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28. Phir Europe Mein in Hindi

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AuthorNitin
क्रन्तिकारी सुभाष Author:- शंकर सुल्तानपुरी Author : शंकर सुल्तानपुरी Voiceover Artist : Raj Shrivastava Producer : KUKU FM
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फिर यूरोप में पिता के श्राद्ध तक सुभाष स्वदेश में हैं । उनका स्वास्थ्य अभी संतोषजनक नहीं था । प्रबल जीवन शक्ति कारण भले ही वे स्वस्थ देखते थे, परंतु आंतरिक रूप से अब भी अस्वस्थ थे । रात के अवसर पर अनेक सगे संबंधी घर पर आए सुभाष इतने दुर्बल और अशक्त हो गए थे कि उन्हें बोलने तक मैं कष्ट हो रहा था । सगे संबंधियों ने उनसे अनेक राजनीतिक विषयों पर वार्तालाप करना चाहा, किंतु केवल नमस्कार कहकर उन्होंने अपनी असमर्थता प्रकट की । उनकी ये गंभीर रूप बढता सुब चिंतकों की चिंता का विषय बन गई और स्वास्थ्य लाभ के लिए उन का पन्ना यूरोप जाना नितांत आवश्यक हो गया । अभी स्वदेश के वातावरण में सुभाष एक महीने भी सांस ना ले पाए थे कि विक्टोरिया नामक जहाज द्वारा वे पूरा विदेश के लिए रवाना हो गए । अपनी यूरोप यात्रा के इस दूसरे दौर में सुभाष ने देश की स्वतंत्रता के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असाधारण कार्य के बर्लिन पहुंचने ही वहाँ के मेयर ने उनका भव्य स्वागत किया । अपने स्वागत भाषण में बर्लिन के मेयर ने कहा, कलकत्ता की भूतपूर्व मैं श्री सुभाष चंद्र बोस का स्वागत करते हुए हम आपार हर्ष का अनुभव करते हैं । सुभाष की इस बार की यूरोप यात्रा में स्वास्थ्य लाभ के अतिरिक्त एक अन्य महानिदेश नहीं था । वो यहाँ की स्थितियों, परिस्थितियों का अध्ययन कर उनकी भविष्य की योजनाओं की जानकारी प्राप्त करना चाहते थे । बर्लिन में उन्होंने हर हिटलर तथा अन्य उच्चधिकारियों से भेंट की और अपना मंतव्य प्रकट ना करते हुए पूछा, आप लोग ब्रिटेन के विरुद्ध हथियार उठाने के संबंध में क्या सोच रहे हैं? नहीं, हम ब्रिटेन के विरुद्ध हथियार उठाने का इरादा नहीं रखते क्योंकि हमें आशा है कि शीघ्र ही ब्रिटेन हमारी मांगों को पूरी करेगा । इस तरह से सुभाष को ये आभास हुआ कि ये लोग ब्रिटेन से शांति समझौता करने के पक्ष नाम है । परंतु भारतीय स्वतंत्रता के पक्ष में सुभाष कौन से पर्याप्त सहानुभूति और सहयोग का आश्वासन मिला? पेरिस होते हुए सुभाष डबलिन पहुंचे । आयरलैंड में उनका हार्दिक स्वागत हुआ । आयरिश प्रजातंत्र के प्रधान श्री डी वैगराह तथा आयुष भारत स्वाधीनता संघ की प्रधान मैडम मैकब्राइड द्वारा उनका भव्य स्वागत हुआ । आयरलैंड के प्रमुख पत्र में सुभाष के संबंध में अनेक प्रशंसात्मक वक्तव्य प्रकाशित हुए । आयरिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ने उन्हें भारत के संबंध में भाषण देने के लिए आमंत्रित किया । सुभाष ने आयरलैंड कि व्यापारियों कि अनेक सार्वजनिक सभाओं में महत्वपूर्ण भाषण भी डी वेल रात सुभाष से अत्यधिक प्रभावित हुए । उन्होंने सुभाष के साथ गवर्मेंट हाउस में प्राइवेट मीटिंग की । डी वेला ने भारत के आंदोलन के प्रति सहानुभूति प्रकट की और सुभाष ने स्वीकार किया कि भारतीयों को आदेश आंदोलन से बडी प्रेरणा मिली है । उसी दौर में सुभाष ने मुसोलनी से भेंट की और फ्रांस तथा लंदन भी रहे । यूरोप के इस तूफानी दौरे के बाद सुभाष ने स्वदेश लौटने का निश्चय किया । इंडो ब्रिटिश सरकार की कुट्टीन तापूर्ण घोषणा नहीं उन्हें कुछ समय के लिए असमंजस में डाल दिया और शर्त के अनुसार यादव सुभाष विदेश में रहे या स्वदेश आने पर बंदी जीवन व्यतीत करें । इन दोनों में से सुभाष को एक निर्णय लेना था । उन्होंने अपने मन में सोचा विदेश में रहने की अल्पकालिक स्वतंत्रता की अपेक्षा स्वदेश में बंदी जीवन व्यतीत करना कहीं अच्छा होगा । इस निष्कर्ष पर पहुंचते ही उन्होंने भारत के लिए प्रस्थान कर दिया । जो भी उनका जहाज बम्बई एयरपोर्ट पहुंचा, दर्शनार्थियों की अपार भीड ने जयघोष के साथ उनका स्वागत किया । लेकिन जहाज से नीचे पैर रखते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने गिरफ्तारी का वारंट दिखाकर उन्हें हिरासत में ले लिया और सुभाष अपने सहयोगियों तथा जनसमूह के मध्य को छह बिना रह सकते हैं । जाते जाते केवल उनका एक संदेश स्वर्ग हो जाते हैं । स्वतंत्रता की पताका ऊंची रखो । स्वतंत्रता की लडाई में अंततोगत्वा हमारी विजय निश्चित है । पुलिस बयान ऑर्थर रोड जेल की ओर भागती रही और क्रांतिवीर सुभाष का ओजस्वी संदेश मायु मंडल में दूर दूर तक गुंजरित होता रहा । वास्तव में सुभाष बाबू की छाल लखनऊ कांग्रेस में जाने की थी किंतु बंदी बनाए जाने के कारण उनकी इच्छा अधूरी रह गयी । कांग्रेस कार्यसमिति ने उनकी गिरफ्तारी का विरोध करते हुए अपने प्रस्ताव में कहा, ये घटना इस बात का प्रबल प्रमाण है कि ब्रिटिश साम्राज्यवाद में शांतिपूर्ण, राजनैतिक तथा व्यक्ति के जीवन को नष्ट करने के लिए दमन के हथियारों का प्रयोग बंद नहीं किया । सुभाष की इस अनैतिक गिरफ्तारी पर देशभर में छोड और हलचल हो गई और प्रमुख शहरों में हडताल की गई ।

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क्रन्तिकारी सुभाष Author:- शंकर सुल्तानपुरी Author : शंकर सुल्तानपुरी Voiceover Artist : Raj Shrivastava Producer : KUKU FM
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