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आप सुन रहे हैं कुक, ऍम और जिमाया के साथ सुनी जो मन चाहे जिम्मेदारी किसकी लेखक बालिस्टर सी गुलचैन लिख की अधिपत्य प्रस्तुत पुस्तक पूर्णतः मानवीय सोच पर आधारित है जिसका की किसी भी प्रकार की राजनीति धर्म अधिक पहलुओं से कोई भी लेना देना नहीं है । प्रस्तुत पुस्तक में जो भी बातें कही गई है वो एक आम जनमानस की सोच के हिसाब से ही कही गई है जो की काल्पनिक भी हो सकती है । इसलिए पाठकों को ये सलाह दी जाती है कि वह स्वयं के विवेक से निर्णय लें । पुस्तक में लिखित किसी भी कथन से यदि किसी व्यक्ति विशेष को कोई आपत्ति महसूस हो तो कृपया अपनी जाए । लेखक के पते पर अवश्य भेजे, जिसका एक ऊंची दायरे में जवाब दिया जाएगा क्योंकि हमारे पाठकों की संतुष्टि ही हमारा लक्ष्य है । लेखक का उद्देश्य किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है बल्कि जिस प्रकार से आज हम अपना जीवन जी रहे हैं, उसी सोच को पुस्तक में स्थान दिया गया है । इस देश के सभी धर्मों, नागरिक गणों, सभी राजनीतिज्ञों का हम सारी रहे सलमान करते हैं । फिर भी यदि आप हमें अपनी राय भेजेंगे तो हम आपकी राय को आपका सम्मान समझाते हुए उसे स्वीकार करेंगे और आपकी राय का आपको सम्मानपूर्वक जवाब भी दिया जाएगा । धन्यवाद लेखक बालिस्टर सीधा गुलचैन गुजरात पुनलूर माधव प्लाजा के सामने, थर्राहट की गोट लश्कर ग्वालियर मध्यप्रदेश लिख का ईमेल आईडी हैं बालिस्टर सिंह गुर्जर एट जीमेल डॉट कॉम बी । ए । एल । आई । एस । टी । ए, आर एस आई । एन । जी, एच । जी, यू । आर । जे ऍम जीमेल डॉट कॉम एक नई युवा सोच के साथ लिखित पुस्तक प्रस्तुत वर्तमान में घटित हो रही मुख्य समस्याओं और उनके समाधान पर आधारित है । पुस्तक को मूर्त रूप देने में मैं यानी लेखक सर्वप्रथम उस परम पिता परमात्मा को धन्यवाद देखता हूँ जिसके असीम कृपा से न वर्तमान में घटित हो रही विनाशकारी समस्याओं की और ध्यान दे सका और उनके समाधान संबंधी विचारों को संक्षेप में एक पुस्तक स्वरूप आप सरे प्रिया पाठन गणों के समक्ष प्रस्तुत कर सकता हूँ । वैसे तो हर प्राणी का सर्वप्रथम ईश्वर उसका जन्मदाता ही होता है और इसमें सबसे पहला स्थान माता पिता का ही आता है । इसी लिए इसी क्रम के अनुसार नए यानी लेखक अपने माता पिता को पूरी श्रद्धा के साथ नमन करता हूँ, जिनके कार्य मुझे प्यारी दुनिया देखने का अवसर प्राप्त हुआ । कहते हैं कि ईश्वर इस धरती पर हर इंसान को खून के रिश्तों में मानता है ताकि इस पावन धरती पर हर इंसान के श्रेष्ठ समाज का निर्माण हो सके । मैं अपने परिवार के उच्च आदर्शों पर चलते हुए ही अपने विचारों का समागम कर सकता हूँ इसीलिए ये कहना उचित ही होगा मेरा सर्वश्रेष्ठ मार्गदर्शन मेरे परिवार के द्वारा ही संभव हो पाया । मैं अपने परिवार जनों का बहुत आभारी हूँ जिन्होंने मुझे मानवता भरे संस्कार प्रदान किए । ईंटो इस धरती पर वर्तमान में कई धर्म मौजूद हैं लेकिन जहाँ मानवता का धर्म विद्यमान हो जाता हूँ, वहाँ धर्मों की बंदी से होता है, टूट जाती हैं । मैं अपने छोटे से दो मित्र ताबिश वे तथा वसीम खान का सत्तर हिरदय से आभारी हूँ जिनकी सोच इतनी छोटी सी उम्र में भी मानवता भरी रही और उन्होंने मेरा उत्साह बढाया है । माना कि मानव जीवन में अनेक संघर्षों का सामना करना पडता है लेकिन हकीकत यह भी है कि कभी भी ईश्वर हमें बिना समाधान की समस्या भी नहीं देता । मुझे आश्रय देने वाले ग्वालियर शहर के दयाल बैंड के संचालक श्री अजीत सिंह कुकरेजा जी को मैं सर ही गए धन्यवाद देता हूँ जिन्होंने मुझे आश्रय प्रदान किया तथा ग्वालियर शहर की न्यू दयाल बैंड के संचालक श्री मुकेश सी कुकरेजा जी का भी बहुत आभारी हूँ । उन्होंने मुझे छोटे भाई की तरह प्यार दिया और मेरी सोच को महत्व प्रदान किया । मेरे समस्त गुरूजनों को साझा नमन करते हुए मुझे बडा ही हर्षोल्लास हो रहा है की मुझे उन्होंने कठोर परिश्रम से उच्च शिक्षा प्रदान की । ये इसी का परिणाम है कि मैं अपने विचारों को आप सभी प्री पाठक गर्म तक पहुंचाने में सफल रहा । धन्यवाद शुभकामनाओं सहित बालिस्टर सिंह अंकल छह
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