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भाग अट्ठाईस दो दिनों बाद लोहित ने फिर से कैलिफोरनिया की उडान भरी । इस बार ना ही उसने दूसरे यात्रियों से बात की और ना ही एयर होस्टेस पर ध्यान दिया । फेसबुक से पैसे मिलने के बाद कैसे अपने प्रोजेक्ट को आगे ले जाया जाए । बस इसी ख्याल में वो बिजी था । लोहित फेसबुक हेडक्वार्टर पहुंचा । इस बार उसके पास अपॉइंटमेंट लेटर नहीं था । सिक्योरिटी गार्ड्स को दिखाने के लिए उसने मार्क की सेक्रेटरी अनिका से बात कर उसे अंदर आने देने का आग्रह किया । शुक्र है कि उसने लोहित को पहचान लिया और उसका विजिटर पास बनवा दिया । अनिका ने कहा मिस्टर बंसल अचानक कैसे आना हुआ? मैं अपनी कंपनी बेचना चाहता हूँ । मैंने कहा था मुझे की जब भी मैं अपना विचार बदलूं, मैं दोबारा आ सकता हूँ । ठीक है इतने लंबे सफर से आई है । अब थक गए होंगे । क्यों आप यहाँ आराम करें और मैं मार्ग से इस बारे में बात कर के आती हूँ । ठीक है । रोहित ने कहा और ऑटोमैटिक कॉफी मशीन से अपने लिए एक कप कॉफी निकालकर पीते हुए वहीं बैठकर मार्क का इंतजार करने लगा । अगर माप में मेरी कंपनी को खरीदने का अपना इरादा बदल दिया तो अगर वो मेरे बर्ताव से नाराज होकर मुझसे मिले ही ना तो ढेर सारे नेगेटिव थॉट्स ने लोहित के दिमाग को घेर रखा था । लगभग बीस मिनट के बाद अनेक अपने चेहरे पर निराशा लिए वापस आई । हम सौ सौ रहे । मार्क ने कहा है कि वह बहुत बिजी है और आप से नहीं मिल सकते हैं । ये सुनते ही लोहित के चेहरे का रंग उड गया । प्लीज उन्हें बताइए कि ये बहुत जरूरी है । मेरे लिए उनसे मिलने में सात समंदर पार आया हूँ । लोहित ने विनती की । उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि उसका सबसे बुरा खयाल उसकी आंखों के सामने सच हो रहा था । काश लोहित अपनी पिछली मीटिंग में ये प्रस्ताव लेने से मना नहीं करता । डोंट वरी मार्क ने तुम्हें अपने प्रतिनिधि से मिलवाने को कहा है । उनके पास भी इस दिल को पूरा करने के सारे अधिकार है । लोहित का चेहरा फिर से खेलो था लेकिन उन्हें कन्विंस करना मुश्किल है । मार्क से भी जाता चलिए मैं आपको उन से मिल पाती हूँ । उनके कैबिन के बाहर नेम प्लेट पर मिस्टर आर्यन दे लिखा हुआ था । अच्छा तो ये एक भारतीय है । लोहित ने एक मानसिक टिप्पणी की । हाई आर्यन अन्न, रोहित बंसल, लोहित ने उनके कार्यालय में प्रवेश करती ही कहा, आपने खराब मिजाज के बावजूद लोहित आर्यन की शानदार लुक्स को नोटिस करने से खुद को रोकने सका । बैठे होने के बावजूद ये अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं था कि वह कितना लम्बा है । आर्यन ने लेपटॉप से अपनी नजर एक बाल के लिए उठाई । लोहित को देखा और कहा बैठी है सर मैं यहाँ अपनी स्टार्ट अप कंपनी के बारे में बात करने आया हूँ जिसे फेसबुक टेक ओवर करना चाहती है । लोहित ने उसे समझाना शुरू किया, हमें सब जानता हूँ । मेरी मार्ग से इस बारे में बात हो गई है । उसने काले रंग का सूट पहना हुआ था जिसमें वह बहुत ही कमाल का लग रहा था । मुझे पता चला कि तुम पहले भी यहाँ आए थे लेकिन तब तुम अपनी कंपनी को बेचना नहीं चाहते थे । क्या मैं जान सकता हूँ की अचानक क्या हुआ? वो लोहित से बात करते हुए अपने लैपटॉप पर काम कर रहा था । लोहित को बुरा लग रहा था कि आर्यन उसकी और देख भी नहीं रहा । रोहित ने गर्व से कहा, पहले मेरी कंपनी को दुनिया की सबसे बडी कंपनी बनाना ही मेरा सपना था लेकिन अब मैंने इससे भी बडा सपना देख लिया है । आर्यन ने चौंकते हुए पूछा ऐसा सपना भला दुनिया का सबसे अमीर आदमी बनने से भी बडा सपना हर क्या हो सकता है? मैं अपने शहर को अपराधमुक्त बनाना चाहता हूँ और इसके लिए मैंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हुए जिनी नामक प्रोजेक्ट डेवलप किया है । लोहित ने आज उनके साथ विस्तार से अपने प्रोजेक्ट पर चर्चा की । आर्यन ने लोहित के कदम को सराहा और उसे कुछ टेक्निकल टिप्स भी दिए । फिर आर्यन ने पूछा आपने करोडों की कंपनी को भेजकर देश की सेवा करना । इसके पीछे जरूर कोई बडा कारण होगा? जी आप सही कह रहे हैं । इससे पहले मैं भी आपकी तरह भारत छोडकर अमेरिका में रहना चाहता था । एक ऐसे देश में जहां टैलेंट की असली कद्र है लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ की सब कुछ बदल गया । मेरे विचार, मेरे सपने, मेरा जीवन सब कुछ क्या हुआ? उसने अपने लेपटॉप पर काम करते हुए ही पूछा । लोहित को थोडी हिचकिचाहट हुई । किसी अंजान व्यक्ति को अपनी मंगेतर के बलात्कार के बारे में बताना । लोहित को थोडा अजीब लगा । रोहित ने कुछ नहीं कहा । आर्यन भी समझ गया कि लोहित इस बारे में बात नहीं करना चाहता हूँ । अगर तुम नहीं बताना चाहती तो कोई बात नहीं । कुछ मिनटों के बाद आर्यन ने पूछा रिशा कैसी है? आर्यन की मुझसे तृषा का नाम सुनकर लोहित हक्का बक्का रह गया । उसके रोंगटे खडे हो गए । लोहित सोचने लगा, वो कैसे जानता है त्रिशा को? क्या उसने मेरे फेसबुक पर देखा है? उसे आर एम के लेपटॉप के बगल में रखा प्रिंटर अचानक हरकत में आ गया और उसमें कुछ कागज प्रिंट होने लगी । लगभग पच्चीस पेज प्रिंट होने के बाद वो प्रिंटर बंद हो गया । आर्य ने सभी पे जिसको जमाया और स्टेपलर लगाकर लोहित को दिया और कहा ये अग्रीमेंट की पेपर से इसे एक बार पढकर साइन कर दो । इसका मतलब पूरे टाइम वो लोहित को नजर अंदाज नहीं कर रहा था बल्कि लोहित के लिए ही कागजी कार्रवाई करने में बिजी था । आप तृषा को कैसे जानते हैं? रोहित ने टेबल पर रखे अपने मोबाइल को चेक किया कि कहीं तृषा के नंबर से कोई संदेश तो नहीं आया । मैं हूँ मैं कृष्णा को देखने अपने माता पिता के साथ उसके घर गया था । आर्यन दे हाँ याद आया । तृषा ने बताया था मुझे लेकिन उसने कहा कि तुम गूगल में काम करते हो । हाँ, पिछले महीने ही मैंने फेसबुक ज्वाइन किया है मैं यहाँ नई टेक्नोलॉजी की टेक ओवर का काम संभालता हूँ । इससे पहले कि मैं उससे पूछता उसने कहा तृशा ने मुझे तुम्हारे बारे में बताया था और तुम्हारी तस्वीर भी दिखाई थी । इसलिए मैंने तो पहचान लिया लेकिन अगर तुम्हारी शादी उसके साथ तय होने वाली थी तो तुम ने इंकार किया । तृषा ने मुझ से किसी को भी ये बताने से मना किया है । हाँ, लेकिन तो मुझे तो बता ही सकती हूँ । ठीक है चलो कैफिटेरिया चलते हैं और लंच करते हुए बात करते हैं उन्होंने वो अग्रीमेंट वही टेबल पर रखकर उस पर पेपर वेट रख दिया और लंच करनी चल दिए । आर्यन में अपनी कहानी सुनानी शुरू की । वो दिन आ गया था जिस का मुझे बेसब्री से इंतजार था । जब मैं अपने परिवार के साथ लडकी देखने गया था । पापा ने कार्य मुझसे कहा कि बेटा तुम आज पहली बार उस लडकी को देखोगे जिसके साथ शायद तो में सारी जिंदगी बितानी है । हर किसी की आंखों में उत्साह था । मेरे मन में जिज्ञासा थी कि न जाने कैसी होगी वो लडकी तृषा के घर पहुंचते ही हम कार से उतरे । तृषा के पिताजी हमारे स्वागत के लिए दरवाजे पर खडे थे । उन्होंने हमें अंदर सोफे पे बढाया । मेरी आंखें तृषा को देखने के लिए बेचैन थी । बाजार में उपलब्ध सभी स्वादिष्ट स्नैक समय परोसे गए थे जैसे समोसा, कचोरी, ढोकला, रसमलाई, गुलाब जामुन आदि । इतना नाश्ता था कि किसी हलवाई की दुकान में भी ना हो । मैं एक समोसा खाना चाहता था । लेकिन जब आपके भावी ससुराल वाले आपको घूर रहे हो तो खाना मुश्किल होता है । बेटा तो क्या करते हो? तृशा के गांव वाले ताऊ जी ने पूछा । वह बात करने के लिए मेरे बगल में बैठ गए । मैं गूगल में काम करता हूँ । कल जी हाँ, गूगल में तो सभी काम करते बेटा । आजकल गूगल के बिना काम चलता ही कहाँ है? जी मेरा मतलब है । मैं गूगल कंपनी में नौकरी करता हूँ । राजीव आप और बढिया । फिर तो मैं सभी चीजों के बारे में सब कुछ पता होगा । फैन जी आर्यन ने कहा कि गूगल के पास खुद की कोई जानकारी नहीं होती है । ये सिर्फ दूसरी वेबसाइट्स से डेटा ढूंढने में हमारी मदद करता है । पुणे ज्यादा कुछ समझ में नहीं आया । परिवार के दूसरे बुजुर्गों को भी मुझसे बात करने का मौका देने कुछ दूर जाकर बैठ गई । उनके जाने के ठीक बाद तृषा के मौसाजी मुझसे बात करने आए बेटा काम क्या करते हो मेरा बायोडेटा पढ लीजिए एक ही बात कितनी बार बताऊँ । मैंने मन में सोचा जी मैं गूगल में काम करता हूँ । मैंने थोडा जोर से कहा था कि वहाँ दो से चार और भी लोग सुन ले । अब जल्दी से लडकी को बुला दीजिए । मैं उसे देखने के लिए माना जा रहा हूँ और अगर आपने मुझे फिर परेशान किया तो मैं सबकी गूगल सर्च हिस्ट्री को हैक करके सार्वजनिक कर दूंगा । महीने फिर मन में कहा तृषा मेरे मन की बात सुन दी और वहाँ गई ।
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