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क्या एमपी सूट नहीं सुलीमान की ये कहते ही सच्चे से खाने पर टूट पडी । मिंटो में ही सारा खाना चट करके सुलतान का उन लोगों को इस तरह से खाती देखकर दिलभर है । जब सब लोग भर पीठ खा चुकी तो उनमें से ही कहाँ नहीं बोला? खतरे तुम लोगों को चाय तो करनी हो । उस नानी देख लिया तो तुम लोगों को भी हमारी तरह यहाँ कमीशन के लिए कैद कर ले कि वो और दिन रात ठोक के पेट कम करवाई की भूरी हो सकते । हुई बोली । ऍम करने के दिन ही सुल्तान ने दूरी की तरफ ठीक कर मुस्कराकर का पूछा यहाँ से उसमें की महल के अंदर जाने का रास्ता कौन सा है? ये आदमी बोला तो वो सामने चूडी की पीढी जितना चीज दिखाई दे रहा है ना वहीं से अंदर जाती हूँ । पीलू घबराती हुई बोला तो उसमें तो हम ईरान बॉर्डर भी नहीं जाएगा तो उस ऍसे आदि होगी । वहाँ खडा दूसरा अपनी पूरा तरह सर नहीं पर तो मैं बहुत बडी मिशाल छिपकली बैठी हुई दिखाई देगी । मैं उसके बराबर ऊंची है, मेहनत की तौर पर है वो तो हमें कहाँ जाएगी? सुलेमान ने ठोक कट करते हुए कहा तो नहीं हो रही तो उनसे पूछेगी की उसे खाने में क्या पसंद है और तुम बता देना । केश में तो मैं तुमसे किशमिश मांगे की तो मुझे दे देना । उसने हमारी तरह ही उसको भी हमेशा हूँ कर रखती है ताकि वह सभी आरतियों को एक एक कर के खा ले । नहीं नहीं इसी तीसरा बोला तार अगर उस छिपकली को किस पे मिल जाए तो बहुत कुछ हो जाएगी तो मैं जा नहीं देखी । ये सुनते ही सुल्तान सहित सभी के चेहरों पर मुस्कान फैल गई । अभी जैसे ही आगे बढने को हुई तो बूढी बूढी ऍम बना दी । सभी धूरी की इतनी समझदारी भरी बात सुनकर ढंग रहेगी होना अगर मेरे पास काला टीका होता तो मैं तुम्हारी इस दूरी से बिहारी से चेहरे पर लगा देता हूँ । सुन कर सभी जोर से हंस पडे जिनमें में सभी आदमी भी थी जो वहाँ के दी थी सुल्तान नहीं । बडे ही प्यार से उनकी तरफ देखते हुए कहा हम तुम हमेशा ऐसे ही हस्ते रहोगे । यह सुनकर सभी के चेहरों पर मुस्कान तैर के और उनमें से एक आदमी बोला आपको ऊपर वाला आपकी मकसद में कामयाब करें । सुल्तान ने प्यार से साहब का कंधा थपथपाती और अपने दोस्तों के साथ उस छोटी से बिल की ओर चल दिया । हाँ, मैं भी विशाल छिपकली तो दिखाई नहीं दे रही हो । ऍम वहाँ से तीस यूसीआई की सबको लगा कि मानो आकाश से बिजली चमक रही हूँ और उनकी कान की पर्दा फट जाएंगी । भूमि कानों में उंगली डालते हुए ऊपर की ओर देखा तो पत्थर तो डर के मारे लडकी भीम का एक छिपकली खडी हुई थी । उनकी ओर लाखों से देख रही थी । पीलू ने दौड कर पत्थर को सीधा किया । फॅमिली नहीं पूछा तो हूॅं सुलीमान धीरे से सुल्तान के कानूनी बोला यहाँ तो प्रश्न ही कर बढेगा । उस आदमी नहीं तो कहा था कि खाने के बारे में पूछे कि सुलेमान को सुल्तान की आंखों में कुछ पसंद करती देख कट छिपकली बूढी ऍम ऍम हीं इंसानों को खाना अच्छा लगता है । पत्थर सुल्तान की पीछे छुट्टी हुई डाॅ हूँ ऍम सुल्तानी अनजान बनते हुए पूछा तुम्हें क्या पसंद नहीं तू तो ये ऍम छिपकली अपनी होठों पर जुबान फिर आते हुए बोली अच्छा अगर हम मैं किशमिश खाने को दी तो क्या तो हमारी दोस्त होंगे? सुलेमान नहीं । प्यार से पूछा फॅमिली नहीं जवाब दिया सुल्तान नहीं बांसुरी को अपने हाथों में लेते हुए कहा एक बहुत बडी बर्तन में किशमिश पर रुक और मेरे बरतन कभी भी केश में से खाली ना हो हूँ हूँ । पल भर के अंदर ही वहाँ पर एक बहुत बडा बर्तन किशमिश से भरा हुआ आ गया, जिसे देखकर छिपकली खुशी के मारे ताली बजाने लगीं । जैसे ही छिपकली ने एक मुट्ठी भरकर किशमिश अपने मुँह में डाली, वहाँ चारों तरफ सफेद पूरी की जाकर बीच कहीं किसी किसी को कुछ भी नजर नहीं आ रहा था । सुल्तान चलना है ये इतना सारा का हो गया । सुलीमान पूरा शायद छिपकलियां में कैद करके ले जा रही है । तभी एक सुरीली ऍम नहीं मेरी का आप लोगों ने मुझे घुसता की जादू से आजाद करवाया है । महिला मैं आपको क्यों करूंगा? अब तक सब कुछ हल्का हल्का दिखाई देने लगा था और धुआँ बहुत तेजी से एक तू तल के अंदर जा रहा था, जो उनके सामने खडे एक सुंदर सी राजकुमार जैसे दिखने वाले आदमी के हाथ में थी । पहले ॅ अंदर राजकुमार की इसी बनेंगे । दूरी नहीं आंकी मटकाते हुए पूछा । राजकुमार बोला मैं थंजावुर राज्य का राज कुमार हूँ । बहुत समय पहले मैं यहाँ अपने साथियों के साथ घूमते हुए आया था, बस तभी दुष्ट जादू के नहीं नहीं मुझे और मेरी दोस्तों को कैद कर लिया । मेरे आधी इससे ज्यादा सैनिकों को उनकी करोडों सहित पत्थर बना दिया । तो ॅ इतनी मोटी है । तुम्हारी सैनी ही पत्थर ने अपनी गोलमटोल मुझ पर हाथ रखकर अश्चर्य से पूछा । हाँ! और जो बिचारे मार खाता कर काम कर रहे हैं, मैं भी मेरी साथ के ही लोग हैं । अच्छा तो तुम को क्यों इतनी डरावनी चितली बना कर छोड दिया और एक किशमिश खाती तो वापस अपने एसटीडी रूप में कैसे आ गए? सुल्तान नहीं सकता से पूछा । इस ज्यादा कहती ने पहले हम सब के साथ बडा प्यार भरा व्यवहार किया और उसके बाद ही बातों ही बातों में पीरी मन प्रसन की चीज खाने के बारे में पूछा । जब मैंने इसे किशमिश बताई तो ये बोली तब मैं तुम्हें इतनी डरावनी और सूरत छिपकली बनाउंगी की लोग तुम्हारे पास आने से भी दे देंगे । यह सुनकर में बहुत किया और रो नहीं लगा । मैंने कहा तुमने मुझे तो कर लिया है पर मुझे छिपकली मत बनाओ, खुलता नहीं । इस पर जवाब दिया कि अगर तुम ही छिपकली नहीं बना होंगे, मेरी महल की पहरेदारी कौन करेगा? मैं तो बहुत दयालु होना, इससे तुम्हारी मदद करते हुए तो बता रही हूँ की अगर कभी भी किसी ने भी तो में किशमिश खिलाती थी । तुम अपनी उसकी रूप में आ जाओगे और मेरा आधार जादू खत्म हो जाएगा । सुल्तान यही सुनकर दुखी हो गया और बोला हमें तुम ये बताऊँ कि उसने कहाँ मिलेगी तो इस दरवाजे के अंदर चली जाओ तो इस समय महल के अंदर ही राजकुमार जवाब दिया । सुल्तान ने ये ही सुनकर सबको अपने पीछे आने का इशारा किया और राज कुमार की बताए हुई दरवाजे इसी अंदर चला गया । देशवासी के अंदर जाते ही सबकी आंखें आश्चर्य से फैल के सामने हवा में बहुत सारी मछलियां रही थी । कृष्णा चाहते हो करनी उन्हें हवा में से ही पकड पकडकर एक के बाद एक बच्चा ही कह रही थी सबको यही देख कर बहुत कठिनाई । पर भूरी के मुंह में पानी आ गया, पल भर को है जैसे सब कुछ भूल गए और उसकी पूरी ताकत से चलान लगाई और घुसना की मुंबई चाहती हुई मछली को पकडने के लिए लडकी जिससे होसला हाथ बढाकर किट पडी । दूरी ने तुरंत मछली खानी जैसी उस घुसने को देखा । पेट की मारी थरथर कंपनी नहीं और सुलीमान की ओर देखते हुए बोली ऍम नहीं नहीं पूरी तुम जानती नहीं कि तुम ने आज क्या कमाल दिखाया । दूरी नहीं होता ना की ओर देखा जो जमीन पर गिरी पडी थी और उस की कंधे की पास कटोरा पडा हुआ था पूरी लगभग करके और जादुई कटोरा मुझे भी रख लिया और जाकर सुलेमान को दे दिया घुसता । गुस्से से जोर से चीखी ऍम हाँ जरूर वापस करेंगे ये लोग खेती हुई सुलीमान नहीं नहीं कटोरा हाथों से दो टुकडों में तोड दिया और उस स्थान की तरफ उछाल दिया । कटोरी की टूटते ही घुसता । जोर से की थी और धूम बनकर आसमान की ओर उन नहीं लगी । धोनी नीति आवाज आ रही थी, हूँ सुल्तान ये सुनकर बोला नहीं तो बाद में जाकर आराम से रहो । देखते ही देखते हो उस ना धीरे धीरे आसमान में बात लो में जाकर विलीन हो जाएगी । उसकी जाते ही वहाँ एक जोरदार धमाका हुआ है और उसका सारा तिलिस्म टूट गया । चारों तरफ जितने भी आदमियों और जानवरों की मूर्तियां थी, सच्ची बित हो गए और खुशी के मारे एक दूसरे के करीब लग गए । सभी ने खुशी के मारे सुल्तान और सुलीमान को कोर्ट ने उठा लिया । सुल्तान हस्ता हुआ बोला हाॅल सुनकर सभी हंस पडे । तभी सुल्तान की नजर फतेह बस पडी, दौडता हुआ उसी की हो रहा रहा था । फतेह अली को देखते ही सुल्तान के साथ साथ सभी के चेहरे, किसी चमक, कुछ सुल्तान दौडती हुई फतेह की बात आया रुक गया । फतेह ने अपनी कृषि दिखाते हुए आगे की दोपहर हवा में उठा और ही नहीं आने लगा । सुल्तान फॅमिली लग कर रो पडा । सुल्तान प्यार सी फतह की गले में हाथ देते हुए बोला हमें पटेल को अभी वापस में है । मैं भेज देना चाहिए । जब हमें जरूरत होगी तो में से आवाज सेना तुम्हारी आवाज सुनकर तो पते पल भर में ही वापस आ जाएगा । हाँ, तुम सही कह रही हूँ, हमारे कारण पाते हैं फिर से किसी नई मुसीबत में न फंसे पैसे भी । अब हमारे पास कई ताकतवर साथी हैं । मुझे लगता है इस बीच जुबान और बुद्धिमान फतेह को महल लौट ही जाना चाहिए । अब को खोने के बाद अब पता को खोना मेरे लिए सही नहीं होगा । सुल्तान ने सुलेमान की बात का समर्थन करते हुए कहा, फिर मेरी दोस्त तो अभी मैं जो मैं अपनी सभी हमशक्लों को उनकी मुसीबतों से आजाद करवा की महल लौट ता हूँ । फिर दोस्त ऍम महल लौट आने की खास वजह भी है । तो उन्हें हमारा संदेश महल तक पहुंचाना होगा कि हम सुरक्षित हैं और जल्द ही वापस लौटेंगे । फाॅर्स जोर से ही नहीं है । असल धर्म मिली, धुएं का गुबार की थी । छोडते हुए हवा की गति से दौडते ही आप ही ओझल हो गया । फतेह के वहाँ जाती ही सुनता नहीं । इधर उधर देखते हुए बोला ॅ तो कहीं दिखाई नहीं दे रहा हूँ जिसे हम सब ढूंढने आए हैं । तभी कोनी में बिक्री बाल और फटे से कपडे पहने उन्हें एक युवक दिखाई दिया जिसकी पहले ऍम पडी हुई थी । सुल्तान उसे ठीक कर चौका और फिर दौड कर उसकी काली लक है । मैं युवक हाथ पढा गया और उससे पूछा सिस्टम हो? सुल्तान ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया मैं तुम्हारी सबसे अच्छे दोस्त चानका दोस्त हूँ । उसी ने मुझे यहाँ तुम्हारी मदद करने के लिए भेजा है । पर हम तो बिल्कुल मेरी जैसे देखते हो । सरदार सुल्तान को वर्सि देखते हुए बोला । तभी दूरी बोली ही सुनता तो कितनी देर करती हूँ उसके ब्लॅक धूरी का इतना बोलती ही सरदार के पैरों की जान जी अपने आप खुल के टी । टी देखती । वहाँ पर घुसना का चाहती हूँ । खत्म होने लगता सुल्तान सरदार से बोला अब हमें चलना चाहिए । अब तुम चांद के पास जाओ, मैं बडी ही बेसब्री से तुम्हारी राह देख रहा होगा । हजार कुछ पूछना था इस से पहले ही पत्थर बोला तो नहीं तो सबको भी हमारी चलना पडेगा वरना मैं भी वापस नहीं होता । उसका प्यार देखकर सुल्तान के साथ साथ सभी की आंखें बहराइन । पर सुल्तान आपने आज सुखी पाता हुआ पत्थर से पडे प्यार से बोला तुम तो जानते हो कि जरदार जैसी अभी और भी कई राजा हैं जो बहुत मुसीबतों में है । हर उनकी सहायता सिर्फ मैं ही कर सकता हूँ । सुलेमान भी पत्थर के ऊपर बडे प्यार से हाथ रखते हुए बोला और हम उन्हें छुडाने में जितनी भी देर करेंगे ये सब और मुश्किलों में पड जाएंगे । सरदार जो अब तक चुपचाप खडे उन सब की बातें सुन रहा था आगे आकर पूरा अब तुम सब मेरे साथ में हेलमेट चलो । सुल्तान ने उसका हाथ पर ही प्यार से पकडते हुए कहा मुझे अभी आपने और पांच हमशक्लों को कैद से मुक्त करवाना है । ये सब भी बडी बेसब्री से मेरी राह देख रहे होंगे । जरदार खुला फिर तुम मुझसे एक वादा करो कि उन सब को छुडवाने के बाद तुम मुझसे जरूर मिलने आओ कि मेरी तो मैं भी तुमसे मिलने के लिए उतना ही बेकरार रहूंगा जितने कम हो । सुल्तान ने कहा उन्होंने ही ऍम पर चलने के साथ अब स्माॅल रखने का भी नहीं होता । पूरी इतना तय हुई बोली उसकी बात ही सुनकर सभी जोरों से हंस पडे । सुल्तान ने माहौल को हल्का करने के लिए बूढी को चिढाते हुए कहा हरी तो जमीन के बारे में कहाँ पता होगा तुम ऐसे भी तो किसी ना किसी की कंधों पर ही चली रहती हूँ । ये सुनकर सभी जोरों से हंस पडे । सुल्तान बांसुरी से बोला इन दोनों को जल्दी से इनके दोस्त चांद के पास पहुंचा तो क्यों नहीं अभी लोग देखते ही देखती । जरदार और पत्थर पल भर में ही गायब हो गए ।
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