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जिनी पुलिस भाग 12 in Hindi

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AuthorArpit Agrawal
लोहित बंसल, एक टेकी है, जो अमेरिका में अपनी कंपनी का हेडक्वाटर खोलकर, दुनिया के अमीर लोगों में शुमार होना चाहता है। तृषा दत्ता बेहतरीन स्कूल टीचर है, जो इंडिया में ही रहकर स्टूडेंट्स को क़ाबिल बनाना चाहती है। दोनों में प्यार हो जाता है, लेकिन उनकी शादी से ठीक पहले वो होता है जिसके लिए दिल्ली बदनाम है। सुनिए, कुकुफम पे आपकी सबसे पसंदिता किताब "है दिल का क्या कसूर" के लेखक अर्पित अग्रवाल की नई ऑडियोबुक “जिनी पुलिस”। ये जानने के लिए की कैसे एक खुशमिजाज लड़का अपनी मिलियन डॉलर कंपनी को दांव पे लगा कर बनता है एक हीरो, और एक विलियन, इस सिस्टम से लड़ने के लिए, और अपराध को जड़ से ख़त्म करने के लिए।
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भारत बारा कृष्णा अपने लिविंग रूम में बैठी थी जब उसके दरवाजे पे दस तक हुई जैसी उसे दरवाजा खोला । एक पंजाबी महिला ने कहा बेटी त्रिशा मैडम को बलाओं में उनसे मिलने आई हूँ जी, मैं ही तृषा हूँ । सच में नमस्ते मैडम जी उसने हाथ जोडकर अभिवादन किया लेकिन आप तो काफी यंग दिखती है । इतनी सी उम्र में कितना वादियाँ पढाती है आप जी शुक्रिया थे । उन्होंने अपना परिचय दिया । मैं हरप्रीत की मांगूं आंटी ने हरप्रीत को आगे की जा जो उनके पीछे छिपा हुआ था । हरप्रीत हूँ मैडम के पैर हो पाॅलिस अंदर आइए । पंजाबी माँ बेटी की जोडी लिविंग रूम में रखे सोफे पर बैठ गए । तृषा उनके लिए पानी लाने रसोई घर गई और वहाँ से अपनी माँ को बताया की उसका एक छात्र अपना रिजल्ट बताने आया है । हरप्रीत की माने पंजाबी लहजे में कहा तो उसी तो जादू कर देता मैडम जी दूसरी तो घंटे को भी घोडा बना देता । उसकी बातों से जाहिर था कि हरप्रीत का रिजल्ट उसकी उम्मीद से काफी बेहतर आया है । मैंने कुछ नहीं किया । ये सब हरप्रीत की मेहनत का फल है । आंटी ने कहा मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि मेरा बुद्धू बेटा इस बार प्रतिशत के साथ पास हुआ है । उसके पिछले दो कक्षा की मार्क्स मिलाकर भी इतने नहीं थे । कोई छात्र पढाई में कमजोर नहीं होता । टी सिर्फ सही शिक्षण तकनीक की जरूरत होती है । आप सही कह रहे हैं वो बेवकूफ नहीं है । घर पर वो अपने छोटे भाई बहनों को पानी लाने की प्रतियोगिता में लगा देता है कि कौन उसके लिए सबसे पहले पानी ला कर देगा । बच्चों को ये अहसास भी नहीं होता कि वह हरप्रीत के लिए कुछ काम कर रहे हैं । फुटबॉल ग्राउंड के पास पढाई करने का आपका सुझाव बेहतरीन है । तो अब वो फुटबॉलर अपनी किताबें दोनों लेकर ग्राउंड जाता है और मैं उसे मना भी नहीं करती । तृषा ने कहा उसे हमेशा यू ग्राउंड जाकर पडने की जरूरत नहीं है तो एक बार उसके मन में पढाई के प्रति दिलचस्पी जाग गई तो वो बाकी छात्रों की तरह कक्षा में भी अध्ययन कर सकेगा । हरप्रीत की मम्मी ने विदाई लेते हुए कहा ठीक है तो फिर हमें चलने की इजाजत दीजिए और ये आपके लिए मैडम जी मेरे बेटे को पढाने का शुक्रिया । उन्होंने एक पैक किया हुआ तोहफा और मिठाई का एक डिब्बा तृषा को दिया । नहीं नहीं मैं स्वीकार नहीं कर सकती । मैं मिठाई ले लोंगे लेकिन मैं ये उपहार स्वीकार नहीं कर सकती । मैडम जी मैं आपकी जितनी पढी लिखी तो नहीं हो लेकिन हमारे बुजुर्गों ने हमें एक बात सिखाई है । जब भी हम से बडे हमें कुछ बडप्पन के साथ दे तो हमें हमेशा आदर के साथ उसे ले लेना चाहिए और फिर जब हम बडे हो तो उसी बडप्पन और प्यार के साथ अपने छोटों को भेज देनी चाहिए । शुक्रिया आंटी! इतना कहकर तृषा ने उपहार स्वीकार कर लिया । इतने प्यारे और सम्मान से दिए तो फेको भला कोई कैसे नकारे और ये हरप्रीत के डैडी का विजिटिंग कार्ड है । वो इस शहर की सबसे बडे प्रॉपर्टी डीलर है । आधी रात को भी कोई प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने हो तो कॉल कर सकती हो, बिना किसी ब्रोकरेज के एन जी मुझे इस की जरूरत नहीं आती । रख लो बेटा पता नहीं कब किसे किसकी जरूरत पड जाए थी कि आंटी तृषा ने कहा और आपने हैंडबैंड में विजिटिंग कार्ड रख लिया । दरवाजा बंद कर के कृष्णा ने मिठाई का डिब्बा खोला । उसमें त्रिशा की पसंदीदा काजू कतली थी । उसने एक कतली खाई और क्या हुआ? तौफा खोला । उसमें सुनहरे रंग की बडी ही सुंदर गणपति जी की मूर्ति थी जो एक पारदर्शी कांच के बक्से में बंद थी । तृशा ने मूर्ति के सामने माथा टेका और उसे अपने पूजा घर में रख दिया । फिर

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लोहित बंसल, एक टेकी है, जो अमेरिका में अपनी कंपनी का हेडक्वाटर खोलकर, दुनिया के अमीर लोगों में शुमार होना चाहता है। तृषा दत्ता बेहतरीन स्कूल टीचर है, जो इंडिया में ही रहकर स्टूडेंट्स को क़ाबिल बनाना चाहती है। दोनों में प्यार हो जाता है, लेकिन उनकी शादी से ठीक पहले वो होता है जिसके लिए दिल्ली बदनाम है। सुनिए, कुकुफम पे आपकी सबसे पसंदिता किताब "है दिल का क्या कसूर" के लेखक अर्पित अग्रवाल की नई ऑडियोबुक “जिनी पुलिस”। ये जानने के लिए की कैसे एक खुशमिजाज लड़का अपनी मिलियन डॉलर कंपनी को दांव पे लगा कर बनता है एक हीरो, और एक विलियन, इस सिस्टम से लड़ने के लिए, और अपराध को जड़ से ख़त्म करने के लिए।
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