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Barah meel door Epi-2 in Hindi

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371 Listens
AuthorNitin Sharma
बारह मील दूर writer: जे.जे. नंदीग्राम Voiceover Artist : RJ Swati Author : J J Nandigram
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तूफान हमने का नाम नहीं ले रहा था । बारिश लगातार हो रही थी और तेज हवाएं पानी के चीजों को हर तरफ उडाए ले जा रही थी । डाकबंगले की पुरानी इमारत कापटी सी प्रतीत हो रही थी । लगता था कि डॉक्टर हॉल्ट कम से कम एक घंटा और इस डाकबंगले में कैद रहेंगे । यह तो वाकई उस समय तक के लिए जबरन कैद हो गई थी जब तक तूफान नई धर्म जाता या कम नहीं हो जाता हूँ । लेकिन डॉक्टर हार्ट बहुत स्थिरचित्त व्यक्ति थी । वो आराम से प्रतीक्षा कर सकते थे । हालांकि उनके अपने अस्पताल में कई बहुत जरूरी के थे जिनकी देखभाल करनी जरूरी थी । अचानक बंद खिडकियों के शीशों के बार उन्हें गेट ने से एक बहुत ही बडी नई कार भीतर की तरफ आती दिखाई दी । टीचर और पानी उछालती गांव गैराज की तरफ बढ रही थी । थोडी देर बाद ड्रॉइंग रूम के दूसरी तरफ वाला दरवाजा खुला और चौकीदार बस साथियों से अच्छी तरह लैस दो औरतों के लिए भीतर दाखिल हुआ । दोनों औरतों ने अपनी बरसात या उतारकर चौकीदार को धमका दी । उसने बडे अदब से उन्हें ले लिया । बस साथियों से पानी की बूंदे अभी भी टपक रही थी । आपका कमरा अभी तैयार हो जाता है । चौकीदार ने कहा तब तक आप यहाँ काम कीजिए जरा जल्दी करना । अधीर औरत ने कहा हम यहाँ ज्यादा देर नहीं रुकेंगे । तूफान थमते यहाँ से रवाना हो जाएंगे वो कमाल की बारिश हो रही है । आराम कुर्सी पर बैठते हुए अधीर औरत ने कहा, उसकी बैठते ही आराम को सी चरमराई । अगर तूफान ना आता तो हम चार बजे तक भर पत पहुंच जाते । रहने की जगह और दूसरी चीजों को भी अच्छी तरह से देखने का समय मिल जाता हूँ । अब छह या साढे छह बजे से पहले हम नहीं पहुंच पाएंगे होमा इतनी देर में क्या पर पड जाएगा? युवती ने कहा ये तो उनका काम है कि वह हमारे आराम वगैरह का ख्याल रख हैं वरना मैं सबको बाहर हुआ । युवती पता नहीं किस को फिकवाने की बात कर रही थी । वो बैठने के लिए टूटी टांग वाली को उसी की तरह बडी और जो ही बैठे धडाम से जमीन पर आ गिरे । इससे पहले की उसकी माँ या डॉक्टर हॉट मदद के लिए आगे बढे । वो तेजी से उठकर खडी हो गई । दल सेना चोट तो नहीं आई ने चिंडित आवाज में कुर्सी से थोडा उठते हुए पूछा हरी नई मांग । युवती ने जवाब दिया और फौरन ही दूसरी कुर्सी पर जा बैठे । कहीं चोट तो नहीं लगी? अगर तुम्हें चोट लगी हो या कहीं पहुंचा गई हो तो तुम जानती हो कि ये बहुत गंभीर बात हो सकती है । मेरी घबराओ नहीं हुआ । मैं चीनी मिट्टी की नहीं हूँ, लेकिन अगर दो मेरी जगह होती तो शायद वाकई बात गंभीर हो सकते थे । मेरा मतलब है तुम्हारी उम्र के हिसाब से आवाज सुनकर चौकीदार तेजी से कमरे के भीतर आया । अधीर औरतें उसकी तरफ मोडते हुए कहा बैठने के कमरे में तुम्हें टूटी कुर्सी क्यों छोड रखी है? इतनी लापरवाही क्यों? तो मैं यहाँ से हटा भी हो सकते थे । हमें अधिकारियों को इसके बारे में रिपोर्ट करनी पडेगी । मांझी ऐसा मत करिए । चौकीदार जमीन पर जुटे हुए बोला माफी मांगता हूं । मैं अभी से यहाँ से हटाए देता हूँ । अभी से हटाने से क्या होगा जब मेरी बेटी इस पर बैठ कर एक बार गिरी चुकी है । अगर कहीं से चोट लग जाती तो अधेड और अपने परिणाम जताने के लिए अपना हाथ इतनी तेजी से हिलाया जैसे बेटी को चोट लग जाने के परिणाम शब्दों में नहीं कहे जा सकते हूँ । चौकीदार ने एक बार फिर माफी मांगी और चला गया । अधीर औरत आराम कुर्सी में फिर से दस गए युवती कुर्सी के पिछली टांगों के सहारे झूलने लगी । सेना मेरी बेटी ऐसा मत करो इस तरह तो फिर गिर पड होगी । हाँ! तो फिर मत करो ना, अगर मेरा बैलेंस बिगडा तो हवा में छलांग लगाकर फर्श पर सीधी खडी हो जाऊंगी । दल सेना तुम हमेशा शैतानी करती रहती हूँ । मैंने तो कितनी मुश्किलों से पाला पोसा है तो हमेशा ही किसी चीज पर गिरती पडती रहती हूँ । जो भी चीज हमारे पास हुई चाहे वो पानी पिया कीजर या आंख क्या कुछ तो बस उसमें गिर ही पडती हूँ । इस तरह गिरने की आदत तुम्हारी अभी भी बनी हुई है दुर्घटना की तुम जैसे आदि हो गए हो, अगर तुम्हें गिरना ही है तो तुम कमरे में से कोई और टूटी टांग वाली को इसीलिए लो और गिर जाओ । एक बार देना हमारे लिए काफी नहीं था, ना अपने मन की करती हूँ । जब देखो तब अपनी माँ का ख्याल भी मत करो । कभी किसी दिन गिरने से जब तुम्हारा हाथ टूट जाएगा ना तब तो मैं पता चलेगा । बेटी उठकर माँ की तरफ दौडी और हाथ माँ के गले में डाल दिए । माँ माँ मैं हर बडी बात में तुम्हारा ख्याल रखती हूँ । छोटी छोटी बातों की बात दूसरी है कि मैं तुम्हारा कहना नहीं मानती लेकिन उन बातों से कुछ निकलता भी तो नहीं है ना । अगर मुझे टूटी फूटी चीजों में उलझने की आदत है वही तो ये भी होता रहा है कि मैं बिना किसी तरह की चोट खाएं, उनसे बाहर आ गई हूँ । ये भी आदत हुई ना क्यों ठीक कॅमोडिटी ये कोई बात नहीं हुई । तुम अब तक दर्जनों बार मर चुकी होती लेकिन ये तुम्हारी माही है जिसमें सब चीजों से तुम्हें बचाया हुआ है और साथ ही से अपने अच्छे वक्त की कृपा समझो जिसकी वजह से तुम स्वस्थ, सुंदर और जीवित हो । मैं मेरी प्यारी मां मुझे मालूम है की तो मेरा कितना ध्यान रखती हूँ । डॉक्टर हॉट कमरे के दूसरे कोने में बैठे ये सब कुछ देख रहे थे । दोनों औरतों को उनकी उपस्थिति का जरा सा भी एहसास नहीं था । आपने विवाह संबंधी कर्वे अनुभव के बाद उन्हें औरतों में जरा सी भी दिलचस्पी नहीं रही थी । लेकिन डाकबंगले के इस एकांत कमरे में बैठे हुए और बाहर तूफानी बारिश के कारण उनका दिमाग बिल्कुल खाली था और समय नहीं कर रहा था । इस कारण वे दोनों और दो को दिलचस्पी से देख रहे थे । दोनों ऐसी भाषा में बोल रही थी जिसमें अंग्रेजी और उनकी अपनी भाषा कि खेल चुकी थी । हिंदुस्तान में ऊपरी वर्ग के लोगों में कुछ इसी किस्म की भाषा का चलन है । डॉक्टर फौरन ही जान गए थे कि इन दोनों में से एक है और दूसरी उसकी बेटी । दोनों का चेहरा मोहरा एक दूसरे से बहुत मिलता जुलता था लेकिन माँ का चेहरा ढलने लगा था । वो निसंदेह किसी अमीर फैशनेबल घर की आते थे । उनकी पोशाके कीमती और सुरुचिपूर्ण थी । उन्होंने कुछ गहने भी पहन रखे थे । लेकिन बहुत कम सस्ती रुचि के अमीर लोग अक्सर बहुत ज्यादा गहनों से अपने को ला देते हैं । लडकी लंबी और छरहरे बदन की थी और वाकई सुंदर थी । बडी बडी सिया हनी लिया है खाली घुंघराले बाल भरे, भरे लाल होते और चम्पई रंग जिससे काली आंखों और बालों की खूबसूरती और भी बढ गई थी । माँ बेटी की बातचीत में डॉक्टर साहब को आनंद आ रहा था । लडकी की खूबसूरती और चंचलता ने अचानक उन्हें अपने प्यार किया दिला दी । उन्हें लगा ज्ञान के वे दिन उन्होंने नहीं किसी और ने बताए थे । मेडिसिन भी इतनी ही चंचला जिंदादिल लडकी थी । खूबसूरत जीत नहीं थी लेकिन थोडी भी न दृष्टिकोण से जब उसने उनका प्यार स्वीकारा था तो उन्हें लगा था जैसे उन्हें स्वर्ग मिल गया हो । उन्हें अपना जीवन सार्थक लगने लगा था लेकिन सपना तभी तक जीवित रहता है जब तक बल्कि मीन से पोषण रहते हैं । धीरे धीरे सपना झट नहीं लगा और नींद खुलने पर उन्हें ये पता चला की वो प्रिया और सुंदर इंसान वास्तव में बहुत ही छिछला, स्वार्थी और कमजोर हैं । वो सोने का घडा जहर से भरा हुआ था । देहात में अपनी प्रेक्टिस चलाने वाले उस मेहनती डॉक्टर के लिए मेडेलिन जैसी खूबसूरत औरत के दिल में बहुत कम मोहब्बत थी । वो सोचने लगी इस आदमी से शादी करने के लिए उसे किस बात नहीं उकसाया है । उस आदमी में इतनी बुलाया भी न थे और नहीं पाप करने का साहस जिससे वो खूबसूरत बन सके । ये एक खामोश साम घरेलू आदमी है । इसे अपने व्यवसाय, घायल और बीवी के अलावा किसी और चीज में कोई दिलचस्पी नहीं है । और इसमें सबसे खराब बात ये हैं कि ये एक पुरातनपंथी और धर्म को मानने वाला व्यक्ति हैं । इसी आखिरी बात नहीं तो मैन्डोलिन के दिल में डॉक्टर के प्रति और भी नफरत पैदा कर दी थी । ऐसे आदमी के साथ वो कैसे निभा सकते थे जो अपने तर्कों को सिद्ध करने के लिए अपनी दादी की पुरानी बाइबल में से उद्धरण प्रस्तुत करता हूँ । ये तो एक तरह का अत्याचार ही हो गया था । अच्छी सर्किलों में ऐसा कोई भी नहीं करता । लेकिन जॉन चाल्स विजली हाल की इस आदत को चुनाना असंभव था । उसके मिशनरी पिता ने ये धर्म उसके मन में ऐसा कूट कूट कर भर दिया था की अब उसे निकाल पाना संभव नहीं था । बात तब और बिगड गई जब पडोसी नवाब के खिलाडी लडके से पार्टी में उसकी भेंट हुई और एक तिहाडी डॉक्टर के इतनी सुंदर बीवी को देखकर उस पर मोहित हो गया । दोनों ने साथ साथ मैच में हिस्सा लिया । एक दूसरे से फ्लर्ट करने लगे । वो नवाब ज्यादा और डॉक्टर की बीवी दोनों ही इस बात पर सहमत हो गए कि डॉक्टर एकदम भोंदू हैं और आपने नाम की ही तरह इतना नीरस है कि उसके साथ निभा करना कठिन है । अप्सरा जैसी खूबसूरत मैरीलैंड का विवाह उससे होना एक तरह से सुंदरता का अपमान है । ईरान बातों के दौरान रिचर्ड काल वरली ने जी बात कही । वे दोनों देख लिया और रजनीगंधा की झाडियों से घिरे कुंज में बैठे हुए थे । रास्ते खूबसूरत और जवान थी और आसमान चांद तारों से भरा हुआ था लेकिन ये दोनों पेडों के नीचे दूसरे से सब कर बैठे थे । हल्की हल्की मादक हवा, मैक्लेन की खुशबू भरी अल्को और बारीक रेशमी वस्त्रों को गुदगुदाती हुई बह रही थी और वो भी ऐसी चौकरी के लिए जिसका सेना सबसे ज्यादा सपा हो और तब वो उसे तब तक बाइबल के उद्धरण सुनाए जब तक पूरी बाइबल साथ मना हो जाए तो मैं तो उससे ऊब गयी हूँ । नवाबजादा उसे और क्या और उसके सुन्दर कानों में नीति मेथी बेकार की बातें कहने लगा । इससे पहले की वो आगे होने वाली बातों के लिए सावधान होती । नवाबजादे ने उसे अपनी बाहों में भेज दिया और उसकी अभ्यस्त उंगलियाँ उसकी नाज के पोशाक की बटन खोल रही थी । कुछ की ठंडी छाया में वे लगभग एक घंटा ठहरे । इस दिन के बाद से उनकी मुलाकातें उस अंतिम सीमा तक पहुंच गई जिसे वे पति पत्नी हुए देना छोड नहीं सकते थे । उस घटना के बीते पूरे दस साल हो गए हैं और आज अचानक इस पुराने डाकबंगले में बैठे डॉक्टर हॉल को वो कभी ना भूलने वाली पुरानी शाम याद हुआ आई । उस शाम जब वो मरीजों को देखकर वापस घर लौटे तो उन्हें अपनी मेज पर कागज का एक छोटा सा टुकडा पडा मिला जिसमें उनकी पत्नी ने लिखा था कि वह अपने प्रेमी के साथ सदा के लिए जा रही हैं । इस चोट ने उन्हें हफ्तों के लिए अवसर कर दिया था । अखिल इस काम को सहकर अंत में उन्होंने पैसे छोड दी, प्लेनिंग भेज दिया और अपना देश छोडकर हिंदुस्तान चले आए । कभी भी अपनी मातृभूमि न लौटने का नेशनल करके हिंदुस्तान में आकर उन्होंने शहरों से दूर एक आंध्रप्रदेश आपने रहने के लिए चुना । जितना भी पैसा पास था उसमें से एक अस्पताल खोला और अपना शेष जीवन गांव वालों के बीच रहकर मानवता की सेवा में व्यतीत करने लगे । इसके लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पडा था । लेकिन समय बीतने के साथ साथ वो ना केवल सारी कटु स्मृतियां भूल गए बल्कि किसी हद तक उन्होंने अपनी पत्नी को शमा भी कर दिया । अब उनका मन एकदम शांत और गंभीर हो गया था और मानवता के प्रति एक तरह की करुणा से भरा रहता था । उन्होंने एक ऐसी आत्मिक शक्ति पाली थी जिसके आगे बुद्धि और तर्क काम नहीं करते । कोने में बैठे डॉक्टर हॉल हम दोनों औरतों को बहुत गौर से देख रहे थे । उन्होंने सोचा कि ये दल सेना नाम की लडकी उनकी पत्नी की तरह हृदयहीन और स्वास्थ्य तो नहीं किसी को अब तक गोल्ड चुके थे । इस समय तो माँ बेटी बहुत भली और खुश दिखाई पड रही हैं । सिन्हा नाम तो पश्चिमी देशों में लडकियों के होते हैं । लगता है ये भारतीय समाज के उसी ऊंचे वर्ग की होते हैं जो अपनी रहन सहन में आधे यूरोपीय हैं । दोनों ने साडिया पहन रखी हैं लेकिन लडकी ने चेहरे पर पाउडर और होठों पर लिपस्टिक लगा रखी है । उसकी उंगलियां लंबी और सुडौल हैं और नाखून रंगे हुए हैं । दोनों ने बिंदिया लगा रखी हैं । दोनों ने किसी विदेशी कंपनी हीरो की घडी बनी हुई है । तभी चौकीदार भीतर आया और कहने लगा कि कमरा तैयार हैं । दोनों थी और पास वाले कमरे में चली गई । डॉक्टर बहुत फिर से अकेले रह गए । अब वो थे और उनकी मंडराने वाले ख्याल । बाहर तूफान अभी भी उसी तेजी से चल रहा था । अब तो डॉक्टर हॉल भी उन्हें लगे थे । टेबल लैंप की हल्की रोशनी कमरे के दूर को हल्का राशन किए हुए थे । कमरे में उसको काम करने वाली कोई चीज नहीं थी । कमरे में ना तो कोई रस्ता था और न ही दीवारों पर कोई चित्र जिस पर निगाह टिकाई जा सके । केवल एक डाकू की तस्वीर थी जिसके सिर के लिए बडी रकम के पुरस्कार की घोषणा की गई थी । डॉक्टर हॉल में उसी पर अपनी निगाहें जमादि और ख्यालों में हो गए । वो एक क्षेत्र अनेक चित्र बनकर नजर आने लगा । दस सौ हजार चित्र नजर आने लगे । सारी दीवारों पर उसी डाकू की तस्वीरें सिर्फ की नजर आने लगे । हजारों चित्र आपने निगाहों से डॉक्टर हॉल को घूमने लगे । सभी दीवारों से उतरकर डॉक्टर हॉल के इर्द गिर्द घर आए । भयानक चेहरों पर मुझे फरक रही थी और होटेल रहे थे । जैसे जंगली जानवर गुड जा रहे हो । डॉक्टर को लगती वातावरण् बहुत गर्म और दम घुटने वाला होता है । जैसे सारे डाकू उन पर चुके जा रहे हैं । अचानक तेज ठंडी हवा उनके जिसमें से आकर टकराई । शहरी पर पानी की बहुत सारे आ पडी । बच्चों को थे जैसे नींद से जागे हूँ । अमरीका दरवाजा जोर से बंद करते हुए चौकीदार पर उनकी निगाह पडे । पानी और हवा उसी के दरवाजा खोलने पर कमरे के भीतर आ गई थी । चौकीदार के साथ कोई नया आदमी था । हुआ आदमी करीब पच्चीस बरस का एक नवयुवक था । वह पश्चिमी वेशभूषा में था और उसके होटलों में एक बुझी हुई सिगरेट दबी हुई थी । उसके कपडों पर पानी की कुछ बूंदे भी पडी हुई थी । वो ज्यादा भेजा हुआ नहीं था । कमरे के भीतर आकर उसने अपना कीमती सेल्स हैं उतार दिया और मैं इस पर देख दिया । हिट कुर्सी पर बैठकर सिगरेट लाइटर निकालकर अपनी सिगरेट सुलगाने लगा । तभी कुर्सी एक तरफ जो की और उस पर बैठने वाला जमीन पर था उस आदमी नहीं दी बैठने के लिए वही कल से चली थी जिसपर थोडी देर पहले वो लडकी बैठकर लुढक गई थी और जिसको वहाँ से हटा देने का चौकीदार ने वादा किया था । डॉक्टर ऑर्थो उसे उसी की तरफ बढते और बैठते देखकर सावधान करने ही वाले थे कि वह जमीन पर गिर पडा । एक हल्की सी डाली देता नवयुवक एक कदम कोर्ट खडा हुआ । चुनाव मुझे अफसोस है । डॉक्टर ऑर्थो बोले मैं आपको सावधान कर नहीं डाला था की कुर्सी की एक्टिंग टूटी हुई हैं लेकिन आप उससे पहले ही गिर पडे कोई बात नहीं नवी वक्त आगे बढकर डॉक्टर से हाथ मिलाते हुए बोला काम बस चौकीदार को जरा आने दीजिए, मैं भी उसे मजा दिखाता हूँ । वाकई बहुत लापरवाह चौकीदार है । पहले ही उसे कुर्सियां से हटा देनी चाहिए थी । डॉक्टर हॉल ने कहा अभी थोडी देर पहले ये एक लडकी इस पर बैठकर गिर चुकी है । लडकी की वक्त अचानक बोल उठा इसका नाम दल सेना तो नहीं मेरा ख्याल है । यही नाम है उसका । उसके साथ एक औरत भी थी जो शायद उसकी माँ है । वह उसे इसी नाम से तो खा रही थी । हूँ वही है निसंदेह । वो लडकी थलसेना ही है और उसके साथ उसकी माँ है । वह तेज ना भरे स्वर में बोल रहा था । अभी आपने बताया दल सेना इस कुर्सी पर बैठकर मेरी तरह ही लुढक चुकी है । अजीब संयोग है । मैं अब इस कुर्सी पर फिर से बैठूंगा और एक बार फिर से गिरूंगा कितना मजेदार होगा ना कि मैं उसी पर दोबारा बैठूंगा । जिसपर प्रिय थलसेना बैठी हर उसी तरह गिरूंगा जिस तरह की वो गिर पडी थी । चौकीदार गुजरा चौकीदार को जरा भीतर आने दो मैं ये कोई से यहाँ से नहीं हटाने के लिए उसे बडी दे दे दूंगा । ये कहकर नवयुवक ने लडकी हुई कुर्सी को तीन टांगों पर खडा किया और उस पर बैठने और दल सेना की तरह गिर पडने का आनंद उठाने के लिए तैयार होने लगा डॉक्टर हालत ने नवयुवक का उत्साह देखकर कहा क्या गए वो ऐसी कुर्सी पर बैठने का शौकीन है जिसपर दल सेना मैथी हो तो कमरे में रखी दूसरी कुर्सी का प्रयोग कर सकता है । दल सेना उसको उसी पर भी बैठी थी । साथ ही गिर पडने के खतरे से भी वो बच जाएगा । डॉक्टर ने जिस दूसरी कुर्सी की तरफ इशारा किया, नवयुवक बडी तेजी से उस पर बैठ गया । माफ कीजिएगा क्या आप ये बताने का कष्ट करेंगे कि ये लडकी डाॅन वहाँ कहीं दिल सेना कौन है? बिल्कुल ऐसे ही सवाल है जैसे कोई पूछे कि नेहरू कौन है जिसे ना मुझे आपके अज्ञानता पर सचमुच आश्चर्य हो रहा है कि आप कभी अखबार नहीं देखते । मैं रोज देखता हूँ लेकिन कभी इस लडकी के नाम पर मेरी निगाह नहीं पडी । क्या आप कभी सिनेमा देखते हैं? नहीं । जबसे हिंदुस्तान आया हूँ तब से कोई सिनेमा नहीं देखा । दस साल बीत गए हैं बिल्कुल यूपी लोगों की तरह । मेरा ख्याल है कि आप यूरोपीय हैं । हालांकि आपकी चमडी अच्छी तरह बन गई है । स्थापनी थी, कहा मैं जन्म से अंग्रेज हूँ, बिल्कुल सही । अंग्रेजों को अपने आप में सेंटी रहना मशहूर हैं? हाँ और फिर अगर अंग्रेज हिंदुस्तानी फिल्म देखने ना जाए तो कोई आश्चर्य नहीं है । नाम ये आपकी जाती हैं । मैं अंग्रेजी फिल्म हिंदुस्तानी फिल्म में कोई अंतर नहीं मानता । मुझे किसी भी तरह की फिल्में दिलचस्पी नहीं है । इसलिए मैं फिल्में नहीं देखता हूँ । अब मुझे केवल बीमार और पीडित लोगों में दिलचस्पी है । मैं डॉक्टर हूं । निराश प्रदान रन पीठ में है । ऍम बहुत अच्छा ऍम हाँ शुक्रिया । डॉक्टर हार्ट मेरा नाम विनोद दहाई है । आपसे मिलकर बहुत खुशी हुई । डॉक्टर है । मैं कह रहा था कि हो सकता है आप फिल्म देखने ना आ जाती हूँ । लेकिन मुझे यकीन है कि मॅन और हॉलीवुड के दूसरे मशहूर लोगों के बारे में बहुत जरूर जानते होंगे हूँ । मैं नामों से परिचित हूँ । डॉक्टर हार्ड इसी बात मैं जोर दे रहा था । जैसा की आपने बताया की आप एक डॉक्टर है और अपने काम के अलावा आपको किसी भी चीज में दिलचस्पी नहीं है । लेकिन अब कम से कम हॉलीवुड गे होम सेदारों के नामों से तो परिचित हैं । मध्य दूसरी तरफ जिस देश में आप रह रहे हैं उस देश की सबसे प्रसिद्ध अभिनेत्री दाल सीना भारतीय चित्रपट की जगमगाती अबसर दाल सेना, देशवासियों की प्रिय अभिनेत्री, आध वित्तीय दल सेना का नाम नहीं जानते मानता हूँ गलती मेरी है । डॉक्टर फॅसने प्रत्युत्तर में कहा, लेकिन मेरी एक न एक सलाह है कि आप अपनी उत्तेजना पर थोडा काबू पाने की कोशिश कीजिए । आपकी अद्वितीय थलसेना पास के कमरे में ही हैं और साथ में उसकी माँ भी हैं । उन्हें आपकी आवाज सुनाई पड सकती है । लेकिन मेरे प्यारे डॉक्टर, दिल सेना और उसकी माँ जानती हैं कि जिस जमीन पर दल सेना चलती हैं उसके पावों की धूल भी मुझे प्यारी है । फिर भी आप की सलाह के लिए धन्यवाद । नवयुवक का स्वर मंदा हो गया और उसने धीमी आवाज में कहना शुरू किया चाहते हैं तेल सेना के पीछे मेरे लिए हालत करते हैं । इस सब की शुरुआत हुई थी जब मैंने दाल सेना की फिल्म देखी थी जिसमें उसने मरने का बहुत ही सुंदर अभिनय किया था । इस से पहले भी मैंने उसकी कई फिल्में देखी थी । लेकिन उस फिल्म ने मेरा दिल कुछ इस तरह से हुआ कि मैं सदा के लिए अपने दिल से हांथ हो गया था । लेकिन मिस्टर विनोद मेरा ख्याल है कि अपने आप के लिए अपना दिल होने का कोई खतरा मोल नहीं लिया । ऐसा हम अपने मेरा कमजोर पहलू दिया है । उसने मुझे कभी किसी तरह का बढावा नहीं दिया । मैं जानता हूँ कि मैं जलसेना जैसी लडकी के काबिल नहीं हूँ और वो भी सिर्फ एकता देखकर उसके ढेरों प्रशंसक हैं जो उसकी एक मुस्कान के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने को तैयार हैं । लेकिन उन सब से मेरी स्थिति कुछ बेहतर है । मेरे लगातार आग्रह करने पर उसने अपना एक फोटोग्राफ मुझे दे दिया है जिस पर उसके हस्ताक्षर हैं । हो सकता है अपना पेन चुराने के लिए उसने ऐसा किया हूँ । शायद नवयुवक ने स्वीकार करते हुए कहा आपको पता है पिछली बार जब मैं उससे मिला तो उस ने नाराजगी जताते हुए कहा था आपके बेहद इसरार पर अपना फोटो में आपको दे चुकी हूँ । अब आप और क्या चाहते हैं कोई अगले मान आदमी होता तो इस से बहुत कुछ सीख सकता था । डॉक्टर साहब ने जवाब दिया, एक नहीं नाम, मुझे से कोई फर्क नहीं पडा । वो मेरी पकट से जितनी ज्यादा बाहर होती जा रही है उतना ही ज्यादा मेरे दिल में उसके प्रति प्रेम बढता जा रहा है । राहत बिस्तर पर जाने से पहले मैं उसे अलविदा चुम्बन देता हूँ । मेरा मतलब है कि उसकी फोटो को सुबह उठने पर उसे गुड मॉर्निंग कहकर चलता हूँ । उस दिन के बारे में सोचता हूँ जब मेरी हो जाएगी और मैं उसे यानि साक्षात चुन सकूंगा । निराज नहीं हूँ एक न एक दिन अभी नहीं मेरा या टू ट्रेम रंग लाकर रहेगा मिस्टर विनोद कभी अपने अपने आप से यह सवाल पूछा है कि क्या वो आपके प्रेम के लायक है? लायक क्या दल सेना अब द्वितीय सेना मेरे प्रेम के लायक है जनाब अगर अपने दल सेना का अभिनय देख लिया होता ना । तो ये सवाल कभी नाका से आपने उसे उसकी निजी जिंदगी में देखा है । हालांकि इसका आकर्षण भी अलग हैं । दल सेना चाहे पर्दे पर हुई, उस से अलग उसका कोई मुकाबला नहीं । अगर मुझे हासिल ना भी हो सकी तो भी कोई गम नहीं है । दल सेना को प्यार करके खो देना बेहतर है बजाय इसके कि उसे प्यार ही ना किया जाए तो भी मैं कहना चाहूंगा । बात करते हुए डॉक्टर हॉल बोले प्यार करके पा लेने में उतना ही धोखा निराशा है जितना कि प्यार करके खो देने में । मैं आपकी इस बात का मतलब समझता हूँ । इस तरह की भावुकता अंत में आदमी में बहुत बडी तब्दीली ला सकती है । उसे आपकी तरह निर्मोही बना सकती है । जैसा की आपने अभी बताया, आप बीमार और पीडित स्त्री पुरुषों के दुखों को महसूस करते हैं और उनके लिए काम करते हैं । लेकिन जो नाम मैं आप जैसे आदमियों की बातों से दिल छोटा नहीं जानता । जहाँ सपने हैं वहाँ जाने के बाद जरूर सच्चाइयां भी हैं । लेकिन जलसेना सपना नहीं है । वो जीती जाती, सांस लेती सच्चाई है जिसे देखते हैं आंखों में सतरंगी सपने जाग उठते हैं । किसी शायर ने कहा कि है की खूबसूरती हमेशा के लिए आनंद देने वाली चीज है । वो खूबसूरत हकीकत दल सेना है । कोई सपना नहीं डॉक्टर चुकी रहें और विनोद लगातार बोलता जा रहा था । एक्रास की बात करता हूँ । विनोद ने अपनी कुर्सी नजदीक करते हुए कहा उसका फिल्मों में काम करना दरअसल मुझे भी पसंद नहीं । जलसेना जैसी खूबसूरत लडकी के लिए वहाँ फिसलकर गिरने के बहुत मौके हैं । यहाँ तो उसे संभालने के लिए उसकी माँ हमेशा साथ रहती है लेकिन ये सब सोचकर मुझे दुख होता है लेकिन मिस्टर विनोद अगर वह फिल्मों में काम ना करती होती तो आप उसके बारे में कैसे जान पाते । नहीं बात तो आपकी ठीक है लेकिन पर्दे पर जब मैं उसे दूसरों से पेश करते देखता हूँ ना तो बहुत दुखी होता हूँ । मैं जानता हूँ कि वो इस पर देखा इश्क है । अभिनेता अभिनेत्री अपने पेशे की वजह से ये सब कुछ करते हैं । इसमें किसी तरह की भावना का दखल नहीं है । लेकिन इसके बारे में आप इतना यकीन से कुछ नहीं कह सकते । पर देखा एक किस दिन सच्चे प्यार में बदल जाए । कौन कह सकता है? बहुत बार ऐसा हो चुका है । ये खयाल अक्सर मुझे बेहद परेशान करता है । हो सकता है किसी देना उसका कोई साथ ही अभिनेता उसे ले उडे । दिल से ना ऐसी कीमती होती हैं जिस पर सबकी निगाहें वो किसी अभिनेता के लायक नहीं । मिस्टर विनोद याद की जाती हैं । वह खुद एक अभिनेत्री हैं । स्वाभाविक तो यही है कि वह किसी ऐसे अभिनेता के साथ शादी कर ले जिसके साथ अक्सर अभिनय करती है जनाब आपने बिल्कुल सच कहा लेकिन यही बात है जो मुझे गहरे रम में डुबो देती हैं । जहाँ तक मेरी जानकारी है मैं कह सकता हूँ कि वह प्रेम के जाल में नहीं फंसी । उसकी माँ काफी ध्यान रखती हैं । उसकी माँ चाहती हैं कि वो इस तरह के किसी भी तेरे में ना पडे बस ढेरों रूपये कमाती रहे इसलिए वो इस बात का ध्यान रखती हैं कि उसकी बेटी विवाह करने में जल्दबाजी ना करें । अब तक वो लाखों रुपए कमा चुकी होगी लेकिन उसकी माँ है की उसे तसल्ली ही नहीं होती । वो चाहती है कि उसकी बेटी फिल्मों में काम करना छोडने से पहले लाखों रूपये और कमाले डर । सेना इस समय हिंदुस्तान की सबसे महंगी स्टार है तो उसके होने वाले पति के लिए घाटे का सौदा नहीं रहेगा । तो रोहित ने कहा मुझे नाम अगर आपका ये मतलब है कि मैं दल सेना को उसके पैसे की वजह से प्यार करता हूँ तो आप गलती पर हैं । सच्चाई को सुदूर हैं अगर उसके पास एक पैसा भी न हो तो भी मैं उसे खुशी से स्वीकार करने के लिए तैयार होंगा और अपने को दुनिया का सबसे खुशकिस्मत आदमी समझूंगा । आपकी बात पर मुझे ऐसी विश्वास हो चला है । लेकिन मिस्टर विनोद आप एक बात बताइए, यहाँ हमेशा इसी तरह उसका पीछा करते रहते हैं तो हूँ जहाँ तक हो सकता है मेरा ख्याल है कि शायद वो आपको देखना भी पसंद नहीं करती होगी । लेकिन ये ऍम मेरे सर नहीं रख सकते हो ना तो मुझे एकदम दूध करती है, न स्वीकारती हैं, अधर में लटकाए रखती है । कुछ कुछ दे रहने के साथ तो द्वितीय थलसेना भी बेरहम हो सकती है । तभी अचानक जिस कमरे में भी महिलाएं ठहरी हुई थी, उसका दरवाजा खुला और दाल सेना भीतर आई । लेकिन कमरे में नवयुवक को बैठे देखकर ठिठककर रुक गई हूँ । मैं भी वक्त पालता और उसे देशकर उसकी तरफ लपका । दाॅये तो यहाँ भी मिस्टर विनोद प्लीज अपनी जगह पर ही बैठी रही । मैं अपना ॅ लेने आई हूँ । उसने मैं इस पर रखा है, बैग उठाया और उस पर या उसके बूढे साथी पर दूसरी निगार डाले बिना वापस चले गए । देखा आपने कितनी रूखाई दिखा रही है । लडकी के चले जाने के बाद विनोद शिकायती भरे स्वर में कहने लगा उसका व्यवहार हमेशा ऐसा रुका रहता है । प्रति कभी वो नरम पडती है और मुझे बात कर लेती है । जैसे मैं आस लगाए रहता हूँ । आज इसका मूड नरम नहीं था । उसे मेरा यहाँ होना पसंद नहीं आया । नवयुवक प्रेमी की बातें सुनते हुए डॉक्टर हॉट कुछ कहना कर सके कि वह उसकी बातों पर हाॅल । ये वही कभी खत्म न होने वाला नाटक था । जैसे इस मामले में ये नवयुवक ज्यादा बदकिस्मत है । कि वह एक अभिनेत्री के ट्रेन में फंसा है । मानव इतिहास की सबसे पहले लेकर प्रेम कथा कौनसी है ये युवक वो कथा नहीं जानता हूँ । शायद किसी प्राचीन ताडपत्र पर ये कथा लिखी हुई मिल जाये । जब तक इंसान नाम आ के टीम का चिन्ह ना मिल जाएगा वो लगातार थोडे बहुत अंतर के साथ ये नाटक बार बार खेलता रहेगा । ये क्या था देहरादून रहेगा ।

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बारह मील दूर writer: जे.जे. नंदीग्राम Voiceover Artist : RJ Swati Author : J J Nandigram
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