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कलम से हत्या - 16 in Hindi

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शमा करें मैंने आपको पहचाना नहीं । किरण की माँ ने दरवाजा खोलती ही कहा जी मेरा नाम पूरा है । मैं नीरज का मित्र हूँ । आप किरण की महिना हाँ पर किरन तो घर पर नहीं, मैं आप से मिलने आया । पूरब ने कहा ठीक है आओ बैठो क्या पी योगी चाहिए कॉफी किरन की माँ ने पूछा लाइट कॉफी चलेगी आंटीजी पूरब ने कहा किरन की मांग कॉफी बनाते समय सोचने लगी । अजीब इंसान ने न जानना पहचान और कॉफी पीने के लिए भी तैयार हो गया और फिर नीरज के मित्र को भला मुझसे के काम हो सकता है । आंटी जी मैं कॉफी का इंतजार कर रहा हूँ । पूरब ने आवाज लगाई आ रही हूँ । पूरब की आवाज से किरन की माँ का ध्यान टूटा तो उसने देखा कि दूध उबल कर आपको बुझा दिया है । बहुत देर कर दिया । आंटी जी हमें कॉफी बनाने में पूरा अपनी कॉपी की । जिसकी लेते हुए कहा दूध में उफान आने से हाँ बुझ गई थी । किरण की माँ ने जवाब दिया, दूध को अमृत माना गया है । अमृत की यही विशेषता होती है कि तापमान अधिक होने लगे तो आप को ही बुझा देता है । पूरब ने कहा आप कहना चाहते हैं । आप तो माँ है आंटी जी और हर माह इस बात को बखूबी समझती है कि उसका बिहार बच्चों के लिए अमृत के समान होता है । पूरब ने कहा बात तो सही कहीं है आपने पर फिर कहती हूँ कि आपकी बातें मुझे समझ नहीं आई । मैं किरण जी और आपके रिश्तों के बारे में कह रहा पूरब नहीं कहा । अभी अभी तुमने बताया कि नीरज का मित्र हूँ और अब किरण की बात करने लगे । किरण की माने का मैं जानता हूँ आंटी जी मेरा आना और इस तरह से आप से बातें करना । आपको अजीब लग रहा है । फिर भी में आपसे वो बातें कर ही जाऊंगा जो कहने आया आपके आने का । मुझे तो कारण ही समझ नहीं आ रहा है । आ जाएगा आंटी जी पहले तो मैं आपको बताना चाहूंगा कि नीरज और मैं हम दोनों लंगोटी आ रहे हैं और माथुर सर हम दोनों के ही आदर्श रहे हैं । जब वो हमें प्रेम के दर्शन समझाते थे तब हमारी पूरी कक्षा में सन्नाटा छा जाता था । सब मुक्त होकर सिर्फ माथुर सर्किट चेहरे को ही ताकते रहते थे । जैसे हम दुनिया के सबसे हसीन चेहरे को देख रहे हैं । हूँ । किरण की माँ को हंसी छूटते प्रेम का रस ऐसा ही होता है । शायद पूरब ने आगे कहा, और उस पर माथुर सर जैसा व्यक्तित्व समझा रहा हो तो फिर क्या क्या? तो मैं नीरज ने मुझे ये समझाने तो नहीं भेजा है की महत्व साहब के प्रेम के बारे में छपी खबरें सही थी किरण की माने का नहीं । पर हाँ ये सही है कि मैं भी पत्रकार माथुर सर के बारे में छपी खबरों के बारे में ये दावे से कह सकता हूँ कि गलत था । पूरब ने कहा तुम इतना दावा कैसे कर सकती हूँ? किरन की माने पूछा क्योंकि माथुर सर आपकी अतिरिक्त किसी और के बारे में सोच भी नहीं सकते । ये बात हमने उनके व्याख्यानों से महसूस किया था और इसकी पुष्टि नीरज की आप लोगों से मुलाकात के बाद हो गई । बहुत अच्छा लगा यह जानकर की प्रोफेसर साहब की आप जैसे शिष्य भी हैं किरन की माँ की आंखें भर आईं । सौरिया थी मैंने आपको दिला दिया पर नीरज सही कहता है । क्या कहता है नीरज किरण की माँ ने पूछा यही कि माथुर सर का परिवार उनकी तरफ बहुत अच्छे हैं । पूरा ने आगे कहा और अब आप से मिलने के बाद लग रहा है कि किरण कैसी होगी और नीरज क्यों बोलते? बोलते ही रुक क्यों गए? किरण की माँ ने पूछा कहना तो पडेगा हैं पर कैसे करूँ? पूरब ने इधर उधर ताकते हुए कहा जब ही गए हो तो बोलने में जी जब क्यों किरन की माँ ने पूछा नीरज किरण से प्रेम करने लगा है । पूरब ने ही दिया क्या तुम यही के नहीं आयी हूँ? हांथी क्योंकि नीरज मेरा प्रिय मित्र है और जब मुझे पता चला कि तब तो मैं ये भी मालूम होगा कि किरण की इस बारे में क्या राय है । किरण की माने जैसे कुछ जानना चाह, उनकी नकारात्मक बातों के कारण तो मुझे आना पडा । पूरब नहीं कहा कैसी नकारात्मक बातें नीरज के अनुसार किरण को भी नीरज से ऐसा हो ही नहीं सकता । किरण की माँ ने पूरा आपको टोकते हुए आगे कहा तो मैं और नीरज को शायद मालूम नहीं कि किरण की सगाई हो चुकी है और शीघ्र ही शादी भी होने वाली है । हमें मालूम है और मैं इसलिए आपके पास आया हूँ ये बताने की किरण जी खुद को धोखा दे रही है । उनका कहना है कि वह सडक से ही शादी करेंगे । पूरब ने कहा तो इसमें स्वयं के साथ धोखा करने वाली क्या बात है? किरण की माँ ने कहा क्योंकि किरण भी नीरज से प्रेम करती है । पूरब नहीं कहा । किरण ने ऐसा कहा है किरण की मां तुनक गई नहीं, पूरा कुछ सहम सा गया तो फिर इतने विश्वास के साथ इतनी बडी बात मेरी बेटी के लिए कैसे कह दिया तुमने? किरण की मां अपना गुस्सा छुपाने में असमर्थ थी । नीरज ने मुझे बताया तो क्या? नीरज नहीं तो मैं यहाँ भेजा है । किरण की माँ ने पूछा नहीं ऐसी बात नहीं है । मुझे नीरज की चिंता है इसलिए आप से मिलने आया हूँ । पूरब ने कहा तो मैं तुम्हारे मित्र की खुशी के लिए किरण के पापा द्वारा किए गए रिश्ते को तोड तू किरण की माने का ये निर्णय तो आपको लेना होगा । मैं तो सिर्फ ये बताने आया हूँ की किरण के लिए नीरज से अच्छा जीवन साथी कोई हो ही नहीं सकता हूँ क्यों किरण की माँ ने पूछा क्योंकि नीरज किरण से बहुत प्यार करता है और किरण लेकिन किरण को अपने प्यार से ज्यादा आप लोगों के द्वारा किए गए रिश्ते से लगाव है क्योंकि उसके लिए अपनी खुशियों से ज्यादा माता पिता का सम्मान कह रहा है । पूरा अपने सारी बातों को एक ही सांस में कह दिया और खडे होते हुए आगे कहा ठीक है आंटी जी हमें चलता हूँ हाँ जी!

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