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अध्याय 6 - E in Hindi

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AuthorNitin Sharma
पुलिस और राजनीति के गठजोड़ कैसे देश को प्रभावित करता है सुनिए इस किताब में writer: मोहन मौर्य Voiceover Artist : RJ Nitin Author : Mohan Mourya
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यार ये तो मैं भी नहीं बता सकता है कि वह सबूत किसके हाथ में लगे हैं और वह पुलिस वाले कौन थे । पर वैसे इस घटना से मैं इतना अंदाजा जरूर लगा सकता हूँ कि कमिश्नर के ऑफिस में भी जरूर कोई उसकी जासूसी कर रहा है । जिसकी वजह से इस बात का पता चला होगा कि कमिश्नर ने हमें फंसाने के लिए कोई जाल बिछाया है और उसी ने इस बात का इंतजाम किया होगा कि हम लोग उस नेता के आदमियों की गिरफ्त में नहीं है इसलिए तो वो लोग हमसे भी पहले वहाँ पर पहुंच गए थे । फिर बोलो कौन हैं और उन्होंने ऐसा क्यों किया इस बारे में कुछ भी कहना मोहाल वैसे भी वो लोग अगर पुलिस वाले ही है तो कमिश्नर के खिलाफ हो गए और अगर वह पुलिस वाले नहीं है तो उन्होंने इस काम को अंजाम कैसे दिया ये भी नहीं पता । अनिल ने जवाब दिया और फिर आगे निराशा भरे स्वर में बोला, पर्व जो भी हूँ हम उस नेता के खिलाफ सबूत नहीं बचा पाए ना । अब हम किसी को भी इस बात का यकीन नहीं दिला सकते कि देवराज के घर पर हुए हमले के पीछे उसका हाथ है । वैसे अगर वह चिट्टी पास में रहती तो शायद हम मीडिया के पास जाने की कोशिश तो कर नहीं सकते थे, पर अब तो वह भी नहीं कर सकते । पर पहले तो तो मैं ऐसा नहीं चाहते थे । फिर अचानक ऐसा इरादा कैसे? क्या अजगर ने पूछा पहले मुझे मालूम नहीं था कि कमिश्नर हमें इस तरह से धोखा देगा । बस अब मीडिया को ही आजमाना बाकी रह गया है । अनिल ने जवाब मतलब अगर चिट्ठी हो तो तुम सबूत मीडिया के बाद ले जाना चाहते हो इस बार जीतने का । हाँ अपनी आखिरी कोशिश करना चाहता हूँ तो फिर ये हम लोग जरूर करेंगे । पर कैसे मेरे पास चिट्ठी है क्या? पर वो चिट्टी तो वहाँ स्टेडियम के बाहर ही गिर गई थी जो उन लोगों ने उठा ली होगी । अनिल ने चौक कर पूजा मेरे पास वो नहीं पर उल्टी की हूबहू कॉपी है बहुत कॉपी पर वो तेरे पास कहाँ से आई तो सिर्फ एक ही कॉपी थी । अगर ने कहा तो वो अपना ज्यादा दिमाग मत लगा । दिमाग है तभी लगा रहा हूँ तो तुम फिर से मैं शुरू हो ना । आज इस बोलो क्या कहना चाहते हो? अनिल ने पूछा मैंने उस चिट्ठी की रंगीन फोटोकॉपी की थी जो हूबहू उस जैसी ही है । हम वो चिट्ठी मीडिया के पास ले जा सकते हैं । हालांकि उम्मीद कमी है कि कोई हमारी हेल्प करेगा पर अगर कोई चैनल उसे अपने यहाँ टेलीकास्ट कर दें तो फिर शायद सरकार जो वैद अंसारी के खिलाफ एक्शन ले सकती है, ये सही कह रहे हैं तो मैं काम करो तो अभी के अभी वह चिट्ठी किसी चैनल के पास ले जाओ । क्या डायरेक्ट थी किसी भी चैनल के पास चला जाऊं तो न्यू न्यू हाउस के लोकल ऑफिस जाओ । उस की खबरें थोडा बहुत विश्वास करने लायक होती हैं । अनिल ने कुछ सोचते हुए कहा और वहाँ पर किसी तरह से उनके किसी सीनियर रिपोर्टर के पास वो चिट्ठी पहुंचा हूँ पर ध्यान रखना उनके डायरेक्ट सामने नहीं आना । मैं नहीं चाहता किसी को हमारे बारे में थोडी सी भी खबर उनके चैनल पर रात को नौ बजे खबर धमाकेदार शो आता है जो इस समय न्यूज टीआरपी में नंबर वन पर बना हुआ है । अगर ये खबर उस समय टीवी पर प्रकाशित हो गई तो फिर जो वैद अंसारी का बचना मुश्किल होगा ये तो तुम ठीक कह रहे हैं पर मान लो उस खबर के टेलीकास्ट होने के बाद देर रात ठाकुर ने दंगे फैलाने की कोशिश की तो इस की संभावना फिलहाल कम है । वैसे ही आज दिन में कई जगह दंगा फैलाने की कोशिश तो वैसे भी हुई थी जिसकी वजह से संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लगाया हुआ है । दूसरा खबर प्रकाशित होने के बाद सरकार और प्रशासन को भी इस बात का एहसास होगा कि माहौल बिगड सकता है इसलिए वो अतिरिक्त सावधानी बरतेंगे । ये तुम ऍम ठीक है फिर मैं निकलता हूँ पहले वर्क शॉप से चिट्ठी की फोटोकॉपी निकालनी होंगी । उसके बाद न्यू मीडिया उस जाऊंगा । उम्मीद है छह बजे तक मैं अपना काम खत्म कर लूंगा । आज की सबसे बडी ब्रेकिंग न्यूज रीमा ठाकुर हत्याकांड के बारे में हमारे हाथ में एक अहम सुराग लगा है । जी हाँ ठीक ही सुना आपने हमें इस बात की जानकारी मिली है जिससे ये पता चलता है कि देवराज ठाकुर के घर पर हमला किसने किया था और उस हमले के पीछे किसका हाथ है । आज रात को नौ बजे न्यूज न्यूज पर ये धमाकेदार शो में देखना ना भूलिये जिसमें हम रीमा ठाकुर हत्याकांड का पर्दा जिसमें हम रीमा ठाकुर हत्याकांड का पर्दाफाश करने जा रहे हैं । न्यूज न्यूज चैनल पर ब्रेकिंग न्यूज फ्लाइट हो रही थी तो हमारे यार ने अपना काम कर दिया । उम्मीद से बहुत जल्दी कर दिया । अभी तो छह भी नहीं बजे बिस्तर पर लेटे लेटे टीवी देखते हुए अनिल ने कहा आखिर दोस्त किसका है? अजीत ने कहा पर अभी तक आया नहीं, वो कहाँ गया आ जाएगा या बच्चा थोडी ना है । जो हो जाएगा वैसे भी उसे आने में आधा घंटा तो लगेगा ही । न्यूज ऑफिस से यहाँ तक आने में हूँ । फिर भी क्या फिर भी अभी तो न्यू जा रही है और तुम बोल रहे हो की बहुत जल्दी काम कर दिया उसने । आप उसे आने का थोडा टाइम तो दे दो । दे दिया मेरे बाप तो वो अपनी एनर्जी अजीत के लिए बचाकर रखो । अनिल ने मुस्कुराते हुए कहा । फिर वो दोनों टीवी देखना होगा । रात के नौ बजने वाले थे । तीनों दोस्त हॉल में बैठे हुए न्यूज न्यूज पर धमाकेदार शो का इंतजार कर रहे थे । तीनों की नजरें टीवी स्क्रीन पर चिपकी हुई थी । साला ये शो कब शुरू होगा? अजीत ने बडी ही बेसब्री से का जब शो का टाइम होगा अभी नौ बजने में पांच मिनट बाकी है । अगर नहीं जवाब ठीक है तब तक मैं कुछ खा लेता हूँ । कहते हुए अजीत उठ गया और रसोई की तरफ रवाना हो गया । मुझे मालूम था भुक्कड तो यही करेगा । अभी आधे घंटे में बाबा खाना तैयार कर लेंगे । तब तक का भी सब्र नहीं साले तब तक काबिज सब नहीं है साले को पीछे से अगर ने कहा अजीत उसकी बात सुनकर जाते जाते होंगे । उसने मुडकर अजगर को उसने मुडकर अजगर को घूरकर देखा, पर फिर बिना बोले रसोई में चला गया । ये देखकर अनिल मुस्कुरा होता है । दो तीन मिनट के बाद अजीत रसोई से एक प्लेट में बिस्किट और नमकीन लेकर बाहर आ गया । आ गया बुक कर अगर नहीं अबे साले अजीत ने कहा अजीत ने कहना चाहता भी अनिल बीच में बोल अभी चुप शो चालू हो रहा हैं । उस की बात सुनते ही दोनों कि न्यूजीलैंड टीवी स्क्रीन की तरफ गए, जहाँ पर एक बडे से गोल घेरे में लिखा हुआ आ रहा था । धमाकेदार शुरू वो गोला धीरे धीरे बंद हो । अब स्क्रीन पर रैंकर स्टेज बना रहा था । तेज के बीच में आकर उसने कहना शुरू किया नमस्कार ज्यादा सक्रिय का गुड इवनिंग । मैं आपका होस्टिंग के दूबे पेश करने जा रहा हूँ । आज का धमाकेदार शो जिसका आप सभी को रोज बडी बेसब्री से इंतजार जिसका आप सभी रोज बडी बेसब्री से इंतजार करते हैं । और आज के शो का तो आप सबसे बडी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं । जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हम आप लोगों के सामने एक बहुत बडे रहस्य का पर्दाफाश करने जा रहे हैं । श्री देवराज ठाकुर इंडियन राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के घर हुए हमले जिसमें देव राज्य की धर्मपत्नी श्रीमती में ठाकुर की मौत हो गई थी । हम उस हमले के पीछे किसका हाथ है ये बताने जा रहे हैं पर अब कहते हुए इनका थोडी देर के लिए चुप हुआ । पर अब क्या ये जानने के लिए हम मिलते हैं एक छोटे से ब्रेक के बाद । पर आप क्या अजगर के मुंह से निकला साला जबरदस्ती का सस्पेंस क्रिएट करना तो इन लोगों की आदत है अब बीच में ब्रेक दे दिया है जितने का कहीं ऐसा तो नहीं ये कुछ और कहने जा रहा हूँ । साला शाम से ब्रेकिंग न्यूज चला रहा था । चैनल का जरूर जुबेद अंसारी से पैसा खाने का इरादा था । इसीलिए उसने पहले ब्रेकिंग न्यूज के नाम पर जुबेद अंसारी तक अपना संदेश पहुंचा दिया और पैसा खाकर कुछ स्टोरी सुनाएगा क्यों नहीं तो मैं क्या लगता है । अगर ने पूछा था मुझे नहीं लगता ऐसा हूँ पर साला आज की दुनिया में किसी का क्या भरोसा । लोग थोडे से पैसों के लिए अपना ईमान बेच देते हैं । इससे तो उसे करोडों का फायदा होगा । वैसे खैर देखो क्या बोलता है ये ब्रेक के बाद अनिल ने गहरी सांस लेते हुए कहा तो ब्रेक के बाद आप सभी का इस शो में फिर से स्वागत है । हाँ, तो मैं आज रीमा ठाकुर हत्याकांड के ऊपर प्रकाश डालने वाला था । हमें शाम को करीब छह बजे छुट्टी मिली थी जिसमें हत्यारे का नाम लिखा हुआ था । पर कहते हुए उसने फिर से अपनी बात अधूरी छोड दे फिर से पर उसके ऊपर की तो मैं अजीत के मुझे गाली निकलने को ठंड रात ठंड थोडी ऐसा करे गिलास ठंडा जूस पीले को भूख भी लगाई होगी । अगर निकल तेजी अजीत ने कहा तभी अनिल ने उसे इशारे से मना किया । तीनों का ध्यान फिर से टीवी स्क्रीन पर उस चिट्ठी के मिलने के दस मिनट के बाद ही हमें उसी प्रकार की सेम एक और जेटली मिली जिसमें भी यही दावा किया गया था कि रीमा ठाकुर हत्याकांड के पीछे किसका हाथ है । फिर हर दो चार मिनट में हमें इस प्रकार की चिट्ठी मिलती गए । किसी जीटी में किसी राजनेता का नाम लिखा था तो किसी की टीमें किसी खिलाडी का, किसी अभिनेता का । और तो और एक सिटी में तो अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप का नाम लिखा हुआ था । तब हमारी समझ में आया कि कोई हमारे साथ मजाक कर रहा है । ये मजाक हमसे और सिर्फ हम सही नहीं, हमारे दर्शकों से किसने और क्यों? क्या यही पता लगाने के लिए हमने सभी राजनीति, सिनेमा, खेल वर्गों के अलग अलग विशेषज्ञ बुलाए हैं? आई स्वागत करते हैं । कहते हुए उसने कुछ नाम पुकारे । ये तो अलग ही कहानी सुना । असगर ने कहा कोई कहानी नहीं, साले ने पैसे खाएँ इसलिए नाटक कर रहा है । अजीबो हो सकता है पर मेरी नजर में ऐसा नहीं है । टीवी पर ब्रेकिंग न्यूज जुबैर अंसारी ने भी देखी होगी और उसी ने फिर ये बार बार चिट्ठी भेजने वाला कार्यक्रम बचा होगा । वैसे अब तो साला सब गडबड हो गया । हर तरफ से फसे पडे अब किसी और चैनल पर भी नहीं जा सकते हैं । पुलिस से तो पहले ही हार मान चुके हैं । अब समझ नहीं आ रहा करें तो क्या करें? अनिल ने हताश सफर में कहा, कुछ ना कुछ तो हम फिर भी करेंगे । आज तो चिंता मत कर हमें से हार नहीं मान सकते हैं । हम जरूर कोई ना कोई रास्ता निकाल लेंगे तो फालतू में परेशान मत हो । हो सकता है वो चिट्ठियों लोगों के हाथ में लगी हो जिनकी वजह से हमारी जान बची है और वह खुद उस नेता के खिलाफ कोई एक्शन नहीं । अजीत ने उसे दिलासा देते हुए कहा हाँ जी सही कह रहा है की धूम बिल्कुल भी चिंता मत करूँ । हम कुछ ना कुछ जरूर करेंगे और उसका पर्दाफाश करके रहेंगे । अगर ने उसकी हम यहाँ मिल नहीं कोई जरूरत नहीं है कुछ करने की जो चाप घर में बैठे रहो । अनिल कुछ कहता उसे पहले बीच में ही रसोई से आते हुए करतारसिंह बोल बाबा ये आप क्या कह रहे हैं? नहीं हम चुपचाप घर में नहीं बैठ सकते । आखिर जिस शहर समाज के प्रति हमारा भी कुछ करता है, वैसे भी सब कुछ जानते हुए घर बैठना चाहता है और हम लोग आया नहीं है । अनिल ने कहा मैं जानता हूँ कि तुम लोग बहुत बहादुर हो पर इस शहर और समाज के लिए कुछ करने का सारा ठेका तुम लोगों ने नहीं ले रखा है । पर इस शहर और समाज के लिए कुछ करने का सारा ठेका तुम लोगों ने ही ले रखा है । क्या शहर में रहने वाले और भी लोग हैं, जो करना है वो लोग करें । हाँ बाबा मानता हूँ शहर में और भी लोग हैं पर वो लोग इस सच्चाई को तो नहीं जानते हैं । ऐसे शहर को अगर दंगों के आग में जलने से बचाना है तो ये कदम हम लोगों को ही उठाना पडेगा । पर अब इस काम में बहुत खतरा बढ गया है । बेटा, नासिरपुर, नेता और उसके गुंडे बल्कि खुद पुलिस कमिश्नर तक तुम लोगों के पीछे पड गया है । इसके अलावा भी न जाने कितने लोग अब तुम्हारे पीछे पड चुके हैं । मैं ये सब कुछ जानते हुए भी तुम लोगों को अपनी जान अब और ज्यादा खतरे में नहीं डालने दे सकता है । नहीं नहीं तुम लोग ये काम आप बिल्कुल नहीं करोगे । बाबा ये बताओ खतरा इस दुनिया में कहाँ पर नहीं? वैसे भी अगर जान नहीं जानी है तो वो तो घर बैठे इस कमरे में भी जा सकती है । जब हमने अपराध्कि इस दुनिया में कदम रखा था तो हमें ये बात अच्छी तरह से जानते थे । कि अपराध की इस दुनिया में कदम कदम पर खतरा है और उस खतरे को समय आप भी तो पहचानते थे । उसके बावजूद अपने ताबा में अपराध की दुनिया में कदम रखने दिया । तो फिर अब इस मोड पर आकर हमें खतरों से डरकर कैसे चुपचाप बैठने के लिए कह सकते हैं । मैं जानता हूँ मेरे बच्चों पर आज तक तुमने जो भी काम किए थे वो इस दुनिया से छुपकर किए थे । तो तुम्हारे कामों के बारे में तुम्हारे सेवाएं, किसी और को कानोकान भी खबर नहीं होती थी । उन कामों में न के बराबर खतरा था । पर अब तुम लोग जो करने जा रहे हो, उसमें चारों तरफ खतरों के सिवाय कुछ भी नहीं है । वो भी उस समय जब सिर्फ वो नेता ही नहीं बल्कि पुलिस भी तुम लोगों के पीछे पडी हुई है । वो लोग तुम्हारे बारे में जानने के लिए और तुम्हें खत्म करने के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे जिसमें तुम्हारी जान भी जा सकती है । बाबा बिल्कुल भी चिंता मत करो, हमें कुछ भी नहीं होगा । वैसे भी अगर जान जाने ही लिखी है, दो से भगवान भी नहीं बचा सकता । पर इस मोड पर आकर अब हम लोग पीछे नहीं हट सकते । वैसे भी जान तो मेरी उस दिन भी जा सकती थी जब हमने इस अपराध की दुनिया में पहला कदम रखा था । आपको याद है ना वो दिन कहते हुए अनिल पुरानी यादों में हो गया ।

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