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ये जो बहन अंसारी को हार्ड है, कैसे आ गया? मुझे लगता है शायद उसे गोली लगी है । पर भीड में सुनकर भगदड ना मजा । इसलिए देवराज ऐसा कह रहा है पर गोली देवराज को लगने के बजाये जुबैर अंसारी को कैसे लग गए? दूसरी बार भी कार्लोस का निशाना कैसे छूट गया? लगता है सालन नशा करने लग गया । यहाँ पर साले का दिमाग खराब हो रखा है । जिसने उसे सुपारी दी उसी को थोडा दिया या फिर लगता है साले देवराज की किस्मत ही बहुत ज्यादा तेज है । इतनी तेज जो दूसरी बार भी बच गया । पर साला मेरी किस्मत पर तो जैसे ग्रहण लग गया गया मेरा करोड रुपया पानी में पता नहीं जुबैर अस्पताल पहुंचने से पहले जिंदा बचेगा भी या नहीं? बडबडाते हुए उसने ये देखने के लिए इधर उधर नजर दौडाई कि कार्लोस में निशाना कहाँ से लगाया था । तो पाया एसीपी विपुल एक तरफ तेजी से दौड रहा है । शायद उसे शक हो गया था कि जुबैद अंसारी को हार्ट अटैक आने के बजाय गोली लगी थी । उसकी नजरें वैसे भी शुरू से विपुल के पीछे ही थी जब से उसे विपुल पर शक हुआ था । उसने उसको अपने साथ ही ड्यूटी पर लगा रखा था और हमेशा अपनी नजरों के सामने ही रखने की कोशिश की थी । ये ऐसी भी कहाँ जा रहा है सोचते हुए वह भी उधर जाने को हुआ । जिस तरफ से एनसीपी विपुल जा रहा था तभी उसे देवराज ठाकुर के चिल्लाने की आवाज आई है । कमिश्नर के बच्चे उस तरह के डर जा रहा है यहाँ पर भीड में भगदड मचने के आसार है और तुझे तफरी की सूचना है । जल्दी से स्थिति को संभाल और लोगों को शांत करने की कोशिश करते हैं । भरना मैंने अगर एक भी वोटर को जरा सा भी नुकसान पहुंचा तो तेरी वर्दी उतार दूंगा समझे अगर देवराज ठाकुर उस तरह चल पडा जिस तरफ से जुबैद अंसारी को एम्बुलेंस में डालकर हॉस्पिटल ले जाया जा रहा था । देवराज ठाकुर की बात सुनकर उसे मन ही मन गाली देते हुए एसीबी विपुल की तरफ बढता हुआ कमिश्नर मिश्रा वहीं पर रुक गया और इस और स्टेज पर लगे हुए माइक से बोलने लगा आप लोग शांति बनाए रखिए । अंसारी साहब को आॅल आया है पर यहाँ इमरजेंसी में लगे डॉक्टर ने कहा है कि उनकी जान खतरे से बाहर है । उन्हें अभी अभी हॉस्पिटल लेकर गए । आप लोग ऐसे भगदड मच मच चाहिए और अपने स्थान पर बने रही है । माइक पर अपील करने के बाद उसने अपना वायरलेस फोन बाहर निकाला और डेप्युटी कमिश्नर और पुलिस के अन्य बडे अधिकारियों को फोन मिलाकर उन्हें स्थिति को संभालने का आदेश दिया । उसके माइक से आते ही मंच संचालक करता ने मंच को संभाला और कहा देखिए नेताजी बिलकुल ठीक है । उन्हें छोटा सा हार्ट अटैक आया है और हॉस्पिटल लेकर गए । आप लोग अल्लाह से उनकी सलामती की दुआ कीजिए । अब आप राष्ट्रीय आवाम पार्टी के नेता श्री अरमान मलिक साहब को सुनी है । उधर जुबैर अंसारी के मंच से नीचे गिरते ही भीड में हलचल सी मच गई थी । उन्हें समझ नहीं आया कि आखिर जुबैर अंसारी एकदम से नीचे कैसे गिर पडे । उनके मन में अनेक शंकाओं ने जन्म ले लिया था और भगदड सी मच ने को हुई थी जब उन्होंने मंच पर लगे हुए माइक से कमिश्नर मिश्रा की बात सुनी की जुबैर अंसारी को एक छोटा सा हार्ट अटैक आया है और उन्हें हॉस्पिटल लेकर गए हैं । तब उनके पैरों की अल चल बंद हुई । भीड में लोग अपनी जगह पर वापस से बैठ गए थे पर फिर भी उनके मन आशंकित तो थे ही मंच संचालक करता की बात खत्म होने के बाद दूसरे नेता का भाषण सुनने लग गए थे । थोडी देर बाद वह तेज मई भाषण सुनने के बाद वो लोग भूल भी चुके थे कि कुछ देर पहले जुबैर अंसारी को हार्ट अटैक आया था और उन्हें हॉस्पिटल भी लेकर गए हुए थे । उधर कार्लोस गोली चलाने के बाद आपने इसलिए पर राइफल के पार्ट्स को बडे आराम से अलग अलग करने लगा जैसे उसे कहीं जाने की बिल्कुल भी जल्दी नहीं हो । फिर उन पार्ट्स को वो अपने साथ लाए हुए ब्रीफकेस में रखने लगा । वो इस समय दिशा अपार्टमेंट नामक बिल्डिंग के नौवीं मंजिल पर स्थित एक फ्लैट में मौजूद था जो एक रिटायर्ड कॉलेज प्रोफेसर रामना मूर्ति का था । हालांकि कुछ दिन पहले देवराज ठाकुर के घर पर हुए हमले की वजह से पुलिस ने रामलीला मैदान इलाके के आसपास की सभी ऊंची ऊंची इमारतों की तलाशी ली थी और अच्छी तरह से जांच पडताल की थी । पर उनकी वह जांच पडताल सिर्फ उन्हीं फ्लैट तक सीमित रही थी, महत्वपूर्ण रूप से खाली थे । आप फिर पिछले आठ दस दिन में किराए पर लिए गए थे । उन लोगों को इस बात का सपने में भी खयाल नहीं आया था । क्या प्यारा ऐसे फ्लैट में भी हो सकता है जहाँ पर ऑलरेडी कोई परिवार बरसों से रह रहा हूँ । वैसे ही राजनगर के पुलिस कमिश्नर खंड ने अपनी पुलिसफोर्स को यही हिदायत दी थी की तलाशी के दौरान आम नागरिकों को डिस्टर्ब किया जाए । पर हर खाली फ्लैट या नये नये लिए गए फ्लैट्स की अच्छी तरह से तलाशी की जाए । आखिर वो खुद भी जुबैद अंसारी के साथ देवराज ठाकुर के ऊपर किए गए हमले के षड्यंत्र में शामिल था । इसी बात का फायदा उठाया था कार्लोस नहीं । उसने पहले प्रोफेसर रामना मूर्ति की जवान बेटी को किडनैप किया था और फिर उसके बलात्कार और हत्या की धमकी देकर उसका रिश्तेदार बनकर उसके घर पर बडे आराम से कब्जा जमाया हुआ था । अब वो अपना काम खत्म करके बडे आराम से अपना सामान समेटकर वहाँ से ऐसे रवाना हो रहा था जैसे कुछ हुआ ही न हो । फ्लाइट से निकलते निकलते उसने प्रोफेसर राम णमूर्ति को जरूर आश्वस्त किया था कि जैसे ही वो अपने ठिकाने पर पहुंच जाएगा उसके एक घंटे के अंदर उसकी बेटी भी बिल्कुल सही सलामत उसके पास आ जाएगी । फिर वो लिफ्ट में सवार होकर बेसमेंट में बने हुए पार्किंग एरिया में पहुंचा जहां पर उसकी इसको र्थियों खडी हुई थी । उसने स्कॉर्पियो का पिछला गेट खोलकर आपने राइफल वाला सूटकेस वहाँ पर रखा और फिर ड्राइविंग सीट पर आ कर बैठ गया और गाडी स्टार्ट की । फिर वो अपने गंतव्य की तरफ रवाना होने लगा । जैसे ही उसकी गाडी उस बिल्डिंग से बाहर निकली दूसरी तरफ से भागता हुआ इसी भी विपुल वहाँ पर पहुंच चुका था । उसने जैसे कारणों उसको पहचान लिया था । उसने अपना रिवॉल्वर निकालकर कार्लोस की गाडी का निशाना बनाना चाहा पर तब तक उसकी गाडी इसके रिवॉल्वर की रेंज से बाहर हो चुकी थी । उसने तुरंत अपना मोबाइल निकाला और एक फोन नंबर में लाकर कुछ निर्देश देने लगा । थोडी देर बाद फिर से वो वापस मैदान में आ गया जहाँ पर पहले जैसा ही माहौल था । डेड को इस बात का बिल्कुल भी एहसास नहीं था कि एक बहुत बडी घटना हो चुकी है । सवा शुरू होने से काफी देर पहले ही अनिल अजित और अजगर रामलीला मैदान में आ गए । उनके साथ ही सिविल ड्रेस में इंस्पेक्टर धीरज भी था । अनिल, अजीत और इंस्पेक्टर धीरज मैदान के ज्यादा अंदर जाने के बजाय तीनों प्रवेश द्वारों के नजदीकी खडे थे । एक तो मैदान में कहीं और जाने पर उन्हें बैठना पडता है जिससे वो आसपास नजर नहीं रख सकते थे । दूसरा उन्हें मालूम था कि हमला मैदान से नहीं बल्कि बाहर से होने वाला था । यही वजह थी कि वो तीनों अलग अलग थे और वो लोग मैदान में प्रवेश करने के मैदान के आस पास घडी इमारतों पर नजर डाल रहे थे और उस जगह का अंदाजा लगाने की कोशिश कर रहे थे जहां से कार्लोस देवराज ठाकुर को निशाना बनाने वाला था । वहीं पर अगर सबसे पहले पहुंचा था और सभा की आगे की पंक्तियों में बैठा हुआ था । उसका काम था जो वैद अंसारी, देवराज ठाकुर कमिश्नर सिन्हा की एक्टिविटीज पर नजर रखना । साथ ही मंच के पास कोई दूसरा संदिग्ध व्यक्ति हो तो उसकी भी पहचान करनी थी । वैसे तो हजारों लाखों की भीड में से एक इंसान को पहचानना बहुत ज्यादा मुश्किल मुश्किल गया, बिल्कुल असंभव था । फिर भी वो लोग उस असंभव काम को संभव करने की कोशिश में लगे हुए थे । रवि तक उन में से कोई भी अपनी इस कोशिश में कामयाब नहीं हो पाया था । वैसे कोशिश तो वो लोग पिछले तीन दिनों से लगातार कर रहे थे पर उनकी वह कोशिश भी सफल नहीं हो पाई थी । आखिर उन्होंने भूसे के ढेर से एक छोटी सी सुई तलाश करनी थी । वो भी बिना किसी चुंबक की सहायता कर । अंत में वही हुआ जिसका डर था । कार्लोस ने आखिरकार अपना निशाना बना लिया था । ये अलग बात थी कि उसका निशाना देवराज ठाकुर के बजाय जुबैद अंसारी बन गया था । गोली लगने के बाद उन्होंने कार्लोस की स्थिति जानने के लिए इधर उधर नजरें दौडाई नहीं थी पर उन्हें वो बिल्डिंग नजर नहीं आई थी जहां से कार्ड तो उसने अपना निशाना बनाया था । उधर अजगर की नजरें शुरू से मंच पर मौजूद नेताओं और उसके आसपास घूमते हुए कमिश्नर पर ही थी । जब जुबैर अंसारी नीचे गिर पडा था तो वो समझ गया था कि कार्लोस की गोली नहीं उसे अपना निशाना बना दिया । उसकी नजरों ने कमिश्नर मिश्रा का पीछा किया तो पाया कमिश्नर मिश्रा एक तरफ देखकर जाने की कोशिश कर रहा है । उसने देखा एसीपी विपुल एक तरफ तेजी से वीआईपी गेट की तरफ बढा जा रहा है तो तुरंत समझ गया । उसने अपना मोबाइल निकाला और अपने दोस्तों और इंस्पेक्टर धीरज को इस बारे में मैसेज किया और साथ ही वह भी साउथगेट की तरफ चलते हैं जो वीआईपी गेट के सबसे नजदीक वाला आमगे था । जब तक वो गेट से बाहर निकल जब तक वो गेट से बाहर निकलता तब तक विपुल की परछाई भी गायब हो चुकी थी और उस गेट पर मौजूद इंस्पेक्टर धीरज भी वहाँ नहीं था । थोडी देर बाद उसे निराज भाव से धीरज लौटते हुए नहीं लगाया । उसके बाद उसने अनिल और अजीत को मैसेज किया और फिर वो लोग घर की तरफ रवाना हो गया । एक घंटे बाद सभा भी समाप्त हो गई । सभा समाप्त होने के लगभग आधे घंटे बाद बुलेटिन जारी हुई कि जुबैर अंसारी की गोली लगने की वजह से मृत्यु हो गई है । तब जाकर शहर के लोगों को पता चला कि जुबैर अंसारी को सभा में आज अटैक नहीं आया था बल्कि उन्हें गोली लगी थी । पूरे शहर में खबर सुनते ही जहां लोगों ने पुलिस और प्रशासन की तारीफ की उन्होंने स्थिति को बडे अच्छे तरीके से संभाला वरना लाखों लोगों की भीड में अगर इस बात का पता चलता तो भगदड मचने के पूरे चांसेज थे जिससे मैं जाने कितना जानमाल का नुकसान होता । पर इसके बावजूद ये खबर बाहर आते ही जुबैर अंसारी के समर्थक भडक उठे थे और उन्होंने शहर को जलाने की कोशिश शुरू कर दी पर पुलिस और प्रशासन को क्योंकि इसके बारे में पहले से ही अनुमान था इसलिए उन्होंने ऐसी किसी भी परिस्थिति को रोकने के लिए तगडा इंतजाम किया हुआ था जिसकी वजह से फिलहाल तो शहर जल जाने से बच गया था । शाम के लगभग सात बज रहे थे । कार्लोस अपनी माशूक शबनम के मालवीय नगर वाले अपार्टमेंट में अपना लेपटॉप खोलकर बैठा हुआ था और अपना स्विस अकाउंट चेक कर रहा था । अपने अकाउंट को देखकर उसके चेहरे पर झुंझलाहट के भाव आ रहे थे । साला अभी तक पैसा जमा नहीं हुआ लगता है उसे फोन करना ही पडेगा । कहीं उसके मन में कोई बेईमानी तो नहीं आ गयी । वो मन ही मन बडबडाते हुए बोला । उसने अपना मोबाइल फोन निकाला और एक नंबर डायल करने लगा । घंटे की आवाज जाने लगी और फिर घंटी बजकर बंद हो गए । हो सकता है वहाँ भी कहीं पर बिजी हो । थोडी देर बाद कॉल फिर करता हूँ । सोचते हुए उसने अपना मोबाइल फोन रख दिया और फिर वो रसोई में जाकर एक गिलास फ्रिज से आइस निकालकर सेंटर टेबल पर लाकर रख दिया । फिर वही टेबल के साइड में लगी हुई मेज की दराज को खोला और उसमें से विस्की की बॉटल को अपने कब्जे में क्या दो तल को खोलकर विस्की ग्लास में डालकर एक लार्ज पैक बनाया और फिर धीरे धीरे से मारता हुआ वो विस्की का अंदर नहीं नहीं लगा । अभी शराब पीते हुए उसे पांच सात मिनट ही हुए थे कि तभी उसके फ्लाइट की घंटी बज गए । साला इस वक्त कौन आ गया? बडबडाते हुए वो उठा और जाकर बडे ही लापरवाही से गेट खोल गेट खोलते ही आगंतुक पर नजर पडते ही उसके होश उड गए । आगंतुक ऐसी भी विपुल था जिसने अपना सर्विस रिवॉल्वर उसकी तरफ तानकर रखा हुआ था । कारणों से जल्दी से फ्लाइट का गेट बंद करना चाहता पर एसीपी विपुल ने तुरंत अपना एक पैर गेट के आगे लगाया और एक हादसे कार्लोस को एक जोरदार धक्का । कार्लोस सीधा अंदर फर्ज पर बचे हुए कारपेट पर जा गिरा तो लंदन आया एट को अपने पैर से धक्का मारकर भिडाकर बंद किया और कमरे में चारों तरफ अपनी नजर दौडाएं हो तो कत्ल करने के बाद पार्टी हो रही जश्न मनाया जा रहा है । टेबल पर रखी हुई खुली शराब की बोतल और गिलास में आदि भरी हुई विस्की को देखकर उसने व्यंग से कहा हम जगत किसका? कार्लोस ने उठने की कोशिश करते हुए पूछा, वहाँ मेरे भोले बलम कुछ तो ऐसे राय जैसे कुछ पता ही नहीं है । विपुल ने व्यंग से कहा, सर, मुझे वास्तव में नहीं बताया । आप किस का दिल की बात कर रहे हैं? कारणों से जवाब दिया, जब तूने कोई दिक्कत नहीं किया तो फिर बेटे मुझे देखकर दरवाजा बंद कर रहा था । साल में वह तो आपको देखकर में एकदम से डर गया था । कार्लोस ने हकलाते हुए ब्लॅक नहीं तो मैं कोई दाल, आने वाली चीज और ना ही तू कोई इतनी आसानी से डरने वाली चीज है । विपुल ने मुस्कुराते हुए कहा । उसकी बात सुनकर काॅल तुमने मुझे कैसे पहचाना और तुम यहाँ तक कैसे पहुंचे? अरे वाह! अभी तो बडे बोले, वल्गर पूछ रहे थे और अपना नाम लेते हो गए । मैंने तो मैं कैसे पहचाना? यहाँ तक? कैसे पहुंचा ये बहुत । अब ऊपर जाकर सोचना कहते हुए विपुल ने अपनी रिवाल्वर का घोडा खींचा । पर इससे पहले की वह ट्रिगर दबा पाता । तभी गेट खोलने की आवाज आई । विपुल ने पीछे मुडकर देखा तो पाया राजनगर पुलिस कमिश्नर मिश्रा सिविल ड्रेस ले अंदर प्रवेश कर रहा था । सर आप यहाँ विपुल ने कमिश्नर मिश्रा को देखते ही कहा हाँ मैं तुम यहाँ क्या कर रहे हो? कमिश्नर ने पूछा सर मैं तो यहाँ पर कार्लो उसको गिरफ्तार करने आया था । ये वही है जिसने देवराज ठाकुर की पत्नी की हत्या की थी और और आज दोपहर रामलीला मैदान में जुबैर अंसारी की गोली मारकर हत्या भी किसी ने की थी । विपुल ने जवाब दिया तो फिर से गिरफ्तार क्या कर रहे हो? इतने बडे हत्यारे को तो यही पर खत्म कर देना चाहिए । कहते हुए कमिश्नर मिश्रा ने अपना सर्विस रिवॉल्वर निकालकर कार्लोस को निशाना बनाना चाहा पर अगले ही पल चौक गया । उधर एसीबी विपुल कमिश्नर मिश्रा से बात कर रहा था । इधर अपनी तरफ से उनका ध्यान हटता हुआ पाकर कार्ड तो उसने एक तरफ छलांग लगाई और साइड टेबल में रखे हुए अपनी रिवॉल्वर को अपने कब्जे में नहीं । और इससे पहले कि कमिश्नर उसे अपनी गोली का निशाना बना पाता, कार्लोस के लिए सॉल्वर से निकली हुई गोली सीधा उसके सीने में आ कर आए । उसके हाथ से रिवॉल्वर निकल कर नीचे फर्श पर जा गिरा और अगले ही पल वह भी नीचे ढेर पडा था । मरते वक्त उसकी आंखों में कार दो उसके निशाने को लेकर राष्ट्रीय विभाग थे और अंतिम समय में उसके मन में यही खाया ला रहा था कि आखिर इसका निशाना पिछले दो बार से कैसे चूक गया । शायद उसके निशाने से भी ज्यादा उस देवराज की किस्मत थीं । कमिश्नर को अपनी गोली का निशाना बनाने के बाद कार्लो उसने एसीपी विपुल को अपने निशाना बनाना चाहते हैं और तभी फ्लाइट के मुख्य दरवाजे से फिर से कोई आहट आई । इधर कारणों उसका ध्यान एक पल के लिए विपुल से भटका । उधर विपुल ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से कार्लोस को निशाना बनाया । गोली सीधे उसके सीने में जाना चाहिए । वो नीचे फर्श पर ढेर हो गया और उसके हाथ से उसका रिवाल्वर छिटक कर दूर जा गिरा । विपुल की नजरें कार्लोस से फिर कर वापस से दरवाजे की तरफ आई । वहाँ से कोई प्रवेश कर रहा था । उसने सावधानी से अपनी रिवाल्वर पर पकट बना ली । दरवाजे से धीरज और वह तीनों दोस्त सावधानी से प्रवेश कर रहे हैं । धीरज के हाथों में उसकी सर्विस रिवाल्वर थी । विपुल धीरज को देखते ही बुरी तरह से चौकिया तो तो शायद इंस्पेक्टर भेजा, जो पीपुल ने कहा हासिल में धीरे जी हूँ । धीरज ने जवाब दिया, पर सर ये आपने क्या किया और कमिश्नर साहब को क्या हुआ? नीरज ने कमरे का न ज्यादा करते हुए आगे पहुँचा हूँ । अच्छा हुआ मर गया कमिश्नर साला कुत्ते की हालत अनिल नाॅन कमिश्नर के इलाज को देखते हुए नफरत सिखा ये कार्लोस है । विपुल ने कहा तो उसकी तरफ निशाना करते हुए कहा इस नहीं कमिश्नर साहब की हत्या की है और दिन में जुबैर अंसारी की गोली मारकर हत्या करने वाला भी यही है । इतना ही नहीं कुछ दिनों पहले देवराज ठाकुर के घर पर हमला करके उनकी धर्म पत्नी की हत्या करने वाला भी यही है । वो सब हम जानते हैं । घर पर आपको इसे जिंदा गिरफ्तार करना चाहिए था । हमने इसे जिंदा ही गिरफ्तार करने की कोशिश की थी । अर्जुन देखी रहे, इसमें कमिश्नर साहब गोली मार दी और अगर मैं ऐसे नहीं मारता तो इसकी जगह कमिश्नर साहब के बगल में मैं भी यहीं पर मारा हुआ है । परिवार तुम कैसे जानते हैं? ये कार दोस्त है और यही मुँह ठाकुर ॅ सर, हम ये इसलिए जानते हैं क्योंकि ये चक्रव्यू जिसने रचा है हम उसे अच्छी तरह से जानते हैं । आप भी उसके चक्रव्यू का एक हिस्सा है और होने वाला शिकार हो । उसके खिलाफ पुख्ता सबूत के लिए ही हमें इसे जिंदा गिरफ्तार करना था । पर आपने इसे मारकर सब खत्म कर दिया । कैसा चक्कर भी हो तुम केस चकरियों की बात कर रहे हैं और ये बताओ तुम्हारे साथ ही लोगों ने । एसीपी विपुल ने उसके साथ उन तीनों दोस्तों को देखकर पूछा, सारी इसका नाम अनिल है । ये अजीत और ये अगर है और इन तीनों की वजह से ही मैं स्टाॅल का पता लगा पाया हूँ और कार्लोस के मरने से सब गडबड हो । धीरज ने जवाब दिया, पर आखिर तुम किस चकरियों की बात कर रहा हूँ । मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा है । विपुल ने फिर से पूछे सुनी ऐसा कहते हुए धीरज ने उसे सारी की सारी बात बतानी शुरू की । जैसे जैसे धीरज बोलता गया, वैसे वैसे एनसीपी विपुल के चेहरे का रंग उडता गया । उसको ऐसा लग रहा था जैसे उसकी पोल खुल रही हूँ । धीरज की बात खत्म होने के कुछ पलों तक उसके मुंह से एक शब्द भी नहीं निकला । आखिरकार किसी तरह उसने पूछा तो तुम सही कह रहे हो । ऐसा सारा घटनाक्रम जोड कर तो अब तक आपको भी विश्वास हो जाना चाहिए था । फॅस हम कुछ भी नहीं कर सकते, कर लो । उसके इलाज पर नजर डालते हुए धीरज ने अफसोस भरे स्वर में कहा नहीं सर, हम अभी भी ये काम कर सकते हैं । इतनी देर से शांत खडे हैं मिलने का क्या? धीरज ने पूछा सर कहते हुए ऍन बताया तो तुम्हारा काफी अच्छा । धीरज ने कहा नहीं ये बिल्कुल नहीं चलेगा । विपुल ने कहा सर मैं जानता हूँ । ऍम अल करते हैं तो आपकी नौकरी पर भी आ जा सकते हैं । पर सर यकीन मानी फिर आप अभी भी हम पर विश्वास नहीं कर रहे हैं और ऐसा नहीं करेंगे तो आपकी जान जानी जानी है क्योंकि अब एक आप ही हो जो उसके राजदार हो धीरज ने का । पर रिपुल ने कहना चाहा पर उससे पहले ही धीरज बोल रहा हूँ तो सर इसके अलावा आपके पास और कोई रास्ता नहीं है । हाँ, अगर आपको जान देने का शौक है तो कोई बात नहीं । हम लोग तो कोई दूसरा रास्ता निकाल लेंगे उससे निपटने के लिए । अगर आप हमारा साथ देते हैं तो आपके आज तक के सब गुना माफ हो जाएंगे । हम से कम । हाँ बगल इस तरह से आप मरते भी हो, दिल में एक स्कूल तो रहेगा । आपके ठीक है जैसे तुम का हो । मेरे लिए तो एक तरफ हुआ और मेरे लिए तो एक तरफ हुआ और दूसरी तरफ खाई है । रिपुल ने गहरी सांस लेकर कहा सर मुझे बीच में बोलना तो नहीं चाहिए पर फिर भी बोलने की हिम्मत कर रहा हूँ । ऐसे छोटा मोहर बडी बात समझ करी माफ कर दी जाएगी । गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि तू जैसा कर्म करेगा वैसा फल मिलेगा । फिर आप इतना डर किस बात से रहे हैं । वैसे भी ये बात तो आपको समय सोचनी चाहिए थी जब आपने स् वर्दी से गद्दारी करने की सोची थी और एक कदम उठाया था । अब आप चाहे महीने या ना माने आपके पास इसके अलावा और कोई दूसरा रास्ता नहीं है और अगर आप इस प्लैन पर चलते हो हो सकता है इस से शायद भगवान के साथ साथ आपको कानून भी माफ कर दे और दूसरे रास्ते पर चलने से तो आपको भगवान भी नहीं बचा पाएगा । अनिल ने बीच में बोलते हुए कहा तुम शायद सही कह रहे हैं । बेशुमार दौलत कमाने की चाहत और उच्च पद पाने की लालसा ने हमें गलत रास्ते पर चलने के लिए मजबूर कर दिया । अब और नहीं हम तुम्हारे बताए ऑनलाइन के अनुसार ही काम करेंगे । भले ही कानून हमें माफ करें या नहीं करें । हो सकता है इस तरह से हमारे पास कुछ काम हो जाए और वहाँ ऊपर जाकर ईश्वर का सामना कर सकें । एसीपी विपुल ने गहरी सांस लेते हुए कहा, ये बात तुम लोगों पर भी लागू होती है । धीरज ने मुस्कुराते हुए उन तीनों से कहा, क्या मतलब तुलने चौंकते हुए गा, कुछ नहीं आॅल्टर को फोन करके यहाँ के बारे में बताता हूँ और तुम तीनों अब यहाँ से निकलो । अब तुम्हारा यहाँ कोई काम नहीं है । धीरज ने उन तीनों से कहा, सही ॅ, सारी मेहनत हम लोगों ने की । ॅ आप लोग लेकर जाऊंगा । अजीत ने कहा और नहीं तो क्या ही? हम लोगों ने बताई और आप लोग गए । अगर ने भी अजीत के सुर में सुर मिलाया थी गया तो ऐसा करो । ये खीर तुमलोग खा लो । मैं पुलिस हेड क्वार्टर के साथ साथ मीडिया को भी फोन करके ही बुला लेता हूँ और उनसे कह दूँ, कीश्री देवराज ठाकुर के घर पर हमला करके उनकी पत्नी की हत्या करने वाला और राष्ट्रीय आवाम पार्टी के अध्यक्ष श्री जुबैर अंसारी की हत्या करने वाला शख्स कार्लोस है, जिसे तुम लोगों की वजह से पुलिस ने मार गिराया । धीरज ने मुस्कुराते था कर रहे थे और आॅफ हो गए । अजीत बौखलाकर और नहीं तो क्या? एक ही रात कोई दोबारा को बंदे तो चले अपने रास्ते । अजगर ने भी कहा उनकी इन हरकत पर धीरज ठहाका मारकर फस पडा है । एक मिनट तबियत मिलने का क्या हुआ? सब ने अनिल से पूछा पर उसने कोई जवाब नहीं दिया तो सीधा उस तरफ गया जिस तरफ कार्लोस की लाश पडी हुई थी । उसने लाश के पास गिरे हुए कार्लोस की रिवॉल्वर को एक रुमाल की सहायता से इस तरह से बडी ही सावधानी से उठाया जाए । उसके निशान नाम इंटरने पा रहें और फिर कमिश्नर मिश्रा की लाश के सीने पर दो गोलियां और धागे । उसके बाद उस रिवाल्वर को उसने जहाँ से उठाया था वहीं पर वापस रखते हैं । ये क्या क्या तुमने ऍम अनिल ने जवाब देने की कोई कोशिश नहीं सर जाने दीजिए, आपको सब बताता हूँ । धीरज ने कहा और उन तीनों को वहाँ से जाने का इशारा किया । तीनों दोस्त वहां से रवाना हो गए । उनके जाने के बाद धीरज ने पुलिस हैड क्वाटर्स फोन करके पुलिस टीम को बुला लिया । थोडी देर बाद ही मीडिया के द्वारा पूरे शहर और देश में ये बात फैल गई कि देवराज ठाकुर की पत्नी और जुबैर अंसारी के हत्यारे को पुलिस में मार गिराया है । अगले दिन देवराज ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और अपना बयान दिया । देश पर राज करने वाले कुछ पार्टियां नहीं चाहती । इस प्रदेश के हिंदू और मुस्लिम मिल कर रहे हैं । साथ में मिलकर विकाश करें इसलिए उन्होंने साजिश रचकर हम लोगों पर मंच पर हमला करवाया । जिससे मैं तो किसी तरह बच गया । पर दुर्भाग्य से राष्ट्रीय आवाम पार्टी के महान नेता छिडी जुबैद अंसारी की हत्या हो गए । लोगों ने इसका भी इंतजाम किया था । हमारी हत्या होते ही मैदान में दंगा भडक उठे । पुलिस और प्रशासन की सजगता से ये हादसा होने से बच गए । आज मैं उन विघटनकारी ताकतों को बता देना चाहता हूँ की उनके इस प्रकार से विनाश कार्य कृत्य से मैं डर कर चुप नहीं बैठने वाला । ऍन सारी जन्नत सुधर गए तो क्या हुआ उन का मेरे साथ देखा हुआ सपना जरूर पूरा होगा । मेरी पार्टी और आवाम पार्टी का गठबंधन इसी प्रकार से जारी रहेगा । आने वाले चुनावों में हम दोनों पार्टियां बराबर बराबर सीट पर चुनाव लडेंगे । मुझे पूरी पूरी उम्मीद है इस प्रदेश की जनता हिंदी एक जानकारी तत्वों से लडने में हमारा साथ जरूर देगी और हमारी पार्टियों को भारी बहुमत से विजयी बनाएगी और हम मिलकर सरकार बनाएंगे । इस तरह से हम श्री जुबैर अंसारी के उन सपनों को पूरा कर पाएंगे जो हम लोगों ने मिलकर देखे थे । यही हमारी श्री जुबैर अंसारी जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी । जय हिंद कहकर उसने प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म
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