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नकुल भैया अब और हैरान था । फ्लैट में तरुण एक तरफ बैठा फॅस बता रहा था । दूसरी तरफ साक्षी बैठी हुई थी । आवंतिका और रघु भी उदास खडे मेरी कहानी सुन रहे थे । सारी कहानियाँ मौजूद थी । फलक एक तरफ रोती हुई खडी थी । नकुल भैया के हाथ में गन थी और वो बहुत गुस्से में था । पगारे पगारे कुशल को जानता था । नकुल भैया ने गुस्से में तरुण से पूछा तरुण सर झुकाए फर्श पर बैठा था, बहुत बडा काम हुआ है । कुशल के साथ भाई बहुत बडा किया और इस गेम में ये हिरोइन को पगारे और ये हरामी ये सब मिले हुए हैं । तभी साला पगारे हम लोगों की शिकायत तक सुनने के लिए तैयार नहीं था । अवन टिकाने का रघु थोडा आगे आया । मेरे को लगता है और भी लोग होंगे ये साजिश में नकुल भाई क्या नाम बताया था तो उस डायरेक्टर का सही है वो भी होगा इस मर्डर में और उसके जैसे और भी होंगे आगे बोल हरामी आगे क्या हुआ नकुल भैया ने गन फिरसे तरुण के माथे पर रख दिया । तरुण ने बोलना शुरू किया । वो पुलिस वाला अब मेरे बिलकुल पास था । मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था । उसने बंदूक मुझे क्यों होता नहीं है? आखिर मैंने इसका क्या बिगाडा है? ये है कौन और मुझे इस तरह ट्रीट क्यों कर रहा है? क्या आज मेरा आखिरी दिन है? क्या ये मुझे गोली मार देगा? क्या अपने अपने घर वापस लौट नहीं पाऊंगा? क्या कहानी लिखने वाले की कहानी आज खत्म हो जाएगी? क्या दोबारा में अपने भाई और पिता से मिल नहीं पाऊंगा? कुशल यही नाम ना तेरह बहुत तेज है ना कहानी लिखने में आज तेरी स्टोरी में दो एंड करूंगा । वो भी सिर्फ एक गोली । उसने अपनी मंशा जाहिर की । मैं डर गया था । काटो तो खून नहीं । मुझे ऐसा लगा जैसे भगवान मुझे किसी पाप की सजा दे रहा है । लेकिन मैंने तो कोई पाप नहीं किया । क्या मैंने किसी का तेल दुखाया? मैंने एक नजर फलक को देखा । उदास नजर से मैं पूछना चाह रहा था कि कहीं तुम ने मुझे कोई बंद हुआ तो नहीं देंगे क्योंकि अब तक मैंने उसके प्यार को एक्सेप्ट नहीं किया था । कौन हो आप और मैंने क्या किया वही जो तुझे नहीं करना चाहिए । जरूरत से ज्यादा तेज है तो क्या मतलब? देखिए आपको कोई गलतफहमी हुई है । गलत फहमी तुझे हो रही है तो ये शायद लग रहा है कि मैं कोई एक्टर हूँ । पुलिस की नकली वर्दी पहनकर तेरे सामने आ गया और तुझे डायलॉग मार रहा हूँ । अरे मूरख मैं सच में पुलिस वाला हूँ और फिर आज एनकाउंटर करने आया हूँ । मेरी हालत पति मुझे विश्वास हो चला था की ये सच में मुझे मार देगा । उस पुलिस वाले की आंखें और जवान दोनों सच लग रही थी । लेकिन क्यों? मैंने क्या किया है? कौन हो और मुझे क्यों मारोगे? तेरे किसी भी सवाल का जवाब देना जरूरी नहीं समझता है । चलते हैं एक काम करते हैं, घूम जाता । चलाते रह चेहरा इतना मासूम है कि अपुन तुझे सामने से गोली मार नहीं पाएगा । होमपेज पुलिस वाला गुराया मैं काम किया लेकिन ठीक है । एक काम करो । चला होली मैंने सीना तान दिया । चल ठीक है फिर तो सामने मारूंगा । ट्रिगर पर उंगली थी । उस पुलिसवाले गी मेरे चेहरे पर पसीना मौत मेरे सामने बिलकुल सामने थी । गुस्से में पगारे ने एक पल के लिए आंखे बंद की और जी का सब लोग एक साथ घेरा बनाओ फल करने का सारी कहानियों ने मुझे घेर लिया । एक दर्जन मेरी कहानियों ने मुझे चारों तरफ से घेरा बनाकर खुद के बीच में छुपा लिया । और जैसे ही पगारे ने गोली चलाने के लिए चीखते हुए आप खोली, तेरे घर पर उसकी उंगली हम वो हैरान था । आंखें फटी की फटी रह गई । उसके सामने कोई नहीं था । मैं उसकी नजरों से गायब था । मैं उसे कहानियों के घेरे में होने के कारण दिखाई नहीं दे रहा था । कहाँ ऐसा लगता भूत की तरह गायब गुस्सा हो जाने लगा था । पैर पटक कर रह गया । पका रहे लेकिन अचानक से उसके कानों में किसी के दौडने की आवाज सुनाई दे रही थी । उसके कान खडे हो गए । वो आवाज की दिशा पर गौर करने लगा और फिर उसे एहसास हुआ कि सामने की दिशा में कोई दौड रहा है । पगारे भी उधर ही दौड पडा । मेरे दम में जितना दम था और मेरे शरीर में जितनी ताकत थी आज उसे पूरे जोश के साथ मैं यूज कर रहा था । जान बचानी थी । मैं तेज और बहुत तेज दौड रहा था । मेरे साथ कहानियाँ भी दौड रही थी । जीवन में आज तक मैंने जितनी तेज नहीं भागा था उतना तेज आज भाग रहा था । हाँ छोटा था तो पिताजी जबरदस्ती सुबह योगा कराते और कम से कम रोज एक किलोमीटर दौडाते थे । आज वही दौड मुझे शायद बाकी थी । मेरे पीछे मौत थी और मैं बस भाग रहा था । कौन है वो क्या करना चाहता है? फल अपने सात दौडते हुए मुझसे पूछा वो गोली चलाकर मार देना चाहता है । सुना नहीं तुमने वो क्या कह रहा था? साबुन सबसे पीछे दौड रहा था । उसने फलक की बात का जवाब दिया । ऐसे ही एक बार दुकान में मुझे दौडाया था । मैंने साबुन चोरी किया था । साबुन हमको तेरी कहानी पता है रिपीट मत कर भागते जंगल ने साबुन कोका इस वक्त मुझे किसी भी तरह उससे जान बचानी चाहिए । मैंने उसका नाम और बैच नंबर देख लिया है । बाद में हम पुलिस स्टेशन जाएंगे । वो क्यों मारना चाहता है, जरूर पता लगाएंगे । लेकिन फिलहाल जिंदा बचना जरूरी है । सांस फूल रही थी । अस्थमा का अटैक आने वाला था । मैंने भागते हुए जेब में हाथ डाला और दवा निकालकर एक सिर्फ खींचा जहाँ उसे लड सकते हैं । कुबडी ने पूछा तुम सब जो करते हो सीखकर करते हो लडना सीखा है तुम लोगों ने मैंने सवाल किया । सारी कहानियां इस सवाल पर खामोश थी । भागते हुए ही मैंने सब कहानियों पर नजर दौडाई तो देखा आकाश हमारे साथ नहीं दौडता । आकाश का दोनों तरफ जंगल के बीच वाली कच्ची सडक पर दौडते हुए मैंने पूछा वो वो तू उसके साथ दौड रहा है? साबुन ने जवाब दिया, मैंने पीछे पलट कर देखा । पगाडे दौडता हुआ मेरा पीछा कर रहा था और आकाश जस्ट उसके बगल में उसे घूमते हुए पगार एक एक कदम से कदम मिलाकर दौड रहा था । आकाश क्या करेगा? गलत ने पूछा । आकाश ने सच में कुछ किया । आकाश ने दौडते दौडते कपडे का गन उसके हाथ से ले लिया । ये पगारे को भी पता नहीं चल सका । आकाश अपनी दौड को अब और तेज कर चुका था । अब आकाश हमारे साथ था । हमें अब दौडने, भागने की जरूरत नहीं । आकाश ने कहते हुए गन मुझे दिखाया । मैं थोडा खुश हुआ । पलट कर देखा तो अब पगारे दौड ही रहा था । शायद उसे अबतक पता नहीं था कि उसकी गनम उसके हाथ में नहीं है । मेरी दौड अब धीमी हो चुकी थी और फिर एक जगह पर मैं रुक गया । लंबी लंबी सांस ले रहा था । पगारे भी थोडा आस पास आकर रुका वो भी तेज । आप रात क्या हुआ? थक गया क्या? पगारे बोला मैं नहीं सकता । मैं फिर से पूछ रहा हूँ तो मुझे क्यों मारना चाहता है? साले तो बहुत बडा आया । मेरे को कहते हुए उसने मारने के लिए हाथों पर क्या? और फिर हैरान रह गया । उस की गन गायब थी उस जमीन पर । यहाँ वहाँ घूम कर देखने लगा ये बंदूके डर गई मेरी इधर है । उसकी गाना मेरे पास थी और मेरे हाथ हवा में थे । पगारे के सामने मैंने बंदूक तान दी । पगाडे आश्चर्य में था, उस तरफ हो जाने लगा था । शायद वो यही सोच रहा था की उस की गन मेरे पास कैसे आई तो यही सोच रहा है ना कि तेरी गन मेरे पास कैसे आई? फोन में चला क्योंकि ये सब मेरे साथ क्या और कैसे होता है? मुझे खुद नहीं पता । अब तू बता क्यों मारना चाहता हूँ क्योंकि मैं अच्छे से जानता हूँ कि आज तक मेरे नाम पे एक भी केस नहीं है । मैं ना कोई आरोपी होना कोई अपराधी । मैं बस एक राइटर हूँ । बताओ क्यों आया मेरे पीछे अब उस की बारी थी उस डर को महसूस करने की जो कुछ समय पहले मैंने फील किया था । वो एकदम डरा हुआ था । हाथ पैर काँप रहे थे । उसके फ्लैट का डोरबेल बजते ही तरुण ने डोर ओपन किया दरवाजे पर । मुझे देखते ही तरुण चौक गया तो शूट से आ गए । हैरानी भाव से उसने पूछा क्यों नहीं आना चाहिए था? मैंने रुक के अंदाज में जवाब दिया और सीधा अपनी कहानियों के साथ अंदर घुसा हूँ । अपने कपडों के बैठ को मैं ढूंढने लगा नहीं मेरा मतलब है कि तो मैंने सरकार इज्जत दिया । सोचा अपने बडे भाई की तरह मानूंगा । घर से निकलने के बाद घर वालों की याद आती नहीं । तुम को मिला तो लगा कि चलो एक भाई बाहर भी मिल गया लेकिन तुम हूँ तुम भी इतनी ईर्ष्या भरी है । सोच कर ही घिन् आती हैं । मैं अचानक बढ गया । ये क्या बकवास कर रहे हैं? नकुल मेरी फ्लैट में मुझसे बदतमीजी से बात करने का क्या मतलब हैं? तरुण गुराया मैंने गुस्से में उसे लोग क्या? मेरी कहानियां तो उसे घोरी रही थी क्यों? तो उनको इस बकवास का मतलब नहीं पता । सस्पेंस सीरियल चल रहा है क्या? जो एपिसोड खींच रहे हो तुमको तो बहुत हैरानी हो गई होगी । मुझे सही सलामत देखकर क्यूँ जैसे ही दरवाजा खोला तुमने मुझे देखकर तुम्हारे होश उड गए होंगे क्यूँ? क्योंकि तुम्हारे प्लान के सारे सीन फेल हो गए । कुशल ये सब क्या बक रहा भाई तो मुझे समझ नहीं आ रहा है बता नहीं रहा बता रहा हूँ और वही बता रहा हूँ जो तुम खुद जानते हो । तो ये भी जानते हो कि मैं तुमको जान गया हूँ । अब ये ना जाने का ड्रामा बंद करो और अगर ड्रामा करना है तो करो । मुझे कोई फर्क नहीं पडता हूँ क्योंकि मैं अब यहाँ से जा रहा हूँ । मैंने अपने बैग को पा लिया था । यहाँ वहाँ रखे कपडों को मैं उसमें डाल रहा हूँ । तरुण हैरान था । उसके दिमाग में कुछ चल रहा था और मैं मैं अब भी सदमे में था । तरुण की सच्चाई जानकर दूध तो
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