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नमस्कार मैं वो शिवांक और आप सुन रहे हैं । कोई ऍम सुने जो मंचा है और ये है इस कहानी का ग्यारह वां एपिसोड । तो चलिए शुरुआत करते हैं अपने कजन नम्रता के कहने पर । सारे का इस पार्टी में आ तो गई थी पर उसे यहाँ अच्छा नहीं लग रहा था । वहाँ दो बार नम्रता से वापस चलने को कह चुकी थी । पर नम्रता ने डाल दिया । सारिका ने तीसरी बार उसे बुलाकर चलने के लिए कहा । नम्रता खींच कर बोली तो मैं एक नंबर की बोर हो । यहाँ इतना मजा आ रहा है और तुम चलने की रेट लगाओ । मुझे लाउड म्यूजिक अच्छा नहीं लगता । तुम चलो वो हो, मैं भी जल्दी नहीं जा सकती । मेरे दोस्त बुरा मानेंगे । तुम कुछ देर को ये कहकर वहाँ अपने दोस्तों के पास चली गई । पार्टी बंगले के अंदर चल रही थी । सारे का बाहर गार्डन में आ गई । वहाँ आकर उसने देखा की वो अकेली नहीं थी । एक लडका अपने दोस्त पर नाराज हो रहा था । ये क्या है? चेतन तो बाहर की वहाँ गए । मुझे शोर शराबा नहीं पसंद है । तुम जाओ पार्टी करो, तुम साॅस । ये कहकर उसका दोस्त अंदर चला गया । चेतन की निगाह सारिका पर पडी तो तुम भी सारिका ने मुस्कुराकर जवाब दिया खान मैं भी आउटडेटेड हूँ । दोनों खिलखिलाकर हस्ती दोनों के बीच एक अजनबीपन इस हसी में बह गया । दोनों बात करने लगे । बातों में बहुत समय बीत गया । सारिका ने एक बार फिर नम्रता से चलने को कहा । बेमन से इस बार उसने सारिका का कहा मान लिया । उस दिन तरीका को चेतन एक अच्छा इंसान लगा था । उसने उसे अपना नंबर दे दिया । उसके बाद उन दोनों की अक्सर मुलाकातें होने लगी । छह महीने में ही उन्हें लगने लगा कि वह एक दूसरे के लिए बने हैं । तरीका ने कभी नहीं सोचा था की वो भी कभी प्यार में पडेगी । स्कूल में जब लडकियां अपने कश् के बारे में बातें करती थी तो उसे ये बातें बिलकुल फिजूल लगती थी । उसका सारा ध्यान तो बस इस बात में रहता था कि वह क्लास में सबसे ज्यादा नंबर लाए । कॉलेज में उसका सारा ध्यान करियर में था । नौकरी मिलने के बाद वह चाहती थी कि उसका काम सबसे अच्छा रहे । इसलिए शादी के लिए लडका उसने अपने मम्मी पापा पर छोड दिया था । पर वहाँ कोई बोल किस्म का इंसान नहीं था । उसके बहुत से दोस्त थे जिनके साथ फिल्म देखने पिकनिक मनाने और घूमने फिरने जाती थी । हाँ, नम्रता की तरह पार्टी करना उसे पसंद नहीं था । इन सबसे अधिक उसे कविता लिखना बहुत अच्छा लगता था । पर अब उसकी दुविधा ये थी कि अपने मम्मी पापा को कैसे बताएं । अभी तक तो वो कह रहे थे की दो साल तक वह शादी के बारे में सोचेंगे । नहीं । आप कैसे कहे कि उसे चेतन से शादी करनी है । हालांकि वह जानती थी कि उसके मम्मी पापा मान जाएंगे पर उसे संकोच हो रहा था । लेकिन बताना तो था ही । उसने अपने मम्मी पापा को सब बता दिया । उन्होंने लडके से मिलने की इच्छा जताई । चेतन शनिवार की शाम उसके घर आने को तैयार हो गया । शनिवार को चेतन सारिका के घर पहुंचा । उसे देखकर सारिका के मम्मी पापा के चेहरे पर मुस्कान आ गई । चेतन भी मुस्कुरा दिया । उसने उन दोनों के पैर छुए । सारी का समझ नहीं पा रही थी कि माजरा क्या है । उसकी ओशन देखकर उसके पापा ने कहा बेटा, हमने तुम्हारे लिए चेतन को ही तो पसंद किया था । किसी को कोई एतराज नहीं था । इसलिए महीने भर के भीतर ही सारिका और चेतन की शादी हो गई । लेकिन दोनों का ही कर ये अभी शुरू हुआ था । इसलिए उन्होंने तय किया कि वहाँ कुछ सालों तक अपने परिवार को नहीं बढाएंगे । दोनों अपने काम में व्यस्त रहने के बावजूद एक दूसरे का पूरा ख्याल रखते थे तो दोस्त हूँ अभी के लिए इतना ही बाकी की बातें करेंगे । अगले एपिसोड में आप सुनते रहे तो फॅस सुने जो मंचा है मैं वो शिवांक लेता हूँ विदा
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