साथ बिताते हुए देखती हूँ । आशा है इस पत्र को पढने के बाद तो मुझे सोच अच्छा अदानी पत्र लिखने के बाद एक गहरी सांस ली । उसने सेंड बटन दबाने से पहले दो बार से पढा और कुछ सेकंड के अंदर उसकी मैं चली गई । जवाब में उसे तुरंत एक ईमेल मिला हालांकि वो रेहान नहीं नहीं भेजा था । रणवीर अगली सुबह ढाका हुआ लग रहा था । सुबह सुबह उसे उल्टी हुई थी और उसने फैसला कर लिया था कि अब वो पीहू के साथ ड्रिंक नहीं करेगा । ऑफिस जाने से पहले उसने अपने बालों में अच्छे से काम भी की और चश्मा पहन लिया । रात को ज्यादा पी लेने पर वो हमेशा ऐसा ही करता था ताकि बहुत साफ सुथरा और शांत लगे । उसे एहसास हुआ कि पी हूँ । एक शराब की आदी लडकी थी जिसने पूरे हफ्ते लगातार शराब की थी । उसने कभी नहीं सोचा था कि उस की कल फ्रेंड ऐसी लडकियों में से एक होंगे । वो जानता था कि पीहू को अपने साथ शॉपिंग करने के लिए लोगों को मजबूर करने की कला आती थी और फिर लोग उसके साथ बातचीत में स्थान लखनऊ हो जाते थे । पिछले हफ्ते उसने भी अच्छे खासे ट्रेन कर ली थी । जितनी करनी चाहिए नहीं । उससे अभी पिछले एक हफ्ते में उनसे आलसी भी बना दिया था तो फ्लाइट से बहुत कम निकला था । कुछ ही देर में वो ऑफिस पहुंच गया और ऐसा करने वाला वो आखिरी करना चाहता था । राजीव ने जैसे ही उसे देखा तो अपने केबिन से बाहर निकल आया । ऍफ राजीव ने उसके पास आकर पूछा तो रणबीर को उनकी पिछली मीटिंग की याद नहीं है । उसने किसी तरह के व्यंग्य की अभिव्यक्ति के लिए राजीव का चेहरा देखा लेकिन उसे कुछ नजर नहीं आया । मैं ठीक हूँ । राजीव रणवीर ने सस्ता से जवाब दिया बढिया तो मैं देख कर खुशी हुई हूँ । राजीव नहीं रणवीर उसके व्यवहार से हैरान हो गया । वैसे भी रणवीर के दिमाग में और महत्वपूर्ण चीज चल रही थी और उसके विचारों के केंद्र में मुख्य रूप से पिछली रात उसके और पीहू के बीच हुई बातचीत थी और पल भर बाद उसके और राजीव के बीच में क्या तुम मेरे केबिन में आ सकते? प्लीज? राजीव ने कहा तो रणबीर सोचने लगा की क्या बात हो सकती है? चलो राजीव नहीं फिर का क्या? ये ऍम रणवीर ने राजीव के केबिन में प्रवेश करते हुए पूछा हूँ । ऑफिस के सहकर्मी उसे जेल कहते थे जहाँ आपको राजीव की मूर्खता और अहंकार की सजा सुनाई जा सकती थी । रणवीर हमेशा सोचता था कि किसी दिन वो अपने कॉरपोरेट जीवन पर एक उपन्यास लिखेगा और राजीव को एक नकारात्मक चलचित्र बनाएगा । जो एक दिन अपने कर्मचारियों के हाथ हूँ, देखता है । एक बदलाव के तौर पर उसने उसे डर नहीं लग रहा था ना राजीव का और नौकरी खोने का । उसने तय कर दिया कि अगर राजीव उसे नौकरी छोडने को कहेगा तो वह दया की भीख नहीं मांगेगा । उसका विवाद तेजी से चलने लगा और वो उन बातों का अंदाजा लगाने लगा जो राजीव कह सकता था । वो उस आपकी सही अच्छी चीजों की अपेक्षा नहीं कर सकता था । जी से चिल्लाने के अलावा कुछ नहीं आता था । अच्छा होगा अगर तुम रीजनल डिपार्टमेंट का कार्य बाहर हूँ । अंतर तो उसने कहा तो रणवीर जैसे उलझन से देखने लगा । उसने एक पल रुककर इंतजार किया कि शायद राजीव कुछ और कहेगा । पर राजीव ने कुछ नहीं कहा तो उसने पूछा क्यूँ? रणवीर समझ नहीं पा रहा था कि इससे क्या अनुमान लगाए । वास्तव में वो उस वार को नहीं समझ पा रहा था जिसका राजीव प्रयोग कर रहा था । एक लंबी छुट्टी के बाद राजीव फिर बोलता हूँ, बस जितनी जल्दी हो सके जिम्मेवारी संभाल लोग क्या बात है तो तुम संरचना में आ जाना कितना बदलाव क्यों कर रहे हो? रणवीर ये सोच कर हैरान था कि राजीव उसे दोगुनी पदोन्नति कीमतें रहा था । तो हमारे सुझावों तो भारत दृष्टिकोण तुम्हारे टीम पर तुम्हारे भरोसा नहीं । हमें आप प्रत्याशित परिणाम दिए हैं । एक तरह से तुमने मुझे विश्वास दिला दिया कि तुम बडी भूमिका के लिए बने हो । तुमने मिलिंद पर विश्वास दिखाया जिसने इस महीने में हमें बारह लाख का व्यवसाय दिया और जब तुम छुट्टी पर थे तो तो भारत क्लाइंट उन्नीस लाख का व्यवसाय रेडियो किया और मुझे एक में लिखा कि तुम्हारी पोस्ट ऍम सर्विसेज का मार्केट में कोई जवाब नहीं है । तुम सही थे, ग्राहको सर्विस देना भी उतना ही महत्वपूर्ण है । और सबसे जरूरी बात मुझे अहसास हो गया कि मैं शायद सब कुछ गलत तरीके से कर रहा था । मुझे अब अपने नीचे रिपोर्ट करने वाला ऐसा आदमी चाहिए जिसके सुझाव लाभदायक हूँ और कंपनी की बेहतरी के लिए हो । रणवीर कुछ नहीं बोला लेकिन उसकी नजरें राजी पट्टी की नहीं । मैं जानता हूँ कि ये मेरा स्टाइल नहीं है लेकिन मैं फिर भी कहना चाहता हूँ की कंपनी तो तुम्हारे जैसे लीटर हो नहीं हो सकता हूँ । मैं चाहता हूँ तुम्हें इस्तीफा देने के अपने निर्णय पर दोबारा गौर करूँ । लेकिन मैंने कब कहा कि मैं इस्तीफा देने के बारे में सोचता हूँ । तुमने कभी काम से एक हफ्ते की छुट्टी नहीं ली और आज जब तुम हाथ में कागज लेकर आए तो मैं समझ गया कि वो तुम्हारा इस्तीफा ही होगा । राजीव ने कहा, जब आप अनुभवी होते हैं तो आपको ये सब समझ में आ जाता है और हाँ मैं तुम्हारे लेखन के बारे में कुछ नहीं काम और किसी समय तुम्हारी नोबेल पढना भी जाऊंगा तो कोई बहुत ही क्या जानकारीपूर्ण किताब नहीं है जो तुम्हें पसंद आएगी तब किस बारे में है? वो अरे वो एक लव स्टोरी है । शुरुआत से बताऊँ ये बातचीत होती जा रही हैं । राजीव मुस्कुराया और उत्साहित होकर एक आप दबाते कुछ खास नहीं है उसमें । लेकिन वो मेरी अपनी कहानी से प्रेरित है और मैं उसे इसलिए प्रकाशित करवाना चाहता था ताकि प्याज के निशाने के रूप में अपनी गर्लफ्रेंड को भेज कर सकूँ । रणवीर ने देखा ताजी प्रभावित लग रहा था तुम सुबह से शाम तक काम करते हो । मेरे जैसे बहुत को झेलते हूँ और फिर में तो मैं नॉवल लिखने का समय मिल जाता है । शाबाश तो उस प्रतिभा को पहचानने में लखनऊ की फल रहा हूँ और सबके पास नहीं होती है । राजीव ने कहा और उसका ये नया रूप देखकर रणवीर के चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आ गए । राजीव मुझे इस काम में मजा नहीं आता । मैं तुम्हारे प्रस्ताव के लिए दिल से शुक्रिया कहता हूँ । लेकिन मैं लेखन क्षेत्र में काम करना चाहूंगा । एक असली नौकरी जो मुझे अच्छे पैसे थे, ट्रेन नहीं तो मैं इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि जीने के लिए तो मैं पैसों की जरूरत होगी । मुझे यकीन है तो मैं घर का किराया देना होगा । कई द्वारा के खर्च करने होंगे तो तुम्हारे कल फ्रेंड होगी तो किसी दिन तुम्हारी पत्नी बनेंगे और तब तो मैं खुद के घर की जरूरत हुई की नौकरी तुम है वो सब दे सकती है । मेरा विश्वास करूँ । मैं ये सब लेखन कार्य की मदद से करना चाहूंगा । तुम पांच मिनट में अपने मेल चेक करके खुद निर्णय लेना । इस नौकरी को तबतक पकडकर रखो जब तक तो मैं तुम्हारी पसंद का काम नहीं मिल जाता । राजीव ने कहा रणवीर मुस्कुराया और अपने पीछे दरवाजे बंद करते हुए उसे एहसास हुआ कि इससे पहले उसने तो ऑफिस में या राजीव के साथ इतना सुरक्षित कभी महसूस नहीं किया था । कुछ देर बाद रणवीर नहीं आधिकारिक ईमेल देखा तो उसकी आंखे फैल कर हो गई । अचानक वो ऐसी नौकरी में करियर के अवसर देखने लगा जो अब तक उसे बोर्ड करती थी । अपनी कुर्सी पर बैठा हुआ वो ऑफर लेटर को देखकर मुस्कुराया जा रहा था और फिर एक लंबे समय तक वो कंप्यूटर के तीन को घूमता रहा । प्री रणजी पदोन्नत होने पर बताई जैसे कि हमने चर्चा की थी । हमें आप को प्रस्ताव भेजते हुए खुशी हो रही है । वितरण नीचे दिया हुआ है । पदनाम रिजनल ही क्षेत्रीय प्रमुख अस्तर सीनियर डिप्टी मैंने चार वरिष्ठ प्रबंधक वेतन काम नीचे दिए अनुसार सादा राजीव राष्ट्रीय प्रमुख ऍम शाम को जब सूरज जो बीच की लहरों के नीचे जाने लगा तो रणबीर पीहू को देना के लिए बाकी है । ऑफिस से लौटने के बाद से रणवीर खुश था और उसका ये तरीका था उस दिन का जश्न मनाने का जो अच्छा पीता था । कुछ देर बाद बीच ही और बैठे रणवीर के लिए अपनी मुस्कुराहट छुपाना संभव हो गया । पेरू समझ गए कि कोई खास बात थी । रणवीर ने कुछ कहा नहीं लेकिन अपने हाथ में पकडा चम्मच सुनाता रहा । उस दिन रनवीर जैसा लग रहा था उसमें कुछ अलग बात थी । मुझे सब बताऊँ और प्लीज शुरुआत से बताऊँ । पीहू बोली चम्मच को किनारे रखकर रणवीर आगे चुका और फिर उसने ऑफिस में प्रवेश करने से लेकर राजीव का ईमेल मिलने तक की सारी बातें पीहू को बता दी । पीयूके चेहरे पर एक बनावटी मुस्कान नहीं और एक पल सोचने के बाद तो बोली मतलब तुम्हारे बहुत राजीव को अच्छा सबक मिल गया । रणवीर में मुस्कुराकर हो रहा है हूँ तो इतना भी बुरा नहीं है । क्या पता हो सकता है तो मैं उसका सबसे खराब रूप देखने को मिल जाता है । अगर तुम आज इस्तीफा नहीं देते हो । मैंने आज इस्तीफा नहीं दिया होगा । रणवीरपुर गिरे नेपकिन से आपने होड साफ करते हुए हो । तुम सच कह रहे हो । तभी बेटर आ गया और उन्होंने अपने लिए मछली ऑर्डर करते हैं । रणवीर नहीं सिस्टर मंगाया । रनवीर मुस्कुराते हुए सिर्फ खिलाया । वह लोग मुझे काफी अच्छे पैसे दे रहे हैं । इनके तो तुम्हारा सपना नहीं है मैं मानता हूँ । लेकिन जैसा कि राजीव ने कहा मैं ये काम तब तक करता रहूंगा जब तक मुझे अपनी पसंद का काम नहीं मिल जाता हूँ तो ये अच्छा सौदा लगता है । पाखंडी की तरह काम मत करो । बिहू नहीं । चेहरे पर गंभीर भाव लाकर का जो रणवीर के समझ में नहीं आया । मैं समझा नहीं । रणवीर भौंहें उठाते हुए कहा मेरे उम्मीद थी कि तुम ये नौकरी छोड दो, अपने दूसरे उपन्यास पर काम करोगे और मेरे साथ समय पिता हूँ । हमने ये कपडा किया था । अब एक दूसरे के साथ बहुत अच्छा समय बिता रहे हैं और मैं तुम्हारे साथ और अच्छा समय बिताना चाहती हूँ । लेकिन अगर मैं भी ऐसा महसूस न करो तो बिहू नहीं । आप हमें स्पष्ट कोर्ट के साथ उसकी ओर देखा । उसने एक पल रुककर अपने विचारों को शांत किया और बोली जितना गहरा ये सब था और जितनी मैं भारी परवाह करते हो उससे मुझे लगता है कि तुम्हें भी ऐसा ही महसूस करना चाहिए । तो फिर उन सब चीजों का क्या? तो मैं अपने जीवन से चाहता हूँ, वहाँ बच्चा हूँ । तुम पहले से जानते होगी । ये वो आदर्श जीवन नहीं है जो तुम छीना था । हो गई तुम मेरा आदर्श जीवन कैसा होना चाहिए? मैं निश्चित रूप से जानती हूँ कि हम उस फ्लैट पर अपने तरीके से जीवन जी सकते हैं । तो ये नौकरी करने की जरूरत नहीं है तो बस वहाँ मेरे साथ रहने की जरूरत है और तुम जीवन भर उपन्यास लिख सकते हो । क्या यही वह कीमत है जो मुझे चुका नहीं । रणवीर ने पूछा । उसी समय बेटर उनका खाना लेकर आया । और भी हूँ धीरे धीरे अपनी मछली खाने । रणवीर को अब अपने सिस्टर में कोई दिलचस्पी नहीं रह गई थी । क्या मतलब है तुम्हारा? तो ऐसा क्यों किया हूँ? ये कोई कीमत नहीं है, सिर्फ एक विचार है । तुमने मेरे बदले मेरे जीवन के फैसले कब से लेने शुरू करती है? रणबीर बहु का ये रूप देखकर छाप दिया था उन्होंने उसकी वो देखा रणवीर मैं काफी समय से ये देखता हूँ मैं तुम्हारे फैसले नहीं ले रही हूँ । मैं बस उस प्यार को जीना चाहती हूँ जो जानवी और आपके बीच था और मेरा विश्वास करूँ । पिछला हफ्ता मेरे लिए इतना मायने रखता है जितना तुम शायद सोच भी नहीं सकते । आगे जाकर शायद एक आक साल बाद तो मुंबई में मेरे डैडी का बिजनेस संभाल सकते हैं और साथ ही उपन्यास भी लिख सकते हो । साल भर चलाने के लिए हमारे पास पर्याप्त पैसे देखो । मैं तुम्हारे आराम का कितना ध्यान रखते हैं और तुम मुझे कह रहे हो कि मैं तो भारी जोर से फैसले ले रही हूँ । तूने तीस हस्ता से कहा की रणबीर सोचने लगा उसने सही सुना था या नहीं । एक साल एक लंबा समय होता है और हम निश्चित रूप से नहीं कह सकते की तब तक हम साथ रहेंगे या नहीं । क्या तुम ईमानदारी से कह सकती हूँ कि तुम एक साल बाद भी मेरे साथ ऐसा ही महसूस करोगी जैसा भी करती हूँ? हाँ वो बोली मैं कह सकती हूँ तुम इतने यकीन से कैसे कर सकते हो । तूने अपनी आंखे बंद करेंगे और एक बाल के लिए रणवीर को लगा कि वह होने वाली है । इस अहसास में उसे उसकी कल्पना से ज्यादा शर्मिंदा कर दिया और उसे अपने धीरज का अंतिम खतरा खत्म होता महसूस हुआ । उसने गुस्से से पहले ऊपर देखा, फिर बगल में और फिर उसकी निगाहें पीहू पर दिख गई । उसे घूमते हुए हैं । उसके इस एहसास के साथ एक गहरी साफ नहीं कि सब कुछ गलत हो रहा था । उसे पीहू की हर चीज से नफरत होने लगी । वो कुछ कह नहीं पाया । लेकिन अर्थपूर्ण विरोध के आप एक में वो जानता था कि वह उसके विचार सुन सकती थी और ये शायद उन्हें कहने से बेहतर था । एक लंबे बाल के दोनों में से किसी को समझ नहीं आया कि क्या कहें । नहीं । उन्होंने अपना खाना खत्म फिर भी होने जबरदस्ती मुस्कुराते हुए गा । ये सब सच नहीं हो सकता । मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरा नाम मुझे इस तरह लडाई करेगा । उसने रणबीर का छह हुआ । हालांकि पिछली रात बहु की कहानी सुनने के बाद रणवीर को उसके लिए पूरा महसूस हुआ ना? लेकिन वह जानता था कि अगर वह पीहू की भावनाओं के आगे हार मान लेगा तो सब कुछ बदल जाएगा । वो झूठ नहीं बोलना चाहता था और इस बारे में वो निश्चित था ।

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रनबीर, अदा को चाहता है और उसके लिए दुनिया छोड़ सकता है। उसके पास अच्‍छी नौकरी है, मोटी सैलरी है लेकिन उसकी इच्‍छा कुछ और करने की है। एक दिन काफी सोच-विचार के बाद, वह अपनी नौकरी को छोड़ पूरी तरह से लिखने के काम में जुट जाता है। वह जब इस क्षेत्र में संघर्ष कर रहा होता है, तो अदा उससे दूर होने लगती है। इन सारी उलझनों के बीच, पीहू शर्मा उसकी जिंदगी में आती है, जो उसकी अब तक की पहली प्रशंसक, और पूरी तरह से उसके प्यार में डूबी हुई लगती है। किसका प्‍यार सच्‍चा है अदा या पीहू का? सुनें पूरी कहानी।
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