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माॅक आलस गवाहोंं कीजिये । याद चाहे कम पडे वो हजार मल्की शंकर तुरंत मिटा वे ऐसा नर सुख पुणे पुणे पाले भावार्थ कभी कहता है कि यदि मल त्याग की शंका हो तो अविलंब मल त्याग करना चाहिए । इसमें अलग से नहीं होना चाहिए । चाहे आपको कितने ही जरूरी कार्य करने हो, माल की शंका होने पर उसका निवारण करने वाला व्यक्ति बार बार सुख प्राप्त करता अतहर निरोगी रहता है । स्पष्टिकरण माल की शंका होने पर माल का त्याग न करना भयंकर बीमारियों को आमंत्रित करता है तथा पेट में हानिकारक विषैली गैस बनती है जो बावासीर जैसे भयंकर लोगों का रूप धारण करती है । लाभ इसका हालत के माध्यम से कभी संदेश देता है कि समय पर माल त्यागकर बहुत से रोगों से बचा जा सकता है । सारा आज माल की शंका होने पर तुरंत माल क्या करना चाहिए? इसमें विलंब, आलस, वन लापरवाही बहुत सी जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकती है ।
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