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पापा के बारे में छापी गई झूठी खबर के विरुद्ध आज अदालत में सुनवाई थी । नीरज जी हाँ वकील साहब ने बताया मुझे नीरज ने कहा तब तो आपको मालूम ही हो गया होगा की हमें अपनी बातों को साबित करना होगा वरना हमारा केस खारिज हो जाएगा । किरण नहीं कहा आज शर्मा जी ने बताया मुझे तो आप क्या करेंगे नीरज जी किरण ने पूछा तो नहीं बता सकती हूँ कोई ऐसी स्थिति या व्यक्ति जिससे हम उन पत्रकारों को ब्लैकमेलर साबित कर सकें । मैं क्या बताऊ? नीरज जी जिन पत्रकारों ने ब्लैक मेल किया था वो दोनों पापा और मनीषा बुआ तो अब इस दुनिया में नहीं है । एक माँ है जो उन लोगों को पहचान सकती थी वो इस हालत में नहीं है की कुछ बयान दे सकें । तुम परेशान मत हो कर रहा हूँ मैं कुछ सोचता हूँ की क्या किया जा सकता है । हाँ हो सकता है कहते हुए नीरज किसी को फोन लगाने लगा । ऐसे अचानक क्यों बुलाया सर कोई परेशानी क्या सरल में प्रवेश करते हैं । पूछा मुझे तुमसे मदद चाहिए सर । नीरज ने कहा कहीं सर मैं क्या कर सकता हूँ तो मैं तो मालूम ही होगा कि माथुर सर के बारे में छपी खबर पर मानहानि की याचिका लगी हुई है । जी सर, मुझे भी नोटिस आया है । सरल ने जवाब दिया जानते उस तरह की जनहित याचिका शर्मा जी ने किसके कहने पर दाखिल की है? नीरज ने पूछा नहीं सर, सरल नहीं कहा मेरे कहने पर ये आप क्या कर रहे हैं? सर, स्वयं के अखबार पर ये आपने मानहानी का दावा किया है । सरल को तो जैसे नीरज की बातों पर विश्वास ही नहीं हुआ । हाँ सर, मैंने ये पूरा काम किया है लेकिन सर का हूँ । सरल ने धीरे से कहा अब कोई सवाल नहीं रहता है । सिर्फ मुझे जवाब चाहिए । जिन तीन पत्रकारों ने माथुर सर पर दबाव का खेल खेला था क्या तो उनमें से थे नहीं सर झूठ नहीं मुझे सब जानना है सर । देखो तुम ने मुझसे वादा किया है कि लवली के लिए तुम बदलोगे जी तो समय आ गया है सर खुद को साबित करने का । नीरज की बातों से सरल सहन सा गया । मैं सच के अवसर माथुर सर से खरीदी पर कमीशन के लिए मैं कॉलेज नहीं गया था । मतलब तुम जानते हो कि माथुर सर से कमीशन की मांग की गई थी । हाँ सर फिर आगे क्या हुआ नीरज ने पूछा । सर ने कहा कि खरीदी करना कोई अपराध नहीं है । मैं कॉलेज की आवश्यकताओं को तुम जैसों से डरकर नकार नहीं सकता हूँ । लेकिन ना मैं किसी को एक भी पैसे का कमीशन दूंगा और ना ही लूंगा । ज्यादा दबाव बनाने पर माथुर सर ने धमकाया था कि वह पुलिस की सहायता लेंगे । अभी तुम ने कहा कि माथुर सबसे तुम्हारी कोई बात नहीं हुई । फिर मैं तो ऐसे नहीं मिला था । सर सरल नहीं कहा तो फिर ये सब बातें कैसे जानते हूँ? नीरज की पूछा मेरे साथियों ने बताया था सर और फिर उन्हें साथियों के कहने पर तुमने माथुर सर्किट चरित्रहनन करने वाली खबर भी छापी थी । नीरज कराया जी सर सरल नहीं नजरे झुका ली तो हमारे साथियों का नाम क्या है? नीरज ने पुलिस वालों की तरह पूछा क्षमा चाहता हूँ सर, मैं उनका नाम नहीं बता पाऊंगा । सरल ने मुश्किल से कहने की हिम्मत जुटाई और तुरंत ही वहाँ से निकल गया । तुम कब आई दीदी घर पहुंचती ही अपनी दीदी को देख सरल ने पूछा । सरल मैं तेरी राह देख रही थी भाई कहते हुए उस की दीदी गले लगकर रोने लगी । क्या हुआ दीदी, बताओ तो सही मुझे नौकरी से निलंबित कर दिया गया है । भाई कहते ही वह फूट फूटकर होने लगी । पहले चुप हो जाओ और अब आराम से बताओ क्या हुआ? तुम तो जानती हो भाई कि तुम्हारे जीजा जी के मरनोपरांत अनुकंपा में मिली हुई ये नौकरी ही मेरे जीने का एकमात्र सहारा है । किसी के सहारे में अपने दोनों बच्चों के साथ खुश थी । पर खेर होने लगी । दीदी बताओ तो सही की तुम्हे निलंबित क्यों किया गया है? स्कूल में पढाते समय मैंने देखा की एक लडकी का ध्यान पढाई में नहीं है तो उसके पास जाने पर पता चला की वो मोबाइल पर किसी से चैट कर रही थी । सब के सामने एक लडकी को डाटना ठीक नहीं होगा । ये सोचकर मैंने उसे बाहर मिलने के लिए बुलाकर कहा देखो तुम जो कर रही हूँ, ठीक नहीं तुम्हारे माता पिता यहाँ पडने के लिए भेजते हैं क्योंकि उनका भरोसा हम शिक्षकों पर होता है कि हम तो में शिक्षा तो देंगे पर साथ ही अनुचित कार्यों से भी दूर रखेंगे और तुम हो कि मैंने मेरा मोबाइल वापस कर दीजिए । उस लडकी ने कहा नहीं अब तो ये मोबाइल तभी मिलेगा जब तुम अपने पिताजी को लेकर आउंगी । प्लीज मैडम दोबारा ऐसी गलती नहीं होगी । ठीक है पहली गलती मानकर छोड रही हूँ । अब इन चीजों की जगह पढाई पर ध्यान दो । परीक्षा भी नजदीक है । ठीक है कहते हुए मुझे मोबाइल लेकर चली गई और घर जाकर मेरे खिलाफ शिकायत कर दी की मैंने मेरा किसी गलती की उसकी पिटाई की है । उस लडकी का भाई स्थानीय अखबार का पत्रकार है । उसने लडकी के द्वारा स्वयं बनाए हुए खरोचों की फोटो के साथ लिख दिया की शासन के द्वारा बच्चों को अनुशासन के नाम पर शारीरिक प्रताडना नहीं देने के स्पष्ट निर्देश के बाद भी एक छात्रा की पिटाई की गई है जो कि कानूनन अपराध है । तो क्या अखबार में लिखने मात्र से ही तो में निलंबित कर दिया गया? दीदी सरल ने पूछा हाँ भाई अखबार में खबर छपने के कारण अधिकारियों का एक दल तुरंत ही स्कूल पहुंचा । वो लोग मेरी एक नहीं सुनी । कहने लगी किसी पत्रकार की बहन पर तुम ने हाथ उठाया । मामला उच्च स्तर का हो गया है । हर फिर लडकी के झूठ को सच मानते हुए मुझे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया । मैंने उच्चधिकारी के पास लिखित में सारी सच्चाई रख दी तो उन्होंने कहा कि हमें कॉलेज के स्टाफ से आप के बारे में पता चला कि आप एक कर्मठ और व्यवहारिक शिक्षिका है । फिर भी मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई जाएगी । क्योंकि बात चाला परिसर से बाहर निकल कर अखबार तक पहुंच गई है । इसलिए तत्काल कार्रवाई तो करनी ही होगी । जांच की रिपोर्ट आते तक तो मैं निलंबित किया जाता है । कौन है वो? पत्रकार? सरल ने आवेश से पूछा पत्रकार का तो मुझे नहीं पता भाई पर हाँ मैं लडकी के घर का पता बता सकती हूँ । ठीक है दीदी मुझे उस लडकी का ही नाम और पता बता दूँ ।
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