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भाग ग्यारह हैं । विष्णु इतने समय बाद तो मैं देख कर बहुत अच्छा लगा । हाँ, जो मुझे भी मेरा एक सवाल है तो मैं प्रिलिम्स के लिए पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढाई कर के समय बर्बाद किया क्योंकि ऑप्शनल पेपर खत्म कर दिया गया है । अब हमारे पास मेने इन जन के लिए एक ऑप्शनल पेपर है, लेकिन उसी विषय का चुनाव करने की बजाय तुमने एंथ्रोपोलॉजी को लिया आई श्रीवास्तव की कक्षा के दौरान अशोक ने अपना संदेह रखा । पता नहीं क्यों मुझे लगा की पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन काम नहीं करेगा । मुझे उस समय भी ऐसा ही महसूस हुआ था जब मैंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बदले पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन लिया था । अच्छा अच्छा, अच्छे से पढाई करो तो तुम यहाँ केवल जनरल स्टडीज की क्लास इसके लिए आओगे । हाँ यार फॅस कैसी चल रही है? शालिनी कैसी है? ऍम अच्छी चल रही है । शालिनी भी अच्छी है और वहाँ भी तैयारी कर रही है । विश्व में चिंता और मैं कहा तो तुमने कभी बताया नहीं कि शालिनी भी तैयारी कर रही है । मुझे खुद भी नहीं मालूम था । तुम्हारा मतलब वहाँ यहाँ बहुत तुमसे छुपा रही थी था । वहाँ प्रेरणा अकैडमी में पढ रही है । उसने मुझसे इस बारे में झूठ बोला तुम्हें कैसे पता । मैंने अपनी आंखों से देखा था । एक दो बार इस बात की पुष्टि भी की । हो सकता है वह डर रही हो तो मैं बताने में हो सकता है उसे फेल होने का डर हो । हो सकता है उसमें अपनी तैयारी के बारे में लोगों को बताने का आत्मविश्वास में हूँ । मैंने ऐसे कई लोग देखे हैं । अशोक ने आश्वासन भरे स्वर में कहा, मैं उसके लिए दूसरे लोगों में नहीं था । अगर उसने वास्तव में यह सच छुपाया है की वहाँ एग्जाम की तैयारी कर रही है तो उसके पास एक प्लान भी होगा । न सिर्फ उसके कैरियर के लिए बल्कि और सभी चीजों के लिए यहाँ क्रिएटिव राइटिंग है । भाई नहीं, सच्चाई है । दो जमा दो चार होते हैं । याद है तुमने मुझसे क्या कहा था कि जिस दिन तुम्हें प्रिलिम्स दिए थे वह गायन प्रतियोगिता में जा रही थी लेकिन तुम्हारे लिए वापस आ गई और पूरी परीक्षा के दौरान परिसर के ठीक बाहर रुकी रही । यदि वहाँ भी एक आकांक्षी होती तो क्या उसने भी परीक्षा नहीं लिखी होती? हो सकता है वो अगले साल के लिए तैयारी कर रही हूँ । जो भी हो मुझे नहीं लगता है कि वह तुमसे झूठ बोलना चाहती है या उसके पास कोई प्लान ए बी । एस । सी । है । एक बार फिर हर चीज को जांच लोग अशोक ने उसे आश्वस्त किया और तभी कक्षक समाप्त हो गई । तुम पागल हो गए हो क्या? पीछे से एक आवाज आई मदन तुमने बीज के बनती में कब से बैठकें शुरू कर दिया? अशोक ऍसे पूछा, बकवास बंद करो । तुम्हारे सब विचार पुराने हो चुके हैं । यह सच नहीं है की तौर पर हमेशा पहली बनती से होगा और सबसे बुद्धिमान लेकिन शरारती व्यक्ति अंतिम बनती में बैठा होगा । तुम फिल्में बहुत देखते हो, यही समस्या है । वहाँ एक लाइन का जवाब मांगे जाने पर पूरा निबंध लिखता है । यह हमारा मदन है । अशोक एक बार फिर से हसा बातचीत बदसूरत रूप ले लेती । इससे पहले विष्णु बीच में आ गया । मदन वहाँ तुम थे जिसमें हमारी बातचीत में बाधा डाली । हम किसी व्यक्तिगत मामले पर बात कर रहे थे था और मैंने तुम्हारी बात सुन ली और तुम्हारी मदद करना चाहता था । मदन ने जवाब दिया मेरी मदद की हमें तो मैं ऐसा आदमी देखता हूँ जिससे मदद की जरूरत है । बिलकुल मैं तो मैं सबसे होनहार उम्मीदवारों में से एक समझता हूँ । फिर भी तुम एक लडकी पर समय बर्बाद कर रहे हो तो मैं अपने दूसरे दोस्त विनोद की तरह तैयारी के समय ध्यान नहीं भटकना चाहिए । वो बहुत अच्छे है । तुम्हारी चिंता के लिए धन्यवाद और रास्ता दिखाने के लिए भी अपने खुद के दम पर ध्यान दो । विष्णु ने गुस्से से कहा ओके ओके माॅर्डन, हम अपना ध्यान रखेंगे । तुम जाऊँ अशोक अब शांत हो चुका था । मैं चला जाऊंगा लेकिन मेरी आखिरी बात सुन लो कभी किसी पर भरोसा मत करना । यहाँ हर कोई अपने लिए जडे जमा रहा है और हर कोई जीतना चाहता है । किसी भी कीमत पर और किसी भी तरीके से । मैंने लडकियों को केवल नोट्स और पार्टी सामग्री के लिए लडकों के पीछे जाते देखा है । मैंने लडकों को लडकियों के साथ पढते और उन्हें डेट करते हैं और फिर परीक्षा के बाद उन्हें छोड ते भी देखा है । यहाँ कई लोग धोखा देते हैं, दिखावा करते हैं और विश्वासघात करते हैं । वे केवल इस एक परीक्षा को पास करना चाहते हैं और उसके लिए मैं कुछ भी कर सकते हैं । हो सकता है जिस लडकी के बारे में तुम बात कर रहे हो वहाँ ऐसी ही हो । मैं तो मैं आप काफी समय से जानता हूँ तो मैं इस परीक्षा को पास करने की क्षमता रखते हो, चाहे चीजों को अपनी सफलता के रास्ते में मत आने दो । बात बढाई करो । मदन ने एक सांस में कहा और चला गया संदेह एक मदन पहले कितनी बार प्रेम में विफल हो चुका है । संदेह दो वहाँ इस परीक्षा में कितनी बार फेल हो चुका है? अशोक ने याओ मिंग में में फेस के साथ कहा विनोद कर क्या चक्कर है? मदन ऐसे क्यों बात कर रहा है? विनोद बीमार नहीं है, जैसा कि उसने फोन पर कहा था । वहाँ क्लास में इसलिए नहीं आया क्योंकि वहाँ नीना के वैकल्पिक विषय भूगोल के नोट्स बना रहा है कि वो बहुत खुद नहीं बना सकती है । यह बात तो मैं उसी से पूछ नहीं चाहिए । वहाँ आदेश देती है और विनोद उसे पूरा करता है । डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट विनोद ऍम यहाँ मजाक के बाद नहीं है । अब मैं समझा मदन का क्या मतलब था? विनोद का शोषण हो रहा है । हमें कुछ करना चाहिए तो मुझे लगता है मैंने कोशिश नहीं की है । कोई फायदा नहीं है । हर बार बात का अंतर झगडे से होता है । और सच यह है कि जितनी मैं विनोद की भलाई की परवाह करता हूँ, उतना ही उसकी दोस्ती होने से डरता हूँ । वहाँ मेरे लिए सब कुछ है । लेकिन इस समय विनोद का दिमाग नीना के दिमाग के साथ ब्लूटूथ किया हुआ है और वो हम में से किसी के साथ मेल नहीं खाएगा ये समझ में नहीं आ रहा है । क्या करूँ तो मैं कुछ कहने की जरूरत नहीं है, बस अपना काम करते रहो । दूसरे जो कहते हैं उससे उलझन में मत पडो बाय मैं सच में इसे बारिश होने के बाद पहनता हूँ या जब मैं ऐसे पहनता हूँ तब बारिश होती है । विष्णु उस रेनकोट को पहनते हुए सोच रहा था जो उसने आपने प्रिलिम्स के रिजल्ट के दिन पहना था । कुछ हफ्तों से विष्णु प्रेरणा एकेडमी में सप्ताह उनकी कक्षाओं में जा रहा था और शालिनी उसी जगह सप्ताह के दिनों में शाम की कक्षाओं में जा रही थी । वहाँ सच को छुपाया नहीं रख सकता था और वहाँ अभी भी इस तथ्य को नहीं पचा पा रहा था कि शालिनी उससे बातें छुपाने लगी थी । क्या वह शालिनी के जीवन में एक और विकल्प भी था? क्या वहर यह बात इसलिए छुपा रही थी क्योंकि उसे लगता था वह महत्व ही नहीं है? यदि ऐसा था तो क्या वहाँ ऐसी छोटी छोटी बातें जीवन भर उसे छुपाते रहेगी? यहाँ तैयारी उसके लिए बहुत महत्व लगती थी । क्या शालिनी के लिए भी यह उतने ही महत्वपूर्ण थी? क्या शालिनी को उससे ही रही थी? क्या शालिनी उन्हीं लोगों में से एक थी जिनके बारे में मदद बात कर रहा था । उसके मन में ऐसे अनगिनत विचार आ रहे थे । अंततः उसने शालिनी का पीछा करके सच्चाई का पता लगाने का फैसला किया तो मैं कुछ पता है कि किसी का पीछा कैसे किया जाता है । विष्णु ने अपनी बाइक पर प्रेरणा एकेडमी की यात्रा शुरू करते हुए आपने हैंड्सफ्री डिवाइस पर अशोक से पूछा था मैं प्रतिदिन तीन और तो का पीछा करता हूँ इसलिए तुम मुझसे पूछ रहे हो है ना? ऐसी बात नहीं है । मैं सब कुछ जान लेना चाहता हूँ तो मैं जानना हो या कुछ और करना हो, एग्जाम के बाद करना । आज में वहाँ व्यक्ति हो जिससे संदेह है और मेरी मदद नहीं कर रहा हूँ । ठीक है कोई बात नहीं, कल क्लास में मिलता हूँ । विष्णु ने कहा बाय गुड लक । अशोक ने कहा, बरसते पानी में रेनकोट और काला चश्मा पहने संदिग्ध साल लग रहा था । विष्णु पूरे जोश के साथ प्रेरणा गर्मी की ओर बढने लगा । रास्ते में बाइक रुकी और एक अन्य डरावने आकृति पीछे बैठ गई । कुछ देर में वे प्रेरणा एकेडमी पहुंच गए । विष्णु दूसरी मंजिल पर कॉफी शॉप में चला गया और दूसरा व्यक्ति एकेडमी में चला गया । आधे घंटे बाद वह कॉफी शॉप में विष्णु के पास आ गया । हाँ, शालिनी क्लास में हैं पक्का बद्री बद्री ने अपना फोन निकालकर उसे तस्वीरें दिखाई । देखो, मैं हमेशा एक पेशेवर की तरह काम करता हूँ । मैं जानता था तो मैं यह पूछ हो गए । मैं बहुत तेज बुद्धि का आदमी हूँ । इसलिए मैंने तुम्हारे कहने से पहले ही तस्वीरें ले ली थी । एक लीडर कभी आदेश के लिए नहीं रुकता है । वहाँ काम करता है । अब मुझे पांच सौ रुपये परामर्श शुल्क तो जिसका तुमने वादा किया था विष्णु ने उसे पैसे दिए । ये हुआ आंसू भावनाएं मैं तो खुश होना चाहिए तो तुम्हारी भावी पत्नी भी तुम्हारे जितना काम आने वाली है । विष्णु ने जवाब नहीं दिया । वहाँ वापस जाने की तैयारी कर रहा था । मैं भी नहीं जानता था कि वहां तैयारी कर रही है, वरना मैंने उसे मुफ्त में अध्ययन सामग्री ले ली होती । बद्री ने कहा, विष्णु उठा और उस जगह से चला गया जाओ मेरे दोस्त बारिश की बूंदे तुम्हारे आसू छुपा लेगी और पैसे ऐसे इस दुनिया में आंसू की हर वो उनको छुपा ले गए । बद्री ने कहा और वहाँ से चला गया । जैसे ही बद्री वहाँ से गया विष्णु का फोन बजने लगा । हाँ बताओ । शालिनी विष्णु मुश्किल से बोल पा रहा था तुम मुझसे झूठ क्यों बोलती रहती हो? उसने सीधे पूछ लिया झूठ जब भी मैं कॉल करता हूँ, तुम कहती हो तुम यहाँ हो या वहाँ हूँ, लेकिन तुम उन जगहों पर होती नहीं हो । हाँ, लेकिन यहाँ झूठ नहीं कहना था । अच्छा सच में है । तो फिर क्या कहलाता है? विष्णु चिल्लाया इस समय तो बहुत गुस्से में हो । हम कल बात करेंगे । मुझे जवाब चाहिए ठीक है अपनी हमेशा वाली जगह पर आ जाओ मैं तो मैं जवाब दे दूंगी । बेकाबू हो रही बारिश में विष्णु ने अपने बाइक उनकी हमेशा की जगह निर्माणाधीन फ्लाईओवर की ओर बढा दी । क्या अब वह मुझे अपनी योजना के बारे में बताएगी कि इसलिए क्योंकि उसे पता है कि मैं जानता हूँ या शायद बद्री ने उसे छह सौ रुपए लेकर सब बता दिया होगा । विष्णु के मन की आवाज बात करती रही और विष्णु उनकी खास जगह पर पहुंच गया । पंद्रह मिनट बाद बारिश रुक चुकी थी और एक टैक्सी आकर सडक के किनारे रुकी । शालिनी हाथ में एक डिब्बा लेकर उतरी । वहां कंस्ट्रक्शन बेरिकेट्स पर से होती हुई विष्णु के पास पहुंची । फिर उसने डिब्बा खोला । विष्णु निश्चित रूप से कोई चौंकाने वाली चीज देखने की उम्मीद कर रहा था । कॉफी पीने के लिए अच्छा समय है । है ना? उसने अपना कॉफी फॅस और दो डिस्पोजेबल कप निकले और विष्णु से उन्हें पकडने के लिए कहा । अगले हफ्ते तुम्हारा जन्मदिन है तो हमारा सबसे महत्वपूर्ण जन्मदिन और मैं तुम्हें कोई उपयोगी चीज देना चाहती थी । शालिनी ने कपूर में कॉफी डालते हुए कहा, मेरे ऑफिस के पास एक सिविल सर्विसेज कोचिंग सेंटर है और वह एंथ्रोपॉलॉजी ऑप्शनल पढाते हैं क्योंकि तुम एंथ्रोपॉलॉजी के लिए कोचिंग सेंटर और अध्ययन सामग्री ढूंढने के लिए परेशान हो रहे थे । मैंने सोचा मैं खुद तुम्हारे लिए अध्ययन सामान नहीं लाकर तो मैं चौका दू । शालिनी ने गर्माहट भरी मुस्कान के साथ कहा, लेकिन तुमने मुझे अपने ठिकाने के बारे में झूठ क्यों बोला? वहाँ झूठ नहीं था । बस में सरप्राइज खराब नहीं करना चाहती थी । शालिनी ने कहा और डिब्बे में से किताबों का बडा सा पैकेट निकाला इन्हें वापस बॉक्स में रख देना । बारिश फिर से हो सकती है । शालिनी ने चिंतित स्वर में कहा लेकिन अपनी फोटो देखो जिसमें तुम क्लास में बैठी हुई हूँ । इसके बारे में तो मैं कुछ कहना है । विष्णु पूछा यहाँ का हूँ । मैं भी उम्मीदवार हूँ । यहाँ तो बहुत मजेदार होगा । उस बेकार आदमी ने कहा कि वहाँ मुझे अध्ययन सामग्री ऐसे नहीं देगा । उसने कहा कि वहाँ सामग्री उन्हीं को देगा जो क्लास में आएंगे और वहाँ भी सारी क्लास । इसमें अभी मेरे पास सिर्फ साठ प्रतिशत सामग्री है । बाकी के लिए उसने गारंटी दी है कि मुझे तब देगा जब मैं बच्चे भी क्लास इसमें आऊंगी । देखो मुझे तुम्हारे लिए क्या क्या करना पडता है । अब कॉफी की सुगंध विष्णु को मन भवन लग रही थी । आसपास के ट्रैफिक से आ रहे वाहनों के कर कस हॉर्न मजबूर लग रहे थे । यहाँ तक कि निर्माण श्रमिक भी फरिश्तों और परियों की तरह लग रहे थे । उसकी पूरी दुनिया सामान्य होने लगी थी । विष्णु सुनने में था । उसे समझ नहीं आ रहा था कि आगे क्या कहे । ये हमारी की आवाज कहाँ से आ रही है । उसने शालिनी से पूछा, वहाँ हमारा कुत्ता पेशाब कर रहा है तो अच्छा चाहते । मैं सच में भाग्यशाली हूँ । खाली नहीं कि मेरे पास तुम्हारे जैसी गर्लफ्रेंड है । तुमने प्रिलिम्स एग्जाम के समय मेरे पास रहने के लिए अपना जुनून त्याग दिया और अपनी गायन प्रतियोगिता छोड दी । और अब यह मैं सच में भाग्यशाली हूँ कि तुम मेरे जीवन में हो क्या या एक रोमांटिक वनलाइनर था? शालिनी ने आह भरी । विष्णु ने शर्माते हुए सिर्फ लाया और कहा अब तो मैं क्लास इसमें जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि मैं प्रेरणा एकेडमी में दाखिला ले चुका हूँ और पिछले एक महीने से क्लासेस में जा रहा हूँ । वहाँ अब मैं समझी तुम्हें कैसे पता चला? मजेदार बाद है तो में केजीवी के जासूस बनने की कोशिश करने के बजाय सीधे मुझसे पूछ सकते थे । खैर छोडो अभी तुम्हारा समय है विष्णु इसे बर्बाद मत करो । एक एक मिनिट एक एक सेकंड का लाभ उठाओ और इसे सार्थक बनाओ । अब जबकि मैंने तो में अधिकांश अध्ययन सामग्री दे दी है । मैं तो मैं तुम्हारे जन्मदिन पर भी परेशान नहीं करूंगी । हमारे पास साथ में मनाने के लिए बहुत सारे जन्मदिन है । विष्णु मुस्कुराकर बोला अभी के लिए हम चल सकते हैं । उसने भरपूर खुशी से भरे स्वर में कहा । उन्होंने एक दूसरे का हाथ थामा और कुछ देर साथ चलते रहे । फिर विष्णु ने सा लेने के लिए टैक्सी बुलाई और उसे हाथ हिलाकर विदा किया ।
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