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छह साल पहले दो हजार तेरह महानगर कॉलोनी लखनऊ उस वक्त रात के ग्यारह बजे हुए थे जब जावेद कि मारूति एट हंड्रेड उसके घर के अंदर कोर्च में आकर रुकी । गाडी से उतरकर उसने मेन गेट बंद किया और अंदर पहुंचा । हॉल में उसे सोफे पर बैठे उसकी बीवी सरीना और छह साल की बेटी फलक दिखाई दी । सरीना ने उसे देखते ही नजर दीवार घडी पर डाली और फिर नजरें वापस टीवी पर डाली । हालांकि उसे देखते ही फलक सोफे पर से होते हुए जावेद की तरफ थोडी गरीब गरीब मेरी वो आपने अब बाकी गले आ लगी मेरी प्यारी बच्चे । जावेद उसे गोद में लेकर गालों को चूमते हुए बोला गहरी मिला मिला मिला तो बंद हो गया । मेरी जान पर डैडी अपनी जान के लिए कुछ लेकर आए हैं ऍम वह स्वच्छंद भाव से सोफे पर चढकर कूदने लगी । जावेद ने पीठ से बैग उतारा और उसमें से गुडिया निकली । फल अपने खुशी से किलकारी मारते हुए गुडिया थाम ली । मेजर साहब सरीना तुनक कर बोली छह बज गए । जावेद से कुछ बोलते ना बना । वह सोफे पर बैठ गया और सरीना के कंधे पर बाहर रखने की कोशिश कर रहा था कि उसने उसका हाथ परे धकेल दिया । सॉरी अचानक ही नया कैसा गया? हाँ तो पूरी सीक्रेट सर्विस में आप तो अकेले ही एजेंट है ना । जावेद फलक को देखने लगा । हफ्ते में एक ही दिन होता है छुट्टी का और जब वो दिन भी ऑफिस में ही बिताना पसंद करते हैं । अरे मैं निकली रहता पर चीफ ने अरे मुझे ना सही अपनी बच्ची को तो वक्त दीजिए सिर्फ खिलाने देकर कब तक उसे खुश करते रहेंगे । अरे बाबा, कल नेट चला जाऊंगा, सुबह चलेंगे मिला सुबह कौन मिला जाता मुझे नहीं जाना । अरे बाबा फलक के स्कूल से वापस आने के बाद जहाँ बोलो चलेंगे हूँ । सरीना ने मुझे फिर लिया और फिर रिमोट सोफे पर पटक कर उठ खडी हुई खाना खाएंगे वो भी ऑफिस में ही हो गया । ऐसा कभी हुआ है रहने दीजिए । बहुत बार हो चुका है । आपकी यादाश्त उम्र के साथ कमजोर हो रही है । किचन की तरफ बढते हुए वो गुस्से में भुन बुलाया जा रही थी । जावेद ने जवाब नहीं दिया और फलक के साथ खेलने लगा । ऍम क्या मैं स्कूटियां को प्लेन में ले जा सकती हूँ? था बिल्कुल फॅमिली नानु की यहाँ जब हम जाएंगे तो मैं अपने सारे खिलोने ले जाउंगी । सारे नहीं बच्चा प्लेन में थोडा थोडा सामान ही ले जा सकते हैं । ऍम होता है उसमें तो बहुत जगह होती है । वो हाथ फैलाकर सोफे पर घुटनों के बल खडे होते हुए बोली जावेद उसकी नानी पर मुस्कुरा दिया और उसमें बहुत सारे लोग जाते हैं ना और प्लेन की मशीन भी बहुत बडी बडी होती है तो जगह कम बचती है । फलक गंभीर मुद्रा में सोचने लगी फिर मैं कौनसे खिलोने ले जाऊँ । अपनी बेस्ट खिलानी बनी वाले बैग में रख लेना । उसमें जितने भी आ जाए बहुत के वह प्रफुल्लित होते हुए सीढियों की तरफ भागी जो दूसरी मंजिल में उसके कमरे की ओर जाती थी । जावेद ने रिमोट उठाया और टीवी पर चैनल बदलने लगा । न्यूज चैनल पर आकर वो रुका । पिछले महीने मलेशिया के गायब हुए प्लेन को लेकर अभी तक न्यूज में काफी सरगर्मी थी । काफी खोजबीन के बाद अभी तक उस प्लेन का कुछ पता नहीं चला था । कई लोग अपनी अपनी थ्योरी दे रहे थे । कोई से हाईजैकिंग का मामला करार दे रहा था तो कोई ऍम का । कुछ लोगों का ये भी मानना था कि प्लेन किसी वैज्ञानिक फिनॉमिना के चलते गायब हो गया । फिलहाल न्यूज पर कहा जा रहा था मलेशिया की गैर हुई फ्लाइट फाइव फोर जीरो को लेकर फिलीपींस के एक साइंटिस्ट का दावा है कि प्लेन टाइम टेबल के एक्सपेरिमेंट का शिकार हुआ है । आई आपको दिखाते हैं उनका क्या कहना है । फिर स्क्रीन पर एक इमारत के बाहर चश्मा लगाए एक बूढा एशियन एक रिपोर्टर के साथ दिखाई दिए । वह फिलिपीनो में बोल रहा था जिसका हिंदी अनुवाद सबटाइटल्स में लेकर आ रहा था । लेकिन मैं आप से पूछना चाहता हूँ कि टाइम ट्रैवल मुमकिन है और मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर आज की तारीख में कोई इस मुकाम तक पहुंच चुका हो और अब उसे मुमकिन कर दिखाया पर अगर प्लेन टाइम टेबल के चक्कर में फंस गया है तो उसके कुछ अवशेष कैसे मिल रहे हैं? रिपोर्टर ने पूछा, देखिए, टाइम ट्रेवल के लिए प्लेन किसी चक्रवात के सामने तेजी से घूमा होगा जिससे ऐसा होना संभव है । पर कोई प्लेन जैसी चीज के साथ ही अपना एक्सपेरिमेंट क्यों करेगा? ये तो उसके ऊपर है, उसके उपकरण के ऊपर है । शायद हवा में उडती चीज पर ऐसा करना आसान होगा । छोटे लेवल पर शायद वो पहले ही टेस्ट कर चुका होगा । अच्छा कुछ लोग कह रहे हैं कि इंडियंस का काम है । मुस्कुराकर बोला बिलियंस दरअसल कोई और नहीं हम इंसानों का ही भविष्य का रूप है । आज से लाखों साल बाद जब इंसान एवॉलूशन के चलते बदल चुका होगा तो क्या मुमकिन है कि इंडियंस का ही काम है । फिर अचानक उसने रिपोर्टर से विदा ली और अपनी कार की तरफ पड गया ।