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Chapter 9 in Hindi

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AuthorRaj Shrivastava
Chandrakanta Producer : Kuku FM Author : Devaki Nandan Khatri Voiceover Artist : Raj Shrivastava
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बयान नहीं वीरेंद्र सिंह और तेज सिंह बात के बाहर से अपने खेमे की तरफ रवाना हुई । जब खेमें में पहुंचे तो आधी रात भी चुकी थी । मगर तीन सिंह को कब चैन पडता था वीरेंद्र सिंह को पहुंचाकर फिर लौटे और अहमद कि सूरत बनाक रोडसिंह के मकान पर पहुंचे क्रूर सिंह चुनारगढ की तरफ रवाना हो चुका था । जिन आदमी को घर में ही पास सबके लिए छोड दिया था और कहा गया था कि अगर महाराज पूछे तो कह देना बीमार है तो उन लोगों ने एकाएक अहमद को देखा तो ताज्जुब से पूछा कहाँ कहाँ थी अब तक नकली? अहमद ने कहा मैं जहाँ उनके शहर करने के लिए अब लौट कर रहे हैं ये बताओ की क्रूर सिंह कहाँ है । सभी ने उसको पूरा पूरा हाल सुना है और कहा अब चुनारगढ गए हैं तुम भी वही जाती तो अच्छा होता । अहमद ने कहा हाँ मैं भी जाता हूँ आप करना चाहूँगा, सीधे चुनारगढ की पहुंचता हूँ, एक है वहाँ से रवाना हो अपने खेमे में आए और वीरेंद्र सिंह से संभाल का बाकी राधा राम क्या सवेरा होते ही नहीं । हाँ वो कुछ भोजन कार्य सूरत बदल विजयगढ की तरफ रवाना नंगे सिर हाथ पैर ऊपर धूल डाले । रोते पीटते महाराज जयसिंह के दरबार में पहुंच । इनकी हालत देखकर सब हैरान हो गया । महाराज ने मुझ से कहा वो जो काम है और क्या कहता है तेज सिंह ने कहा वो जो मैं क्रूर सिंह का नौकर मेरा नाम रामलाल महाराज से बागी होकर क्रूर सिंह चुनारगढ के राजा के पास चला गया है । मैंने माना गया कि महाराज का नमक खाकर ऐसा नहीं करना चाहिए जिस पर मुझको खूब मारा और जो कुछ मेरे पास था सब छीनी आए । मैं तो बिलकुल टूट गया । एक कौडी भी नहीं बचेगी । अब क्या खाऊंगा घर कैसे पहुंचूंगा? लडके बच्चे तीन बरस की कमाई खोजेंगे । कहेंगे कि राज्य वाणी की क्या कमाए लायेंगे उनको क्या दूंगा? दुआई महाराज की दवाई दुआई बडी मुश्किल से सभी ने उसे चुप कराया । महाराज को बडा गुस्सा आया हूँ मैं दिया क्रूर सिंह कहा है चोपदार खबर लाएगा । बहुत विमान है उठ नहीं सकते रामलाल यानी कि तेजसिंह बोला दुआई महाराज की ये भी उन्हीं की तरफ मिल गया । झूठ बोलता है मुसलमान सब उसके दोस्त है दुआई महाराज खूब तहकीकात की जाए । महाराज ने मुझसे कहा तुम जाकर पता लगाओ कि क्या मामला है । थोडी देर बाद मच्छी वापस आए और बोले महाराज करोड सिंह घर पर नहीं है और घर वाले कुछ बताते नहीं की कहाँ गए? महाराज ने कहा जरूर चुनारगढ गया होगा अच्छा उसके यहाँ किसी प्यार को बुलाओ तो पार्टी ही चोपदार गए और किस्मत के आने को पकडना । महाराज ने पूछा क्रूर सिंह कहाँ है? प्यार देने की पता नहीं दिया । रामलाल ने फिर कहा दुबई महाराज की बिना मार खाया ना बताएगा । महाराज ने मारने का नहीं पडने के पहले ही उस बदनसीब ने बदला दिया कि चुनारगढ गए महाराज जयसिंह को करोड का हाल सुनकर जितना गुस्सा आया बयान के बाहर है । खुद दिया क्रूर सिंह के घर के सब औरत मर्द घंटे भर के अंदर जान बचाकर हमारी सरहद के बाहर हो जाए, उसका मकान लूट लिया जाए । उसकी दौलत में से जितना रुपया अकेला रामलाल खाले जा सके, ले जाए । बाकी सरकारी खजाने में साथ क्या चाहिए? रामलाल अगर नौकरी का बोल करे तो दी जाए । हो पाते कि सबसे पहले रामलाल क्रूर सिंह के घर पहुंचा । महाराज के मन चीजों को मैं तामिल करने गया था । रामलाल ने कहा पहले मुझको रुपये दे दो की उठा ले जाओ और महाराज को आशीर्वाद बस जल्दी दो । मुझे गरीब को मत सता हूँ । मुंशी ने कहा गजब आदमी है इसको अपनी पडी है ठहर जा जल्दी क्यों करता है नकली । रामलाल ने चिल्लाकर कहना शुरू किया तो आई महाराज की मेरे रुपए मुझे नहीं नेता कहता हुआ महाराज की तरफ चला । मुझे का लो लोग जाते कहा हो भाई, पहले इसको ले दो । रामलाल ने कहा हर तेरी की मैं चिल्लाता नहीं तो सभी रुपये डकार जाता हूँ । इस पर सब हंस पडे । मुझे दो हजार रुपये आगे रखवा दिया और कहा ले ले जाओ राम नाली का तो कुछ याद है महाराज ने क्या हुक्म दिया है । इतना तो मेरी जेब में आ जाएगा । मैं उठा के क्या ले जाऊंगा मुझे झुंझला उठा नकली रामलाल को खजाने के संदूक के पास ले जाकर खडा कर दिया और कहा उठा देख कितना उठाता हैं । देखते देखते उसमें दस हजार रुपए सिर पर, बटुए में, कमर में, जेब में यहाँ तक की मूवी में भी कुछ रुपये भर लिया और रास्ता दिया । तब हसने और कहने लगे आज भी नहीं इससे राष्ट्र समझना चाहिए । महाराज के हुक्म की तामील की घर लूट लिया गया औरत मार्ग सभी ने रोते पीटते चुनारगढ का रास्ता तेजसिंह रुपया लिए हुए वीरेंद्र सिंह के पास पहुंचे और बोले आज तो मुनाफा कमा लिए मगर यार माल शैतान का है । इसमें कुछ आप भी मिला दीजिए जिससे पास हो जाए । वीरेंद्र सिंह ने कहा ये तो बताओ कि लाये कहाँ से? उन्होंने सब हाल का । वीरेंद्र सिंह ने कहा जो कुछ मेरे पास यहाँ हैं, मैंने सब दिया । तेज सिंह ने कहा था मगर शर्त ये है कि उससे कम नहीं हूँ क्योंकि आपका भेदभाव से कहीं ज्यादा है । वीरेंद्र सिंह ने कहा तो इस वक्त हासिल हैं । तेज सिंह ने जवाब दिया दमा, सिख लिख तो कुमार हस पडे और उंगली से हीरे की अंगूठी उतारकर दी हुई तेज सिंह ने खुश होकर ले ली और कहा परमेश्वर आपकी हर मुराद पूरी करें । अब हम लोगों को भी यहाँ से अपने घर चले जाना चाहिए क्योंकि अब मैं चुनारगढ जाऊँ । देखो तो शैतान का बच्चा वहाँ क्या बंदोबस्त कर रहा है ।

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Chandrakanta Producer : Kuku FM Author : Devaki Nandan Khatri Voiceover Artist : Raj Shrivastava
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