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भाग - 04 in  |  Audio book and podcasts

भाग - 04

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"फंस जाओ मेरे लिए" का दूसरा भाग जो रीटा सान्याल की खोल सकता है पोल। क्या हुआ जब वो हवेली पहुंच गई? आखिर मैडिकल साइंस, पोस्टमार्टम रिपोर्ट्स और पुलिस इन्वेस्टीगेशन को कैसे चकमा दिया उसने?
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अध्याय फॅसने फिर एक जन चले वो बाजार से मेडिकल साइंस के ऊपर आधारित एक पुस्तक खरीद लाई । फिर बहाना पैलेस के ड्रॉइंग हॉल में ही लेकर उस पुस्तक को इतने मनोयोग के साथ पडने लगी जैसे वो कोई बहुत दिलचस्प पुस्तक हो और उस पुस्तक को पढने में उसे बेहद आनंद आ रहा हूँ । लुधियाना, पंजाब इसके साथ साथ आलस की तमाम नौकरों ने उसे वो पुस्तक बढते हुए देखा जब की रीटा सान्याल को कुछ तक पढते पढते दोपहर हो गयी लेकिन उसमें एक क्षण के लिए भी पुस्तक अपने चेहरे के सामने से ना हटाई । वो पुस्तक पडती रही पडती रहे क्या बात है जो लिया बेटी फॅसने ड्रॉइंग हॉल में कदम रखते हुए कहा आज सुबह से ही तो मैं इस पुस्तक को बहुत ध्यान से पढ रही हूँ । ऐसा क्या लिखा इसमें ये बहुत दिल्चस्प किताबें आना । रीता सानिया शीघ्र सोफे से उठकर यू तो मेडिकल साइंस ऐसे सब्जेक्ट पर आधारित किताब है लेकिन इसमें कुछ ऐसे पेशंस का जिक्र किया गया है जो अपने अपने क्षेत्र की बडी बडी हस्तियां थी लेकिन वो पहन कर बीमारियों से ग्रस्त हो के असमय ही मौत का ग्रास बन गए । इतना ही नहीं उन महान आदमियों का और उनकी बीमारियों का इस पुस्तक में बडी सजीवता के साथ वर्णन किया गया है कि पहले किस तरह उन भयंकर बीमारियों ने उन्हें बीरे तीरे अपने शिकंजे में । झगडा हाँ फिर वो किस तरह काल का ग्रास बने? अच्छा हरियाणा ऍम हुई हो तो ये किताब सचमुच काफी दिलचस्प होगी । बिल्कुल है ना । तभी तो मैं ऐसे इतने मनोयोग से पढ रही हूँ । यही वह था जब मोटा राम ने भी ड्रॉइंग हॉल में कदम रखा । नहीं लगता हम इससे बाबा तो मैं भी मेरी तरह किताबें पढने का चस्का लग गया । आए बूटा राम ने मुस्कुराकर का हाँ शास्त्र का तो लग गया आना गुंजाल देखने थोडे तुष् ऐसे में कहा लेकिन तुम्हारे तरह वो जुलूल जासूसी उपन्यास पढने का चस्का नहीं लगा है बल्कि मैं तो कहती हूँ अगर तुम्हें भी किताबे पढनी है तो इसी तरह की अच्छी किताबें बढाकर आप नहीं जानती है ना बूट नाम बोला जासूसी उपन्यास पडने वाले आदमी कभी इस दुनिया में मार नहीं खा सकते क्योंकि उनका दिमाग हमेशा ब्लेट की धार की तरह पहना रहता है जैसे तुम्हारा दिमाग पहना रहता है फॅमिली तभी तो जो लिया पर शक कर रहे थे कि ये तुम्हारी असली मासी बाबा है । भी या नहीं । बूटा राम सब पकाकर तुरंत बदले हो । अब इस किस्से को छोडो फॅमिली बडी कुशलता के साथ अपनी प्लानिंग का अगला दांव खेलते हुए बोली सुनो मैं ना आप लोगों को इस किताब में लिखा हुआ एक वाकया बताते बताओ आना गोंजाल्वेस । वही पडी चेयर पर बैठ गई । मोटा राम भी थोडा अलग पोजीशन में आया । ये वाकया फ्रांस के एक राष्ट्रपति की जिंदगी से जुडा । फॅमिली बहुत सुखी और साधन संपन्न आदमी था । ऐसी कोई चीज थी जो उसके पास नहीं हूँ या जिस चीज की वो ख्वाहिश रखता हूँ और उसे हासिल न कर सकता हूँ । लेकिन जल्दी ही उसकी जिंदगी में ऐसे वापस होने शुरू हुए जिसने उस जैसे साधन संपन्न प्रतिष्ठित आदमी को मौत के कगार पर लाकर खडा कर दिया । कैसे बाॅस का उत्सुक हो जाये? बूटा राम दिया बेटा सान्याल के लेकिन बाद बडे ध्यान से सुन रहा था । जैसे एक दिन उसकी पीठ में बडी जोर से डाॅॅ वो चीखने लगा, छटपटाने लगा । फिर तो भयंकर दर्द उठी । उसके लिए मानव साधारण सी बात हो गयी । कभी उसके हाथ में दर्द होता, कभी पेट में, कभी गर्दन में, कभी तंग में और वो दर्द इतना अधिक कष्टदायक होता कि हर बार उसे लगता है वो दर्द उसके प्राण लेकर छोडी का बोस ने डॉक्टर को नहीं दिखा भूटान हो रहा दिखाया डॉक्टर को भी लेकिन डॉक्टर एक का एक फैसला नहीं कर पाये कि उस दर्द की वजह क्या हिंदू उसके साथ बडी बडी अजीब वाकई होने लगे जैसे उसका वजन काफी तेजी के साथ घट नहीं लगा । फिर भूख भी कम हो गई और इन्तहां तो तब हुई जब अक्सर कहीं से भी ब्लीडिंग होने लगती है और फिर वो प्लीडिंग बडी मुश्किल के साथ ही बंद हो पाती है । क्या कभी नहीं खुला कि फ्रांस के राष्ट्रपति को क्या बीमारी थी? कॅश अच्छा हूँ नहीं रिकॅार्ड तब तो ये राज खोल चुका था । तो क्या बीमारी थी ब्लाॅक इसके साथ साथ मोटा राम के चेहरे का रंग भी बहुत बढ गया और सबसे बडी बात ये है की उसे लाॅबी बिल्कुल लास्ट स्टेज का था । यानी डॉक्टर्स के मुताबिक वो इस दुनिया में मुश्किल से तीन महीने का मेहमान था की वहाँ चला गया । डॉक्टर उसे बचाने के फिर भी हरचंद कोशिश कर रहे थे । पूरे दिलोजान से जुटे थे कि वो बच जाए, बातचीत चाहिए । ये जानते हुए भी दिलोजान से जुटे थे कि वह किसी हालत में नहीं बचेगा । फॅार में फ्रांस के राष्ट्रपति की स्थिति भी करती चले गए । डॉक्टर उसे आसानी से महीने नहीं दे रहे थे और बीमारी कहती थी इसे मारना है कि सबका बडा खौफनाक नदी । जाने क्या क्या फ्रांस का वो राष्ट्रपति बडी बहन ीय स्थिति में पहुंचकर मारा कैसी डाॅॅ स्थिति जैसे मृत्यु के समय उसके जिस्म का ऐसा कोई हिस्सा था जहाँ से ब्लीडिंग हो रही हूँ । आस पास दिमाग भन्ना देने वाली दुर्गंध पहली थी । डॉक्टर तथा उसके सगे संबंधी भी उसके पास जाने से कतराने लगे थे और अगर कोई उसके पास चाहता भी तो मास्क लगाकर हाथों में दस्ताने पहन कर वो अपना काम करने से लाचार हो गया था । यहाँ तक कि उसे टॉयलेट के लिए भी किसी दूसरे आदमी की जरूरत पडती है । हाई हुए उसे लंबा बाप गुजर गया था । पूरा शरीर पक्की फोडे की तरह पकने लगा । कुल मिलाकर वो राष्ट्रपति जो कभी महलों की शान हुआ करता था, जिस से हाथ मिलाने में भी लोग फख्र महसूस करते थे, वह कीडे मकौडों से भी ज्यादा बदतर स्थिति में पहुंच चुका था । उस स्थिति में पहुंचकर उसने डॉक्टर से मांग की कैसी मांग । उसने डॉक्टरों से कहा कि उसे जहर का इंजेक्शन लगा दिया चाहिए ताकि उससे इन कष्टों से छुटकारा मिल सके । तो क्या डॉक्टरों ने उसे जहर का इंजेक्शन लगा दिया? कहाँ लगा प्रश्न ही नहीं था । दरअसल इस तरह किसी पेशन को जहर का इंजेक्शन देकर महान ना पूरी दुनिया में गैरकानूनी लेकिन फिर भी वो राष्ट्रपति बार बार शहर का इंजेक्शन देने की मांग करता रहा हूँ । फिर उसी तरह तरह के छटपटाते हुए मृत्यु को प्राप्त हो गया । सच मुच, बडी खतरनाक बहुत मारा फ्रांस का राष्ट्रपति ऍम इसके शरीर में सिहरन दौडी बिल्कुल और इसके लिए काफी हद तक डॉक्टर जिम्मेदार है, जो पूरे दिलोजान से उसके इलाज में जुटे थे । क्यूँ वोटर हम चौका, वो डॉक्टर जिम्मेदार है क्योंकि जब ये राज पहले से जानते थे कि उसने बचना नहीं और आखिरकार उसे मरना ही मानना है तो फिर वो उसे क्यों बचाने की कोशिश कर रहे थे । उनकी उन्हीं कोशिशों ने उसकी जान आसानी से नहीं नहीं करनी थी पर उसे उस हालत में ला खडा किया । लेकिन डॉक्टर का काम है अपने पेशेंट को बचाने के आखिरी दम तक कोशिश करना आना । गुंजाल बोले और आपने नोबल प्रोफेशन की उसी सीख को अंजाम दे रहे थे । आपने सही कहा ऍम इसमें कोई शक नहीं डॉक्टर का यही काम है की वो अपने मरीज को बचाने की आखिरी दम तो कोशिश करे लेकिन डॉक्टर को मालूम होगी । उसकी पेशेंट को किसी हालत में बचना नहीं है और उन्होंने उसे जबरदस्ती बचाने का प्रयास किया तो पूरी मौत को प्राप्त होगा । तो फिर ऐसी परिस्थिति में डॉक्टर को क्या करना चाहिए आप खुद फैसला करें आना गोंजाल्विस को जवाब देते नहीं, मामला वाकई पॉजिटिव था । बहरहाल किताब में लिखा था कि राष्ट्रपति की मौत के बाद फ्रांस के अंदर वो मामला तूल पकडता है और राष्ट्रपति के कुछ प्रियजनों ने कितनी बर्बरतापूर्ण मृत्यु के लिए उन डॉक्टरों के ऊपर भारी हर्जाने की होती है । वहीं सोच संस्था है, मौसी कीलिंग की भी मांग करने लगी । मेरे सी के लिए उठा रामचौक ये मेरे से लेकिन क्या होता है मेरे सीने मासी मासी के लिए वाई फाई दरअसल मासी के लिंग हिंदी में आठ इसमें छामृत् थे । फॅमिली के बारे में डिटेल के साथ समझाते हैं । मौसी फिलिंग की मांग उन मरीजों के लिए की गई तो अस्पतालों में पडे हैं और मौत से जूझ रहे हैं जिनके लिए जीवन नरक बन चुका है जिनका भयंकर रोगों के कारण मरना तय है । लेकिन फिर भी उन्हें मौत नहीं आ रही हैं । फ्रांस में संस्थाएं मांग करने लगी कि अगर ऐसे पेशंट अपनी इच्छा से मारना चाहे तो वो ये बात लिखित रूप में डॉक्टर को दे देते हैं और डॉक्टर उन्हें जहर का इंजेक्शन लगाते । ये डॉक्टर के लिए एक पुण्य का काम होगा । किसी तरह तेज छटपटाते आदमी को मुक्ति प्रधान करेगा । उसे जीवन रुपये कष्टों से छुटकारा देना बडी अद्भुत बात बता रही हो । फॅमिली क्या उन संस्थाओं की मांग पर फ्रांस के कानून ने अपने देश में मौसी के लिंग की परमिशन दे दी? नहीं दी रीटर सानिया का सपा आठ सौ रुपया लेकिन फ्रांस के राष्ट्रपति की इस बर्बरतापूर्ण मृत्यु के बाद वहाँ मौसी किलिंग कि जो मांग उठी, पाँच पूरे विश्व में फैल चुकी हैं । आज पूरे विश्व में मौसी कॅालिंग के ढेरों हिमायती हैं । मैं खुद मौसी के लिए की हिमायती हूँ और मेरा मानना है जो पेशंट फ्रांस के राष्ट्रपति की तरह खतरनाक स्थिति तक पहुंच चुके हैं और अगर वो मानना चाहते हैं तो डॉक्टर को उन्हें फौरन जहर का इंजेक्शन दे देना चाहिए । इससे न सिर्फ पेंशन के कष्टों का निवारण होगा, बल्कि पेशंट के उन प्रियजनों के कष्टों का भी निवारण होगा । आपने पेशन की दयनीय दशा देख देख कर उनके मन को होता है । लेकिन अफसोस आज माॅडलिंग की मांग उठे वर्षों गुजर चुके हैं लेकिन अभी भी काफी देशों के कानून इसे मान्यता नहीं देते । आना गोंजाल्वेज और बूटा राम के शरीर में सन्नाटे की लहर सी दौड गए और उन डॉक्टर उनका क्या हुआ? मोटाराम बोला जिनके ऊपर मोटे मोटे हर जाने के केस हो के गए थे उनका भी कुछ नहीं हुआ । कानून वो सारे हर जाने के केस रद्द कर दिए और डॉक्टर को रिहा कहते हैं और बताइए केस रद्द होने के बाद भी महीनों तक फ्रांस के अखबारों की सुर्खियों में छाया रहा । इतना कई अद्भुत मामला हो क्या ऐसे ही और पेशंस का जिक्र किताब के अंदर है? लुधियाना पंजाब जैसे पूछा दर्जनों पेशंस का जिक्र है ना? फिर दवा का ये किताब काफी दिलचस्प ऍम छोडकर खडी हो गई जबकि रेट आसानी आपके होठों पर मुस्कान थी । होटल मुस्कान वो धीरे धीरे अपने शिकार को डसने की व्यूह रचना तैयार कर दी जा रही थी । उसी रात रीता सान्याल ने एक और दांव खेला ऍम उसके साथ बाहर पॅन में टहलकर अंदर आ रही थी तो उसने आखिर प्रशन विधि से उसके हाथ का एक विशेष कोई दबा दिया आगे प्रेशर विधि उसने सचिन देवडा से सीखती थी तो बस फिर क्या था इन दबते आना । गोंजाल्विस गला फाडकर चिल्लाई और वह जैसे नीचे गिरने को हुई तभी रेट आसानी से संभाल लिया । फॅमिली है क्या हुआ? अचानक ठीक होगा की आवाज सुनकर तुरंत सारी नौकर चाकर दौडी दौडी वहाँ पहुंचे । बूट आराम भी उसमें शामिल था । ऍम आवासों की तरह चलाते हुए निरंतर आना गुंजाल उसको झंझोड रही थी । क्या हो गया है ना क्या हो गया हम ऍम मुझे वहाँ भी अभी ऐसा लगा जैसे मेरे हाथों को पिछली का झटका लगा हूँ । फॅमिली होकर बिजली ऍम फॅमिली अभी भी अपने हाथ को जोर जोर से दवा रही नहीं । मेरे हाथ में इस समय भी दर्ज की प्रचंड ऍम मैं डॉक्टर को बुलाता हूँ । दूडाराम तेजी से ड्रॉइंग हॉल में रखे टेलीफोन की तरफ छापता था । लिलियाना गुंजाल जैसे समय मेट्रो में लेती थी । दर्द इतना तेज था कि उस दर ने कुछ ही मिनट में है । उसकी हालत बिगाडकर रखती थी । डॉक्टर ने उसके बाजू में एक इंजेक्शन लगाया और फौरन ये ऍम सिखाने को दे दिया । डॉक्टर का नाम डॉक्टर कौटिल्य था । डॉक्टर कॉटन ले आना गुंजाल जिसका पास नहीं डॉक्टर था, और वैसे भी उसकी गणना गोवा के बडी डॉक्टर्स में होती थी । डॉक्टर कौटिल्य पैंतालीस छियालीस साल का दरमयानी कट का था । रन सामला था । इसके अलावा शरीर स्वस्थ और आंखों पर हमेशा आईसाइट का मेहनत चढा रहा था । शक्ल से ये वो जहीन आदमी नजर आता था क्या अब भी दर्द हो रहा ऍम कोई बात नहीं मैंने इंजेक्शन लगा दिया है । अब धीरे धीरे आराम पड जाएगा लेकिन एक बार मेरी समझ में नहीं आई । डॉक्टर ऍम रहने का प्रदर्शन करते हैं । खाना को ये दर्द उठा क्यों? अभी इतना भीषण तक शहद पहले तो कभी नहीं इस तरह का दर्द नहीं उठा । क्यों आना ही बात है फॅमिली लाइफ का पहले से जब मुझे कितना तीस था मैं समझता हूँ इस बारे में ज्यादा सोचने या ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं ऍम अभी कभी इत्तेफाक से भी ऐसा दर्द हो जाता है । मेरा अनुमान है अब आगे से ऐसी घटना नहीं कटेगी तो काश हूँ ऍम राहत की सांस लेते हुए क्या हाथ के दर्द में कुछ कमी हुई? डॉक्टर काॅल जिसकी तरफ देखती हूँ । हाँ पहले के मुकाबले कुछ काम है घर में । अब धीरे धीरे अपने हाथ की उंगलियां लाये । फॅमिली या हिलाने बस इसी तरह अपने हाथ को आरक्षण देती रही । मैं समझता हूँ जल्दी आपको पूरा आराम मिल जाएगा । फिर डॉक्टर काॅर्निया की तरफ जूलिया बेबी डॉक्टर तो मना के हाथ की दो तीन मर्तबा मालिश घटेगा । इससे भी निहारा मिलेगा तो जी ऍम फिर डॉक्टर ऍसे चला गया आना पाल इसके पीछे की साइड में ये कुछ सर्वेंट क्वार्टर बने हुए थे । इस समय बूटा राम इन्ही में से एक सर्वेंट क्वार्टर में लेता था तथा कमांडर करन सक्सेना सीरीज का एक उपन्यास पड रहा था । आज की तारीख में उसे सबसे ज्यादा कमांडर करन सक्सेना सीरीज के उपन्यास कर सकते हैं । मकाई इस समय जब कमांडर करन सक्सेना सीरीज का उपन्यास उसके हाथ में था तब भी उपन्यास पढने में उसका बिलकुल मन नहीं लगता था । बार बार उसका ध्यान उपन्यासों से भटक कर रीता सानिया आज की तरफ चला जाता था । वो सोच रहा था जब से मिस्री बाबा ने चालीस में कदम रखा है तब से वहाँ आना के साथ अजीब अजीब सी घटनाएं क्यों कट रही हैं । यहाँ आना के साथ वो घटनाएं घटने में और मिसरी बाबा के वहाँ आने के बीच आपस में कोई संबंध है । पहले तो कभी आना तो रात के समय आवाज ही नहीं सुनाई देती थी । पहले उन्हें भी नहीं होता था । बूटा रामस् बारे में जितना सोच रहा था उतनी ही उसकी उलझने बढ रही थी । जब उन्होंने कुछ ज्यादा ही विकराल रूप धारण कर लिया तो उसने उपन्यास बंद करके एक तरफ रख दिया । फिर कुछ सोचकर वो छुट्टी के साथ बिस्तर से उठा हूँ । वहीं सावन क्वार्टर में बनी अलमारी के नजदीक पहुंच करुँगी । अलमारी खोली है और फिर काफी तेजी के साथ उसमें कुछ तलाशने लगाओ । जल्दी उसे अपने अपेक्षित वस्तु बरामद हो गयी । वो फोटो रुक रहा था । यूलिया के बचपन का फोटो जब आना हालत छोड कर गई थी और जब उसकी आयु केवल साठ साल पे भूराराम काफी ध्यान से जूलिया के बचपन की उस तस्वीर को देखने लगा सात साल की झूले और आज की जो लिया में जमीन आसमान का था उसके नाक नक्श किसी भी कोने से नहीं मिलते । नहीं पूरा आराम नहीं सोचा एक बच्चे के चेहरे में और एक जवान युवती के चेहरे में तो वैसे भी काफी फर्क आ जाता है । फेस का कितने बदल जाते हैं कि उनमें आपसी समानता दूर दूर तक नजर नहीं आती । फिर अगर बचपन की झूले और आज की दुनिया में जमीन आसमान का फर्क नजर आ रहा है तो इसमें आशा देखिए । भूराराम काफी देर तक जूलिया के बचपन की तस्वीर को देखता रहा हूँ । उसके जासूसी दिमाग में शक के कीडे कुलबुलाने लगी थी । रात का समय था, रेडक्रॅस के बैठो में थी और डॉक्टर काट लिया के निर्देश के मुताबिक उनके हाथ की मालिश कर रही थीं । रात के उस वक्त साढे दस बज रहे हैं । आलस होते होते आना गुंजाल उसकी आंखें मूंद नहीं । पाल इसके कारण उन्हें स्कूल पहुंच रहा था । उसी क्षण रेटा सान्याल ने फिर हर कर दिखाया । उसने पुनः एक्यूप्रेशर विधि का प्रयोग करके उसकी दायीं ढंग का एक पॉइंट दबा दिया । तक काली रहना कोनसा जिसकी हालत से हृदय विदारक चीख निकल गई । उसकी आंखें भक से खुली और वह पीडा से छटपटाने लगी । ऍम क्या हो गया है ना? ऍम एबॅट पहले में दर्द उन दोनों की चीख पुकार की आवाज सुनकर ताल इसमें पुनः हडकंप मच गया तो हम सारे नौ काॅफी वहाँ क्या क्या हो गया? ब्लॅक पूछा आप क्या हुआ? आना के पैर में दर्द हो रहा? पीटर सानिया बेहद आतंकी फर्मी बोली इंडिया भी अभी ऐसा महसूस हुआ जैसे शहर में बिजली का तेज झटका लगा हूँ । मैं मैं डॉक्टर को फोन करता हूँ । मुझे आराम जितनी तेजी से वहाँ आया था, उतनी ही तेजी से बदल आवासों की तरह वापस बाहर । मैं अभी डॉक्टर कॉटले को बुलाता हूँ । जब की फॅमिली रहे ठीक है । इस बार उससे पहले से कहीं ज्यादा भीषण दर्द उठा था । दर्द की लहरें उसकी टांग से होकर पूरे जिसमें से गुजरात में दिमाग तक पहुंच रहे थे । ऐसा लग रहा था जैसे उसके आमंत्रण है । ये अब नहीं है । दो मिनट में ही बूटा राम के फिर भागती हूँ । मुझे इतनी तेजी से लगता था । पता गया था उतनी ही तेजी से लगभग टाॅम को देखती । पूछा क्या डाॅ आ रहे हैं? नहीं नहीं नहीं होंगे । दरअसल वो एक मेजर ऑपरेशन के सिलसिले में शहर से बाहर गए हुए हैं । वोटर हम बोला और अब कल सुबह से पहले उनकी वापसी मुमकिन नहीं तो फिर कैसे होगा ऍम किसी दूसरे डॉक्टर को बुलाने का बंदोबस्त कर । लेकिन तब तक कहना गुंजाल जिसकी तबीयत सुधारनी शुरू हो चुकी हूँ । नहीं तो ऍम किसी डॉक्टर को मत बोला लेकिन आना मेरी मेरी तभी तक ठीक है चली गई थी । फॅमिली करना ठीक है अगर ठीक नहीं हो जाएगी काम का फॅमिली असमंजस की उन्होंने कहा हूँ ही कर रहा हूँ था मोटा राम देव नाम था । वो नहीं समझ पा रहा था कि ये सब हो क्या रहा है । लेकिन फिर भी लुधियाना गुंजाल उसकी तबियत ठीक होने में दो घंटे लग गए लेकिन इन दो घंटों के दौरान आना गोंजाल्वेस के चेहरे का सारा खून इस तरह में छोड चुका था । मानु इसीलिए मिक्सी में ढाकरे में छोड दिया । मेरे रूम में सन्नाटा था । गांधी घोर सन्नाटा उस सन्नाटे पर दुख और अवसाद की पर था थी । भूराराम सहित पालस के तमाम नौकर चाकर वहाँ से जा चुके थे । इस समय अगर वहाँ रिरियाना गुंजाल इसके अलावा कोई और था तो वो थी सिर्फ ट्रीट आसानी । झोलियां भी थी आना । गोंजाल्विस बेडरूम की छत को निहारते हुए बेहद शुष्क स्वर में हुई ये दर्द का उठना एक के साथ नहीं है । मुझे लगता है मैं किसी पडी रूप की गिरफ्तारी फसती जा रही है । आप ऐसा क्यों सोचते ऍम ऐसी कोई बात नहीं, ऐसी ही बात है । बेटी फॅलस्वरूप याद है तुम आज सुबह मुझे फ्रांस के राष्ट्रपति की कहानी सुना रही थी । अब हम तुम ने बताया था कि उसे भी शुरू शुरू में ही दर्द था । अभी टाॅस वो ऍम इसी तरह पडा था । इसी तरह चीख था आप क्या कहना चाहती है ना? रीटर सान्याल की मुसी टीवी सिसकारी छुट्टी कुछ नहीं कुछ नहीं कहना चाहती मेरी बच्ची बस एक अजीब सी दहशत मेरे ऊपर सवार होती जा रही है । मुझे लग जाए कुछ होने वाला कुछ होकर रहेगा फॅमिली बस आराम करें सब कुछ ठीक हो जाएगा । काश सब कुछ ठीक हो चाहे आना गुंजाल जिसने गहरी साथ छोड आपकी आंखे बंद कर लिया ना आना गुंजाली ने आंखे बंद करेंगे फिर सोने का प्रयत्न करने लगे । रीता सान्याल वहीं आना गुंजाल जिसके पास बैठी थी रहे थे वो तंग सहना रही थी जिसमें डर बैठा था का श्रीथर सानिया जैसी शातिर विवाह एक बाटी की उस क्षण तो उसकी एक एक एक्टिविटी पर नजर रखी थी और वहां रखी थी कमांडर करण सक्सेना के परम ढक बूट । आराम किया सुबह के नौ बज रहे थे जब आना पालस में साठ पैंसठ साल के बूढे ने कदम से वो नाम का ही बूढा आदमी था । वास्तव में उसका स्वास्थ्य काफी अच्छा था और उसकी चाल में नौजवानों जैसी चप्पल बनाने उस क्षण अपने हाथ में एक ब्रीफकेस उठाया था रीता सान्याल के लिए वो बिल्कुल अजनबी आदमी था । बाद में उसे मालूम हुआ कि वह मेरी आना गोंजाल्विस के विशाल कारोबार का स्वस्थ था और मैंने सब कुछ कभी बार में एक बडा काबिल वकील रहा था । लेकिन किन्हीं कारणों से उसने वकील की उस पेशे से रिटायरमेंट ले लिया था और आज की तारीख में आना के बिजनेस की पूरी तरह देखभाल वही करता था और कभी कोई कानूनी अर्चना आ जाती है तो उसे भी वही हाल ही करता ऍसे उसकी मुलाकात ड्रॉइंग हॉल में ही होगी । सबसे पहले तो मैं इस बात के लिए क्षमा प्रार्थी हुआ ना कि मैं किसी बाबा की पार्टी में नहीं ऍम उसी पर बैठने के बाद बोला । दरअसल उस रोज मुझे इकाई काम के सिलसिले में खडा पारसा जाना पडा था और वहाँ पहुंचने के बाद ऐसा फंसा कि चाहते हुए भी वहाँ आ सकता हूँ । मैं आपकी मजबूरी समझती हूँ । हमारे साहब फॅमिली जानती हूँ । इतने बडे कारोबार को संभालना कितना मुश्किल हो । फिर मैं भी तो सारे कारोबार की बात तो और आप के हाथ में सौंपकर बिल्कुल अलग हो गई । दरअसल कभी ये नहीं कारोबारी व्यस्तता होने मेरी फॅमिली लाइफ को बर्बाद कर दिया था । इसमें मुझे ऍम से नफरत हो गई । इसीलिए मैंने सारे कारोबार से किनारा कशिका मुझे आप से कोई लेना देना नहीं है तो हमारे साथ बल्कि मैं तो खुश हुआ मेरे खून पसीने से सींचा कारोबार को कितना संभाल कर रखे हुए हैं तो सोलह सत्रह का नाम गोत मारे था कही फिराना गोंजाल्वेस थोडा रुककर बोली हूँ आज आपका कैसे आना हूँ हम कारोबार के सिलसिले में यहाँ था गोत मारे गंभीरता पूरा कुछ चैट पर आपके सिखना अच्छा कराने थे और फिगारो आइलैंड वाली यूनिट के सिलसिले में आपको रिपोर्ट देनी थी क्या हुआ ऍफ में आज कल कर पढ चल रहे हैं वहाँ दिवाकर उन्हें पिछले तीन दिन से हडताल की हुई है और वह दस परसेंट वेतन वृद्धि की मांग कर रहा हूँ । यूनियन के लीडर से बात की गया सालाना कल ही उससे बात की लेकिन बहुत बदमाश प्रश्न का आदमी है । वो अपनी शर्त से अलग हटकर कोई भी बात सुनने को तैयार ही नहीं जबकि वेतन बढाने को लेकर हमारे सामने एक और बहुत बडी प्रॉब्लम है क्या अगर हमने फिगारो आइलैंड वाली यूनिट के वाक करों का वेतन बढाया तो हमें बाकी दूसरी यूनिट के वर्करों का भी वेतन बढाना होगा वरना वो सभी हडताल पर चले जाएंगे । आपने ये बात तो यूनियन लीटर को समझाए समझाएँ । फिर वो क्या बोला कुछ भी ना बोला । वो तो बस तोते की तरह एक ही बात करता रहता है । उन्हें वेतन में दस परसेंट भी चाहिए तभी वो काम करेंगे जबकि फिगारो आने वाली वो लगातार घाटे में चल रही है । मैं समझ नहीं पा रहा हूँ आना ऐसी हालत में क्या किया जाए । आना गोंजाल्विस सोच में गयी । वो अटल मामला था लेकिन आना गोंजाल्वेस । जिंदगी भर इसी तरह की कारोबारी जटिलताओं से जूझती आए नहीं इसका बस एक ही तरीका है वो हमारे साहब ऍम क्या आप उस यूनिट को खोलकर बिल्कुल खामोश बच्चा हैं और अब तब तक उस ने लीडर से बात न करें जब तक कि वह खुद आपसे मिलने ना आएँ । अच्छा ठीक रहती है ना गोल हमारे बोला हूँ, मुझे यह कदम उठा रहा हूँ । फिर गोट मारे ने अपना ब्रीफकेस टेबल पर रखकर खोला और उसमें से एक फाइल के साथ भी निकली । ये पिछले तीन महीने के बिजनेस रिपोर्ट है ना वो हमारे फाइल आना, गोंजाल्विस की तरह पढाई आप इस रिपोर्ट को पढ लीजिएगा । इसमें तमाम यूनिट कि डाॅक्टर नेपाल उठाकर अपने पास रखें और ये कुछ है राजन पर आपको सुनना चाहते हैं तो हमारे फॅमिली के सामने लेंगे । आॅखो ली और है ऍम करनी शुरू किया है वो हमारे थोडा आगे कुछ जैसे जैसे ऍम अच्छा कर दी जा रही थी । ठीक उन्हीं अनुपात में को हमारे उन्हें ये भी बताता जा रहा था कि वो चेक इस पानी को किस मद में दिए जा रहे हैं । रीटर सानिया गोत माने की भाव भंगिमाओं और उसके कार्यकलापों से शीघ्र ही समझ गए कि वह ईमानदार और निष्ठावान आती हैं । ठीक है आना । फिर वो तुम्हारे ब्रीफकेस बंद करके उघडा । अब मैं ये जानना चाहूँगा हम थोडी देर बाद मेरी कुछ पार्टियों के साथ रजत मीटिंग फॅसने भी अपना स्थान छोड सेव आ गया । फिर वो हमारे आना गोंजाल्विस के सामने आदर के साथ चुका । उसने रिटर्सं दुनिया के आभाव महिला लाख पर एक चुंबन अंकित किया । मुस्कुराते भी उसका थपथपाया और उसके बाद वहाँ से चला गया । दोपहर तक कोई घटना घटी लेकिन दोपहर के समय जब मेरी आना गोंजाल्वेज रसोई को एक स्पेशल देश बनाने का निर्देश देकर किचन से बाहर निकल रही थी तो रीता सान्याल भी उसके साथ थी । उसी क्षण रीटर सान्याल ने फिर हर कर दिखाई और बडी कुशलता के साथ उसकी पीठ का पोइंट दबा दिया । फौरन रात जैसा ही भूकम्प पानी इसके अंदर आ गया लेते आना गोंजाल्वेस की पेस्ट ठीक है । वहाँ गूंज नहीं लगी वो वहीं किचन के पास ढेर हो गई । सैंतालीस के तमाम नौकर चाकर वहाँ जमा हो गए और उसे आनन्द खाना से उठाकर ड्रॉइंग हॉल की सूची पढ लेता है । मैं डॉक्टर को फोन करता हूँ । मोटाराम तेजी से पूर्ण की तरह सकता था । इस बार अच्छी बातें हुई कि डॉक्टर कौशल ने भी जल्दी वहाँ गए । पढना आना की पीठ का पॉइंट ट्वीटर सान्याल से कुछ ज्यादा दब गया था जिससे उसकी हालत भी खतरनाक हो गई थी । जब डॉक्टर द्वारा ही नियंत्रित की जा सकती थी डॉक्टर कॉटन लेने आते ही आना गोंजाल्विस को इंजेक्शन दिया

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"फंस जाओ मेरे लिए" का दूसरा भाग जो रीटा सान्याल की खोल सकता है पोल। क्या हुआ जब वो हवेली पहुंच गई? आखिर मैडिकल साइंस, पोस्टमार्टम रिपोर्ट्स और पुलिस इन्वेस्टीगेशन को कैसे चकमा दिया उसने?
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