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ऍम इस तरह चार साल बीत गए । अंततः सात सेवन शुभचिंतको किसानों से तंग आकर एक दिन पूनम ने किशोर से कहा मुझे आपसे कुछ बात करनी है, हाँ बोलो । किशोर लापता आपको बंद करते हुए कहा क्यों ना हम बेस्ट यू बेबी के लिए वैज्ञानिक पद्धति के सहारे से अपने लिए एक बच्चा लें । पर क्यों? पूनम? क्या तुम मेरे प्यार पर भरोसा नहीं है? या तो भारी लिया मुझसे ज्यादा बच्चा महत्वपूर्ण है, ऐसी बात नहीं । किशोर फिर अचानक हमारे बीच बच्चे की बात क्यों आ रही है? पूनम जब की तुम जानती हूँ की मैं बात नहीं बन सकता जानती हूँ । इसीलिए तो फिर सब कुछ जानते हुए इस तरह से बातें करने का क्या मतलब है? पूनम कहीं तुम मुझे मेरी कमजोरी तो याद नहीं दिला रही हो? किशोर ने कहा नहीं किशोर तो मुझे गलत समझ रहे हो । मैं तो सिर्फ तुमसे चर्चा कर रहे थे पर मुझे तुमसे ऐसी बातों की उम्मीद नहीं थी । पूनम यदि तुम्हें बच्चा ही चाहिए तो चोर दरवाजे से क्यों? तुम चाहो तो किसी और से विभाग कर लो मैं तुम्हें आजाद कर दूंगा । किशोर ने कहा ये तो में क्या के दिया किशोर तुम प्रेम पर ही प्रश्नचिन्ह लगा रहे हो । ये अच्छी बात नहीं है । मेरे प्यार को गाली दी है । तुम्हें पूनम की आंखें भर आई । मैं तुम्हारी आंखों में आंसू नहीं खुशियों का संबंध देखना चाहता हूँ । पूनम जबकि पिछले कुछ दिनों से मैं महसूस कर रहा हूँ । तुम खुश नहीं हो बल्कि खुश देखने की कोशिश कर रही हूँ । मैं तुम से संबंध में बात करने वाला था और देखो तो मैं खुद ही कारण बता दिया तो मुझे फिर से गलत समझ रहे । किशोर हाँ, मुझे दुख है लेकिन दुख मान ही बनता आने का नहीं बल्कि माँ नहीं बनने के तानों से है । तो फिर मैंने कुछ कहा क्या नहीं? किशोर ये बात भी नहीं है । तो फिर वो कौन है जिसके तानों कि तुम्हें परवाह है । पूर्ण बुद्ध बन कर खडी रही इस तरह खामोश है मेरी मुश्किलें मत बढाओ पूनम प्लीज मुझे बताओ कि तुम्हें चोट पहुंचाने की जरूरत किसने की है । कहते हुए किशोर ने पूनम को सीने से लगा लिया । तुम परेशान मत हो, किशोर और मुझे क्षमा करता हूँ । मैंने तो मैं दुःख पहुंचाया । अब से मैं कभी भी बच्चे को लेकर कोई बात नहीं को होगी । मुझे ऐसी कोई बात मंजूर नहीं है जिसके जिक्र होने से तो मैं तकलीफ हो । यह हमारे मन में मुझे खुद से दूर करने की बात आए । आस पडोस क्या कहते हैं? आज के बाद ऐसी बातों को मैं ध्यान नहीं देंगे । तुमसे दो रहती हो ना तो फालतू की बातों पर ध्यान देते रहते हो । नहीं चाहती थी कि माँ बेटी के बीच में कोई दरार आ जाए । इसलिए सच पर पर्दा डाल दिया । सच कह रही हो? किशोर ने पूनम के चेहरे को दोनों हथेलियों से पवित्र गंगाजल की तरह उठाते हुए कहा तो मैं तो मैं छोटी लगती हूँ । आसुओं को पीकर पूर्ण मुस्कुराने लगीं । देखो तो मुस्कुराते हुए कितनी अच्छी लग रही हो, लेकिन मैंने भी सोच लिया है क्या? पूनम ने पूछा यही कि तुम्हारे चेहरे पर इस तरह की झूठी नहीं बल्कि अब सच्ची मुस्कुराहट लाऊंगा । किशोर ने कहा पूनम किशोर की बाहों से अलग होकर उसे प्रश्न भरी निगाहों से ताकने लगी । अरे ऐसा क्यों हो रही हूँ? मैंने सोचा है कि तुम्हें माँ बना ही दो । किशोर ने कहा मतलब मतलब ये मेरी रानी की मेरे ना रहने पर तुम अकेलापन महसूस करती हो । तो मैंने सोचा है कि पूनम अब जल्द ही अशोक की शादी कर देंगे और उसके बच्चे को हम गोद ले लेंगे । किशोर ने कहा अशोक का बच्चा तो अपना ही बच्चा होगा । लेकिन लेकिन क्या? पूनम किशोर ने पूनम को सीने से लगाते हुए अपने सवाल का खुद ही जवाब देते हुए कहा, हम एक दूसरे से प्यार करते हैं इसलिए शादी की है । बाकी सब बातें मेरे लिए कोई मायने नहीं रखती है । मरते दम तक सिर्फ तो में ही चाहूंगा । मारे तुम्हारे दुश्मन पूनम किशोर पर अपनी पकड मजबूत करते हुए कहा, मरने की बात की जुबान पर लाते हो । ठीके बाबा आपसे नहीं कहूँगा लेकिन तुम भी वादा करो कि बच्चे को लेकर बेकार में परेशान नहीं होगी । जब हमें पता है कि बच्चा नहीं होगा तो ना हो । हाँ, यदि माँ कुछ कहती है तो मुझे बताओ मैं उनसे बात कर लूंगा । किशोर ने कहा नहीं माँ की बात नहीं है पर लोगों का वो कैसे बंद करेंगे । उन्होंने कहा मैं लोगों की परवाह नहीं करता । पूनम हमारे परिवार वालों को कोई परेशानी होगी तो मैं बात कर लूंगा । ठीक है ठीक है तुम तैयार हो जाओ में नीचे जाकर नाश्ता बना लेती हूँ । पूनम ने कहा मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही है । मेरे रिलेटिव चिंता कर दो । माँ के साथ तुम नाश्ता कर लेना । किशोर ने कहा ठीक है कहते हुए पूनम नीचे चली गई
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