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Ep3 - Fasionwad Zindabad in  |  Audio book and podcasts

Ep3 - Fasionwad Zindabad

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समाज में व्याप्त हर क्षेत्र के बारे में ज्योतिंद्र नाथ प्रसाद के व्यगात्मक विचार... Author : ज्योतिंद्र प्रसाद Voiceover Artist : Harish Darshan Sharma
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फैशन वाद जिंदाबाद ज्योतिंद्रनाथ प्रसाद ने कहा उस दिन नुक्कड पे मियां हजरत से आगे चार हो गई । वे हाथों में कपडों का बण्डल था में लग के जा रहे थे । ज्योतिन्द्र ने पुकारा मिया जरा दम बीमार लो ये अफरा तफरी क्यों? नियम अगर बोले अरे यार परेहज ये नए फैशन की पोशाक बनवाई है । डर है कि कहीं घर पहुंचते पहुंचते फैशन बदलना जाए । ज्योतिंद्र सोचे हद है गोया पॅन ना हुआ । रामलाल बनी का बाजार हो गया । कभी दाम आसमान में तो कभी जमीन पर और न हुआ तो अगर में सवाल है फॅमिली हवा बहती कहाँ है फिल्मी दुनिया से साथ माननीय यहाँ बडे बडे फैशन के ठेकेदार बसते हैं । कोई हीरो कहलाता है कोई हीरोइन । इन्हें हॉलीवुड वालों से जबरदस्त कॉन्ट्रैक्ट मिलता है । पूरी युवा पीढी को पेंशन से सरोबार कर दो । भारतीय संस्कृति के धरातल से उनके पास बुखार दो और युवा तो मानव गढने वो तैयार बैठे हैं नारा मिला है जो चाहे हम करेंगे । युवा मित्र बोले हाँ हम जो चाहे करेंगे हम नशा करेंगे । ज्योतिंद्र पूछा क्यों भाई? युवा दोस्त ने जवाब दिया हम तो अपने लोग में डेरा डंडा जमाना चाहते हैं । ज्योतिंद्र फिर पूछा क्यों इस दुनिया को क्या हुआ । युवा साथी बोले यहाँ बेरोजगारी है, भ्रष्टाचार है, उठा है, तनाव है और है चारों और फैला अंधकार हमारे पास एलएसडी, मारीजुआना, पॉर्ट्स वगैरह है जिन्हें जी पाल रखा नहीं की रंगीन संसार में जा पहुंचे । आप कहते रही है हमें पलायनवादी हम तो वही करेंगे जो चाहेंगे हूँ । हम बेलबॉटम नहीं पहनेंगे । जमाना इसका लग गया । आज की रिलीज एक फिल्म गाइरो नाइट ग्राउंड में डोनाल्ड ट्रम्प से हाथ मिला रहा है । हमारे नेता ट्रंप होता था क्योंकि इन्होंने हीरो की गुस्ताखी माफ की, फॅमिली आएंगे । कल को किसी हीरो ने गंजी बनियान के दफ्तर किया और रुक क्या? तो हम उसका नाइंटी नाइन पॉइंट नाइन परसेंट अनुसरण करेंगे । युवा रहबर बोलते गए । युग है शाहरुख खान का, न कि भीम पटक खलनायकों का तो हम जिम की तालीम छोड एंड्राइड पर आ गए हैं । जिस तरह जिम ने हमारे स्लिम शरीर को सी क्या पहलवान बना दिया, उसी तरह से हो सकता है एंड व्हाइट हमें मध्यम से बौना बना देता हूँ । हमारी साथी ने ऐसी पहुंचा के आ रही है जो छुपाती कम है । दिखाती अधिक सावधान । इन्हें देखकर वहाँ होती दलील देने की हिमाकत मत कीजिए कि जहाँ सारे की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं । अब सडक छाप मजनू निकला करते हैं । आगे आगे गर्ल्स पीछे पीछे दो महिला आते हम एक जमाना जल्द आएगा जब वे पीछे होंगी । हम आगे युवा यार बोलना जारी रखे थे । फिलहाल उनके मुकाबले हमें एक कदम आगे और दो कदम पीछे रखने हैं । अब यही देखिए हमने अपने वालों पर लगाम छोड दी है और वे सैंसर जैसी के लिए इसके पीछे पडी है । हम दोनों के बालों का पूंजीवाद और पोशाकों का सामने बाद ऐसा असर कर रहा है कि लोग बात धोखा खाए जा रहे हैं । फला जो जा रहा है वो लडका है । लडकी युवा कहते हैं अगर जा रहा है तो लडका और जा रही है तो लडकी दोनों के इस घालमेल का एक फायदा यह हुआ है कि उन की बजाय युवा लडके बाजार में अब प्रधान हुए जा रहे हैं । युवा संगीत ने आगे कहा, इस किडनेपिंग केस पर आप आंखें फाडे बैठे हैं । ज्योतिंद्र ने पूछा बरखुरदार, जिंदगी में कुछ बनने की भी सोची है । युवा ने कहा लाहौल विला कुवैत अरे साहब, हम तो बनके बने बैठे हैं, हमारी फॅमिली है और हम लक्ष्मण के कार्टून बनने को तो हम ऍम भी बनते जा रहे हैं । भले ही बालों का मेकप हमें इनकी और खींच ले गया हो । मगर वास्तविकता यह है कि फैशन की हवा मध्य कालिता से भी प्रभावित होती है । ज्योतिंद्र ने कहा, क्या घूम युवा संगीत बोले और क्या आजकल जोर है? पीत पत्रकारिता गा तो हम पी पत्रकार होने पर तुले हुए हैं । अब पत्रकारी तक किस चिडिया का नाम है? हमें क्या मालूम अरुण शौरी को मालूम होगा? इसलिए मैं पत्रकार होने से रह गए । जी से पी पत्रकार होना हो बुरा रात में पत्रकारिता वो ना जाने अपने वातानुकूलित कमरे में चरस के नशे में हम पीते पत्रकारी तक किए जा रहे हैं और कल्पित नामों से संपादक के नाम पत्र प्रकाशित कराकर वाहवाही लूटे जा रहे हैं तो यही पत्रकारिता की राजनीति है और राजनीति का दूसरा नाम ऍम ज्योतिंद्र चौके पर युवा मित्र बोले जी, यहाँ ऍम की हवा राजनीति की ओर से भी रहती है । एक समय था जब युवा कांग्रेस में होना फैशन माना जाता था । मगर यह ऍफ अलग झगडते बदल गया और अब जोर है मोदी का । इसलिए अगले आम चुनाव के मद्देनजर हमने दल बदलने का निश्चय कर रखा है । सुना नहीं पेंशन वाद जिन्दाबाद

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समाज में व्याप्त हर क्षेत्र के बारे में ज्योतिंद्र नाथ प्रसाद के व्यगात्मक विचार... Author : ज्योतिंद्र प्रसाद Voiceover Artist : Harish Darshan Sharma
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