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Chapter 14 in Hindi

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AuthorNitin Sharma
अंतर्द्वंद्व जावेद अमर जॉन के पिछले उपन्यास ‘मास्टरमाइंड' का सीक्वल है। मास्टरमाइंड की कहानी अपने आप में सम्पूर्ण अवश्य थी पर उसकी विषय-वस्तु जो जटिलता लिये थी उसे न्याय देने के लिये एक वृहद कहानी की आवश्यकता थी और प्रस्तुत उपन्यास उसी आवश्यकता को पूर्ण करने हेतु लिखा गया है। writer: शुभानंद Author : Shubhanand Voiceover Artist : RJ Hemant
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तेईस मार्च दो हजार फ्लाइट तीन सौ एक अरब सागर का वायुमंडल फ्लाइट को अपने निर्धारित पद से मुझे हुए एक घंटा हो गया था । प्लेन के पैसेंजर्स परेशान होने लगी थी । कई लोग अपनी सीटों से खडे हो गए थे और कुछ अब कॉपरेट के पास पहुंच गए थे । उन्हें अभी अज्ञात हो गया था कि कॉकपिट के अंदर कोई नहीं जा पा रहा । फ्लाइट अटेंडेंट्स अब उन्हें समझाने बुझाने में असफल हो रहे थे । जब खुद ही इन परिस्थितियों से आशक्त थे तो दूसरों को कब तक समझाते हैं । फिर भी वह प्रयास कर रहे थे सर, कभी कभी ऐसा होता है । एयर, करंट, चक्रवात जैसी चीजों से प्लेन को अपनी दिशा बदलनी पडती है । आप लोग तीस अपनी सीट पर बैठ जाएगा । कुछ ही देर में प्लेन अपनी सही दिशा में पडेगा । अब देखेगा बिना बोले जा रही थी ऍम वो सब ही जाएगा । वो बिजनेसमैन बोला जिसने प्लेन के मोडने पर सबसे पहले आशंका जताई थी । पर पायलट कोई अनाउंसमेंट क्यों नहीं कर रहे हैं? आप लोगों से बात क्यों नहीं कर रहे? इतनी सी बात तो फ्लाइट में तुरंत बता दी जाती है । सर! कभी कभी कम्युनिकेशन फेलियर हो जाता है । अरे तो आप कॉकपिट के अंदर जाकर क्यों नहीं पूछते? दरवाजा नहीं खुल रहा है । कुछ प्रॉब्लम है सर । दूसरी एयर होस्टेस ने नर्वस भाव से कहा ये तो हद हो गयी । वो एक सहयात्री की तरफ देखते हुए बोला सारी प्रॉब्लम्स एक साथ हो रही है और ऐसा कहीं होता है । एक दूसरा गंजा आदमी अपनी पतली आवाज में बोलने लगा मैं नाम हमें जानना है, चल कराया है । कहीं प्लेन हाईजैक तो नहीं किया जा रहा है । बस उसके मुंह से हाईजैक शब्द निकला नहीं कि लोगों में दहशत की लहर दौड गई । हाईजेक ओ माई गॉड बिजनेस क्लास में एक अधेड विदेशी महिला, जो अभी तक इत्मीनान से बैठी मैग्जीन पड रही थी, उसके मुंह से चित्कार निकली । पल भर में हाईजैक शब्द जंगल की आपकी तरह प्लेन के बिजनेस क्लास इकनॉमिक क्लास की अंतिम पंक्ति तक पहुंच गया । यात्री जो अभी तक सिर्फ हैरान परेशान थे, अब सहम गए थे । आप कुछ भी क्यों कह रहे हैं बिना बोलिए प्लीज इस तरह बाकी पैसेंजर्स को डरा । ये नहीं रिक्वेस्ट यू सर, अभी कमाल करते हैं । तीन हाईजैक हो रहा होता तो कोई हाईजैकर दिखाई तो देते । स्टीवर्ट ने कहा अमेरिका पता ये प्लान किसका है? पायलट का भी हो सकता है । अरे भाई साहब, मुझे तो लगता है ये पूरा स्टाफ मिला हुआ है । गंजा फिर से अपनी पतली आवाज में बोला । तभी एक वरिष्ठ आदमी उठा और सभी को शांत रहने का इशारा करते हुए बोला प्लीज आप लोग शांत हो जाइए, ऐसा कभी नहीं होता है । आपने कभी देखा है कि एयर प्लेन का स्टाफ प्लेन हाईजैक करें और सर जी कुछ पता भी तो लगे । ऐसा कैसे? कोई कुछ बता नहीं पा रहा है । लेना जाने का थोडा जा रहा है । बिजनेस मैन बोला इधर सरीना भी अन्य यात्रियों की तरह खौफ ज्यादा थी । मोहसिन और फलक सामने लगी स्क्रीन में कार्टून वीडियो देखते हुए हस रहे थे चुका हूँ सरिना झुंझलाते हुए जी जी क्यों रही हो? मोहसीन बोला कुछ नहीं हुआ है लेकिन हवा में उडने के लिए ही तो बनाया है । कभी तो लेफ्ट राइट होगा पर इतना शोर शराबा की हो रहा है । कोई कह रहा है कि प्लेन हाईजैक हो गया । वो ऐसा और कोई आए जाकर तो नहीं दिख रहा । याला शहर रखना वहाँ के बंद कर बढ बनाने लगे । आप ने कहा कि परेशान हो रही हैं । मैं देख कर आता हूँ । वो उठने की कोशिश करते हुए बोला चुपचाप बैठ रही है । सरीना ने उसे डांटा । कॉकपिट के बाहर का माहौल बिगडता जा रहा था । कई पैसेंजर्स उठ खडे हुए थे । इकनॉमी सेक्शन से भी कुछ लोग उस तरफ आ गए थे । प्लेन का स्टाफ अब उनको संयमित रख पाने में असफल हो रहा था । स्टीवन जिसका नाम रोहित था, उसके पसीने छूटने लगे थे कि तभी वो चौका कॉकपिट के दरवाजे के पास लगे । स्पीकर से आवाज आई, रोहित उसकी तरफ आकर्षित हुआ । साफ साफ ऍम कैप्टन रोहित डिसाइड बोलिए, क्या हो गया था हम कब से दरवाजा खोलने की कोशिश कर रहे हैं? मैं जब भी वह कोशिश कर रहे हैं और कुछ भी फंक्शन काम नहीं कर रहा है । दरअसल ऐसा लग रहा है कि पूरा प्लेन किसी और के कंट्रोल में है । ये ये आप क्या बोल ऍम, ऐसा कैसे हो सकता है? क्या पैर कंट्रोलर से भी संपर्क नहीं कर पा रहे हैं? कुछ भी काम नहीं कर रहा तुम प्लीज और अचानक विक्रम की आवाज आनी बंद हो गई । स्पीकर पर सन्नाटा छा गया हूँ । ऍम रोहित स्पीकर पर हाथ मारते हुए ठीक है । विक्रम की आवाज सारे स्टार्स के साथ कुछ पैसेंजर्स को भी सुनाई दी थी । ये सब साजिश है । गंजा व्यक्ति बोला ऐसा कैसे हो सकता है? सुरज फॅमिली कोई टेक्निकल प्रॉब्लम है । टीना बोली हम शोर कुछ ही देर में सब कंट्रोल में होगा । अरे मैडम, तभी बिजनेस क्लास का एक पैसेंजर बोला ऍम सब उसकी तरफ बडे । वो अपनी सीट पर आराम से बैठा हुआ था । उसने पोलो शर्ट पहनी हुई थी, जो उसके कसरती बदन पर खूब फब रही थी । उसके गेहूँ चेहरे पर फ्रेंचकट दाढी थी और उसकी आंखों पर काली फ्रेम का चश्मा था । वो बोला ये इलेक्ट्रॉनिक हाईजैकिंग हो सकती है । किसी ने प्लेन के सॉफ्टवेयर को हैक कर लिया है सर, प्लीज जैनी नामक दूसरी एयर होस्टेस बोली इस तरह वही ना फैलाएं । ऐसा पॉसिबल नहीं है । बिल्कुल पहुंॅच । मैं एक सॉफ्टवेयर कंपनी का मालिक हूँ । ऍफ आॅल राइट । विदेशी महिला बोले आॅड सबसे ज्यादा बोलने वाला बिजनेसमैन जिसका नाम अरुण खुराना था, वो सभी बिजनेस क्लास वालों पर बारी बारी से नजर डालने लगा । फिर वो आगे बढकर उस लडके के पास पहुंचा जो खिडकी वाली सीट पर बैठा निरंतर अपने लेपटॉप पर लगा हुआ था । उसमें सिर पर अपनी जैकेट का हो डाला हुआ था । एक क्योंकि उसकी सीट के पास आकर बोला क्या कर रहे हो? लडके के हाथ की बोर्ड पर रुक गए । उसने चौंककर उसकी तरफ देखा । लडकी की दाढी मुझे बढी हुई थी । उसकी आंखों में थकान साफ दिखाई दे रही थी । फिर तुम कर क्या रहे हो? अरुण ने फिर से पूछा काम कर रहा हूँ । डाॅ । उसने हाथ फैलाते हुए पूछा प्लेन में इतनी अफरा तफरी मची हुई है । प्लेन शायद हाईजैक हो गया है । न्यू तो क्या मैं भी खडा होकर चीखने चिल्लाने लगेंगे । नॉट नेसेसरी पर कोई ऐसे माहौल में काम कैसे कर सकता है? तब तक वहाँ वो सॉफ्टवेयर कंपनी का मालिक भी पहुंचा । उसका नाम अब्दुल था । ऍम क्या मैं तुम्हारा लेपटॉप देख सकता हूँ । उसने अपना चश्मा एडजस्ट करते हुए पूछा ऍम, मेरी कंपनी का लेपटॉप है और मैं कॉन्फिडेंशल कोर्ट पर काम कर रहा हूँ । मैं ऐसे नहीं दिखा सकता हूँ । अरुण बोला ॅ नॉर्मल हालत नहीं, पर नहीं क्यों ऍम बारी बारी चल कीजिए । जरूर देखेंगे । पहले आपको लग रहा मैं यहाँ से बैठकर प्रेम को आइडिया करूँ ऍम यहाँ बिना किसी नेटवर्क के मैं कैसे प्रेम के सिस्टम में घुस सकता हूँ? पॉसिबल है अगर पहले से पूरी प्लानिंग के साथ आया जाए । अब्दुल ने कहा ऍम, मैं अपना लेपटॉप नहीं दिखाऊंगा । अरुण और अब्दुल उसे घुटने लगे । फिर अचानक अब्दुल उस पर झपट पडा । दोनों के बीच लेपटॉप को लेकर छीना झपटी होने लगी । दो और पैसेंजर्स अब्दुल को लेपटॉप छीनने में सहायता करने लगे । फिर वो अब्दुल के हाथों में था । वो उसने गाली दी, फिर निश्चिंत स्वर में बोला देख लो इतना चले को अगर कुछ मिले तो मुझे बताना हो । अब्दुल्ला लेपटॉप को जांचना शुरू कर दिया ।

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अंतर्द्वंद्व जावेद अमर जॉन के पिछले उपन्यास ‘मास्टरमाइंड' का सीक्वल है। मास्टरमाइंड की कहानी अपने आप में सम्पूर्ण अवश्य थी पर उसकी विषय-वस्तु जो जटिलता लिये थी उसे न्याय देने के लिये एक वृहद कहानी की आवश्यकता थी और प्रस्तुत उपन्यास उसी आवश्यकता को पूर्ण करने हेतु लिखा गया है। writer: शुभानंद Author : Shubhanand Voiceover Artist : RJ Hemant
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