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चैप्टर एटीम स्टैमरिंग सेंटर का खोलना टेलीविजन पर ठीक ओके इंटरव्यू आ चुकी थी । हमने उस इंटरव्यू को सफल बनाने के लिए उस प्रोग्राम को यूट्यूब पर डाल दिया और साथ ही उसे अपने अपने फेसबुक अकाउंट में शेयर भी है, जिससे इंटरव्यू वाला प्रोग्राम काफी देखा जाने लगा । हमें हमारे की इस काम का परिणाम मिलने लगा । यानी हमें कई ढेर सारे फोन है जिसमें से ज्यादातर अपनी अपने किसी रिश्तेदार की हकलाहट की समस्या को लेकर हम बहुत खुश थे । हमने आज तक जो सोचा वो कर दिखाया था । जानी अखबार में छपे लेख से लेकर टेलीविजन के प्रोग्राम तक का सफर तय कर लिया था । वनिंदु इस बात से हम कर रहे थे । आखिरकार वही बात हुई है । यानी पिताजी को इंटरव्यू वाले प्रोग्राम के बारे में पता चली है । हुआ यूं कि एक दिन पिताजी ने चीफ को अपने पास बुलाया । ठीक हूँ । पिताजी के कमरे में गया और उनसे कहा जी पिताजी, आप ने मुझे बुलाया है । हमें तो मेरे पास आकर बैठ । पिताजी ने चीजों की ओर बिना देखे कहा क्या कुछ काम था पिताजी उन्हें शहनी ने आवाज में काम । मैंने तो मैं बैठने के लिए कहा । ऍम कुछ देर चुप रहने के बाद पिताजी ने कहा कि तुम अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं । क्या हूँ पिताजी जी कुछ नहीं करते हो उसका तो मैं नहीं पता । क्या हुआ तुम्हारा प्रोग्राम देखा था और हैरानी की बात ये थी ये प्रोग्राम मैंने अपने किसी दोस्त के मोबाइल फोन पर देखा था । तुमने तो ये सब बताने की जरूरत भी नहीं समझे । तुमने डॉक्टरी वाला काम अभी तक छोडा नहीं । पिताजी ने कहा । पिताजी की बात सुनकर चीकू खामोस था । पिताजी बार बार उस बारे में बात कर रहे थे, परंतु वो कुछ बोल नहीं पा रहा था । फिर कुछ देर के बाद हिम्मत करके उसने कहा, परंतु पिताजी इसमें पूरी बात क्या है, ये तुम पूछ रहे हो, इसमें पूरा किया है तो मैं नहीं बताओ तुम्हारे पास इस काम को करने के लिए कोई डिग्री है । अगर कोई पूछे ले तो तुम्हारे पास कोई जवाब है । पिताजी ने काटने के लाॅकर पिताजी, मुझे इसमें डिग्री की क्या जरूरत है ठीक होने का? अगर डिग्री की कोई जरूरत नहीं है तो कोई भी इस काम को करने लग जाएगा । ऐसी बातें तो उसके साथ करो । जिसको ये सब पता नहीं तो मैं नहीं पता । वो शर्मा अंकल के साथ क्या हुआ था । तुम्हारे जैसे ही डॉक्टरी कर रहे थे । बिना डिग्री के जब जांच पडताल वाले आए तो बिना डिग्री की डॉक्टरी करने के जुर्म में उन पर केस दर्ज हो गया । बिचारे ने आत्महत्या चाहिए, होना है कोई जवाब तुम्हारे पास । पिताजी ने कहा परन्तु पिताजी ये कोई डॉक्टरी का काम नहीं है । इसमें मैंने ना तो कोई दवाई देनी है । अन्ना ऐसा कुछ करना है जो डॉक्टरी पेशे से जुडा । इसमें कुछ व्यायाम करने को देने हैं । बस ठीक होने का मुझे कुछ नहीं हूँ । जो करना है करो तो एक बात ख्याल रखना । अगर ऐसा कुछ हो गया तो मेरे से मदद की उम्मीद बिलकुल । मतलब ये मत सोचना कि मैं तुम्हारे पीछे मत छुडाने के लिए । कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाओ तो भी करना है । सोच समझ के करूँ । तुम बडे हो गए हो । तुम्हारी बेटी है, एक पत्नी है । उनके बारे में भी सोचो चलो जाऊँ अपना काम है । पिताजी ने कहा हूँ । पिताजी ने जो कुछ कहा बाहर सबकुछ सुन नहीं जी खूब बाहर आया तो मैंने उसे अपने कमरे की ओर आने का चाह रहे हैं । वो कमरे में आया तो मैंने उससे कहा क्या हुआ तो क्या बोले पिता जी कुछ नहीं पिताजी ने वो इंटरव्यू वाला प्रोग्राम देख लिया । उसी के बारे में बात कर रहे हैं । जी खोलेगा क्या बात कर रहे हैं? मैंने कुछ नहीं आते हैं । फिर भी बताओ तो सही है यार बात तो उनकी सही है कि हम जो कर रहे हैं वो गैरकानूनी । यानी हमारे पास ये काम करने की कोई कानूनी डिग्री वगैरह नहीं । अभी तो पिताजी को इस काम पर ऐतराज है ठीक होने का । यानी अगर हमें ऐसी कोई डिग्री प्राप्त कर ले, फिर तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं होगा ना । मैंने कहा फिर कोई ॅ कैसे हो सकता है? परंतु डिग्री प्राप्त करना आसान काम नहीं होने का तो क्या हमें अपने मकसद के बारे में भूल जाने पडेंगे? मैंने कहा तुमने ये कैसे सोच लिया कि हमें अपना मकसद भूल जाना होगा । अगर यहाँ तक पहुंच गए हैं तो आगे का भी कोई न कोई रास्ता जरूर निकालेंगे । जी खोलेगा, ठीक है जैसा तुम कहो लेकिन एक बात नहीं समझ में नहीं है । मैंने कहा वो क्या चीज मैंने पूछा था ये शर्मा जी का क्या किस्सा है जिनका जिक्र पिताजी कर रहे हैं? शर्मा जी पिताजी के बहुत अच्छे दोस्त थे । वो डॉक्टर के पास काम करते थे । समय के साथ साथ डॉक्टरी का सारा काम सीख गए और उन्होंने घर में ही छोटा सकते लेने खोल लिया तो सारा दिन डॉक्टर के पास रहते हैं । शाम को अपने घर में क्लीनिक में मरीज देखने लगते हैं । उनकी लगन मेहनत की बदौलत उनका घर वाला क्लीनिक चल पडा । उनका नाम दूर दूर तक फैले कुछ ही समय में तो काफी मशहूर हो गए परन्तु उनकी ख्याति कुछ डॉक्टर को राज नहीं है और शायद उनकी शिकायत पर सीनियर मेडिकल ऑफिसर ने उनके क्लिनिक पर छापा मारा और उनके पास कोई होने की वजह से उन पर केस कर दिया । शर्मा अंकल के पास इतने दुखी हुए हैं कि उन्होंने आत्महत्या कर ली तो होने का वो तो बहुत बुरा हुआ हूँ और शायद इसी डर की वजह से पिताजी भी हमें ये काम करने से मनाया है । होने का कोई बात नहीं, तुम चिंता मत कर । हम दोनों मिलकर इसका कोई न कोई रास्ता जरूर निकालेंगे । मैंने कहा और हमें इसका हल मिला राजेश्वर सिंह के पास । राजेश्वर सिंह रेकी के मास्टर थे लेकिन एक जापानी तकनीक है । एक दिन मैंने राजेश्वर सिंह से फोन पर बात की और उनसे मिलने की इच्छा जाहिर की । सौभाग्यवश वो हमारे शहर में किसी काम से आए हुए थे और उन्होंने हमसे मिलने का प्रस्ताव स्वीकार कर दिया । नमस्कार जी, मेरा नाम अनिल हैं और ये मेरी पत्नी शिखा है । आपका मेरे घर में स्वागत है । जी को ने राजेश्वर जी का स्वागत करते हुए था कि बहुत बहुत धन्यवाद । आप से मिलकर बहुत खुशी हुई । राजेश्वर जी ने कहा, कुछ देर चाय पीने बातें करने के बाद हम सीधा मुद्दे की बात करने लगे । राजेश्वर जी सबसे पहले हमें ये बताए की देखी क्या आप हमें विस्तार से इस बारे में जानकारी देंगे? चीकू ने पूछा जी जी बिल्कुल लेकिन ही नहीं बल्कि इसके इतिहास के बारे में भी आपको जानकारी दूंगा । रेकी जापानी भाषा का शब्द है जो रेंट और से मिलकर बनाए ब्रेकअप है । सर्वव्यापी और की का अर्थ है जीवन शक्ति था, लेकिन शब्द का अर्थ सर्वव्यापक जीवन शक्ति है । कुछ लोग इसे प्राणशक्ति, संजीवनी शक्ति के नाम से भी जानते हैं । हालांकि ये विद्या प्राचीन काल से प्रचलित है । विषेशकर हमारे ऋषि मुनि इसका प्रयोग लोक कल्याण के लिए क्या करते हैं परन्तु समय के साथ विविद्यालयों होती गई और सत्य से जुडे हुए गंद भी अप्राप्त है । मुख्यता पीसा और कुछ द्वारा इसके प्रयोग के उल्लेख कुछ खता हूँ । अंत में मिलते देखी के वर्तमान स्वरूप के प्रणेता डॉक्टर बिकाऊ को सही तो माना जाता हैं जिन्होंने कठिन परिश्रम के बाद इस विद्या को ना सिर्फ पुना खोजा बल्कि इस सुविधा हूँ आगे बढा है । देखी की प्रसिद्धि का प्रमुख कारण इसका एकदम सरल एवं असरदार होना है । देखी का प्रयोग व्यक्ति मैंने पूजा के स्तर को नियंत्रित करने एवं ऍम जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति ऊर्जावान महसूस कर रहे हैं जो उसकी कार्यकुशलता में वृद्धि होती है । जहाँ तक व्यक्ति के ऊर्जावान होने का प्रश्न है, हमें सबसे पहले अपनी बहुत एक संरचना के अलावा संपूर्ण संरचना को समझना हूँ । बहुत एक शरीर जहाँ हम सुख, दुख देवं, चिंता इत्यादि को महसूस करते हैं । पास तव में हमारी संरचना का केवल बारह प्रतिशत बाकी का लगभग नब्बे प्रतिशत भाग अलग अलग ऊर्जा के साथ परसों से बनाया जिसे हम साधारण आंखों से नहीं देख पाते । हालांकि एक रूसी वैज्ञानिक रिलीज ऐसे कैमरा अधिकार किया है जिसकी मदद से हम अपनी भौतिक संरचना के अलावा हमारे आस पास की ऊर्जा मई शरीर को भी नहीं सकते । हालांकि देखी के परिपेक्ष में हम बहुत शरीफ के अलावा सिर्फ दो मुख्य पर पूजा मई शरीर एवं मनोमय शरीर की बातें करेंगे । हमारे शरीर के चारों तरफ चार छह इंच के घेरे में हमारा ऊर्जा शरीर होता है, जिसे अंग्रेजी में हमारा भी कहते । रोग एवं तनावग्रस्त व्यक्ति में इससे कोडकर कुछ सेंटीमीटर कराया जाता है । इसके विपरीत साधक सिद्धि पुरुष होते हैं । उनका और आप कुछ मीटर या उससे भी ज्यादा हो सकता है । इसके अलावा जो व्यक्ति मन, वचन एवं धर्म से पवित्र होते हैं उनमें भी एक विशाल गौरव की संभावनाएं होती है । हमारी ऊर्जा शरीर के चारों तरफ फॅमिली मेरे में एक और सत्ता होती है जिससे मनो में शरीर के नाम से जाना जाता है, जो हमारे विचारों का मन स्थिति का क्या है? हम अपने आम जीवन में भी ये महसूस करते हैं कि जब भी हम स्वस्थ मानसिकता वाले मनीष केसा लेते हैं तो अच्छा महसूस करते हैं । वहीं जब किसी रूप तनावग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में आने पर हमें उस व्यक्ति से नकारात्मक तथा तनावग्रस्त तरंगों का अनुभव होता है । ऐसा माना जाता है कि हमारे ऊर्जा मई शरीर में ऊर्जा के कई छोटे बडे चक्र यानी केंद्र होते हैं, जो हमारी हर सकारात्मक ही नियंत्रित या विकसित करते हैं । ये ऊर्जा के केंद्र रम्माण में स्थित सार्वभौमिक ऊर्जा को सतत में हमारे शरीर में संचारित करने का कार्य करते रहते हैं । हमारे ऊर्जा चक्र जितने ज्यादा सक्रिय होंगे हम उतने ही ऊर्जावान, सकारात्मक विचारों हूँ एवं हमारी रचनात्मकता की आध्यात्मिकता का स्तर विकास होता रहेगा । इसके विपरीत यदि हमारी ऊर्जा केंद्र ठीक तरह से काम नहीं करेगी, क्या इनमें किसी तरह का अवरोध उत्पन्न हो जाता है तो हम न कराते होता विचारों और कार्यों में पढ सकते हैं जो व्यक्ति तो शारीरिक और मानसिक रूप से रूम बना सकता है । राॅक चौबीस मुख्य छोटे बडे कोड जब चक्रों या महत्वपूर्ण ऊर्जा केंद्र को हाथ किए पर से नियंत्रण करने का अभ्यास जिससे व्यक्ति काफी शांत और ऊर्जावान महसूस करता है । रेकी के प्रयोग से व्यक्ति में रचनात्मकता की वृद्धि होती है । व्यक्ति तनावमुक्त होता है, साथ ही उसके आध्यात्मिक स्तर का विकास होता है । लेकिन कि अभ्यास की विधि इतनी सडक है कि कोई भी व्यक्ति इसे किसी भी स्थिति हैं, किसी भी समय कर सकता है । वे की हमारे पारंपरिक योग, प्राणायाम, ध्यान जैसी विधियों का कैप्टन बिल्कुल नहीं करते, बल्कि रही कि साना को के लिए काफी मददगार सिद्ध हो सकती है बशर्ते आप किसी योग्य ले कि मास्टर द्वारा इसका प्रशिक्षण । आज के युग में जहाँ हम अपनी तनावग्रस्त दिनचर्या को चाहकर भी नियमित नहीं रख पाते हैं । अमेरिकी जैसे सरल एवं असरदार साधना की सख्त जरुरत जो हमारे अंदर ऊर्जा के स्तर को नियंत्रित रखें । राजेश्वर जी ने बताया राजेश जी रेट क्या है ये तो हम जान गए । क्या ये हकलाहट की समस्या पर भी कारगर साबित हूँ? जी बिल्कुल कहा करूँ राजेश्वर जीने का वो कैसे ऍम देखिए एक जापानी तकनीक है, इससे बडी बडी बीमारियों का इलाज होता है । तो ये हकलाहट की समस्या भी क्या चीज है? राजेश्वर जीने का नहीं, आप की बात नहीं समझा । मेरा मतलब आप अपनी जगह पर सही हो परंतु मैं कह रहा हूँ उसको भी समझने की कोशिश करूँ जी कोने का तो क्या कहना चाहते हैं तरह खुलकर बात करो राजेश्वर जीने का जिसमें हकलाहट के विषय को लेकर कह रहा हूँ जो कि एक बीमारी नहीं है बल्कि ये आदत है परन्तु आपकी देखी तो बीमारियों का इलाज करती है । तो फिर इसमें हकलाहट जैसी आदत, छुटकारा काॅल होने का जी मुझे माफ करना । मैं हकलाहट की समस्या के बारे में ज्यादा नहीं जानता परंतु अगर ये आदत है तोरी की बडी से बडी आदत को छुडा सकती है, राजेश्वर जीने का वो कैसे उन्होंने पूछा देखिए एक प्रकार का योग हैं जो कि अप्रत्यक्ष तौर पर व्यक्ति पर मान्य असर करता है और वो आदत को छोड देता है उदाहरण के तौर पर जैसे कि हक लाॅस संबंधित है तो हम उस व्यक्ति के गले से संबंधी रहती करेंगे इससे उसे हकलाहट जैसी समस्या से पानी काफी मदद में इलाज सिंह ने कहा यानि क्या मैं आपसे देखी कि तकनीक सीखकर इसका एक सेंटर खोल सकता हूँ और सेंटर में रेकी के द्वारा सिर्फ हकलाहट की समस्या संबंधी कोर्स करवा सकता हूँ । जी को ने कहा जी बिलकुल आप ऐसा कर सकते हैं । अगर आप देखी को लेकर सिर्फ हकलाहट की समस्या पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं तो इस संभव है देख इसे आप सभी बीमारियों का इलाज कर सकते हैं । राजेश्वर जी ने कहा राजेश्वर जी मुझे और किसी भी बीमारी के इलाज के बारे में नहीं जाना । मुझे सिर्फ हकलाहट की समस्या संबंधी कोनसी करना है और दूसरी बात क्या यह कानूनी तौर पर वैध है जितने का मतलब ऍम मतलब की आपसे देखी के बारे में सीट कर अगर मैं सेंटर खोलता हूँ तो क्या मुझे को चैलेंज तो नहीं करेगा जी । उन्होंने पूछा जी ऐसी कोई बात नहीं है । मेरी देखी का सेंटर एक प्राइवेट लिमिटेड सेंटर है क्योंकि कानूनी तौर पर वैध है और अगर मैं आपको ये सब फोर्स करवाता हूँ तो मैं बकायदा आपको इस संबंधी सर्टिफिकेट दूंगा क्योंकि कानूनी तौर पर मान्य होगा जिससे आप कहीं भी एक ही संबंधी सेंटर हो सकते हैं और एक के द्वारा किसी भी समस्या का समाधान कर सकते हैं । राजेश्वर जी नहीं, ऍम बातें और उनकी रेखी के द्वारा हमारी मदद करने को राजी होने से हमें ये हकलाहट की समस्या संबंधी सेंटर खोलने का राष्ट्र साफ नजर आने लगा । इसके बाद इस विषय को लेकर बहुत तेज तक चर्चा होती रही । अंत में चीकू राजेश्वर सिंह जी से विदा ले और जल्द उनके पास देखी की तकलीफ सीखने आने का वायदा किया । हमारे फॅमिली का सपना अब सपना नहीं रहने वाला था । राजेश्वर सिंह जी के बताए रास्ते पर चलने से सपना पूरा होता दिखाई दे रहा था, परंतु अपनी मंजिल पर पहुंचने के लिए अब बस बाकी पडा बाकी था । हो था पिताजी की सहमती लेना, क्योंकि हम यहाँ तक की यात्रा पिताजी से छिप छिपाकर करते रहे हैं परन्तु आगे की यात्रा करना उनके आगे के बिना संभव नहीं । एक दिन हम दोनों ने हिम्मत करके पिताजी से संबंध में बात की । काफी देर की जद्दोजहद और बहसबाजी के पास पिताजी मान गए । पिताजी आखिरकार मान गए पर हमारे लिए बहुत ही सुनहरा पर था । कुछ पढ के लिए तो हमें यकीन नहीं हो रहा था क्योंकि मेरा मकसद पूरा हो रहा था हैं जिन्होंने राजेश्वर जी के पास जाकर एक क्या कोर्स पूरा करेगा । वापस आकर जल्द ही हमने अपना सपना यानी हकलाहट समस्या को काबू करने के लिए सेंट बोल दिया ऍम खोला था जिससे हमें कोई समस्या नहीं हुई हूँ । हमारे सेंटर बहुत अच्छा और बहुत अलग था क्योंकि यहाँ हम अगला की समस्या को लेकर नए नए प्रयोग करते थे । हम दोनों मिलकर इस समस्या को काबू पानी नहीं नहीं उपाय खोजते । हकलाहट की समस्या को काबू पाने के लिए हम देखिये योग गले संबंधी व्यायाम आत्मविश्वास को बढाने दर को कम करने के संबंधित रही कि अपना हमारे यहाँ आने वाले लोगों में से कोई योग द्वारा ठीक होता तो कोई देखी से किसी को गले संबंधी व्यायाम ठीक है तो किसी को सिर्फ मैं फिर से आराम हो जाऊँ । कुल मिलाकर हम हकलाहट की समस्या को काबू पाने के लिए व्यक्तियों को अलग अलग तकनीकों का प्रयोग करना चाहिए, जो की काफी हद तक कारगर साबित होता था । कुल मिलाकर हम काफी लंबा सफर तय करके अपने मकसद यानी स्टैमरिंग की ओर सेंटर खोलने में कामयाब रहे ।
Sound Engineer
Writer
Voice Artist