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मेल से मिलने का प्रयास करने के बाद वो बिल्कुल अकेली हो गई थी । उसे ढूंढने के लिए उसके बहुत प्रयास किए थे । यहाँ तक कि उसने उसके माता पिता से भी बात की थी । दे उसे कैसे कुछ भी बता सकते थे जब उन्हें कुछ मालूम नहीं था । तुम गुस्से से लाल हो गए थे और तुम्हारा बन मेरे और अपने लिए प्रशाद आपसे भर गया था । उसने मुझे फोन किया और अपना सारा को सब मेरे ऊपर निकाल दिया । पाकिट कपडा तब तक मैं वो सब करता रहूँ जो तुम्हें करना चाहिए । आखिर कब तक है? तुम्हारा पीछा करता रहूँ? छपने तुम्हारे आस पास होना भी मेरे लिए ठीक नहीं है । जवाब तो नहीं है कोई जवाब तुम्हारे पास आज ही रात तुम्हारे पास आ रहा हूँ । मैं अभी नेट पर ये देखता हूँ कि आखिरी फ्लाइट में कोई सीट मिल रही है या नहीं । तो हमने फोन रख दिया । काम नहीं थी । श्री को मेरी योजना के बारे में कुछ भी नहीं बताया था । यही तर्कसंगत भी था । जब एक लडकी आपसे नाराज हो तब निम्नलिखित में से कोई एक चीज आपके लिए काम कर सकती है । अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर भगवान ही आपका मालिक है । फिर भी एक बार प्रयास कर के देखिए । जब आपसे नाराज हो या आप पर चिल्ला रही हूँ तब आप बिलकुल चुपचाप बैठे । अस्थान के अनुसार उसे बैठने के लिए कुर्सी दीजिए । अपनी को तो कभी नहीं बिल्कुल देव को बन जाएगी । मानव सब आपकी ही गलती है । मगर आपको ये अंदाजा नहीं था कि आप ये गलती कर रहे हैं । उसे यह अहसास दिलाया कि वह जीत चुकी है । उपर्युक्त सभी चीजें तभी काम करती हैं जब गुस्सा ज्यादा देर का नहीं हूँ । मगर इस मामले में बात सिर्फ उसके गुस्से की नहीं थी । उसके अंदर बहुत झुंझलाहट भरी हुई थी । बहुत सारे सवाल और चिंता जब मुझे टॉम ने बताया की इतिश्री ने अपनी जान लेने की भी कोशिश की थी, तब मैं भी एक लाने से भर गया था । मैं ईश्वर से अपने लिए क्षमादान मांगा हूँ । इस वर्ष सीधा सा जवाब था मुझे वापसी इतिश्री से बात नहीं होगी तो अब मुझे सचमुच उसे मनाना था । मुझे ये तो मालूम था कि मैं उससे झूठ नहीं बोल सकता था । उसका सामना करना आसान नहीं होगा । अगर आपने बहुत पाठ्यक्रम में मैंने सब कुछ सीखा था जिसका प्रयोग मुझे अब करना था । हर बार जब मेरे बारे में बात हो रही हूँ या मेरा जिक्र भी हो रहा हूँ तो इसका कोई कारण नहीं था कि मैं धौलाधार श्रृंखला में सीखी हुई तलहटी के बारे में बात न करूँ । मगर ये खोज हमेशा बनी रहती है । इस अवस्था में पहुंचने में समय लगता है । मेरा मानना है इसी को निर्माण कहते हैं । आप आप कितनी देर तक इंतजार करेंगे सर लगता है वो आपसे मिलना नहीं चाहती है । पूछताछ के पास खडे गार्ड ने मुझसे कहा, ये तो अपेक्षित था । मैं जानता था मुझे उसे मनाना था । मुझे मालूम था कि ये सही तरीका नहीं था । मगर मेरे पास अब और कोई तरीका बच्चा भी नहीं था । मैंने उसका आठ से कहा कि वो जाकर उसे बताए कि मुझे उससे गौरी के बारे में कुछ बात करनी थी । ये काम कर गया । इतिश्री एक दम से मेरे सामने आ गई । मालूम वो कहीं नजदीक से ही मुझ पर नजर रख रही थी । पकडेंगे मेरा मकसद नहीं था । ये तो भावनाओं के सामान्य स्तर से नीचे जाने की बात थी । इसका सीधा मतलब था कि मुझे किसी ऐसी जगह पर जाना था जहाँ भीड भाड कम हो । आप किसी अप्रत्याशित भाव आती रही । क्या आंखों के लिए कुछ ऐसे ही तैयारी करते हैं । इतिश्री कृपा करके कुछ करता हूँ मुझे अपने आप को समझने का । बस एक मौका तो अगर फिर भी तो ये लगा कि मैं गलत था तो फिर तुम मुझे जो चाहे सजा दे देता हूँ । मैं खुशी खुशी मान लो का मैंने अपने हाथ छोड रखे थे और पहले आंसू में निकाल ऊपर कहने लगे नहीं । हालांकि वे इतिश्री के मुकाबले कम भी थे । हम दोनों के अंदर कॉलेज की आत्मा बसती थी और इसी की वजह से हम एक साथ रो रहे थे । हमें वो क्षण भी याद था जब हम पिछड गए थे । अधूरी बातें सुनने अभिप्रेरण और चीनी की कोई इच्छा नहीं । मैं जानता हूँ मैं तुम से नाराज था । जब मैंने तो बाहर है और कौन से? वो तो देखें तब मैं कह रहे कट्ठे बिछा चुका था । मैं उन्हें हर दिन देख कर रोता रहता था । ऍम अपने कमरे में ही बढ गया होता । अगर वह परिस्थिति नहीं उत्पन्न खुश होती जहाँ मुझे ये एहसास हुआ कि मैं स्वार्थी हो रहा था और गौरी को एक वस्तु की तरह इस्तेमाल कर रहा था तो मैं कभी हिमालय नहीं चाहता हूँ । अगर मैं उस वक्त तुमसे आकर बिल था तो मैं कभी सामान्य नहीं हो पाता हूँ । तुमसे मिलकर क्या? बस तो देख कर ही मैं उस बोर्ड तक पहुंच चाहता हूँ जहाँ की मैं पागल हो जाता हूँ । शायद विनाशक बन जाता हूँ मैं सपना नहीं चाहता था हूँ ये सब पहले उस बहुत पाठ्यक्रम बिछाकर शाहना है तो उस वक्त स्वास्थ्य बन गए थे । सब ने एक बार तो मेरे बारे में सोचा होता । मेरे पास तो कोई और नहीं था और उसके जीवन में तुम ही थे तो मुझे कैसे अकेले छोडकर गायब हो सकते थे । उससे कोई फर्क नहीं पडता हूँ । अगर तुम एक बार उससे बिल लेते और उसी को कहते थे कि तुम मुझसे दोबारा कभी नहीं मिल हो गई । बस खतम तो बस था आपके और इन सबके ऊपर टॉम भी कई छुपके मैं कसम खाकर कह रही हूँ मुझे लगा कि मैं कोई अपराधी हूँ । क्या भी पता है कि बेहद कम बिल्कुल कौरिक की तरह ही करती हूँ । मैं उसी की तरह चलती हूँ । उस की तरह बात करती हूँ । मैं भी उससे बातें करती हूँ जैसे वहाँ पे तुम करते हूँ । मैं भी सितारों से बात करती हूँ । थोडी देर रुकने के बाद भी श्रीदेवी फिर से बोलना शुरू किया पहचानती हूँ की बहन तो एक लडकी हूँ मुझे दुनिया की सबसे कि धोनी चीजों का साहब तक करता है जो हाँ पियो ने बनाया है सभाष ने बनाया है मगर जो इस वक्त नहीं बनाया है वो तो कुछ और ही बनाना चाहता था मगर वो और पर आप था उसने उसी पर ध्यान दिया । सिल के बस्तों पर उसका ध्यान ही नहीं उसमें सभी शक्तियां और तो वही नहीं करती मगर राहत करते यहाँ भी होने की शक्ति नहीं बल्कि बर्दाश्त करने की शक्ति आत्मसात् करने की शक्ति कभी नहीं । मतलब की शक्ति हमारे लडने की शक्ति और फिर भी संवेदनशील और काम बने रहने की शक्ति दी तो भगवान ने और ऊपर उससे ही ध्यान दे दिया । वस्तुओं को उसे नियंत्रित करते की शक्ति थी नहीं तो अब वो बच्चे नहीं हो जिसे बैठ जानती हूँ तो मत मारता बन चुके हो तुम भी और उसे बिल्कुल अलग ही हो । तुमने मुझे नियंत्रन दिखा दिया है । तब यहाँ दबाए भारत बंद किया तो उन्हें हमें अकेला छोड दिया तो मैं मुझे और गौरी को अकेला छोड दिया । तब हमें छोड गए हैं भारत क्या मैं उसे सुनता रहा । उसके शब्द धोखे से मेरी चांदे रहे थे क्योंकि उनके प्रभावों के बारे में मुझे जरा सा भी अंदाजा नहीं था । मेरे लिए ये सच का सामना करने वाला क्षण था । मेरे पास और कुछ ज्यादा नहीं था, सिवाय उससे माफी मांगते रहने के और उनसे भीख लेते रहेंगे और उनसे सीख लेते रहने के हूँ । तो बता समय लोग और छत्ते में उचित लगे तब तो मुझे माफ करना । मगर एक बात बताऊँ तो मुझे कैसे पता चला कि मैं सितारों से बात करता हूँ । मेरा मतलब है और इसे हर रात क्योंकि मेरे अंदर भी उसकी आत्मा का एक ठाक है जो तुम्हारे अंदर रहता है क्योंकि मैं भी उसे तो भारी ही तरह महसूस करती हूँ । और भी बहुत कुछ तो तुमने अपना विषय बदलकर दंतचिकित्सा क्यू कर लिया । मैंने फैसला किया कि मैं वही करेंगे जो मुझे सही लगता है । मैं यही चाहती थी और फिर हम तब तक बातें करते रहे जब तक कॉलेज लगभग खत्म हो चला था । समय निकल गया । यादें ताजा हो गई थी । भूतकाल ने गहरी चोट करती थी । पहले तो ये बहुत ज्यादा धक्का देने वाला था । हर पल को बदलते हुए भाव और इतनी तेजी से वो हर पल पडता हुआ दीवार जिसने इतना वर्मा भरा हुआ था कि मैं ये सोचने पर मजबूर हो गया की सारी दुनिया के इंसान एक जैसे ही होते हैं । जब हम जैसे कोई चीज चूडी होती है तो उससे अलग होने का दुख तो होता ही है । कोई भी रातोरात संध्या निष्क्रिय नहीं बन जाना एक बहुत लंबी प्रक्रिया है जिसमें आप सब स्पोर्ट्स में वास्तविक बनकर खुद को मारो से अलग कर देते हैं । मेरा उद्देश्य खुश रहने का था, शांत रहने का था और समाज को कुछ देने का था । कुछ देर के बाद हमने कॉलेज के बगल वाले कॉफी शॉप में जाने का फैसला किया । उसने मुझे कुछ सीडी पकडाई और कहा कि वह थोडी ही देर में वापस आएगी तो कुछ कागजों की छाया प्रति लेने गई थी । और इधर मैं लैपटॉप पर गौरी और इतिश्री के पुराने वीडियो देख रहा था । उसका मुझे वीडियो मिला जो शायद रिकॉर्डिंग से पहले का था । कुछ बलबीर जाने के बाद ऐसा लगने लगा । शायद उसने किसी अवसर पर देने के लिए कि भाषण तैयार किया था । मेरे प्यारे दर्शकों, श्रोतागण और यहाँ मौजूद खूबसूरत न्यायाधीश हैं । हाँ, तो इसका मतलब वो अपने प्रतियोगिता के भाषण की तैयारी कर रही थी और ये निश्चित ही मिस इंडिया प्रतियोगिता के लिए था । उसने अपना भाषण जारी रखा, सबका धन्यवाद ज्ञापन किया और अंत में उसने कहा अगर मैं जीत गए और मैं आशा करती हूँ कि मैं जीतूंगी तो मैं सातवे आसमान से एक सितारा धरती पर ले आउंगी । वो सितारा जो वहाँ पर बस हमारी हर इच्छा को पूरी करने के लिए बैठा है । अगर आज की रात में जीत गए और मैं आशा करती हूँ कि मैं जीतूंगी ही तो मैं उस सितारे से, उस लडके को मांगों की जिसमें मेरी आत्मा का एक हाथ मुझ से छीन लिया । उसकी आत्मा ठनने वाला हूँ । इन परिस्थितियों में शायद ही कभी ऐसा होता है कि आपके पास कोई टाइम होगा, प्रतिक्रिया होती है । ये तो अप्रत्याशित था इसलिए प्रतिक्रिया भी अप्रत्याशित ही होनी थी । मैं उनके कमरे में पहुंचा हूँ और उसे पुणे घुमाने को कहा । मैंने उसे हर उस जगह ले जाने को कहा जहाँ मैं और गौरी समय बिताया करते थे । इसमें कॉलेज की कैंटीन और पुस्तकालय भी शामिल थे । कॉलेज का परिदृश्य अब काफी बदल चुका था । वहाँ की तुम की यादें मुझे लगातार परेशान कर रही थी । कैंटीन का नाम बदलकर गौर इज कैसे हो गया था? फॅसने मुझे और भी प्रभावित कर दिया था तो दिन काफी अच्छा गुजरा और मैंने अपने टिकट पर विजय पाना एक बार फिर से सीख लिया था उस टाइम पर जो कहीं मेरे अवचेतन मन में बैठा हुआ था । घर वापस आते वक्त हम एक कप में गए तो तुमने जिंदगी के बारे में क्या सोचा है? पढाई खत्म करूंगा । एक नौकरी लोग और पूरी दुनिया का भ्रमण करूंगा । हवाना और ताशकंद मेरी सूची में सबसे ऊपर है । मैं एक बार फिर तुम्हें पुराने दिल की तरह देख कर बहुत खुश हो नहीं । कितने वर्षों के बाद हम ने इतना सारा समय एक साथ बिताया है । मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ मेरे दोस्त । उसने मुझे कसकर गले से लगा लिया है और फिर हमने शराब का गिलास अभिवादन से ऊपर उठाया । जानते हो, पिछले तीन वर्षों में मुझे आज ऐसा लगा मानो मैं अपने एकांतवाद से बाहर आया हूँ । मुझे सच पूछिए एहसास हो रहा है कि अब मेरे अंदर मेरी पिछली जिंदगी और मेरी सुरक्षा की भावना के बारे में बात करने की हिम्मत आ गई । ये मुझे और फिर ब्रेड और वास्तविक बना रहा है । मुझे ऐसा लगता है कि जीवन के धर चरण में मैं कुछ ना कुछ हासिल कर रहा हूँ और उस वक्त लगता है कि शायद के आखिरी चीज है मगर फिर से हर बार कुछ नया सीखने को मिलता है । और फिर मुझे एहसास होता है कि मैंने कुछ नया हासिल कर लिया है । बिल्कुल सही मेरे भाई । आखिर जिंदगी अपने अनुभवों हूँ और दूसरी चीजों से सीखने का ही तो नाम है और ये कभी खत्म नहीं होता हूँ । अब मुझे संतोष भी होता है । उस सडक सुरक्षा के एनजीओ से जोडने के बाद मुझे काफी खुशी मिली नहीं । आशा करता हूँ की मैं मैं कुछ योगदान कर पाऊंगा ताकि हम और भी लोगों को सडक हादसे में होने से बचा सके । कितने उच्च विचार हैं मुझे तुम पर गर्व है । अब अपनी जिंदगी को ठीक करने के बारे में क्या ख्याल है तुम्हारा । वो तो पहले ही ठीक हो चुकी है । अब और क्या बचा है? क्या तुमने उसकी आंखों में कुछ दिखाई देता? वो पागलपन तो वो तो मैं दिखाना चाहती है । तो मैं देखने पर जो प्रतिक्रिया देती है तब किसकी बात कर रहे हो? और एक गधे मैं इतिश्री की बात कर रहा हूँ तो तो भारत दिमाग खराब हो गया है । क्या लगता है तुम पूरी तरह पागल हो चुके हो? नील तो मैं जरा भी अंदाजा नहीं है कि तुम क्या पाने वाले हो । जरा इसके बारे में सोच हूँ । एक लडकी जो गौरी की सबसे अच्छी सहेली है और जो तुम्हें उस की याद दिलाती है जो इतने दिनों तक तुम्हें पागलों की तरह घूमती रही, जिसने प्रतियोगिता से खुद को बाहर कर लिया । क्योंकि तीन साल के बाद मैं वहाँ देखकर वो बहुत परेशान हो गई थी । ऐसी लडकी तुम्हें कहीं नहीं मिलेगी । वो करोडों में से एक है । मगर वो काम ही नहीं है तो उसके सबसे नजदीक तो है । मैं गौर से क्या कहूँगा हूँ कि मैं उस की सबसे अच्छी सहेली को धोखा दे रहा हूँ । तुम स्वतंत्र महसूस तो करते हूँ मगर तुम अभी भी एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया में फंसे हुए हूँ । ये सच नहीं है, नहीं तो मैं वापस अपनी जिंदगी बसा दे । गौरी बहुत खुश होगी । उसे इसी बात से खुशी मिलेगी, पहचानता हूँ । बहुत अच्छी तरह जानता हूँ कि मैंने किसी के साथ अच्छा नहीं किया । मैं उस वक्त इतना स्वार्थी हो गया था और कौन तुम्हें तो अच्छी तरह से याद होगा । मैं किसी से भी बात नहीं कर रहा था कि बहुत लंबा समय था और फिर वो हिमाचल और बात वाली बात हुई । मेरे और इतिश्री के बीच की दूरी काफी बढ गई है । ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगता है कि अब वापस लौटने के लिए काफी देर हो चुकी है । मैं जानता हूँ कि मैं बहुत खुश हूँ । जब मैंने तुमसे उसे मिलने जुलने से मना किया था । वो बहुत बडी गलती थी तो हम उठकर खडा हो गया । उसने मेरी ओर देखा और उसके बारे में पूछा हूँ । मगर आप जब तुम मुझे उसके बारे में एक प्रेमी की तरह सोचने के लिए कहते हो तो मुझे ये उससे भी बडा अपराध लगता है जो आर्या ने हमारे साथ किया था । मुझे ये शब्द मेरे जिंदगी से भी ज्यादा बर्बाद लगते हैं । मैं नहीं जानता कि तुमने ये सब मुझसे खेमका मगर मुझे से होती है तो हम हार मानने को तैयार नहीं था । वो अपनी बात से ज्यादा भी पीछे नहीं हटा । उसके भावों से मुझे ये स्पष्ट हो चुका था । अक्सर जब उसे लगता है कि उससे गलती हुई है तो वो फौरन मान लेता था । मगर यहाँ वो अपनी बात को दोहराता था । एक ही वाक्य कोई परिवर्तन नहीं, कोई जोड नहीं, कोई घटाओ नहीं । उससे भारतीय की कोई कोशिश नहीं । वो सीधे सीधे मेरे मुंह पर ये सब कह रहा था मुझे कुछ साढे लगा था । मेरे लिए ये सब धोखे से कम नहीं था । मैंने उसके साथ क्या तब नहीं किया था जब मेरे साथ थी । मैं उसके साथ अब ये नहीं करूँगा । मेरा मन ना ऐसा करने की गवाही नहीं दे रहा था और मुझे किसी भी दूसरी लडकी के लिए इस तरह की अनुभूति नहीं हो रही थी । बिल्कुल नहीं । कॉलेज के पिछले तीन वर्षों में ऐसा एक भी मौका नहीं आया था जब मैंने किसी दूसरी लडकी के बारे में सोचना भी हो । हालांकि इस पर मुझे कोई आज शादी भी नहीं हुआ था । तुमको भी इन सब के बारे में पूरी जानकारी थी । उसके पहले कभी मुझे इन सब के बारे में बात नहीं तो फिर अपील की बस इसलिए क्योंकि वो तीसरी है और उस की तरह बात करती है, व्यवहार करती है । इसका मतलब ये तो नहीं कि वह गौर ही हो गई । हालांकि गौरी के बाद वो इतनी देखी थी जिसपर मैं थोडा ध्यान दिया था । मैं जानता था कि वो गौरी नहीं थी फिर भी मैंने उसे उसके प्रति रूप की तरह देखा था और ये पास कि वह नीतीश रही थी मुझे थोडा सुकून देती थी । पिछले शाम तो हमने जो भी मुझसे कहा था उसने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया था कि सब कुछ अच्छी तरह समझ में तो नहीं आ रहा था मगर फिर भी मेरे दिमाग की घंटी बजा रहा था । तीसरी के मन में मेरे लिए कुछ कोमल भावना थे और वो हम दोनों के बारे में बहुत भावुक थी । सुबह मिले उसके संदेश से ये स्पष्ट भी हो चुकी थी । देर मुझे माफ कर देना ये सब मेरे अंदर भरा हुआ था । अगर मैंने तुमसे कोई बदतमीजी की हूँ या कुछ ऐसा कहाँ हो जो मुझे नहीं कहना चाहिए था तो मुझे इसके लिए मांग करते ना तो हमारे दिल्ली जाने से पहले मैं आखिरी बात तुम से मिलना चाहती हूँ । शुक्रिया थी कॅश रही । सबकुछ बिल्कुल ठीक है । आज शाम को छह बजे कॉफी के लिए मिलते हैं । मैं तुम्हारे कॉलेज आ जाऊंगा । फिर वहाँ से हम दोनों साथ चलते हैं । सच कहूँ तो मुझे अभी तक समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ये हो क्या रहा है । मैं थी श्री से मिलने के लिए ज्यादा उत्साहित था या फिर ये सब कौरी की वजह से था । मैं बिल्कुल बेमोल था । मैंने टाउन की नेत्रा का अंदाजा लिया उसे जगह पाना संभव नहीं था । मैंने आईने के सामने खडे होकर खुद से बात करने की अपनी पूरी चाल एक बार फिर से चलने की सोची हूँ । मैं से काफी दिनों के बाद कर रहा था । आखिरी बार जब मैंने ये किया था उस वक्त मैं कॉलेज में दाखिला लेने वाला था । मैं कॉलेज में विषय चुनने को लेकर थोडा असमंजस में था अगर एक बार फिर पढाई के लिए था । अठारह वर्ष की उम्र में वह मेरे जीवन का सबसे निर्णायक क्षण था । अब तेईस वर्ष की उम्र में ये एक लडकी के बारे में था । मेरा असमंजस उसके लिए मेरी ईमानदारी को लेकर था । आई मैंने हाँ में जवाब दिया । इसके बाद मैंने रेडियो पर अपना सबसे मनपसंदीदा कार्यक्रम लगाया । इस कार्यक्रम में आरजे नावेद अपने श्रोताओं को संबंधों के बारे में कुछ बताने के लिए फोन करने के लिए आमंत्रित करता था । मैं पिछले दो प्रयासों में सफल रहा था और मैंने तीसरी बार ये प्रयास किया । नमस्कार मेरे दोस्त तो लगता है जीवन में आप किसी कठिन दौर से गुजर रहे हैं । मैं अपने कार्यक्रम में आपका स्वागत करता हूँ और आप मुझ से कुछ भी पूछ सकते हैं और मैं अपने श्रोताओं को बता दूँ । अगर आपको जानना क्या पूछना चाहते हैं तो अभी फोन मिलाकर बात करें । हलो नवेद मेरा नाम दिल है, आशा करता हूँ तो मुझे पहचान रहे होंगे । हम विद्यालय में साथ थे, गेट लडकी के बारे में है । वो शायद मुझे पसंद करते हैं । थोडा असमंजस में इसलिए हूँ क्योंकि वह मेरी प्रेमिका की सबसे अच्छी सहेली है और मेरी प्रेमिका अब इस दुनिया में नहीं है । प्याज शाम में उसे कॉफी पर मिलने वाला हूँ । मैं क्या करूँ? ॅरियर तो मुझे अच्छी तरह से याद हो । सबसे पहले तो तुम्हारी प्रेमिका के बारे में सुन कर बहुत दुःख हुआ यार मेरे विचार से उस लडकी को पहले अपना प्यार जताने दो तो तुम से आगे ले जाने की सोच ना तुम्हारे लिए सबसे जरूरी है कि तुम सच कुछ उसे पसंद करूँ न कि इसलिए कि तुम अपनी प्रेमिका को फिर से पाने की कोशिश कर रहे हो और हाथ में तो मैं यह जानकर दुख होगा । बात तो बिलकुल ही अलग है । नावेद के ये शब्द बिल्कुल वैसे ही थे, जा सकता हूँ । मुझे समझा रहा था और जैसा जवाब मुझे उस आईने में मिला था
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