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रूद्र को इस तरह जाते देख नेत्रा को अच्छा नहीं लगता । उसे रूद्र भी दूसरे लडकों की तरह लगने लगता है । तभी रूद्र एक वकील की यूनिफॉर्म में थाने पहुंच जाता है और पुलिस वालों के साथ बात करता है । पुत्र एक वकील था जैसे जानकर सभी को आश्चर्य होता है । नेतरा भी हैरान थी क्योंकि कोई नहीं जानता था कि पुत्र एक वकील हैं । जमानत के कागजात देखकर थाणे वाले नेत्रा को छोड देते हैं । तब गोत्र सरपंच को कहता है यदि तुमने नेत्रा या उसके परिवार की तरफ आंख उठाकर भी देखा तक जाता था तो मुझ से कोई नहीं बचा सकता है । उत्तर अपनी गाडी में देखा और उसके परिवार को वापस कर ले जाता है । पूरे रास्ते रूद्र एक दम चलता । घर पहुंचकर नेता की माता उसे खाने के नहीं रोकती है । रूद्र को बार बार कहने पर रूद्र को उनकी बात माननी पडती है । नेत्रा के पिता ऍसे उसके बारे में पूछते हैं तो वह बताता है कि मैं ठेकेदार के साथ एक वकील हूँ । मैं वकालत नहीं करना चाहता था परन्तु पिताजी के जब के कारण मैं वकील और आज मुझे लगा कि मेरे पिताजी गलत नहीं थे तो उन से काफी बातें करता है । काफी समय हो चुका था । रुपये वापस अपने घर चला जाता है । अगले दिन गांव में नेता के बाद आपकी तरफ फैल चुकी थी । हर कोई हैरान धाकी लेता ये सब कर सकती हैं । परन्तु एक आप लोगों को छोडकर सभी नेत्रा पर विश्वास करते थे । रूद्र नेत्रा को अपने पास बुलाया और उसे बैंक अधिकारियों से हुए बात का जिक्र करता है । नेत्रा उसी समय रूद्र की गाडी में बैंक अधिकारियों के पास पहुंचकर कागजात कार्य पूरी करती है । बैंक अधिकारियों से बताते हैं आने वाली रामनवमी कों बैंक की एक शाखा गांव में तैयार हो जाएगी । नेत्रा काफी खुश थी वो रूद्र को गले से लगा लेती है । वो त्रिनेत्रं से कहता है तो मैं भी अपने सपने की तरफ ध्यान दो । हमें गांव के लोगों को ये बात बतानी चाहिए तभी वो तुमसे प्यार करेंगे । जब दोनों वापिस गांव पहुंचते हैं तो देखते हैं गांव वालों ने सडक का आधा हिस्सा खत्म भी कर दिया है । सभी पूरी मेहनत से काम कर रहे थे । रूद्र उनके काम से खुश होकर सभी को एक साथ दो दिन का रोजगार देता है । रूद्र गांव के लोगों से कहता है यानी वो उसके साथ काम करेंगे तो वह दूसरी जगह भी उन्हें रखेगा । पूरे गांव में खुशियों की सौगात आने वाली थी । उधर उत्तर बातों ही बातों में नेत्रा के पिताजी का काम हो जाता है । काम निपटा के पिता पुत्र को फोन कर उसे सब कुछ याद करवाते हैं । रूद्र नेत्रा को सब बताकर वहाँ से चला जाता है । रूद्र जब अपने दोस्त के यहाँ पहुंचता है तो उसे पता चलता है कि नेत्रा के पिता को बुरी तरह फंसाया गया है । रूद्र अपने दोस्त को पूरी बात बताता है । तब रूद्र का दोस्त उसे विश्वास दिलाता है के मुख्य अध्यापक को कुछ नहीं होगा परन्तु मुझे उनकी ट्रांसफर करनी पडेगी । स्रोत्र ने कहा तो मैं जैसा ठीक लगता है तो वैसा करूँ क्या राम नौवीं पर बैंक खुलता था?
Writer
Sound Engineer