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नमस्कार मैं वो शिवांग और आप सुन रहे हैं तो कोई ऍम सुने जो मन चाहे है और ये है इस कहानी का पंद्रह हाँ एपिसोड । तो चलिए शुरुआत करते हैं चेतन तरीका भूवन मिला छोडकर वापस फ्लैट में आ गए । दोनों इस बात से बहुत दुखी थे । खासकर चेतन के मन में एक उदासी सी थी । कितना खुश होता हूँ कि उसने सारिका की इच्छा पूरी की थी । पर अपने घर में वह कुछ ही महीने रह पाए । उन्हें वापस किराये के मकान में आना पडा । चेतन को अफसोस था की वो लोग अपने ड्रीम हाउस में रह नहीं सके । धीरे धीरे चीजें सामान्य होने लगी थी । सारे का दोबारा ऑफिस जाने के बारे में सोचने लगी । लेकिन एक रात सारे का और चेतन दोनों को ही सपने में नाइट सूट पहने एक लडकी देखी । बालों से उसका चेहरा ढका था । वह हो रही थी । रोते हुए उसने हाथ जोड दिए । अगले दिन उन लोगों ने आपस में वो सपने के बारे में बात की । दोनों को इस बात का यकीन था यहाँ धोवन विला वाली आती है । जो हाथ जोडकर उनसे कोई व्यक्ति कर रहे थे शायद उन से कोई मदद चाहती है । चेतन चाहता था कि भवन मिला को उस आत्मा की उपस्थिति से मुक्त कराया जाए । यदि यहाँ पता चल जाए कि वहाँ उन लोगों से क्या कहना चाहती है तो उसकी सहायता कर भुवन विला को उस से मुक्त कराया जा सकता है । इसलिए बहुत किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश कर रहा था जो आत्मा से संपर्क कर सके । ऐसा व्यक्ति जो क्षेत्र का विद्वान हो हडबडी में वह किसी ऐसे व्यक्ति के चंगुल में नहीं फंसना चाहता था जो केवल पैसों के लालच में यह काम करता हूँ । उसके एक दोस्त ने उसे एक ऐसे ही व्यक्ति के बारे में बताया जो इस क्षेत्र के माने हुए विद्वानों में से एक थे । डॉक्टर ब्रह्मानंद स्वरूप पराविज्ञान के जाने माने विद्वान थे । अमेरिका के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में किस विषय में शोध किया था? अपने अनुभवों को उन्होंने एक पुस्तक में लिखा था जो इस विषय की सबसे प्रमाणित वप्रसिद्ध किताब थी । भारत लौटकर डॉक्टर हम आनंद ने इस विषय में जागरूकता बढाने के लिए पराशक्ति साधना नामक एक संस्था की स्थापना की । इस संस्था में देश विदेश के कई लोग पराविज्ञान विषय का अध्ययन करने आते थे । डॉक्टर अम्मानन किसी संस्था में निवास करते थे या संस्था करीब पचास किलोमीटर दूर शहर के बाहर यशोधरा नगर नामक गांव में स्थित थी । लंबी यात्रा के बाद चेतन जब वहां पहुंचा तो उसे पता चला कि डॉक्टर ब्रह्मानंद किसी आवश्यक काम से बाहर गए हैं । उनके सहयोगी अशोक ने चाय का प्याला चेतन की तरफ बढाते हुए कहा, माफ कीजिएगा चेतन जी, आपसे मुलाकात का समय तय था किन्तु सर को विशेष काम से जाना पडा किन्तु वह मुझे आदेश दे गए हैं की आपको कोई तकलीफ हो । आप मेहमानों के कक्ष में आराम कीजिए । किसी भी वस्तु की आवश्यकता हो तो निसंकोच कहियेगा सर दोपहर तक लौट आएंगे । चाय पीने के बाद अशोक चेतन को मेहमानों के कमरे में ले गया । चेतन थका हुआ था इसलिए कमरे में जाकर आराम करने लगा । उसके मन में कई प्रकार के विचार उमड रहे थे । वैसे तो यहाँ आने से पहले उसने इंटरनेट पर डॉक्टर रमानंद के विषय में सारी जानकारी जुटा ली थी । ईमेल के माध्यम से अपनी समस्या भी उन्हें समझा दी थी । फिर भी उसे लग रहा था की पता नहीं उसका काम हो पाएगा या नहीं । न जाने आत्मा उन लोगों से क्या चाहती है, वहाँ उसके इच्छा पूरी कर पाएंगे या नहीं । दोपहर में अशोक ने आकर सूचना दी डॉक्टर हम आनन्द उससे मिलना चाहते हैं । बहुत चेतन को उनके कक्ष में ले गया । चेतन जी जूते बाहर उतारकर फिर कमरे में जाएगा । चेतन अपने जूते बाहर उतारकर कमरे के भीतर चला गया । कमरे की एक दीवार पर बडा सा होम चित्र था । उसी के सामने एक चौकी पर डॉक्टर धर्मानंद पांच ही मार कर बैठे थे । सफेद धोती कुर्ता, गले में रुद्राक्ष शिमाला या सब उनके व्यक्तित्व को प्रभावशाली बना रहा था । वैसे तो उनकी उम्र बावन साल थी किन्तु चेहरे का तेज बता रहा था कि चालीस साल से अधिक के नहीं है । चेतन ने उन्हें आदरपूर्वक नमस्कार क्या पास पडी । दूसरी चौकी की तरफ इशारा करते हुए डॉक्टर हम आनंद ने उसे बैठने को कहा । चेतन भी चौकी पर पार्टी मार कर बैठ गया । हालांकि जीत में पार्टी मारकर बैठना थोडा मुश्किल लग रहा था । आपको प्रतीक्षा करनी पडी इसके लिए क्षमा चाहूँगा । चेतन ने विनम्रता से हाथ जोड दिया । आपने आपने ईमेल में सारी बातें विस्तार से बताए थे तो फिर भी मैं कुछ प्रश्न पूछना चाहूंगा । यह पूछे क्या आपने भुवन जिला में प्रवेश से पूर्व कोई पूजा वगैरा करवाई थी? जी हमने कोई पूजा वगैरा नहीं करवाए थे हूँ । पहली बार घर के किस हिस्से में आपकी पत्नी को किसी के होने का एहसास हुआ । सर हमारे बैकयार्ड में हरसिंगार का एक पेड है । वहीं पर पत्थर की एक बेंच है । सारे का मेरी पत्नी को लिखने का शौक है । एक दिन फुर्सत मिलने पर अपनी नोटबुक लेकर उस बेंच पर जाकर बैठ गई किन्तु उसकी आंख लग गई । तब उसने सपने में देखा कि कोई जवान लडकी एक अंधेरी तंग जगह में कैद रो रही है । उसके बाद आपकी पत्नी को उसी रात दोबारा वैसा ही सपना आया । जी सर, तब घर में बिल्कुल अकेली थी । उस दिन मैं देर से घर आया था । मेरी राह देखते हुए वस्तु पेपर्स हो गए । तब उसे दोबारा वही सपना आया । मैंने आपको बताया था कि दुर्घटना में हमारी संतान सारिका के गर्व में ही मर गयी । उसका अपना जीवन बडी मुश्किल से बच्चा डॉक्टर के मुताबिक बहुत दोबारा मान नहीं बन सकती थी । इसका सारिका को गहरा सदमा लगा । मनोचिकित्सक डॉक्टर मोटवानी के इलाज से वहाँ स्वस्थ हो पाई । उसकी खुशी के लिए ही मैंने उसे उसका ड्रीम हाउस खरीद कर दिया । लेकिन उसमें भी बहुत सुख से नहीं रह सकी । चेतन जी क्या आपको कभी लगा कि वहाँ आत्मा आप लोगों को साहित करना चाहती है? कुछ पल सोचकर चेतन ने कहा, सर, ऐसा तो कभी नहीं लगा कि वहाँ आत्मा हमें कोई नुकसान पहुंचाना चाहती है । हर बार उसने केवल अपने होने का एहसास ही कराया है । शायद हम से कुछ कहना चाहती है लेकिन कह नहीं पा रही है । इसलिए मैं आपके पास आया हूँ । आप प्लीज हमारी मदद कीजिए ताकि हम उसके मन की बात जान सकें । डॉक्टर हम आनंद ने उसे आश्वासन दिया । केवा जल्द ही उनकी समस्या का निवारण करने आएंगे । अभी मुझे पास के गांव में एक सज्जन के घर को एक आत्मा से मुक्त कराना है । आज उसी सिलसिले में मैं बाहर गया था । इस प्रक्रिया में न जाने कितना समय लगे । वहाँ का काम पूरा होते ही मैं आपको अपने आने की सूचना दूंगा । जब मैं हूँ तो आपको और आपकी पत्नी को भुवन मिला में ही रहना पडेगा । जी सर चेतन विदा होने के लिए खडा हो गया । डॉक्टर हम आनंद ने उससे कहा, दोपहर के भोजन का समय हो गया है । आप भोजन करके ही निकले । डॉक्टर धर्मानंद के कहने पर चेतन ने उनके साथ भोजन किया । खाने के बाद वह कुछ देर संस्था में रुका । वहाँ उसने संस्था में अध्ययनरत कुछ लोगों से बात की । सभी का कहना था कि वह अपनी समस्या लेकर सही व्यक्ति के पास आए हैं । डॉक्टर धर्मानंद ने कई घरों को ऐसी आत्माओं से मुक्त कराया है । आश्वस्त होकर वापस घर की तरफ चल दिया तो दोस्त हूँ अभी के लिए इतना ही बाकी की बातें करेंगे । अगले एपिसोड में आप सुनते रहे तो ऍम सुने जो मंचा है मैं वो शिवांग लेता हूँ मेदा
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