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Audio Book | hindi | Biography
1 minsमातृभूमि के लिए सर्वस्व समर्पण सुभाष जिस समय मुक्त किए गए संपूर्ण भारत में हर्ष की लहर दौड गई । अपार जनसमूह ने लोकनायक सुभाष चंद्र बोस का भव्य स्वागत किया । उस समय सुभाष अत्यधिक जीर्णशीर्ण हो गए थे । फिर भी बंगाल की ओर से श्रद्धानंद पार्क में आयोजित सभा में उन्होंने अपने सार्वजनिक अभिनंदन के अवसर पर बोलते हुए कहा, आप लोगों ने मेरे प्रति अपने हार्दिक स्नेहा का परिचय दिया है । उसके प्रतिदान में आपको देने के लिए मेरे पास कुछ नहीं । इस घटना की स्मृति सदैव मेरे मानस पटल पर अंकित रहेगी और भावी संगठनों और कठिनाइयों के समक्ष ईश्वरीय प्रेरणा का काम करेगी । मैं पुनः अपने अटल संकल्प को दोहराता हूं कि मातृभूमि की सेवा में और उसकी राजनीति के वहाँ आर्थिक उन्नति के लिए मेरे पास जो कुछ है, सब समर्पित है । सुभाष के इस वक्तव्य पर लगातार करते बनी होती रही । उन्होंने अपना वक्तव्य जारी रखते हुए कहा, मैं थोडी शब्दों में एक बार पुनः हम लोगों के समक्ष प्रधान देश को दोहराना चाहता हूँ । हमें संसार की गतिविधियों के साथ अपने देश की गतिविधियों का तुलनात्मक अध्ययन करते हुए अपने देश में आंदोलन का संचालन करना चाहिए । साम्राज्यवाद हर स्थिति में स्वतंत्रता और शांति के लिए घातक है । अच्छा दृढनिश्चय के साथ हमें उसका विरोध करना चाहिए । संपूर्ण भारत वर्ष को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने के लिए हमें सामूहिक रूप से राष्ट्रीय झंडे के नीचे खडा होना होगा । हमें अपने आंदोलनों में मजदूर, किसानों और मध्यम श्रेणी के साम्राज्य विरोधी मोर्चों को प्रमुखता देनी होंगी । सबसे बडी आवश्यकता तो इस बात की है कि आपने भूखे और गुलाम देशवासियों की आर्थिक एवं राजनीतिक मुक्ति के लिए साम्राज्य विरोधी शक्तियों का सम्मिलित मोर्चा बनाया जाए, परंतु हमारे संघर्ष का तरीका अहिंसात्मक हो । सुभाष के इस तरफ रोजगार के पश्चात अभिनंदन सभा विसर्जित हुई और वे सीधे अपने एल्गिन रोड वाले मकान की ओर चले गए ।
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Voice Artist