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जैक दा क्लॉक राइडर भाग 1 in Hindi

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AuthorRuby Pareek
प्रोफेसर कैन की लैब में एक दिन हुआ ऐसा हादसा कि प्रोफेसर कैन हो गए गायब। 14 साल गुज़रने के बाद उनके बेटे जैक को पता चला अपने पिता का ये सच! जैक ने आरंभ की अपने पिता की खोज...जो उसे ले पहुँची उसके पिता की ख़ुफ़िया लैब में, जहाँ उसे पता चलता है घड़ियों की एक अजीब दुनिया का जो है इस दुनिया से बिलकुल अलग. ख़ुफ़िया लैब में मिली अजीब घड़ी क्या थी... क्या जैक पता लगा पाता है अपने गुमशुदा पिता के बारे में. क्या वो उन्हें वापस ला पाया ? एक रहस्यमय दीवार घड़ी के उस पार बसी ...जादू से भरी हुई दुनिया का एक अनोखा और रोमांचक सफ़र- जैक, क्रिस्टीन और डेनयल के साथ ...! writer: खुशी सैफ़ी Voiceover Artist : Ruby Author : Khushi Saifi
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कुकु एफ । एम । पर आप सुन रहे हैं किताब फॅार जिसकी लेखिका है खुशी सेल्फी और मैं हूँ । रूबी पारीक आपके साथ कुकू एफएम सुने जो मनचाहे तो ये शुरू करते हैं पहला भाग वो आदमी जल्दी जल्दी अपनी फाइल समझ रहा था । ऐसा लग रहा था जैसे उसके पास बहुत थोडा वक्त बचा है । एक खाली सफेद पन्ने पर कुछ लिखने की कोशिश कर रहा था । टेबल पर रखे सामान टटोल रहा था भी था कि कुछ इधर उधर ना हो जाए या कुछ लिखने से छूट न जाए । तभी जल्दबाजी में टेबल पर रखा कुछ कैमिकल उसके हाथ से टकराकर फर्श पर गिर गया जिसका धुआ छत की तरह थोडा कैमिकल के धुएं से उसे कुछ बेहोशी से हुई जिसे उसने सिर्फ टक्कर दूर करने की कोशिश की । वो कैमिकल और बेहोशी की परवाह किए बिना सिर्फ अपने काम में बिजी था । सात सात उसकी नजरें सामने दीवार पर लगी छोटी सी घडी को भी घूम रही थी । जैसे अचानक से कुछ होने वाला हूँ । जैसे उसे पता हूँ कि उसके पास बस कुछ ही पल और बचे हैं । तभी दीवार से एक तेज सफेद रोशनी उसकी आंखों में चकाचौंध उत्पन्न करने लगी जिसे देखकर वह जोर से चिल्लाया नहीं, अभी नहीं, नहीं तो ऐसा नहीं कर सकते । मैंने बरसों तुम्हारा साथ दिया है । अब तो मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते हो । वो धीरे धीरे वह रोशनी उसे अपनी तरफ खींचने लगी । खुद को रोशनी के अंदर जाने से रोकने के लिए उसने टेबल पकडा और टेबल से कोई बॉक्स उठाया । इसी छटपटाहट में टेबल पर रखे ऍम पर उसका हाथ लगा । जोगिरा और उसमें जलता बल्ब थोडी जद्दोजहद के बाद बुझ गया । दीवार की तरफ खींचते प्रोफेसर का हाथ उनके सहायक एडिसन ने पकडा जो उससे मैं लैब में मौजूद था । प्रोफेसर ये क्या हो रहा है आपके साथ प्रोफेसर का साथ ही उन्हें रोस्टी से बाहर खींचने की कोशिश कर रहा था । पर रोशनी का खिंचाव इतना तेज था कि प्रोफेसर का हाथ उनके साथ ही के हाथ से छूट गया । प्रोफेसर दीवार में उभरी बडी सी घडी के अंदर चले गए और बॉक्स हाथ से छूटकर लुढकते हुए टेबल के पीछे जा गिरा । दूसरी और प्रोफेसर का साथ ही नीचे गिर गया जिसके कारण उसकी नजर टेबल के पीछे गिरे बॉक्स पर नहीं पडी । कुछ ही पलों में प्रोफेसर उस रोशनी में समा गया । प्रोफेसर की रोशनी में गायब होते ही एक तेज हवा का झोंका आया, जो लैब में रखी सब चीजों को तहस नहस कर गया । कुछ पन्ने जिन पर वह लिख रहे थे, छोडकर इधर उधर बिखर गए । जहाँ प्रोफेसर उस रोशनी के जरिए दीवार में समय थे, वहाँ अब कोई रोशनी नहीं बल्कि सिर्फ एक दीवार रह गई थी । ऍफ के एक कोने में छूट गया, जिसके चेहरे पर कुछ पल पहले हुए उस वाकिये का खौफ साफ चमक रहा था । और शायद जैसे कुछ समय पहले हुई उस घटना का होना एक अजीब स्वप्न ऐसा लगा हो । किसी ने सच ही कहा है कि हादसे अक्सर जिंदगियां बदल देते हैं और आज भी शायद ऐसा ही कुछ हो चुका था ।

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प्रोफेसर कैन की लैब में एक दिन हुआ ऐसा हादसा कि प्रोफेसर कैन हो गए गायब। 14 साल गुज़रने के बाद उनके बेटे जैक को पता चला अपने पिता का ये सच! जैक ने आरंभ की अपने पिता की खोज...जो उसे ले पहुँची उसके पिता की ख़ुफ़िया लैब में, जहाँ उसे पता चलता है घड़ियों की एक अजीब दुनिया का जो है इस दुनिया से बिलकुल अलग. ख़ुफ़िया लैब में मिली अजीब घड़ी क्या थी... क्या जैक पता लगा पाता है अपने गुमशुदा पिता के बारे में. क्या वो उन्हें वापस ला पाया ? एक रहस्यमय दीवार घड़ी के उस पार बसी ...जादू से भरी हुई दुनिया का एक अनोखा और रोमांचक सफ़र- जैक, क्रिस्टीन और डेनयल के साथ ...! writer: खुशी सैफ़ी Voiceover Artist : Ruby Author : Khushi Saifi
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