Made with in India
दूसरा भाग मेरी सहेली सरोज ने मुझसे एक दिन बातों ही बातों में बताया की उसका भाई है जिसका बेरोजगारी के कारण तेज की उम्र हो जाने के बाद भी विवाह नहीं हुआ है । पिताजी ने जब कहा कि मैंने खेती बाडी करके ये अपना परिवार चलाया है और तुम दोनों भाई बहन का लालन पालन करने के साथ ही पढाया, लिखाया भी है तो तुम मेरे साथ किसानी में क्यों? हाँ नहीं बताते हो क्योंकि मैं आप लोगों की तरह मार मार कर देना नहीं चाहता । जिंदगी को इंजॉय करना चाहता हूँ । मैं नहीं चाहता की मेरे बच्चों को भी हमारी तरह स्कूल कॉलेज में किसान के बेटे के नाम पर हर समय दूसरे दर्जे से देखा जाये । राकेश ने कहा कि तुम क्या कह रहे हो बेटा कर्ज लेकर ही सही पर हमने तुम भाई बहनों की पढाई में कोई कमी नहीं रहने दी । राकेश की मैंने कहा क्यों पढाई इसीलिए की नौकरी करके हमारे जीवन स्तर को सुधार सकूँ । हाँ पर नौकरी नहीं मिल रही है तो खेती करके भी जीवन चलाया जा सकता है । बाबू जी ने आगे कहा, और फिर बहन का विवाह कर देने के बाद बेटी अपने ससुराल चली जाएगी और उसके बदले में बहुत घर आ जाएगी । हम दोनों बाप बेटे मिलकर उन्नत खेती करेंगे जिससे ना सिर्फ तुम्हारी बेरोजगारी दूर हो जाएगी बल्कि आने वाली पीढियां भी इस बीमारी से मुक्त हो जाएगी । रोजगार के लिए अब दर दर भटक ना छोडकर पूर्वजों से मिली खेती में ही रोजगार ढूंढ ले । पिताजी की इस सलाह पर भैया आग बबूला हो गए और कहने लगे यदि खेती बाडी ही करवाना था तो मुझे इतना पढाई ही क्यों? और अब जब सरकारी नौकरी के सपने को सच करने के लिए रात दिन एक करके प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा हूँ तो आप कहते हैं कि मिट्टी में घुसकर मजदूर बन जाओ । मैं तो में मजदूर बनने के लिए नहीं किसान बनने के लिए के राहुल राकेश बेटा और किसान बनकर आपकी तरह ही जिंदगी भर कर्ज के बोझ तले दबे रहूँ । यही कह रहना अपने पिताजी से ये तुम कैसी बातें कर रहे हो । बेटा राकेश के बारें नींबू का शर्बत देते हुए आगे कहा लेकिन शरबत पीकर तो देवा को ठंडा कर लें । फिर पिताजी की बातों पर विचार करता ये कह रहे हैं तो कुछ तो सोच समझकर कह रहे होंगे आखिरी तुम्हारे पिताजी है, दुश्मन नहीं । आप भी इनका साथ दे रही है । हाँ हाँ, क्योंकि मैं देख रही हूँ कि तुम्हारे पिताजी इन दिनों सिर्फ तुम्हारे ही बारे में सोचते रहते हैं । पिछले एक सप्ताह से जब से तुमारी नौकरी का परिणाम आया है और उसमें तुम्हारा नाम नहीं आने के कारण तुम परेशान हो तब से इन्हें भी तुम्हारी ही जिनका खाए जा रही है । आखिर कब तक तुम सरकारिया बडी कंपनी में नौकरी करने के चक्कर में अपना कीमती समय बर्बाद करते रहेंगे । आप भी मुझे औरों की तरह यही कहना चाह रही हो मा की मैं नालायक हूँ नहीं, हर माह के लिए उसका बेटा आंखों का तारा होता है । लेकिन ये भी तो सचिन के हजार नौकरी के लिए लाख लोग परीक्षा देंगे तो हजार लोग आप लोग मेरा बोझ उठाते उठाते शायद थक गए हो ना? पर मैंने अभी उम्मीद नहीं छोडी है और मैं ये सब अपने परिवार का जीवन स्तर सुधारने के लिए ही तो कर रहा हूँ । मैं चाहता हूँ कि पिताजी को कर्जमुक्त होने में सहयोग कर सकूँ । अब ये झगडा बंद करो । देखो पूजा रही है । आंगन में पूजा को स्कूटी खडी करते देख राकेश की माँ ने आगे कहा हाँ पूजा भरी दोपहरी में अचानक वहाँ आंटी जी बात ही कुछ ऐसी है कि तुरंत आना पडा । मुझे राकेश से जरूरी बात करनी है क्या? बातें पूजा आओ बैठ कर बातें करते हैं । कहते हुए राकेश घर के भीतर जाने लगा तो राकेश की माने पूजा को भी राकेश के पीछे जाने के लिए इंगित किया क्या बात है पूजा उखडी उखडी से लग रही हो तुम तो जानते हो राकेश की तुम्हारी नौकरी के इंतजार में मैं पिछले दो साल से पापा को रोक कर रखी हूँ और आज पीएसी का परिणाम आते ही उनके पूछने पर जब मैंने बताया कि इस बार तो मात्र दो नंबर से फिर छूट गए तो उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया कि अब और इंतजार नहीं और तुम क्या चाहती हूँ? पूजा मैं तो मैं चाहती हो । राकेश पर पापा की इस बात से भी सहमत हूँ कि अब हमें विवाह कर लेना चाहिए । तुम तो जानती ही हो की पूजा मैं भी बेरोजगार हो । फिर रोजगार तो वह फैलाए तुम्हारे स्वागत के लिए खडा है राकेश तुम्ही उससे विमुख हो कौन सा रोजगार? राकेश ने आश्चर्य से पूछा कृषि ये तो क्या कह रही हो? पूजा मेरी नाकामी पर मुझे ताने दे रही हो । ताने तो परायों का हथियार होता है । राकेश मैं तुमसे प्यार करती हूँ और वहीं का होंगी जो हमारे जीवन के लिए सबसे अच्छा होगा तो तुम भी माँ पिताजी की तरह यही जाती होगी । खेती बाडी में अपना जीवन झोंक दो और माँ की तरह तो मेरी जीवन भर हर ख्वाहिश के साथ समझौता कर के गुट घुटकर जीवन बिताते देखते हो बस यही एक अंतर है राकेश तुम्हारी और मेरी सोच में तो ये लगता है कि खेती बाडी करना मजबूरी है जबकि मुझे लगता है कि ये एक ऐसा व्यवसाय है जो न सिर्फ सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि सम्मानित कार्य भी है और तुम्हारी इस सोच से क्या तुम्हारे पापा सहमत हैं? जब पापा ने मुझे कृषि विषय के साथ स्नातक करने के लिए मंजूरी दी है तो कृषक दामाद को क्यों नहीं स्वीकारेंगे? मतलब दुनिया पढाई नौकरी के लिए नहीं बल्कि खेती करने के लिए कर रही हो । जब हायर सेकेंड्री स्कूल में कृषि विषय का चयन किया था तब तक तो सरकारी नौकरी का ही सपना था लेकिन पिछले दो साल से जब से पापा को मैंने तुमसे मिलवाया है उसके बाद से अब तक तो में नौकरी के लिए यहां वहां भटकते देख पा पानी तुमसे विवाह के बाद मुझे कल ही नौकरी न करके खेती करने की सलाह दी है ताकि मैं अपनी शिक्षा का समुचित उपयोग कर सकूँ । दूर के ढोल सुहावने होते हैं । पूजा जब खेती करके देखोगे तब तुम भी समझा होगी कि ये काम मजबूरी में ही चुना जाता है तो ठीक है । मैं विभाग के बाद अंकल के साथ खेती करूंगी और तो नौकरी की तलाश करते रहना ये संभव नहीं है । पूजा क्यों? क्योंकि हमारी खेती में सिंचाई का कोई साधन नहीं है तो हम लोग बोर उत्खनन करा लेंगे । यही तो सबसे बडी परेशानी है पूजा की । हमारी जमीन पर पानी का श्रोत बहुत गहराई पर है और पानी मिला भी है तो एक एकड के फसल के लिए भी पर्याप्त नहीं है । तो जब तक हमारी नौकरी नहीं लग जाती हम काम में ही गुजारा कर लेंगे । नहीं । पूजा जब तक मैं स्वयं कमाने लायक नहीं हो जाता तब तक विवाह के बारे में सोच भी नहीं सकता । क्या ये तुम्हारी शर्त है तो मैं सही समझा है । पूजा मैं कभी नहीं चाहूंगा की दुनिया में इस गांव में रहे और खेती की कैसी जिद? राकेश प्यार में कोई शर्त नहीं होती है । सामंजस्य होता है सामंजस्य के लिए भी पैसा चाहिए जो मैं नहीं कमा रहा हो तो ये भी बता दो राकेश की पापा को मैं क्या जवाब दू तो मैं कुछ कहने की जरूरत नहीं है । पूजा मैं स्वयं उनसे मिलकर कुछ समय और मांग लूंगा । नहीं राकेश अब तुम पापा के पास नहीं जाओगे क्यों? पूजा क्योंकि पापा ने मुझसे कडाई के साथ ही साफ साफ शब्दों में कह दिया है कि यदि अब भी तो नौकरी के चक्कर में विभाग के लिए तैयार नहीं हो तो वे और समय नहीं दे सकते तो जाऊँ और जहाँ तुम्हारे पापा कहे वहीं शादी कर लो । कहते हुए राकेश कमरे से बाहर निकल गया ।
Producer
Voice Artist