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Chapter 10 in Hindi

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AuthorNitin Sharma
उल्लास से भरे सुहाने मौसम में कांटे की चुभन ने नमिता को उसका बीता हुआ कल याद दिला दिया , और नमिता अपने जीवन के बीते हुए पल में गोता लगाने लगी writer: ओमेश्वरी 'नूतन' Voiceover Artist : RJ Saloni Author : Omeshwari 'Nootan'
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ऍम माँ के जाते ही किशोर का ध्यान पूनम की ओर गया । उसके कमरे तक सब की आवाज जा रही थी । किसी अनजान भय से उसका मन घबराने लगा और तेज कदमों से सीढी चढके हुए पोलन के पास क्या जिसका रो रो कर बुरा हाल हो चुका था? किशोर पूनम को अपने गले लगाते हुए कहने लगा सॉरी पुणे सॉरी, मैंने तुम्हारी आंखों को आंसू दे दिए । आपने क्या करूँ? किशोर मैं तो दुख नहीं पहुंचाना चाहती हूँ पर ये आंसू हैं की रुकता नहीं है । उन्होंने से सकते हुए कहा मेरे गलतियों की सजा तुम भुगत रही हूँ और मेरी बेवसी देखो कि तुम्हारी कसम में बनकर में कुछ कर भी नहीं पा रहा हूँ । अब तो मुझे अपने कसम के बंधन से मुक्त कर तो जिससे मैं सबको सच बता सको की बच्चे नहीं होने की दोषी तुम नहीं मैं हूँ । किशोर ने पूनम का हाथ थामकर का नहीं किशोर नहीं । उन्होंने अपने आंसू पोंछते हुए आगे कहा कभी असम मत कहना तो भारी सबसे प्यारी चीज हमारे प्यार की कसम है । किशोर की हमारे जीतेगी इस राज का खुलासा कभी न हो बल्कि मैं तो कहती हूँ कि जब तक अशोक का विवाह और बच्चे नहीं हो जाते तब तक माँ की बातों का बुरा ना मानते हुए उन्हें प्रेम से समझाएं क्योंकि मैं भी अपनी जगह पर गलत नहीं है । हमें माँ की भावनाओं को भी ध्यान में रखना होगा । फिर जब अशोक का बच्चा जाएगा तो सब ठीक हो जाएगा । लेकिन तबतक हमें अशोक को भी समझाना होगा । भगवान का कैसे धन्यवाद करो पूनम की उसने मुझे तुम्हारा प्यार दिया वरना मुझे तो जीवन की ये कठिन रास्ते अकेले ही काटने पडते हैं । किशोर ने बच्चे की तरह पूनम के कोर्ट में से रख कर कहा मैं भी तो खुशनसीबों किशोर की मुझे तुम्हारा प्यार मिला और मैं तुम्हारे लिए कोई भी दुःख हस्ते हस्ते उठा सकती हूँ । पूनम ने किशोर के बालों को सहलाते हुए कहा नहीं तो मैं जीवन भर साथ के अलावा कुछ नहीं दे सकता । पूनम फिर भी मुझसे प्यार क्यों करती हो न समझ बच्चे की तरह से किशोर ने कहा मैं चाहती हूँ किशोर की हार जन्म में तो में ही पति के रूप में पहुँच । फिर हमने माथा चूमते हुए आगे कहा तुम्हारे साथ जीना और जीवन की अंतिम यात्रा तुम्हारे कंधे पर हूँ । यही मेरा सपना है और कुछ भी नहीं । मैंने आज तक सिर्फ किताबों में पढा था कि भारतीय नारी जितना उच्च शिक्षित होती है उतना ही अधिक संस्कारशील और प्रेम की मूरत बन जाती है । आज अपने सामने पाकर पूछने का मन करता है । किशोर ने कहा चलो हटो बहुत मस्का मान लिया जाने की तैयारी भी तो करनी है । किशोर कसर अपनी गोद में उठाते हुए सोनम ने कहा तो वो तो मैं हूँ तुम्हारे प्रकार जीने के बारे में तो मैं सोच भी नहीं सकता । मैंने तुमसे प्रेम क्या है? पूनम और प्रेम में सुख दुख साझा होता है तो माँ की बातों को मन से निकाल दो । किशोर ने पूनम को सीने से लगा लिया । मेरा क्या है? किशोर मैं तो खुश देखकर जी होंगे । उन्होंने कहा तो मैं दुखी ताकत मैं कभी खुश नहीं रह पाऊंगा । पुलम ये नहीं पाऊंगा तुम्हारे बिना किशोर ने कहा मौत अलग करे तो करें पर मैं तुम्हें छोडकर कहीं नहीं जाने वाली हूँ । हम साथ रहेंगे । हमारे बीच कोई नहीं आ सकता । किशोर माँ की नफरत भी नहीं । लोग हमसे सीखेंगे और प्रेरणा लेंगे कि विवाह का मतलब बच्चा पैदा करना ही नहीं होता है । विवाह पवित्र प्रेम के साथ जीने का जरिया होता है । पूनम के बिखरे बालों से खेलते हुए किशोर ने कहा, आपने तो नहीं यहाँ अकेले नहीं छोड सकता पुनन तो मैं भी मेरे साथ चलना है । तैयारी कर लोग नहीं किशोर इस बात तुम अकेले ही जाऊं, अगली बार साथ चलेंगे । ये मेरा घर है एवं ये घर यहाँ के प्रत्येक सदस्य मेरे अपने हैं । उन का ख्याल रखना और खुशहाल माहौल बनाना मेरा करता है । मैं तुम्हारे जाने की तैयारी करती हूँ ।

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उल्लास से भरे सुहाने मौसम में कांटे की चुभन ने नमिता को उसका बीता हुआ कल याद दिला दिया , और नमिता अपने जीवन के बीते हुए पल में गोता लगाने लगी writer: ओमेश्वरी 'नूतन' Voiceover Artist : RJ Saloni Author : Omeshwari 'Nootan'
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