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शुक्रवार की रात ऐसी ठंडी हवाएं चलने लगीं जो साल के इस समय मुंबई में बहुत सामान्य थी । सुबह गर्मी बहुत बढ गई थी और लोग मुंबई को उसके गर्म मौसम के लिए पूछ रहे थे । लेकिन अब इस असामान्य रूप से ठंडे मौसम में उन्हें लोगों ने अपनी पुराने स्वेटरों को हवा दिखाकर सप्ताहांत की योजनाएं बनाने शुरू करते थे । अदा खिडकियों से बाहर चलती वाहनों की रोशनी देख रही थी । बचपन में वो हमेशा अपने छाया से खेला करते थे । इस उम्मीद में एक दिन उसकी छाया उसे छोड देगी और वो आजाद हो जाएगी । ये तो उसे बात में समझ आया चाहे वो उससे छुटकारा पाने की कितनी भी कोशिश कर लें वो हमेशा उसका पीछा करेगी । वादे के अनुसार कुछ दिनों में रिहान मुंबई आने वाला था और वह दिन रात उसी के बारे में सोचते रहती थी । वो जानती थी कि वह जल्दी अपनी शादी तोडने का वो जानती थी कि रिहान भी यही सब सोचना होगा । उसमें रेहान को कॉल किया हाँ, यहाँ इतना प्यारा मौसम है काश तुम यहाँ मेरे साथ होते हैं । उसने कहा इतनी दूर फ्लाइट से आने की जरूरत नहीं है । वैसे भी कुछ दिनों में तुम यहाँ मेरे साथ होगी है ना तुम वो वादा पूरा करोगे ना । अदा ने कहा बीजेपी उसे जल्दी बात खत्म करने का इशारा किया । वैसे मेरे दोस्त और मैं थोडी देर में क्लब जाने वाले हैं । मुझे चलना चाहिए और बताया गया था मैं हाँ । फ्रेंड्स के साथ ऍम अदा ने कहा और रिहान की किसी बात पर उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई । शट अप अब रखो फोन हूँ लगी होगी चलते चलते हूँ चेहरे पर मुस्कान के साथ अदा ने कहा खेल भगवान देखो कैसे शर्म आ रही है क्या कहा उसने विजय ने पूछा वो मुझे ठीक नहीं में देखना चाहता है वो भी अभी ये कोई बात हुई तो उसके साथ विडियो चैट करना चाहती हूँ, पीछे नहीं । ज्यादा कुछ रहते हुए कहा और एक आंख दबाव नहीं नहीं अभी नहीं । वैसे तुम बाईस साल की हो, एक शानदार फिगर वाली हार्ड हो और जब तुम इतनी पहनती हो तो तो मानना पडेगा कि कई लडके तुम पर मत में लगते हैं । अरे लडकों को छोडो आज तो लडकिया भी तो मैं घूमने वाली हैं । विजय नहीं अदा को आप हमारी और उसके चलते गालों और गर्दन को छूते हुए बोलेंगे । कुशल थोडी देर में आ जाएगा और आज के लिए । हालांकि ये तो भारी कर्मी तापमान को संतुलित करते की फिर भी जैकेट लेना मत भूलना । विजय नहीं एक डिजाइनर पीस ड्रेस पहनी थी । ड्रेस बहुत आकर्षक थी और उसकी टांगे बहुत खुबसूरत लग रही थी । उसने कोई आभूषण नहीं पहना था और उसकी तो अच्छा चमक रही थी । तभी खिडकी में से उन्होंने कुशल की कार की । विजय ने उसे देखकर हाथ हिलाया । नहीं बताते ही पीछे नहीं अदा से पूछा मैं अच्छी लग रही हो ना तो हमेशा की तरह बहुत खुबसूरत लग रही हो । चिंता मत करो । कुशल तुमपर फिदा हो जाएगा तो लगता है मुझे फर्क पडता है । मुझे कुछ मिलता से मुस्कुराई । बिल्कुल नहीं । अदा ने मुस्कुराकर उसे आप पा रही लडकियों के लिए कार का दरवाजा खोलते हुए कुछ चलने का है । मुझे देर हो गए तो मुझे माफ करना यार विजय ने मुस्कुराकर का नहीं कुशल तुम बिल्कुल समय पर आए हूँ । कुछ चलने, गहरे स्वास्थ्य और होना हाँ, तब मुझे एक बात कहना तो तुम दोनों बहुत शानदार लग रही हूँ टाइम! क्योंकि विजय ने कहा और राधा को देखकर मुस्कुराती विजय प्लीज अपनी बगल में रखे बॉक्स को एक बात देखो । बीजेपी देखा उसके पास एक सुंदर सा लकडी का बहुत रखा हुआ था । उसने बॉक्स खोला तो उसमें सात गुलाब के फूल, एक बढिया चौक ले और एक संदेश था जिसमें लिखा था हमेशा के लिए मेरी बन जाऊँ ये तो सच में बहुत अच्छा कुशल वॅाच । विजय ने कहा और संचालक की सीट से उसे गले लगा लिया । वो ये साथ अलग अलग गुलाब सप्ताह के सात दिनों के लिए हैं । ऐसा क्यों? ये तो भारत जन्मदिन कर सकता है और मैं इस मौके को जाने नहीं दे सकता । ऍम विजय ने दल से कहा और उसके गाल को चुन लिया । अच्छा ये देखकर मुस्कुराती अदा तुम अकेला तो नहीं महसूस कर रही हूँ । कुसल ने पूछा नहीं नहीं, बिल्कुल नहीं । मैं बस अपने विचारों में खोई थी और कुछ नहीं । गेल और रणवीर वहाँ किस्मतवाला मेरी बात मानो कुशल नहीं । साफ मन से कहा वो रणवीर नहीं है, मैं तो मैं बाद में बताउंगी । विजय ने हैरान कुशल से पूछा जरूर जरूर कुशल ने कहा और कहा आगे बढाते कब के अंदर कदम रखने के बाद उन्होंने चारों ओर नजर घुमाकर देखा । बहुत सुन्दर जगह थी अन्य पदों से छोटी लेकिन आश्चर्यजनक रूप से आराम से जहां अधिकांश फर्नीचर बेकार वस्तुओं से बनाएगा, लेकिन नया लग रहा था । वहाँ एक आरामदायक देखने वाला था जो पाइप और लकडी से ही फ्रेम किया हुआ था और उस पर आरक्षित का चिन्ह लगा हुआ था । कुशल और बी जे उसका उस की दिशा में पड गए । अदा जानती थी कि वे अगले कुछ घंटे उस आरामदायक पहुँच पर बिताने वाले थे । तुम तो हमें बहुत अच्छी जगह पतला हूँ । बनाने का विषय पर देख कर सच में मुझे भी पसंद आई । कई महीनों से आधा को लग रहा था कि विजय कुशल की ओर आकर्षित है । ऐसा नहीं था कि वह सिर्फ आकर्षक और दिलचस्प था बल्कि वह वांछनीय भी था । अपने तरीके से वांछनीय अदा अलग अलग तरीके के लोगों से मिली थी । लेकिन वो हमेशा बीचे और कुशल को साथ लाने की कोशिश करती थी क्योंकि वो जानती थी कि कुशल उसे बिना शर्त प्यार करता था । वो उसे लेने के लिए घंटो उसके अपार्टमेंट के नीचे इंतजार करता था और सिर्फ उसकी आवाज सुनने के लिए उसे बाहर बाहर कॉल करता था, चाहे उसकी कॉल विश्व की ना हो । मुझे एक बार अपने प्रोफेसर के साथ रिश्ते में थी और लोग कहते हैं कि वे साथ में बहुत अच्छे लगते हैं । लेकिन मुझे अपना रिश्ता टूटने के विषय को टाल देती थी । इसलिए अदानी भी उसके बारे में पूछना बंद कर दिया या भी अकेली है । हाँ, कुशल ने विजय से पूछा फिलहाल इसमें कोई गुंजाइश मत देखो । वो वापस अपने एक्स के साथ हो गई जो शहर से बाहर हैं । रणवीर से रिश्ता तोडने के बाद वो कुछ परेशान हो गयी थी इसलिए एक अच्छे फ्लैटमेट होने के नाते मैंने उसे अपनी साथ बुला लिया । एक मिनट बाद कुशल बियर के तीन क्विंटल लेकर उसके पास आ गया । उसने आजाद की ओर देखा जो फोन पर रेहाम से चैट चैट करने में व्यस्त थी । मुझे ऐसा क्यों लग रहा है कि वो शायद रणवीर के पास वापस जाना चाहती है । मुझे नहीं मालूम असर हूँ तो मैं नहीं चाहती कि वो उसके पास वापस । सिर्फ इसलिए कि तुम किसी पर हूँ तो उसके साथ ऐसा नहीं कर सकते हैं । कुछ चलने का इसका मतलब ये नहीं है कि मैं रणवीर के पास चाहूँगी । वैसे भी वो मेरे जैसी लडकियों के साथ कभी नहीं होना चाहेगा । भले ही मैं पूरी जिंदगी अच्छी लडकी बने रहने का वादा कर विजेन् इस वक्त नहीं स्वर्ग में कहा तुम जानती हो ना तुम किस से बात कर रहे हो । काम सच में मुझसे कुछ छुपा नहीं सकती । कुशल ने मुस्कुराते हुए गा । वेटर में उन्हें टकीला शॉट्स पेश और उसके बाद अदा फिर फोन पर व्यस्त हो गई । जब एक पल के लिए संगीत होगा तो बी । जे । बोली मैं सिर्फ ये कह रही हूँ कि ऐसा नहीं होगा और मेरा रणवीर के साथ रिश्ता जोडने का इरादा कभी नहीं था । मेरा विश्वास करूँ । आधा उस लापरवाह दिशाहीन रणवीर के चक्कर में अपना खुद का व्यक्तित्व खोदेगी । इस बीच मतलब से अंदर बाहर करती रही क्योंकि उसके मम्मी पापा और रिहान के फोन आ रहे थे । उसका सर खुल रहा था और वह असहज लग रही थी । कुशल ने बिहार के ऊपर से नीचे को देखा । विजय मैं यकीन से कह सकता हूँ कि बात इससे कुछ ज्यादा है तो मुझे नहीं बताओ की विषय आखें झपकाई । तुम इससे कुछ ज्यादा नहीं हो रहा हूँ । उसने कहा आम तौर पर तो बियर के बाद तुम्हारी जुबान खुलने लगती है । आज क्या हुआ? कुशल मैं तैयार हूँ और चाहे मैं लोगों को समझने की कितनी भी कोशिश करता हूँ, नहीं नहीं समझेंगे । और ईमानदारी से कहूं तो आप मुझ पर इन बातों का कोई असर नहीं होगा । मेरे पास अपना एक रहस्य है और मैं उसे ऐसे ही रखना चाहती हूँ क्योंकि मैं लंबे सदस्य छुपे अपने सच को उजागर नहीं करना चाहती हैं तो हमारे लिए ये कहना नहीं है तो बाहर ये सब कहने से पहले मुझे कुछ उम्मीदे थी । सोशल हतोत्साहित लगने लगा पहचानती हूँ लेकिन मैंने तो मैं हमेशा से कहा है कि तुम्हें आगे बढ जाना चाहिए विजय का लेकिन तुमने कभी गंभीरता से नहीं कहा । मिशन मैं गंभीर नहीं है । जब भी तो मैं अपने साथ किसी की जरूरत होती है और जब तुम्हारे साथ कोई दोस्त नहीं होता तो तुम हमेशा मुझे बुलाती हूँ । ये सब काम को दिखाने का मेरा तरीका है कि तुम मेरे लिए कितना मायने रखते हो लेकिन सिर्फ एक दोस्त की तरह । विजय ने स्पष्ट किया अगर तुम ऐसा नहीं करती तो ये सब आसान होता है क्योंकि मुझे लगा कि मैं तुम्हारे लिए दोस्तों से कुछ ज्यादा था । अब मुझे लग रहा है कि तुम ने ये सब जन पूछ कर दिया । सिर्फ अपने पागल प्रेमियों को दीवाना करने के लिए कुशल हो ना तो मैं ऐसा क्यों कह रहा हूँ क्योंकि मेरे कई बार पूछने के बावजूद तुमने प्रोफेसर के साथ अपने ब्रेकअप का कोई कारण नहीं बताया हूँ । कुछ पल छुप रहकर बीच में बोली तो मेरी बात को बिल्कुल गलत समझ रहा हूँ । तो मेरी पीठ के पीछे जाकर भगवान जाने कितने लोगों के साथ इतने लम्बे समय तक संबंध रख सकती हूँ और शादी होगी । बहुत समझदारी देखो । पीछे और कुशल के बीच बहस कर्म होने लगी तो वहाँ बैठे बाकी लोगों ने फुसफुसाना शुरू कर दिया । एक ऐसे आदमी से ये सब सुनना अजीब सा लग रहा है । तो मेरा बॉयफ्रेंड विनिंग ऍम छोडो मुझे तो ये भी याद नहीं है की पिछली बार तुमने मेरे लिए परवाह कब दिखाई थी । कुशल नहीं होगा । बीजेपी टेबल पर बेसब्री से अपनी उंगलियां बजा रही थी । अदा ने दूर से ही उनकी बातचीत का विकास समझ गया और उस से दूर रहने का निर्णय किया । उनकी बातचीत में एक वेटर ने बाधा डाली और कुशल को कोई हंगामा खडा न करने का सुझाव दिया । अदा भी कितनी पागल लडकी है जो तुम से रिश्तों के बारे में सलाह दे रही है जबकि वो खुद भी गंदगी में डूबी रही हैं । तो नौं और रणबीर बिना किसी रिश्ते का लक्ष्य रखें अपनी टिकडी का मसाले रहे होंगे । विजय के चेहरे पर एक अच्छी अनजान सभाओ आया और कुशल को तुरंत ही अपनी कहीं बात पर पछतावा होने लगा । माफ कर रहा हूँ मुझे ये नहीं कहना चाहिए था । कुछ चलने कहा विजय ने आगे झुककर उसे दो थप्पर जाती है कुछ कल के लिए संगीत क्या अब सबकी नजरें बीजेपी और कुशल पत्ती कहीं और? तुम मुझे माफ करता हूँ । मुझे तुम को थप्पड नहीं मारना चाहिए था । बाउंसर्स ने आकर कुशल को उठाया और बिना किसी दया के तब के बाहर फेंक दिया, जबकि विषय और आता नहीं घर के लिए कैब का । उसमें दोनों ही कुछ नहीं बोली । और फिर विजय ने कहा, कुछ याद नहीं है । पिछली बार मैंने इसको ऐसा थप्पड मारा था । अदा हसते हुए बोले । लेकिन इतने लोगों के सामने उसके साथ ऐसा करना ठीक था । क्या बीजेपी कंधे उचकाकर का? अगर मैंने शुक्रवार की रात को उसे थप्पड मारने के लिए लोगों के पब से चले जाने का इंतजार किया होता हूँ तो मेरा मूड वास्तव में खराब हो गया होता । अदा उसमें लगी, लेकिन तुम ने उसे थप्पड मारा क्यों? उसने पूछा उसने मुझसे बेवकूफी भरा सवाल पूछा था क्या ये मैंने अपने एक सबसे रिश्ता क्यों? कोई नहीं जानता था कि विजय ऍसे रिश्ता क्या होना था । अगर सिर्फ इतना जानती थी कि विजय ने कुछ साल पहले आपने ब्रेकअप के बाद बेंगलोर में अपनी नौकरी छोड दी । अभी उस से यही सवाल पूछना चाहती थी लेकिन चुकी बीच में उससे नजरे मिलने से पढ रही थी । उसने आगे कुछ ना पूछने का निर्णय किया लेकिन उस रात को प्रश्न उसके दिमाग में घूमता रहा तो ये था कि पीछे एक नए रिश्ते या रोमेंटिक संबंध से बचना क्यों चाहती थी । सर्दियों की शुरुआत के साथ उस रविवार की सुबह सूरज अपने पूरी तेजी में नहीं था । ठंडी हवाएं चल रही थी और मुंबई खुश लग रही थी । एयरपोर्ट सुन्दर लग रहा था । वहाँ कुछ लोग अपने भारी सामान के साथ संघर्ष कर रहे थे और कुछ कैब ड्राइवर यात्रियों के साथ मोल भाव कर रहे थे तो सभी बार पीहू भी आठ बजने से कुछ मिनट पहले मुंबई पहुंच गई । उसने चेन्स और बिना वहाँ का टॉप पहना था और गर्दन में एक स्टॉल लपेटा हुआ था । वो बहुत खुबसूरत लग रही थी । साहस भी और सुरूचि पूर्ण । अभी कई लोगों के सिर उसे देखने के लिए मुड गए थे । उसका मुंबई का ड्राइवर उसे लेने एयरपोर्ट आया था और लगभग दो साल बाद उसे देख कर बहुत खुश था । समय को देखते हुए उसने अंदाजा लगाया की रणबीर जाग गया होगा और उसने सीधे उसके घर जाकर उसे चौंकाने का फैसला किया । आज उसके चेहरे पर एक अचीव और अलग आकर्षण था । उसके चारों नजर घुमाकर देखा की मुंबई में कुछ बदला था या नहीं । उसके ड्राइवर ने रेडियो चालू किया तो रेडियो चौकी ये मुंबई है, मेरी जान बजा रहा था । पीढू को मुंबई में बिताया समय याद आ रहा था पे पुराने दोस्त ज्यादा रहे थे जो अब उसके संपर्क में नहीं थे । उसके लिए मुंबई का मतलब प्यार था । वो प्यार जो आपको हमेशा आपके साथ होने की भावना देता है । उसमें कुछ साल पहले मुंबई छोडा था और वो हमेशा से शादी के बाद मुंबई वापस अगर बसना चाहती थी जब उसके पापा ने उससे डेटिंग के बारे में बात करनी शुरू की तो उसके लिए उनकी पहली सलाह थी कि उसे एक ऐसा लडका होना चाहिए जिसमें हादसे की भावना मौजूद हूँ क्यूँकि माँ मृत्यु के बाद उन्होंने फैसला कर लिया था कि वो खुद उसकी माँ की भूमिका भी निभाएंगे । रणवीर का पहला उपन्यास पढने के बाद गेहूँ को लगा कि उस सही व्यक्ति की उसकी तलाश पूरी हो गई है । कार में उतर कर उसने इधर उधर देखा और जब उसे वो इमारत देखीं जिसके बारे में रणवीर ने उसे बातचीत के दौरान बताया था तो वो खुश हो गई । रणवीर के घर के पास पहुंचकर उन्होंने उसे देखकर हाथ हिलाया । बहुत समय कुछ दोस्तों के साथ क्रिकेट खेल रहा था । मैदान के बाहर को देखकर उसकी आंखें हैरानी से फैल गया । क्यूँकि तो अच्छा बिल्कुल छुट्टी है और साफ लग रही थी तो उन्होंने मुस्कुराकर अपने बालों में हाथ फिराया और उन्हें कानों के पीछे कर रही है । कुछ देर के लिए सपने क्रिकेट खेलना बंद कर दिया क्योंकि रणवीर ने अंपायर को आप पा रही थी और उसने स्ट्रेटजी टाइम आउट की घोषणा करती थी । क्रिकेट का मैदान शांत हो गया क्योंकि मैदान में मौजूद सभी लडके मोडकर उस वास्तविक काया को देख रहे थे जो उनकी ओर पड रही थी । रणवीर पीहू को देखकर मुस्कुराया और जवाब में वो भी मुस्कुराने । रणवीर खुद पर नियंत्रण नहीं रख सका और उसे पीहू के पास जाकर उसे गले लगा लिया । उसे पीहू के शरीर के कोमल कटाओ महसूस हो रहे थे । वे पहले कभी नहीं मिले थे लेकिन जिस तरह से वे चैट करते थे और फोन पर बात करते थे । प्रसून दोनों ने किसी और के साथ नहीं किया था । पीहू के अचानक मुंबई आने से रणवीर हैरान था । उसे नहीं पता था कि पीहू के आने को वो क्या समझे और सोच रहा था उसे बातचीत कैसे शुरू करें । वही कच्ची पल था क्योंकि उन्होंने एक दूसरे की सिर्फ तस्वीरें देखी थी और फोन पर बात हुई थी । आखिर में पीहू ने छुट्टी तो नहीं माफ करना? मैंने तुम्हारे खेल में बाधा डालती । अरे नहीं नहीं, बिल्कुल नहीं । उसने तुरंत का जिस तरह दोनों एक दूसरे को देख रहे थे उसमें बहुत कुछ खुबसूरत था । वे पल थे रणवीर ने एक गहरी साफ तुमने बहुत खूबसुरत सरप्राइज । उसने कहा । और बिहू के पास आकर उसके हाथ अपने हाथ में ले लेंगे । उसके हाथ गर्म लेकिन मुलायम थी तो आखिर हमारी मुलाकात हुई गई । खास लगभग बहुत बढिया तो उससे थोडी घबराहट महसूस करते हुए कहा पसीना बहाते हुए तुम बहुत कमाल के लगभग । रनवीर पी । उन्होंने कहा । और इस बात नहीं दोनों के बीच औपचारिकता की बात को तोड दिया और तुम बेहद खूबसूरत । उसने कहा और उसके सामने चुप चाप खडा है । पीयू रणवीर की ओर आकर्षित थी । इस बात से वो इनकार नहीं कर सकते थे । जिस तरह वह बात करता था और जैसा उसने पिछले कुछ तीनों में उसे महसूस कराया था, शायद वहीं उसके आकर्षण की बजह थी । पेरू शायद उसमें अर्णव को ढूंढ रही थी । यह संस्था की दोनों अलग तरह के अच्छी बन जीते थे लेकिन फिर भी उनमें कुछ समानता थी जो उन्हें साथ ले आई थी । पी उससे पहले रणवीर जैसे किसी व्यक्ति से नहीं मिली थी । अचानक लोग जिन्हें वो जानती थी, एक निजी जीवन जीते थे जैसे कि जीवन की कार्यसूची में लक्ष्य को चिन्हित कर रहे हूँ । युवा होने के दौरान पीहू के अनुभवों ने जीवन में उसके पसंदों की सूची तैयार करती थी और उसे रणवीर के उनमें से एक होने का अफसोस नहीं था । वो इतनी दूर मुंबई छत रणवीर के साथ होने के लिए आई थी । रणवीर बिना कुछ कहे पीढी को देख रहा था और अपने दिमाग में गड्ढे मर्डर हो रही भावनाओं को समझने की कोशिश कर रहा था । पेरू की बेदाग खूबसूरती से निगाहें हटाना उसके लिए असंभव हो रहा था । और फिर भी जब बिहू के घूमने का खेल खत्म करते हुए रणवीर से कुछ पूछा तो वो जानती थी कि उस सवाल से कोई फर्क नहीं पडता था क्योंकि उसे जवाब मालूम था, उम्मीद है मुझे यहाँ देखकर तुम्हें खुशी हुई होगी ।
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