Made with in India
नमस्कार मैं वो शिवांक और आप सुन रहे हैं कोई ऍम सुने जो मंचा है और ये है इस कहानी का सोलवां एपिसोड । तो चलिए शुरुआत करते हैं । डॉक्टर अम्मानन अपने सहायक अशोक के साथ भुवन जिला का मुआयना कर रहे थे । चेतन और सारे का भी उनके साथ थे । डॉक्टर ब्रह्मानंद ने कहा या घर तो सच में बहुत सुंदर है पर मैं यहाँ एक अतिरिक्त आत्मा के उपस् थिति होने का अनुभव कर रहा हूँ । उनकी बात सुनकर सारिका बोली जी सर तो फिर आप उस आत्मा से संपर्क कर पूछे कि वह क्या चाहती है । सारे का जी मैं इसी काम के लिए आया हूँ किन्तु ये संध्याकाल है । सही समय नहीं है । मध्यरात्रि यानी रात के बारह बजे से तीन बजे के बीच ऐसी आत्माओं से सही प्रकार से संपर्क किया जा सकता है । उसी समय मैं उस आत्मा से संपर्क करूंगा । सब लोग अंदर हॉल में जाकर बैठ गए । सारे का अपने साथ खाने का सामान लेकर आए थे । सभी नाश्ता करने लगे । नाश्ते के बाद चेतन ने डॉक्टर धर्मानंद से पूछा, सर एक बात बहुत देर से मेरे दिमाग में घूम रही है । आपके कार्यक्षेत्र को पराविज्ञान कहा जाता है, किन्तु विज्ञान तो आत्मा भूत प्रेत वगैरा में विश्वास नहीं करता है । डॉक्टर धर्मानंद हल्के से मुस्कुराए फिर समझाते हुए कहा, चेतन जी बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो विज्ञान के दायरे से बाहर हैं किन्तु उनका अस्तित्व है । इनमें से अधिकांश हमारे व्यक्तिगत अनुभव पर निर्भर करती है । देखिए, जब तक आप ने स्वयं अनुभव नहीं किया तब तक आप को भी लगता था की आपकी पत्नी सारे का जो कह रही है, वहाँ उसका बहन है । उस की बीमारी के कारण ऐसा हो रहा है । लेकिन अब आप स्वयं मानते हैं कि इस घर में एक आत्मा है । चेतन को डॉक्टर धर्मानंद की बात समझ में आ गई । उनकी बात सुनकर सारे का कुछ सोच कर बोली सर, आत्मा का अस्तित्व है या तो हमने अनुभव किया है पर ये आत्मा होती क्या है? डॉक्टर हम आनन्द सारिका का प्रश्न सुनकर बोले, अच्छा प्रश्न किया आपने? दरअसल लोगों की इस विषय में जानकारी बहुत कम है । जो है वह भी पश्चिम के डरावनी फिल्मों से आधारित है । आत्मा क्या है? समझने के लिए हमें हमारे प्राचीन ग्रंथों का सहारा लेना पडेगा । मैं आपको आत्मा के विषय में बताऊँ, इससे पहले आप मेरे प्रश्न का उत्तर दीजिए । डॉक्टर अम्मानन की बात सुनकर सारिका कुछ उलझन में पड गए । पर संभलकर बोली जी पूछिए बहुत विज्ञान में । पूर्जा हाँ, अंग्रेजी में एनर्जी क्या है? जी एनर्जी का मतलब है वह शक्ति जो बदलाव को जन्म देती है, जो सभी वस्तुओं को गतिमान बनाती है या एक वस्तु से दूसरी वस्तु में जा सकती है । लेकिन इससे न तो पैदा कर सकते हैं और ना इसे नष्ट कर सकते हैं । बहुत अच्छी तरह समझाया आपने भगवत गीता में आत्मा की व्याख्या भी कुछ इसी प्रकार की गई है । आत्मा वहाँ शक्ति है जो परमात्मा का है या जन्म नहीं लेती है, ना ही किसी तरह से इसे नष्ट कर सकते हैं । आत्मा को कर्म करने के लिए माध्यम के रूप में शरीर की आवश्यकता होती है या शरीर कर्म के अनुसार किसी भी जीव जंतु, पक्षी या मनुष्य का हो सकता है । जब तक आत्मा अपने कर्मों के फल से पूरी तरह मुक्त नहीं हो जाती है तब तक वहाँ एक शरीर से दूसरे शरीर में प्रवेश करती रहती है । कर्मों का हिसाब चुकता हो जाने पर आत्मा परमगति को प्राप्त हो जाती है अर्थात बार बार डेढ बदलने के उपक्रम से मुक्त होकर परमात्मा में लीन हो जाती है । चेतन और सारे का कुछ से इन सब चीजों को समझने की कोशिश करते रहे । उसके बाद चेतन ने पूछा, इसका मतलब ये हुआ की एक शरीर को नष्ट होने पर आत्मा दूसरे शरीर में चली जाती है तो फिर ऐसा होता है कि कुछ आत्माएं भटक जाती हैं, वहाँ क्यों नहीं दूसरा शरीर धारण करती है । डॉक्टर धर्मानंद चेतन की बात का जवाब देने ही जा रहे थे । तभी उनके मोबाइल पर किसी का फोन आ गया । इस प्रश्न का उत्तर मेरे सहायक अशोक देंगे । डॉक्टर धर्मानंद बाहर चले गए अशोक चेतन के सवाल का जवाब देते हुए बोला चेतन जी! आत्मा आसानी से एक जीवन से दूसरे में प्रवेश कर सके । इसके लिए की मृत्यु के बाद कुछ संस्कार होते हैं जिनमें पहला है मृतक की दे का दाहसंस्कार । उसके पश्चात भी अन्य कई संस्कार होते हैं । किन्तु कभी कभी जब मृतक के अंतिम संस्कार सही प्रकार से नहीं होते हैं तो आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती है । इसके अलावा यह भी हो सकता है की मृत्यु से पहले व्यक्ति की कोई उत्कट इच्छा अधूरी रह जाए । क्या मरते समय वह किसी के मुँह में फसा हो तो भी आत्मा भटक चाहती है । अशोक ने चेतन के प्रश्न का उत्तर दिया । तभी डॉक्टर हम आनन्द भी बात खत्म कर के अंदर आ गए । आशा है कि आपको संतोषजनक जवाब मिल गया होगा । मेरी सलाह है क्योंकि हमें रात में जानना है तो हम सब अभी आराम करने । डॉक्टर हम आनन्द की बात मानकर सब आराम करने चले गए तो दोस्त हूँ अभी के लिए इतना ही बाकी की बातें करेंगे । अगले एपिसोड में आप सुनते रहे तो फॅस सुने जो मंचा है मैं वो शिवांक लेता हूँ विदा
Writer
Voice Artist