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नमस्कार मैं वो शिवांग और आप सुन रहे हैं तो कोई ऍम सुने जो मंचा है और ये है इस कहानी का नौवां एपिसोड । तो चलिए शुरुआत करते हैं डॉक्टर मोटवानी के साथ । सेशंस के कारण सारिका की सेहत में बहुत सुधार हुआ था । उस सेवा सपना भी दोबारा नहीं आया था । सारिका को भी लगने लगा था कि वहाँ सब उसके बच्चे को ना रहने से उपजे दुख का ही असर था । डॉक्टर मोटवानी के पास अब हर दस दिन में जाती थी । उन्होंने कई बार ऐसे उपाय बताए जिससे वह अपने आपको खुश प्रशांत रख सकती थी । वैसे उसके स्वस्थ होने में मारिया का भी सहयोग था । उसने अपने बहुत से इच्छा जताई थी कि वहाँ दोबारा ऑफिस आना चाहती है । उन्होंने सारा इंतजाम कर दिया था । कल से ही तरीका को अपने काम पर जाना था । वहाँ अपने कमरे में किसी की तैयारी कर रही थी । उसने कल पहन कर जाने के लिए एक साढे निकली । पीच कलर की या शिफॉन साडी उसे बहुत पसंद थी । उसके बाद उसने साढे के साथ ले जाने के लिए ऍम ये हैंड बाद उसे चेतन ने किया था । सारी तैयारी करने के बाद बहुत चेतन के लौटने की प्रतीक्षा करने लगी । बहुत खुश थी । एक के बाद वहाँ काम पर जाने वाली थी । वहाँ ऑफिस के माहौल के बारे में सोचने लगी । वहाँ एक विज्ञापन एजेंसी में कॉपी राइटर का काम करती थी । सभी एक टीम की तरह काम करते थे । कम के समय सभी पूरी जिम्मेदारी के साथ काम करते थे । फुर्सत में सभी काली आपस में हंसी मजाक करते थे । उन दिनों को याद करके उसके मन में एक हक से उठी । उस हादसे ने उससे उसके बच्चे के साथ साथ बहुत कुछ छीना था । नौ बज गए थे । मारिया ने आकर डिनर के बारे में पूछा । सारिका ने उससे कहा कि वह खाले हाँ, चेतन का इंतजार करेगी । अभी चेतन के लौटने में समय था । सारिका के मन में कुछ पंक्तियां भरी थी । जिनेवा लिखना चाहती थी । वहाँ अपनी नोटबुक डूबने लगी, लेकिन वो नहीं मिली । तभी उसे याद आया कि शाम को वह झूले पर बैठकर लिख रही थी । वहाँ दरवाजा खोलकर बाहर कहीं लाइट चलाई । झूले के पास पहुंची तो नोटबुक वही थी । नोटबुक लेकर जैसे ही पार्टी तो उसे लगा जैसे कि किसी ने झूले को हिलाया हो । वह घबरा गई । डरते हुए उसने पलट कर देखा तो कोई नहीं था । वह दोबारा भीतर आने के लिए पलटी तो उसे जोर से चूचू की आवाज आई । उसने जब झूले की तरफ देखा तो मुझे खेल रहा था । जैसे कोई उस पर बैठकर झूले को हिला रहा हूँ । सारे का भय से जड हो गई । ऍसे चीज भी नहीं निकली । नोट वो उसके हाथ से छूटकर गिर गए । उसके बाद अचानक ही झूले का हिलना बंद हो गया । सारे का डर कर काम रहे थे । पर उसने अपनी सारी शक्ति खट्टा की और मारिया मारिया चलाते हुए अंदर भागी । मारिया अपने कमरे में बैठ कर खाना खा रहे थे । तरीका के चेक सुनकर फौरन उसके कमरे की तरफ भागी । जब मारिया वहां पहुंची तो सारे का फर्श पर बैठी काम रही थी । क्या हुआ मैं । मारिया ने घबराकर पूछा । सारिका ने हकलाते हुए कहा वो वहाँ जुडे के पास कोई है । मारिया ने बाहर झांककर देखा । वहाँ कोई नहीं था । वहाँ कोई नहीं है ना हैं । झूला अपने आप खेल रहा था । फिर अपने आप रुक गया । मारिया ने उसे फर्श से उठाते हुए कहा, चलिए आप बेड पर बैठ जाइए । मैं देखती हूँ । उसने सहारा देकर तरीका को उठाया और बेड पर बिठा दिया । आप घबराइए नहीं, मैं देखती हूँ । मारिया ने बेडरूम की खिडकी का पर्दा हटा दिया । बैठ से झोला दिखाई दे रहा था । मारिया बहुत झूले के पास गए । कुछ क्षण उस पर बैठे । सब कुछ ठीक था । सारे का सब देख रही थी । करीब पांच मिनट ठहरकर मारिया भीतर आ गई । वहाँ नोटबुक भी उठा लाई थी । नोट वो तरीका को देते हुए बोली आपने देखा नाम में झूले पर बैठी पर कुछ नहीं हुआ । हाँ, कोई नहीं है । सारे का असमंजस में थी कि ऐसा कैसे हुआ । उसने खुद झूले को अपने आप खेलते देखा था । उसकी मनोदशा को समझकर मारिया ने तसल्ली दी, आप आराम करिए, मैं यहीं हूँ । मारिया ने खिडकी का पर्दा खींच दिया । बाहर की लाये बुझाकर दरवाजा बंद कर दिया । वहीं कुर्सी पर बैठ गए । सारे का अभी भी पशोपश में थी अपना मन बहलाने के लिए । वह अपनी नोट बुक में से अपनी एक कविता को पडने लगी । पढते हुए अचानक उसे लगा जैसे उसके लिखे शब्द गायब हो गए । उनकी जगह पर खून की तरह लाल स्याही से लिखे शब्द को बढने लगे । मैं बता रही हूँ मेरी मदद करो उन्हें पढते ही । सारिका ने नोट ऍम वह डरकर चिल्लाने लगी । मारिया को कुर्सी पर बैठे बैठे झपकी लग गई थी । तरीका की ठीक से हर बढाकर वहाँ उड । कहीं उसे संभालते हुए बोली क्या हुआ ना? आप डर क्यों रही है? यहाँ कोई नहीं है । सारिका ने नोटबुक की तरफ इशारा कर कहा, उसमें खून से लिखा हुआ है । मारिया ने नोट उठाए, उसके पन्ने उलट पलट कर देखा । सब सामान्य था । तरीका के लिखी कविताओं के अलावा कुछ नहीं था मैं । सब ठीक तो है । सब कुछ तो आपका लिखा हुआ है । खून से कुछ भी नहीं लिखा है । उसने सारिका के सामने एक एक पन्ना खोलकर दिखाया । सारे का एक बार फिर हैरान थी । तभी कॉलबेल बजी । मारिया ने दरवाजा खोला । चेतन ऑफिस से लौटा था । जब वो मेट्रो में आया तो सारिका की हालत देखकर परेशान हो गया । मारिया ने उसे सारी बात बताए । चेतन बहुत दुखी था । उसे लगने लगा था कि सारी का पूरी तरह ठीक हो गए हैं । सारे का कल से ऑफिस जाने वाली है या सुनकर तो वो बहुत ज्यादा खुश था । जिंदगी एक अरसे के बाद फिर पटरी पर आ रही थी, लेकिन अचानक वह फिर शुरू हो गया था । मारिया ने उससे कहा कि वहाँ डिनर कर ले पर उसकी भूख मर चुकी थी । बहुत सारे का के पास बैठा उसका माता फैला रहा था तो दोस्तों अभी के लिए इतना ही बाकी की बातें करेंगे । अगले एपिसोड में आप सुनते रहे तो फॅस सुने जो मंचा है मैं वो शिवांक लेता हूँ विदा
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